कुंवारी क्लासमेट की सीलफाड़ चुत चुदाई- 1

सेन्सुअल लव विद क्लासमेट की कहानी में मेरी क्लास की एक सादी लड़की मुझे पसंद थी. मैंने उसे पटाने की कोशिश की. वह हाथ नहीं आ रही थी. पर दोस्ती हो गयी हमारी.

मित्रो, मेरा नाम सत्यम है, मेरा रंग सांवला और मैं सामान्य कद काठी का हूँ.

मेरा लंड 3 इंच मोटा और 6 इंच लंबा है जोकि किसी भी औरत को संतुष्ट करने में पूरी तरह से सक्षम है.

यह कहानी उन दिनों की है जब मैं कक्षा 12वीं में था. अस्मिता मेरी ही क्लासमेट थी.

इस कहानी के पहले हम एक दूसरे को जानते भी नहीं थे, बस मुझे इतना पता था कि इस नाम की लड़की मेरी क्लास में है।

अस्मिता दिखने में ठीक-ठाक है. उसका रंग गेहुंआ है. परंतु उसका 32-28-34 का मदमस्त फिगर बड़े कमाल का है.

क्लास में ड्रेस की वजह से किसी को पता नहीं चलता था कि वह इतने कमाल के हुस्न की मालकिन है.

वह हमेशा एक चोटी करके आती थी और हमेशा गुमसुम सी रहती थी जिस वजह से लड़के उस पर ज़्यादा ध्यान नहीं देते थे.

अस्मिता अपने काम से काम रखती थी और किसी से ज़्यादा बात भी नहीं करती थी.

मैंने उसको कैसे पटाया और उसकी चुदाई की, मैं यह लिख रहा हूँ.

यह सेन्सुअल लव सेक्स कहानी उन दिनों से शुरू हुई थी जब हमारे स्कूल में वार्षिक खेल कूद के प्रोग्राम चल रहे थे.

हमारी क्लास के सभी लड़के लड़कियां खेलों में भाग ले रहे थे जिस वजह से अक्सर हमारी क्लासेस नहीं लग रही थीं.

उस दौरान क्लास में सिर्फ हम दोनों ही बैठे रहते थे क्योंकि हम दोनों स्पोर्ट्स में ज़्यादा रुचि नहीं थी.

एक दिन मैं क्लास में अकेला बैठा बोर हो रहा था तो मैंने सोचा कि क्यों ना आज अस्मिता से बात की जाए.
मैं उसके पास पानी की बोतल लेने के बहाने से गया.

मैं उससे बोला- हैलो.
उसने मेरी बात का कोई जवाब नहीं दिया.

दो तीन बार बुलाने पर उसने मेरी तरफ हैरानी से देखा और रूखे स्वर में बोली- क्या है?
मैंने उससे कहा कि मुझे पानी चाहिए, तो क्या तुम मुझे अपनी बोतल दे सकती हो?

उसने फिर से बड़ी हैरानी से मेरी तरफ देखा और मना कर दिया.
वह बोली- बाहर जाकर नल से पानी पी लो.

मुझे बहुत बुरा लगा लेकिन मैंने उससे कुछ नहीं कहा.

मैं वहां से चला गया.
ऐसे ही कुछ बार और किसी ना किसी बहाने से मैंने उससे बात करने की कोशिश की लेकिन वह तो भाव ही नहीं दे रही थी.

अब मैंने यह ठान लिया था कि इससे तो बात करके रहूँगा.

फिर एक दिन मुझे मौका मिल ही गया.
मैंने देखा कि वह मेरे दोस्त से फिज़िक्स के नोट्स मांग रही थी.

अब मेरे दोस्त के नोट्स तो बनते नहीं थे, तो वह उसको क्या देता!
मैंने अपने दोस्त से कहा- अस्मिता को बोलना कि मेरे पास नोट्स हैं.

उसने जाकर अस्मिता से बोल दिया- नोट्स सत्यम के पास हैं, तो तुम जाकर उससे ले लो!
उसने बोला- ठीक है.

अब नोट्स तो उससे चाहिए थे, इसलिए वह मेरे पास आई और बोली- सत्यम, मुझे तुम्हारी फिज़िक्स की नोट कॉपी चाहिए थी!
मैंने उससे कहा- ठीक है, मैं तुम्हें नोट्स दे दूँगा, लेकिन मेरी एक शर्त है!

उसने कहा- कौन सी शर्त?
मैं उससे बोला- तुम्हें मुझसे दोस्ती करनी पड़ेगी!
उसने थोड़ी देर सोचा और बोली- ठीक है.

अब हम दोनों में बात होने लगी.

एक दिन मैंने हिम्मत करके उससे उसका नंबर मांगा और उसने बड़े आराम दे भी दिया क्योंकि अब तक हम काफ़ी अच्छे दोस्त बन चुके थे.

धीरे धीरे हमारी फोन पर बात होने लगीं.
हम दोनों व्हाट्सैप पर भी बात करने लगे.

कुछ ही दिनों में वह मेरे साथ इतनी ज्यादा घुल-मिल गई थी कि हम दोनों घंटों बात किया करते थे.

एक दिन मैंने उसको वीडियो कॉल करने के लिए बोला.
पहले तो उसने मना कर दिया मगर फिर मेरे जोर देने पर वह मान गई.

क्या बताऊं दोस्तो, पहली बार मैंने उसे घर के कपड़ों में देखा था.
मैं तो उसे देख कर हक्का-बक्का रह गया था.

वह कैजुअल कपड़ों में एकदम कसी हुई माल लग रही थी.
उसको देख कर लगा कि बस अब इसकी चुदाई करने का मौका मिल जाए, कसम से मज़ा आ जाएगा.

अब हम दोनों अब अक्सर एक दूसरे से वीडियो कॉल पर बात करने लगे थे.

मैं कभी कभी उसकी खूबसूरती की तारीफ कर देता, तो वह शर्मा जाती और कॉल कट कर देती.

उसके मन में मेरे लिए एक ब्वॉयफ्रेंड जैसी फीलिंग आने लगी थी.
वह भी मुझसे खुलने लगी थी.

अब हम दोनों सेक्स पर बातें भी करने लगे थे.

मैं उसे बताता कि कैसे मेरा दोस्त और उसकी जीएफ सेक्स करते थे.

वह यह सब सुनकर पहले तो कौतूहल जताती, मगर अगले ही पल उदास हो जाती.

ऐसे ही एक दिन वह उदास हुई.

तो उसको खुश करने के लिए मैं उससे पूछने लगा- क्या हुआ, उदास क्यों हो गई हो … क्या तुम्हारा मन नहीं करता यह सब करने को?
वह बोली- करता तो है लेकिन मैं यह सब किसके साथ करूँ?

मैंने उससे कह दिया- मैं हूँ ना!
उसने हंस कर बात को टाल दिया.

मेरी समझ में नहीं आया कि यह मेरे साथ सैट क्यों नहीं होना चाहती है.

अब मैंने ठान लिया था कि कुछ भी हो जाए, अब मैं इसे चोद कर ही रहूँगा.

एक दिन मैंने प्लान बनाया कि आज इसे कॉफी पर ले जाकर इसको प्रपोज़ कर दूँगा.

उस दिन स्कूल से निकल कर मैंने उसको कॉल किया और पास के कैफे में आने को कहा.

पहले तो उसने मना कर दिया, फिर मेरे जोर देने पर हां कर दिया.

हम दोनों कॉफी पी रहे थे.
तभी मैंने उसको एक गुलाब का फूल देकर उससे कहा- अस्मिता आई लव यू!

पहले तो उसने हैरानी से मुझे देखा और गुस्से से बोली- सत्यम, मैं तुम्हें सिर्फ़ अपना दोस्त मानती हूँ और हमारे बीच में इससे ज़्यादा कुछ नहीं है.
इतना कह कर वह वहां से उठ कर चली गई.

पहले तो मुझे बहुत गुस्सा आया लेकिन मैंने उसको कॉल किया पर वह मेरी कॉल का जवाब नहीं दे रही थी.

मैंने उसको व्हाट्सैप पर भी कई दफ़ा सॉरी बोला लेकिन उसने मैसेज ही नहीं देखा.

तब मैंने सोचा कि कल स्कूल में उससे बात करूँगा.

लेकिन सुबह जब में स्कूल पहुंचा तो देखा कि वह आज स्कूल नहीं आई थी.

ऐसे ही 3 दिन बीत गए, वह स्कूल नहीं आई.

मैंने सोचा कि क्यों ना उसके घर जाकर उससे बात की जाए.

मैं जब उसके घर पहुंचा तो उसके पापा बाहर गार्डन में बैठे हुए थे.

मैंने उनको नमस्ते किया और कहा- अंकल, मैं अस्मिता का दोस्त हूँ और उससे मिलने आया हूँ.

अंकल ने कहा- किस लिए?
मैंने कहा- कई दिनों से वह स्कूल नहीं आ रही है. मुझे लगा कि कहीं उसकी तबीयत तो खराब नहीं हो गई है, इसलिए पता करने आया था.

उसके पापा ने कहा- हां उसकी तबीयत खराब है, इसलिए वह स्कूल नहीं गई है.

फिर मैंने कहा- एक बार उससे मिल सकता हूँ?
उसके पापा ने कहा- वह अभी सो रही है और अब उसकी तबीयत ठीक है. कल से वह स्कूल जाएगी.

मैंने कहा- ठीक है अंकल, अब मैं चलता हूँ नमस्ते.

मैं वहां से तो निकल गया लेकिन अब मैं सुबह होने का बेसब्री इंतजार कर रहा था कि कब उससे मिलूँ.

सुबह मैं जल्दी उठा और तैयार होकर स्कूल के लिए निकल गया.

जब वह स्कूल आई तो मैंने उसे देखा.
उसके चेहरे पर पहले जैसा ग्लो नहीं था.

जब वह मेरे पास से गुज़री तो मैंने उससे स्माइल पास किया.
लेकिन उसने नजरअंदाज कर दिया और वहां से चली गई.

मुझे लगा कि अब भी वह मुझसे नाराज़ है.

मैंने सोचा कि आज लंच में इससे बात करना पड़ेगा और तभी इसको सामने से सॉरी भी बोल दूँगा.

जब लंच टाइम हो गया तो सभी छात्र बाहर ग्राउंड में बैठ कर लंच कर रहे थे.

मैंने सही मौका देखा और उसका हाथ पकड़ कर उसे स्टोर रूम में ले गया.

पहले तो उसने गुस्सा किया लेकिन बाद में वह शांत हो गई.

मैंने उसको उस दिन के लिए सॉरी बोला.
तो उसने कहा- तुम सॉरी क्यों बोल रहे हो. उस दिन जब तुमने मुझे प्रपोज़ किया था तो मैं तुम पर गुस्सा होकर वहां से चली गई थी. लेकिन घर जाकर मैं तुम्हारे बारे में ही सोच रही थी. मुझे रात भर नींद नहीं आई क्योंकि मुझे नहीं पता था कि मैंने सही किया या ग़लत! पूरी रात मैं सोचती रही, तुमने मुझे कॉल भी किया लेकिन मुझमें हिम्मत नहीं थी कि मैं तुमसे बात करूँ. फिर मैं पूरी रात-रोते ना जाने कब सो गई, रोने की वजह से मुझे फीवर हो गया. तुमसे बात भी नहीं हो रही थी, इसलिए बेचैनी भी थी और बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था.

वह बस मुझसे बातें ही करे जा रही थी.
मैं उसकी आंखों में बहते हुए आंसू और अपने लिए प्यार देख रहा था.

मैंने उसको चुप कराते हुए उसके होंठों में अपने होंठ रख दिए.

पहले तो उसने मुझे दूर हटाने की कोशिश की लेकिन जब नहीं कर पाई तो उसने भी मुझे किस करना शुरू कर दिया.

हम दोनों एक दूसरे में इस तरह खो गए कि हमें कुछ ध्यान ही नहीं रहा.

हम दोनों की सांसें भारी होने लगीं और हम दोनों अलग हो गए.

फिर हम वहां से बाहर निकल कर अपनी क्लास में आ गए.
अब हम दोनों बहुत खुश थे कि हमारे बीच अब सब कुछ ठीक है.

हमारी फोन पर फिर से बात होने लगीं और हम दोनों सेक्स की बातें करने लगे थे.

एक दिन मैंने उससे कहा- मुझे भी सेक्स करना है!
इस पर उसने कहा- बिल्कुल भी नहीं, हम अभी ऐसा कुछ भी नहीं कर सकते हैं!

मैंने पूछा- क्यों नहीं कर सकते? जब हम एक दूसरे को पसंद करते हैं तो बिल्कुल कर सकते हैं! क्या तुम्हारा मन नहीं करता करने को?
उसने कहा- मेरा भी मन करता है ये सब करने का … लेकिन …

मैंने उसे बीच में टोकते हुए कहा- लेकिन वेकिन कुछ नहीं … हम दोनों सॅटर्डे को मेरे घर पर मिल रहे हैं और अब इसके आगे कोई बात नहीं होगी!
वह चुप हो गई.
मन तो उसका भी था.

अब मैं बेसब्री से शनिवार का इंतजार कर रहा था कि कैसे मैं उसके साथ वह सब करूँगा, जो मैं पॉर्न वीडियोस में देखा करता हूँ.

यह सब सोच कर मैं मन ही मन बेहद खुश हो रहा था.

आख़िर वह दिन आ ही गया.
उस दिन मेरे मम्मी पापा को किसी काम से बाहर जाना था.

मैं घर पर अकेला था.
तो मैंने उसे कॉल किया कि अब आ जाओ, लाइन क्लियर है.

लेकिन वह फिर से मना करने लगी कि घर में क्या बोलूँगी!

मैंने उससे कहा- घर पर बोल देना कि तुम अपने सहेली के घर पढ़ाई करने जा रही हो और रात में वहीं रुकोगी!
उसने मना कर दिया कि मैं रात में तुम्हारे पास नहीं रुक सकती.

मेरे बहुत जोर देने पर वह मान गई.

मैं बहुत खुश था कि आज फाइनली वह दिन आ ही गया जब मैं अस्मिता की चुदाई करूँगा!

शाम के 6 बजे वह मेरे घर आ गई.

पहले हम दोनों ने कॉफी पी और ढेर सारी बातें की.
उसके बाद मैं उससे मूवी देखने के लिए बोला.

दोस्तो, यदि वह किसी सेक्स मूवी के कहती तो शायद उसका काम तुरंत हो जाता.
लेकिन उसने मेरे साथ कौन सी फिल देखी और किस सीन पर वह चुदासी हो उठी.
यह सब आपको मैं अगले भाग में लिखूँगा.

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