Xxx स्कूल गर्ल फक स्टोरी में मैं अपनी क्लासमेट को काफी समय से पसंद करता था लेकिन वो किसी और लड़के से सेट थी। फिर एक दिन उनका ब्रेक-अप हो गया और फिर …
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम हर्षित गुप्ता है।
मैं अब कॉलेज जाने वाला लौंडा हूं।
आपको आज मैं मेरी कहानी बताने जा रहा हूं।
यह Xxx स्कूल गर्ल फक स्टोरी मेरे स्कूल टाइम की है जब मैंने अपनी क्लास की लड़की को प्यारी बातों में फंसाकर चोदा था।
मुझे उस दिन बहुत मज़ा आया।
स्कूल का मेरा वो आखिरी साल था।
बात गर्मियों की है जब छुट्टी चल रही थी।
मैं घर पर बैठा हुआ बोर हो रहा था।
उन दिनों जवानी हाथ को लंड पर ले जाए बिना रहने नहीं देती थी।
बार-बार हाथ लंड पर जाता था और उसे सहला आता था।
ऐसे ही मैं फोन में कुछ देसी सेक्सी गर्ल्स की चुदाई और नंगी फोटो देखकर टाइम पास कर रहा था।
फिर दिन के टाइम में उस लड़की का मैसेज आया कि उसका बॉयफ्रेंड के साथ झगड़ा हो गया है।
उस लड़की का नाम मीनाक्षी था।
मैं उसे मैसेज पर समझा ही रहा था कि उसका कॉल आ गया।
कॉल पर ही वो रोने भी लगी।
दोस्तो, मैं तो मीनाक्षी को पहले से ही पसंद करता था।
मैं उसे चोदने के बारे में सोचा करता था।
कई बार स्कूल के सूट में उसकी कसी हुई चूचियों को देखकर मैं उत्तेजित हो जाता था और रात को सोते टाइम मुठ मारता था उन चूचियों की शेप के बारे में सोचकर।
मीनाक्षी का फिगर 32-28-34 का था और वह भरे-पूरे बदन वाली एक कमसिन लड़की थी।
तो मैंने उसकी यह व्यथा सुनकर उसको दिलासा देते हुए कहा- तुम्हारा ब्वॉयफ्रेंड तुम्हें छोड़ कर गया है तो क्या हुआ। मैं तो हूं, और तुम्हें कभी छोड़कर नहीं जाऊंगा।
उसने कहा- मुझसे अब कौन प्यार करेगा, कौन शादी करेगा?
मैंने उससे कहा- मैं हूं ना, मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूं और हमेशा करता रहूंगा।
यह सुनकर वो थोड़ी झिझक गई और बोली- तुम सच बोल रहे हो?
मैंने भी हां कह दिया।
फिर हम दोनों में काफी देर बातें होती रहीं।
उसके बाद वो अक्सर मेरे करीब रहने लगी।
धीरे-धीरे हम दोनों के बीच प्यार का रिश्ता बन गया.
लेकिन मुझे तो उसे चोदना था।
फिर कुछ दिन ऐसे ही गुजर गए।
बातों-बातों में अब कई बार वो मेरा हाथ पकड़ लेती थी और मैं उसका।
कई बार मैं उसकी कमर में भी हाथ डाल लेता था।
हाय … क्या पतली कमर थी उसकी … एकदम से 24 की पतली कमर एकदम मक्खन जैसी नर्म।
उसके बदन को हाथ लगाते ही मेरा तो लौड़ा तन जाता था।
धीरे-धीरे मुझे महसूस होने लगा कि वह भी मेरे बदन को टच करना चाहती है।
कई बार मेरी बाजुओं को दबाकर देखती थी और कई बार हाथों को सहला देती थी।
ऐसे ही एक दिन जब स्कूल में हम एक कोने में एकदम अकेले थे तो एक दूसरे से लिपट गए।
मैं उसके होंठों को चूमने लगा तो उसने होंठ हटा लिए और मुझे पीछे कर दिया।
मैंने उसे बहुत मनाया तब जाकर उसने किस करने दिया।
आह्ह … क्या नर्म और रसीले होंठ थे उसके … चूसकर मजा आ गया।
मेरा लंड पैंट में तंबू बना गया जिसे देखकर मीनाक्षी शर्मा गई और नीचे ही नीचे हँस पड़ी।
उस दिन के बाद अब जब भी मौका मिलता तो हम चूमा-चाटी करने लग जाते थे।
मैं उसकी चूचियों को छेड़ने की कोशिश करता था लेकिन वो हाथ को वहां पहुंचने से पहले ही हटा देती थी।
मैं अभी जल्दबाजी नहीं करना चाह रहा था।
कई दिन ऐसे ही गुजर गए और हमारे बीच किस के अलावा और कुछ भी नहीं हो पा रहा था।
फिर एक दिन अच्छा मौका आया जब मेरे घर पर कोई नहीं था।
मैंने पहले दिन ही उसको बता दिया था कि मैं कल घर पर अकेला रहने वाला हूं।
तो वह अगले दिन पढ़ाई का बहाना करके मेरे घर पर आ पहुंची।
उसने काला सूट और काली ही सलवार पहनी हुई थी।
उस काली ड्रेस में वो गजब की सेक्सी लग रही थी क्योंकि उसका बदन तो पहले से ही इतना गोरा था, और ऊपर से वो काला सूट-सलवार।
एकदम से गजब की गर्म माल लग रही थी मीनाक्षी।
मैंने उसे अंदर बुलाया और दरवाजा-खिड़की सब बंद कर दिए।
फिर बेडरूम में ले जाकर उसे चूमने लगा।
शुरू में वह थोड़े नखरे दिखा रही थी लेकिन फिर मेरी छुअन से उसे भी मजा आने लगा।
जब मैंने देखा कि वह मेरी बांहों में टूटने लगी है और काफी गर्म हो चुकी है तो मैंने मौका देख कर उसके बूब्स दबाना शुरू कर दिया।
वह एकदम से पीछे हट गई और मुझे घूरकर देखने लगी।
मैंने उसे मनाया कि मुझे उसके चूचे छेड़ने और दबाने दे।
वह मान नहीं रही थी।
मैंने कहा- देखो मीनाक्षी, मैंने तुम्हें कभी जबरदस्ती नहीं छुआ, आज मेरा बहुत मन है, मुझे करने दो।
वो बोली- नहीं, फिर तुम और भी कुछ करोगे ऊपर-नीचे!
मैंने कहा- नहीं, तुम्हारी मर्जी के बिना कुछ नहीं होगा।
फिर वह मान गई।
हां कहते ही मैं उसकी चूचियों पर टूट पड़ा।
मैं अपनी क्लासमेट की चूचियों को जोर जोर से दबाने लगा।
दो मिनट में ही उसकी सांसें भारी होने लगीं।
वह कसमसा रही थी और मैं उसके होंठों को चूसता जा रहा था।
उसका कमीज उठाकर नीचे से मैं छाती में हाथ अंदर ब्रा पर ले गया।
मैं ब्रा के ऊपर से चूचियों को भींचने लगा।
वह हटा रही थी लेकिन मैं दबाता जा रहा था।
मैंने दूसरा हाथ उसके चूतड़ों पर रख दिया और उन्हें भी दबाने लगा।
मेरा लंड उसकी चूत के ठीक ऊपर वाले हिस्से पर उसकी सलवार पर सटा हुआ था।
मैं बार-बार चूत में लंड को धकेल रहा था ताकि उसको भी चूत पर लंड का अहसास हो।
धीरे-धीरे उसका चूत गर्मी पकड़ने लगी।
वह अब मजा लेने लगी थी।
उसने बोला- फिर ऐसे नहीं, एक गेम खेलते हैं। जिसकी किस्मत अच्छी होगी उसी की बात चलेगी।
मैं भी मान गया।
शर्त यह थी कि मैं टॉस जीतने के बाद या तो उसके कपड़े उतार सकता था या उसे चूम सकता था, और वो कुछ भी कर सकती थी।
खेल शुरू हुआ।
पहली बार वो जीत गई और मैं मायूस हो गया।
उसने मेरा चेहरा देखा तो उदास देखकर मुझे किस करने लगी।
अगली बार मैं जीता तो मैंने उसका कुर्ता निकाल दिया।
उसके बूब्स ब्रा से आधे बाहर आ रहे थे।
वह शर्मा गई और उसे ढकने लगी।
अगली बार फिर मैं जीता।
मेरी नजर लगातार उसकी सेक्सी चूचियों पर थी; गुलाबी ब्रा में उसकी चूचियां एकदम मस्त लग रही थीं।
जीतने पर मैंने छाती में मुंह लगाकर चाटना शुरू कर दिया।
फिर मैंने उसकी ब्रा को खोलना शुरू किया तो उसने मुझे रोक दिया।
मैं बोला- कुछ नहीं होगा जान … बस मुंह में लेकर चूसूंगा।
वो बोली- ऐसे नहीं, गेम के साथ चलने दो।
फिर दोबारा से टॉस हुआ तो फिर से मैं ही जीता।
फिर उसने ब्रा खोलने दी।
मैंने उसकी ब्रा को खोलकर एक तरफ डाल दिया।
वह अब नीचे से काली सलवार में थी और ऊपर पूरी नंगी।
उसकी गोरी चूचियां मेरे भींचने से लाल हो चुकी थीं और निप्पल एकदम कस गए थे।
एक एक चूची को पकड़ कर मैंने मुंह में लेना शुरू कर दिया, कभी दाईं चूची चूसता तो कभी बाईं।
करते-करते मैंने उसकी चूत पर भी हाथ रख दिया।
उसने कई बार मेरा हाथ हटाया लेकिन मैंने चूत को रगड़ना जारी रखा।
फिर मैंने उसकी सलवार खोलना चाही लेकिन उसने नाड़ा पकड़ लिया।
वो बोली- अब ये ज्यादा हो रहा है हर्षित!
मैंने कहा- नहीं पागल, कुछ भी नहीं है ज्यादा! एक बार देखनी है बस!
वो बोली- पक्का?
मैं- हां पक्का।
फिर मैंने जल्दी से उसकी सलवार खोली और साथ में पैंटी भी खींचकर निकलवा दी।
मीनाक्षी अब पूरी तरह से मेरे सामने नंगी थी।
हमने फिर से टॉस किया।
इस बार मैंने शर्त रखी कि मैं उसके पूरे बदन को किस करूंगा।
मैं अब उसके बदन को चूमने चाटने लगा, उसकी चूत को छूने लगा।
वह भी पूरी गर्म होने लगी।
अब मीनाक्षी खुद ही साथ देने लगी।
अगली बार टॉस करने पर मीनाक्षी जीती और उसने मेरी शर्ट निकाल दी।
वह मुझे चूमने लगी।
अब मेरा लौड़ा पैंट में तड़प गया था और वो बाहर आना चाहता था।
मैं क्लासमेट की चुदाई करना चाहता था।
अगली बार सिक्का उछला तो मैं ही जीता।
मैंने उसे लंड पकड़ने के लिए कहा तो वो मना करने लगी लेकिन मैं जीता था तो उसको करना पड़ा।
फिर अगली दो-तीन बार वो जीती तो उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया।
इतने में ही उसकी मम्मी का वीडियो कॉल आने लगा।
हड़बड़ी में हम दोनों को कपड़े पहनने पड़े।
कॉल के बाद वह मेरे पास आयी और हम दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे।
अब सिक्का मैंने साइड रख दिया था और हम दोनों के बदन से कपड़े अलग होते चले गए।
मैंने अपना बड़ा लंड निकाल कर उसके सामने कर दिया और उसको लंड चूसने के लिए कहा.
तो उसने मना कर दिया।
मैं बोला- क्या हुआ?
उसने कहा- नहीं, गंदा होता है!
फिर मैंने चॉकलेट फ्लेवर का कंडोम निकाला जो मैंने पहले से ही लेकर रखा हुआ था।
मैंने कंडोम लगाया और कहा- अब चूस ले।
तब वह लंड को चूसने लगी।
मुझे बहुत मजा आ रहा था।
अब मैं उसकी चूत पर हाथ फिराने लगा।
उसकी चूत गीली हो चुकी थी।
हम दोनों 69 में आ गए।
अब वो मजे से मेरे लंड को चूस रही थी और मैं उसकी चूत में जीभ दे देकर चाट रहा था।
हम दोनों एक दूसरे को पूरा मजा दे रहे थे।
मुझे उसकी गोरी चूत चाटने का मजा मिल रहा था.
फिर मैंने उसे सीधी कर लिया, उसकी टांगों को फैलाया और चूत पर लंड को रख दिया।
वह बोली- कुछ होगा तो नहीं?
मैंने कहा- जान कंडोम लगाया हुआ है, कैसे कुछ होगा?
वो बोली- तो आराम से करना, मुझे बहुत डर लग रहा है!
मैंने कहा- हां मेरी डार्लिंग, बड़े ही प्यार से चोदूंगा!
चूत पर रखे हुए लंड का एक धक्का मैंने लगाया तो सुपारा उसकी चूत में घुस गया।
वह चीखने लगी तो मैंने एकदम से उसके मुंह पर हाथ रखा और फिर उसके होंठों से होंठ मिला दिए।
मैं उसे सहलाता रहा।
फिर कुछ पल बाद एक और धक्का मारा तो लंड पूरा घुसता चला गया।
वह रोने लगी।
मैंने फिर से विराम दिया।
जब उसका रोना बंद हुआ तो मैं धीरे-धीरे उसे चोदने लगा।
चोदते हुए उसका दर्द गायब सा होने लगा।
फिर तो वो मजे से चुदने लगी।
अब वह पूरी टांगें खोलकर चुदवा रही थी।
उसके चेहरे को देखकर लग रहा था कि उसके पहले वाले बॉयफ्रेंड से भी उसने काफी चुदवाया है।
बीच-बीच में हम दोनों किस भी कर रहे थे।
अब वह चुदते हुए सिसकारियां ले रही थी- आह्ह हर्षित … आह्ह मजा आ रहा है … आई लव यू हर्षित … आह्ह … फक मी बेबी … आह्ह फक मी मोर। (और चोदो)
मैं भी उसकी चूत चुदाई का पूरा मजा ले रहा था।
लंड उसकी चूत में पूरा समा रहा था।
चूत काफी गीली हो चुकी थी और कंडोम पर भी पूरी चिकनाहट लग चुकी थी।
अब पचापच की आवाज के साथ लंड उसकी चूत का तेल निकाल रहा था।
फिर मैं बोला- अब तुम ऊपर आओ।
वह उठी और मैं नीचे लेट गया।
उसने हाथ में लेकर मेरे लंड को अपनी चूत पर लगाया और फिर उस पर बैठती चली गई।
बैठते हुए उसने लंड को आराम से चूत में उतरवा लिया।
मैंने उसकी गांड को पकड़ लिया और वह लंड पर कूदने लगी।
उसकी चूचियां हर धक्के के साथ हवा में झूल रही थीं।
वह रंडी की तरह बालों को खोलकर चुद रही थी और बहुत ही ज्यादा सेक्सी लग रही थी।
इसी वजह से अब मेरा छूटने वाला था।
चुदते हुए फिर वह सिसकारी- आह्ह … आह्ह … ओह्ह … हर्षित … आह्ह लव यू बेबी … इस्स् … फक मी … ओह्ह!
मैं भी उसकी ऐसी सिसकारियों से चरम के करीब पहुंच चुका था।
फिर दो मिनट बाद ही उसकी चूत ने पानी फेंक दिया।
गर्म-गर्म चूत के पानी का अहसास पाकर मेरे लंड ने भी माल छोड़ दिया।
फिर हम दोनों शांत हो गए।
कुछ देर हम ऐसे ही लेटे रहे।
उसके बाद मैंने कंडोम हटाकर डस्टबिन में डाला।
थोड़ी देर के बाद फिर से चुदाई शुरू हो गई।
Xxx स्कूल गर्ल फक के दूसरे राउंड में मैंने बिना कंडोम उसे चोदा।
लेकिन माल मैंने बाहर ही निकाला।
इस तरह से मैंने अपनी क्लासमेट की चुदाई उस दिन लगातार तीन बार की।
उसकी चूत सूज गई थी।
मैंने उसे दर्द की गोली लाकर दी।
उसके बाद शाम को वो अपने घर चली गई।
अब तो हम स्कूल के वॉशरूम, होटल और कभी-कभी घर में भी मौका मिलते ही चुदाई करने लग जाते थे।
मैंने स्कूल खत्म होने से पहले कई बार उसको पेला।
स्कूल खत्म होने के बाद भी काफी समय तक वो मुझे याद करती रही।
दोस्तो, यह थी मेरी क्लासमेट की चुदाई की कहानी।
आपको यह Xxx स्कूल गर्ल फक स्टोरी कैसी लगी मुझे कमेंट्स में अपनी राय जरूर बताना।
आप मुझे ईमेल भी कर सकते हैं।
मेरा ईमेल आईडी है
[email protected]