मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को होटल चोदा- 1

स्वीट गर्ल बनी मेरी गर्लफ्रेंड … मैं मौसी के घर गया तो उनकी पड़ोसन लड़की उनके घर आई और हमारी आँखें चार हो गयी. मैंने उस सुंदर लड़की को अपनी दोस्त बना लिया.

दोस्तो, मेरा नाम कबीर है, यह नाम बदला हुआ है.
मैं रुद्रपुर में रहता हूं.

मेरी फैमिली में मम्मी पापा, बड़ा भाई और मैं ही हूँ.
मेरी उम्र 24 साल है. मेरी हाइट 5 फुट 6 इंच है. मेरे लंड का साइज 6 इंच है.

मैंने एक साल पहले बारहवीं पास कर ली है.
उस वक्त मैं घर पर ही रह कर जॉब के लिए कंपटीशन की तैयारी कर रहा था.
चूंकि मेरे पापा का अच्छा बिजनेस है तो मुझे किसी तरह की कोई जल्दी नहीं थी.

मेरी एक मौसी हैं. वे मुरादाबाद में रहती हैं.
वे मेरी सबसे प्यारी मौसी हैं.
मैं उन्हें बहुत अच्छा मानता हूं और वे भी मुझे बहुत पसंद करती हैं.

एक दिन उनका कॉल सीधे मेरे पास आया.

उन्होंने मुझसे पूछा- कबीर बेटा, तू आजकल कहां रहता है? अपनी मौसी को भूल गया है क्या? आता भी नहीं अपनी मौसी के पास … अपनी मम्मी से बात करा, मैं तेरी मम्मी को बोलती हूं कि यह आजकल मुझे फोन भी नहीं करता और ना मेरे पास आता है. कब भेजेगी मेरे बेटे को मेरे पास.

मैंने मौसी की बात मम्मी से कराई, तो मम्मी ने हंसते हुए कहा- ओके, तेरे पास भेज देती हूं. इसे कल ही तेरे पास भेज दूंगी. वैसे भी यह आजकल खाली है.

फोन कटने के बाद मम्मी ने मुझे बताया कि कल तुझे मौसी के घर जाना है. अपना सामान पैक कर ले.
मैं भी खुश होकर मम्मी की बात मानकर कल उनके घर जाने की तैयारी करने लगा.

मैं वहां एक हफ्ते से ज्यादा दिनों के लिए जाने वाला था.
उस वक्त शाम के 5:00 बजे थे.
रात को हम सभी ने साथ बैठकर खाना खाया.

मम्मी ने पापा को बताया दिया कि कबीर कल मौसी के घर मुरादाबाद जा रहा है.
पापा ने ओके कह दिया.

उसके बाद हम सब अपने अपने कमरे में सोने चले गए.

मैं बहुत खुश था कि मुझे अपनी मौसी के घर जाना है. पता नहीं क्यों मुझे रात को नींद ही नहीं आ रही थी.

मैंने मोबाईल पर पॉर्न देखा और दो बार मुठ मार ली.
फिर मुझे नींद आ गई.

मैं सुबह 9:00 बजे उठा तो मैं जल्दी बाथरूम में जाकर नहाया और तैयार होने लगा.

तैयार होने के बाद मैंने नाश्ता किया. तब तक सुबह के 10:00 बज चुके थे.
फिर मैं अपनी बाइक स्टार्ट करके अपनी मौसी के यहां जाने लगा.

मैं दोपहर के 1:00 बजे अपनी मौसी के यहां पहुंच गया.
मैंने अपनी गाड़ी खड़ी की और डोरबेल बजाई तो सामने से मौसी ने दरवाजा खोला.

वे मुझे देखकर बहुत ही खुश हुईं और मुझे प्यार से गले लगा कर बोलीं- मेरा बेटा आ जा, कैसा है तू!

वे मुझे दरवाजे पर ही बहुत प्यार करने लगीं.
मैंने कहा- मौसी मैं ठीक हूं. आप कैसी हो?

उन्होंने कहा- मैं भी ठीक हूं बेटा, आ जा अन्दर आ जा.
मैं अन्दर आ गया.

मेरी मौसी का नाम रश्मि है.
वे लोग ठाकुरद्वारा में रहते हैं. उनके पति एक सरकारी कर्मचारी हैं.

मेरी मौसी के दो बच्चे हैं, जिनका नाम राज और श्वेता है.
वे दोनों अभी छोटे ही हैं. राज अभी 7 साल का है और श्वेता 6 साल की.

जब मैं अन्दर गया तो दोनों बच्चे मुझे देखकर बहुत खुश हुए.
वे दोनों मेरे पास आ गए और मुझे प्यार करने लगे.
मैं भी उन पर बहुत ही प्यार लुटा रहा था.

फिर मौसी ने कहा- चलो बच्चो, अब भैया को आराम करने दो.
दोनों बच्चे अपने रूम में चले गए.

मौसी मेरे पास बैठ गईं और हम दोनों बातें करने लगे.
तभी अचानक दरवाजे पर बेल बजी, तो मौसी ने मुझसे कहा- जा बेटा, दरवाजे पर जाकर देख कौन आया है?

मैं दरवाजा खोलने चला गया.
जैसे ही मैंने दरवाजा खोला, मैंने देखा कि सामने एक खूबसूरत सी लड़की खड़ी थी.
उस स्वीट गर्ल की उम्र 20-21 साल की रही होगी.

वह मौसी के पड़ोस की रहने वाली एक लड़की थी.
उसका नाम उर्वशी था.
वह देखने में बहुत ही खूबसूरत थी.

उसकी हाइट 5 फुट 3 इंच थी और उसने येलो कलर का सूट पहना था.
मैं उसे देखता ही रह गया.

तभी मौसी ने पूछा- बेटा, कौन आया है?

उस लड़की ने कहा- आंटी जी मैं हूं उर्वशी, मुझे मम्मी ने आपके पास भेजा है. मैं आपके पैसे लौटाने आई हूं.

यह कहती हुई वह अन्दर आ गई और उसने मौसी को 15000 रुपए दे दिए.

वह जाने की कहने लगी, तभी मौसी ने कहा- रुक जरा चाय पी कर जाना. मेरे भतीजे से मिल ले, यह अभी अभी अपने शहर से आया है. तुम दोनों जब तक बात करो, मैं तुम्हारे लिए चाय बना कर लाती हूं.

मौसी अन्दर किचन में हमारे लिए चाय बनाने लगीं.
हम दोनों बैठ कर एक दूसरे को देखने लगे.

मैंने उससे पूछा- आप कहां पर रहती हो?
उसने कहा- मैं यहीं आंटी के पड़ोस में रहती हूं.

मैंने कहा- हां, वह तो मैंने सुना था कि आप पड़ोसन हैं.
वह हंस दी.

अब उसने मेरा नाम पूछा.
मैंने अपना नाम बताया तो उसने कहा- वाह आपका नाम तो बहुत ही अच्छा है.
मैंने उसको धन्यवाद कहा.

वह पूछने लगी- आप कहां रहते हो?
मैंने कहा- मैं रुद्रपुर में रहता हूं.

वह बोली- अरे वाह, रुद्रपुर तो बड़ी अच्छी जगह है. मैं वहां जाती रहती हूं.
मैंने पूछा- आप वहां पर जाती रहती हो, पर क्यों?

उसने कहा- हां, मैं अपनी बड़ी ताई के घर जाती हूं. वे वहीं रहती हैं.

मैंने कहा- अच्छा जी!
उसने कहा- हां जी!

मैंने उससे कहा- आप बहुत ही खूबसूरत हो … और येलो कलर तो आप पर बहुत ही सूट कर रहा है.

मैं उसके साइज को ही ताड़ रहा था.
वह दिखने में एकदम गोरी थी और उसका साइज 32-28-34 का रहा होगा.

जब मैंने उसकी तारीफ की तो वह शर्मा कर मुझे धन्यवाद कहने लगी.

मैंने भी उसका जवाब दिया और मैं उसके गोरे गोरे मम्मों की दरार को भूखे कुत्ते की तरह से देखने लगा.

उसकी नजर मेरी आंखों पर पड़ी, तो उसने अपने टॉप को संभालते हुए कहा- क्या हुआ, किस सोच में पड़ गए?
मैंने कहा- कुछ नहीं, बस वैसे ही!

तभी मौसी चाय लेकर और खाने के लिए नमकीन आदि लेकर हमारे पास आकर बैठ गईं.

हम तीनों ने आराम से चाय पी और नाश्ता करने लगे.
फिर वह उधर से जाने लगी.

मौसी ने कहा- उर्वशी आती रहा कर, तू तो आती भी नहीं है!
उसने कहा- हां आंटी, मैं आती रहूंगी.
वह स्वीट गर्ल अपने घर चली गई.

मेरी आंखों में बार-बार उसका चेहरा घूम रहा था.
थोड़ी देर बाद मौसा जी भी आ गए.

मैंने मौसा जी के पैर छुए, उन्होंने मुझे गले लगा कर कहा- कबीर बेटा बहुत टाइम बाद आए हो. अब रुक कर ही जाओगे … इतनी जल्दी हम लोग तुमको वापस जाने नहीं देंगे.
मैंने कहा- हां ठीक है मौसा जी.

मैं उनके साथ बैठ कर बातें करने लगा.
कुछ देर बाद मौसा जी ने कहा- बेटा तू बैठ, मैं नहा कर आता हूं … फिर हम सब साथ में खाना खाएंगे!
मौसा जी नहा कर आए.

फिर हम सबने साथ बैठकर खाना खाया.

मौसा जी ने कहा- बेटा तू थोड़ा आराम कर ले, थक गया होगा.
मैंने कहा- ठीक है मौसा जी.

फिर मैं बच्चों के साथ उनके कमरे पर चला गया.
तभी मौसा ने कहा- बच्चो चलो उठो मेरे कमरे में जाओ, अपने भैया को सोने दो. वे बहुत थक कर आए हैं, उन्हें आराम करने दो.

तभी बच्चे उठकर दूसरे कमरे में चले गए.

मौसा जी ने कहा- बेटा तुम अपने कमरे का दरवाजा बंद कर लो वरना बच्चे आकर तुम्हें परेशान करने लगेंगे.
मैंने कहा- ठीक है मौसा जी!

मैंने दरवाजा बंद कर लिया.
मैं दरवाजा बंद करके बेड पर लेट गया.
मुझे अभी भी नींद नहीं आ रही थी.

मैं थका हुआ तो बहुत था क्योंकि मैंने बहुत लंबे टाइम तक बाइक चलाई थी.

अब मुझे उस लड़की उर्वशी का चेहरा और उसका फिगर सोने नहीं दे रहा था.
मेरा लंड पैंट से बाहर निकलने के लिए मचल रहा था.

मैंने अपने लंड को बाहर निकाला और उर्वशी को याद करते हुए मुठ मारने लगा.
मुठ मार कर झड़ गया तो आंखें मुँद गईं और कब मुझे नींद आ गई, पता ही नहीं चला.

जब मैं उठा तो शाम के 7:00 बज चुके थे.
उठते ही मैं बाहर हॉल में गया.

मौसी ने देखा और कहा- अरे उठ गया बेटा, बैठ मैं तेरे लिए कुछ लाती हूं.

मौसी ने जूस बनाकर मुझे दिया.
मैंने वह पी लिया.

मौसी ने कहा- तेरे मौसा तो अभी आधे घंटे पहले गए हैं.
मैंने कहा- आपने मुझे क्यों नहीं बताया. मैं आज मौसा जी को रोक लेता.
मौसी ने कहा- नहीं बेटा, उन्हें 3 दिन के लिए बाहर जाना है. तू सोया हुआ था तो उठाना अच्छा नहीं समझा.

मैंने कहा- अभी तो मैं मौसा से अच्छे से मिला भी नहीं था और वह सीधे 3 दिन के लिए चले गए!

तब मौसी बोली- चल मैं तुझे टेरेस दिखाती हूं.

हम दोनों छत पर चले गए.

वहां जाने के बाद मैंने देखा कि चौथा घर छोड़कर पांचवां घर उर्वशी का है.
वह भी उस वक्त छत पर आई थी तो मानो मेरे तो पंख लग गए थे.
मैं आकाश में उड़ने लगा.

मैं उसे देख कर बहुत खुश हुआ और वहीं छत पर बैठकर उसे देखने लगा.
तभी मौसी के फोन पर मौसा का फोन आया और वे उनसे बात करती हुई नीचे चली गईं.

मैं छत पर ही रुका रहा और उर्वशी को देखता रहा.
वह भी मुझे देख कर खुश हुई और दूर से इशारे करने लगी ‘कैसे हो?’
मैंने कहा- मैं ठीक हूं. यहां आ जाओ.
तो उसने कहा- ठीक है.

चूंकि उधर सभी घरों की छतें आपस में मिली हुई थीं तो वह 5 मिनट बाद हमारी छत पर आ गई.
हम दोनों बातें करने लगे.

मेरी बार-बार नजर उसके गोल मटोल चूचों पर पड़ रही थी.
उसने मुझे देख लिया था.

मेरा लंड पैंट में ही उफान मार रहा था.
उसने मेरे लंड की तरफ देखा और हंसने लगी.

मैं बोला- क्या हुआ?
वह बोली- कुछ नहीं!

मैंने कहा- मुझसे दोस्ती करोगी?
उसने कहा- हां क्यों नहीं!

हम दोनों ने दोस्ती कर ली और आपस में एक दूसरे के नंबर ले लिए.

कुछ देर रुकने के बाद हम दोनों चले गए. अब हम दोनों फोन में बातें करने लगे.
व्हाट्सएप में मैसेज होने लगे. एक-दो दिन तो ऐसा ही चलता रहा.
फिर आग दोनों तरफ लगी थी तो कुछ ही समय बाद हमारी दोस्ती प्यार में बदल गई.

यह स्वीट गर्ल बनी मेरी गर्लफ्रेंड प्यार में बदल कर अपने मुकाम तक किस तरह से पहुंची और मैंने उसे किस तरह से होटल में ले जाने के लिए मनाया व हचक कर चोदा भी, यह सब मैं अपनी सेक्स कहानी के अगले भाग में लिखूँगा.

आपके कमेंट्स मुझे प्रोत्साहित करेंगे.

स्वीट गर्ल बनी मेरी गर्लफ्रेंड कहानी का अगला भाग: