Xxx बस पोर्न कहानी में मैं अपने शौहर के साथ रात को बस में थी. मैं पिछली सीट पर लेट कर सोने लगी. कुछ देर बाद मेरी चूची पर एक हाथ आया. उसके बाद मैंने क्या किया?
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मैं रहीना खातून हूँ और मैं एक बहुत ही शरीफ व नाजुक सी औरत हूँ.
मेरा निकाह रियाज़ खान के साथ हुआ है.
मैं उनके साथ मुंबई में रहती हूँ.
मेरे अभी तक चार बच्चे ही हुए हैं.
मैं अपने शौहर से कभी भी खुश नहीं रहती थी क्योंकि मेरे शौहर मुझ पर ज्यादा ध्यान ही नहीं देते थे.
Xxx बस पोर्न कहानी में मैं बस के सफर में एक अनजान लड़के से चुद गयी थी.
हुआ यों कि एक बार हम सब मुंबई से उत्तर प्रदेश में अपने शहर वापस आ रहे थे.
हम लोग मुंबई से प्रयागराज तक ट्रेन से आए थे और उसके बाद हमने बस का सफर किया था.
हमको चुनार जाना था, वहां तक ट्रेन जाती तो थी, पर सीट ही नहीं मिली.
इसी वजह से हम लोग देर शाम को लगभग नौ बजे बस में बैठ गए.
ट्रेन के सफर से थके होने के कारण मुझको नींद आ रही थी, तो मैं अपने शौहर से बोली.
वे बोले- पीछे की सीट पर जाकर सो जाओ.
अगर आप लोग बस में सफऱ करते हैं, तो आपको पता होगा कि बस में पीछे वाली सीट पूरी लम्बी सीट रहती है, जिस पर लोग सो भी सकते हैं.
बस में ज्यादा लोग नहीं थे तो शौहर ने कहा- चली जाओ.
मैं बोली- मुझे अकेले जाना अच्छा नहीं लग रहा.
फिर शौहर मेरे साथ में आए और मुझे वहां बिठा दिया.
उस सीट पर खिड़की के किनारे बैठ कर एक हट्टा-कट्टा लड़का अपने पैर पसार कर सो रहा था.
शौहर ने उससे कहा कि आप अपने पैर एक तरफ को कर लीजिए.
उसने मुझे देखा तो तुरंत अपने पैर नीचे लटका कर बैठ गया.
अब वह एक साइड हो गया था तो शौहर पीछे से पहले एक सीट पर और मैं पीछे वाली सीट पर जगह बना कर सोने लगे.
मैं जिधर सोई थी, उधर मेरे बगल में वह लड़का बैठा था.
अब हम लोग सोने लगे.
तभी बस की लाइट ऑफ हो गयी.
कुछ देर बाद मुझे ऐसा लगा कि जैसे किसी ने मेरी चूची पर हाथ लगाया हो.
मैंने अपना फोन का टच छुआ और देखा, तो वह लड़का अपना हाथ मेरे दूध पर रखे हुए था.
मैंने उसको टहोका और कहा- देखो आपका हाथ कहां है!
लड़का- माफ़ करना भाभी जी गलती से लग गया.
मैं बोली- कोई बात नहीं.
लड़का- वैसे भाभी जी, आप शादीशुदा हैं?
उसने मुझे भाभी भी कहा था और मेरे शादीशुदा होने का सवाल भी किया था.
उसकी इसी बात पर ना चाहते हुए भी मैं अपनी हंसी दबाती हुई बोली- हां … ये मेरे शौहर हैं.
लड़का- वाह भाभी जी, आप तो खुद तो बहुत मेंटेन किए हो!
यह बात सुनकर मैं पता नहीं क्यों उस पर पिघल गयी और उसके साथ सहज हो गई.
उस लड़के ने कुछ देर बाद अपना हाथ मेरे हाथ पर रख दिया और वैसे ही बैठा रहा.
पता नहीं क्यों, मैं कुछ भी नहीं बोली.
फिर उसने अपना वही हाथ उठा कर मेरे बूब्स पर रख दिया और दबाने लगा.
मुझको भी मजा आ रहा था तो मैं कुछ नहीं बोली, बस उससे अपने दूध दबवाती रही.
कुछ देर वैसे ही दबाने के बाद वह समझ गया कि मुझे मजा आ रहा है.
तो उसकी हिम्मत बढ़ गई और उसने अपना हाथ मेरी कमीज के अन्दर डाल दिया और मेरी चूचियों को दम से मसलने लगा.
मैं धीरे धीरे आह आह कर रही थी.
कुछ टाइम बाद उस लड़के ने अपने हाथ से मेरा हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रख दिया.
पहले तो मैंने हाथ हटाना चाहा, पर वह अपने हाथ से मेरे हाथ को दबाए रहा और धीरे से बोला- सहलाओ न!
मैंने कुछ नहीं कहा और उसके लौड़े को सहलाने लगी.
अब उसने अपनी जींस का बटन खोला और उसे थोड़ा नीचे किसका दिया और बैठे बैठे ही अपना अंडरवियर भी नीचे को कर दिया.
मैं उसका लंड देखकर मन में सोचने लगी कि इसका तो मेरे शौहर से बहुत बड़ा था.
शायद उसका लंड 8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा था.
फिर मैं उसके लंड अपने हाथ से मसलने लगी और सहलाने लगी.
मेरे हाथों के स्पर्श से उसके लंड में तनाव आने लगा.
कुछ टाइम बाद मैंने भी अपनी सलवार को नीचे कर दिया और उसकी तरफ गांड करके उसका लंड अपनी चूत पर सैट करने लगी.
फिर मैं उसके पैरों के ऊपर आकर उसके लंड पर बैठ गयी.
मेरे बैठते ही उसके लंड का टोपा मेरी चूत की फांकों में घुस गया.
उसका सुपारा ही इतना मोटा था कि मेरे मुँह से ‘आई अम्मी मर गई’ की तेज आवाज निकल गयी.
पर ऊपर वाले की दया थी कि मेरी ऐन आवाज के वक्त बगल से कोई बस तेज गति से निकली और उसके शोर में मेरी आवाज दब कर रह गई.
किसी ने मेरी चीख को नहीं सुनी होगी.
वह लड़का मेरे चूतड़ों को मसलता हुआ बोला- लगता है भाभी जी, आपकी चूत बहुत टाइट है, आप एक काम करो कि ऐसे ही मेरी तरफ मुँह करके मेरे लंड पर बैठ जाओ.
उसके ऐसा कहने पर मैंने तुरंत अपना मुँह उसकी तरफ कर दिया और उसके लंड को अपनी चूत में सैट करके लौड़े पर बैठ गयी.
उसका लंड मेरी चूत में सरकने लगा.
जरा सा ही लंड अन्दर गया कि मेरी जान निकलने लगी थी.
मैंने उसके बदन को पकड़ कर खुद को लंड पर बैठने से रोका.
मगर तभी उसने हरकत की और खुद की गांड को नीचे उठा कर उस लड़के ने अपने लंड को तेज धक्का मारते हुए ऊपर को उठा दिया.
उसका पूरा लंड मेरी चूत में घुसता चला गया और मैं दर्द के कारण तेज स्वर में चीखना चाह रही थी.
पर चीख नहीं पा रही थी.
वह लड़का मेरे होंठों पर अपने होंठ रखे हुए था.
उसके मोटे लवड़े ने मेरी चूत को चीर दिया था और दर्द के कारण मेरी आंखों में आंसू आ गए थे.
अब वह रुक गया था और मुझे लगातार चूम रहा था, मेरे दूध सहला रहा था.
वैसे ही कुछ टाइम रुकने के बाद मैंने दर्द को कुछ कम होता महसूस किया और मैं उसके लंड पर उछल उछल कर चुदवाने लगी.
अब वह भी अपनी गांड को नीचे से उठा उठा कर मेरी चूत में धक्का मार रहा था.
हम दोनों बस की पीछे वाले सीट पर बैठ कर चोदा चोदी का खेल खेल रहे थे.
उस लड़के ने वैसे ही मुझको कम से कम चालीस मिनट तक चोदा और आखिर में उसके लंड का पानी मेरी चूत में निकल गया.
उसकी गर्म धार से मेरा तीसरी बार पानी निकल गया और हम दोनों निढाल हो गए.
कुछ देर के बाद वह मुझको फिर से चोदने लगा.
इस बार वह मेरी टांगें फैला कर मुझे चोद रहा था.
मेरी चूत में अपना लंड पेलते वक्त वह मेरे शौहर को, जो मेरे बगल में सोये हुए थे, उनको देख देख कर चोद रहा था.
बाद में उसने मुझको वहीं पर कुतिया बनाकर भी चोदा.
वह लड़का मुझको चोदता ही रहा.
उसमें गजब की ताकत थी.
वह एक बार झड़ने के पांच सात मिनट बाद ही वापस कड़क हो जाता और मेरी चूत का भोसड़ा बनाने में लग जाता.
मैं उसके साथ चुदाई का खेल खेलती हुई काफी थक गयी थी.
तो मैं लस्त पड़ी थी कि वह मेरे कान में बोला- एक बार और हो जाए भाभीजान?
मैं अन्दर से अभी भी उत्तेजित थी, तो उसे मना कर ही न सकी; मैं फिर से चुदने को मान गयी.
इस बार वह मुझको मेरे शौहर के सामने कुतिया बनाकर चोद रहा था और मेरे शौहर मस्ती में सो रहे थे.
मैं अपनी आवाज को दबाए हुई थी और कुतिया बनी चुद रही थी.
उस नौजवान ने मुझे फिर से वैसे ही कुतिया बनाए हुए देर तक चोदा और मेरी चूत में ही झड़ गया.
अब उसने अपनी जींस पहनी और मैंने भी अपने कपड़े ठीक कर लिए.
मैं उस लड़के से तीन घंटे से ज्यादा देर तक चुदी थी.
आज पहली बार मुझको लग रहा था कि मैं सही तरीके से चुदी हूँ.
एक मेरे शौहर रियाज़ थे, जो आठ दस मिनट से ऊपर नहीं चलते थे.
वे भी सिर्फ एक बार की चुदाई में ही फुस्स पटाखा साबित होते थे.
अब हम दोनों सो गए.
सुबह जब मैं उठी, तो बस एक होटल पर रूकी हुई थी.
मैं बस से उतर कर फ्रेश हुयी और वापस आकर बस में बैठ गई.
तभी वह लड़का आया और मेरे पीछे बैठ गया.
मैं अपना सर झुकाए बैठी थी.
वह मुझसे बोला- भाभी, आप परदे वाली हो क्या?
मैं- हां मैं एक पर्दानशीं लड़की हूँ … पर क्यों पूछ रहे हो?
लड़का- पता नहीं क्यों हर परदे वाली भाभी लोग प्यासी क्यों रहती है!
मैं अपने मन में ही सोचने लगी कि साला बात तो सही कर रहा है. मेरी जितनी भी सहेलियां हैं, सब की सब अपने शौहर से खुश नहीं हैं.
सामने से मैंने कहा- अच्छा जी!
लड़का- अगला स्टॉप मेरा है!
मैंने कहा- हम्म … तो फिर?
वह अपना मोबाइल मेरी तरफ बढ़ाते हुए बोला- यह मेरा फोन है, आप अपना नंबर इसमें डायल कर दीजिए.
मैंने उसके फोन पर नंबर डायल कर दिया और मिस कॉल देकर अपना नंबर भी उसे दिया.
फिर बस चल दी और अगले स्टॉप पर रुकी तो वह उतर कर चला गया.
उसके बाद मैं अपने शौहर के साथ घर आ गयी.
उसका नाम अभिषेक श्रीवास्तव था.
मैं 4 महीने तक अपने शहर में रही और इन चार महीने में मैं उस लड़के से कम से कम सौ बार चुदवा चुकी हूँ.
वह मुझको चोद चोद कर पूरी तरह से अपनी रंडी बना चुका है, गजब चोदता है.
मैं उसके दोस्त के कमरे में जाकर चुदी हूँ, होटल में चुदी हूँ, अपनी सहली रिदा के घर में भी चुदी हूँ, उस लड़के के कमरे पर भी चुदी हूँ … और तो और एक बार वह मुझको रात को एक हाइवे वाले रास्ते ले जाकर सड़क के किनारे खड़ी करके भी चोद चुका है. वह चुदाई तो मैं जीवन में कभी नहीं भूल सकती हूँ.
उसके लंड की चुदाई से मैं बहुत खुश रहती हूँ.
उसने मुझको सबसे ज्यादा बार कुतिया बना कर चोदा है.
छत की बाउंड्री पर सटा कर खड़ी करके चोदा है, खुले में चौपाया बना कर चोदा है.
उसने इन चार महीने में मुझको बहुत तरीकों से चोदा है.
मैं अब अपने शौहर के साथ फिर से मुंबई आ गयी हूँ. अभी भी मैं उससे बात करती रहती हूँ.
मैं मुंबई से हर साल में दो बार अपने शहर आने लगी थी. मेरे शौहर मुझे अकेली भेज देते थे.
उसके साथ मेरी चुदाई का यह सिलसिला लगभग 5 साल तक चला और इन पांच सालों मैं उससे बहुत बार चुदी हूँ. उससे चुदवा कर ही मेरे चार बच्चे हो गए हैं और ये सारे अभिषेक के हैं.
मेरे शौहर के लंड से चुद कर मेरी चूत ने एक भी औलाद नहीं उगली थी.
अब उसकी शादी हो गई है और वह अपनी बीवी के साथ अमेरिका सैटल हो गया है.
उसकी जब तक शादी नहीं हुई थी, तब तक मैं सोचती थी कि कितनी खुशनसीब होगी उसकी बीबी, जिसको इतना चोदू शौहर मिलेगा!
उसकी शादी होने के बाद उसका फोन भी आया और उसने मुझे बताया कि उसकी बीवी एक सीलपैक माल थी. जिसको चोदने में उसे बहुत ज्यादा मशक्कत करनी पड़ी.
उसका कहना सही था क्योंकि एक तो उसका लंड बहुत बड़ा था और साले की टाइमिंग भी बहुत ज्यादा थी.
बाद में मुझे एक सेक्स कहानी पढ़ने के बाद मालूम हुआ कि ऐसी ज्यादा टाइमिंग वाले बंदे कॉलब्वॉय होते हैं, जो अपनी कस्टमर को चोद चोद कर बेहाल कर देते हैं और उनका हाल मेरी जैसी प्यासी चूत वालियों की तरह करके रख देते हैं.
सच में Xxx बस पोर्न के खेल में मैंने उसके लंड से चुदकर जो तृप्ति पाई थी, वह मैं अपने शौहर के लौड़े से सात जन्म तक भी चुदवाती … तब भी नहीं पा सकती थी.
एक बात और कहूँगी कि उसके जाने के बाद से मैं भी खुली रांड के जैसी हो गई थी.
जब भी मेरी चूत में खुजली होती, मैं किसी रंडीखाना के बाहर खड़ी होकर अपने लिए कोई सांड जैसे मर्द ढूंढ लेती और उसके साथ अपनी चूत फड़वाने का सुख ले लेती.
इस तरह से मैं मुंबई में ही बहुत से लंड खाने लगी.
यह मेरी सच्ची सेक्स कहानी है.
Xxx बस पोर्न कहानी पढ़ कर आपको क्या लगा?
प्लीज जरूर लिखें.
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