पोर्न गर्ल Xxx ओरल स्टोरी में मैं अपने करीबी की शादी में गया। वहां पर एक गोरी और सुंदर लड़की मुझ पर फिदा हो गई। मैं भी उसको चोदने की फिराक में था। हमारा टांका कैसे फिट हुआ?
दोस्तो, मेरा नाम रोहित है।
मैं राजस्थान का रहने वाला हूं.
इस वेबसाइट पर मैं रोजाना नई नई कहानी पढ़ता हूं तो मेरी हिम्मत हुई कहानी डालने की!
मैं आशा करता हूं कि मेरी कहानी आपको पसंद आयेगी.
आज मैं आपको अपनी स्टोरी बताने जा रहा हूं जिसमें मैंने एक जवान लड़की की चुदाई की।
आपको गर्ल Xxx ओरल स्टोरी पढ़कर मुठ मारने का मन हुआ या नहीं, मुझे अपने कमेंट्स में बताना।
अब कहानी शुरू करते हैं।
यह बात गर्मियों की है।
उस वक्त मेरे पड़ोस में एक शादी थी।
फंक्शन एक 5 स्टार होटल में रखा गया था।
शादी करीबी थी और मुझे शादी होने तक वहीं रहना था।
जिनके घर शादी थी वह अंकल आंटी पहले ही मेरे मम्मी-पापा को बोलकर गए थे कि शादी का सारा काम रोहित को ही करना है।
उन्होंने कह दिया था कि रोहित को कुछ दिन पहले ही भेज देना।
तो मैं शादी में पांच दिन पहले ही पहुंच गया था।
मुझे अंकल-आंटी ने रहने के लिए अलग से रूम भी दे दिया था।
अंकल-आंटी की बेटी की शादी थी जिसका नाम सीमा था।
सीमा की उम्र 21 साल थी।
वह सरकारी नर्स लगी हुई थी।
देखने में वह बहुत खूबसूरत थी।
तो अब मैं आगे की बात बताता हूं।
उस दिन हल्दी की रस्म हो रही थी।
लेकिन मेरे पास हल्दी के लिए कोई कपड़े नहीं थे।
सीमा मेरे पास आई और बोली- क्या हुआ रोहित? तू अभी तक तैयार नहीं हुआ?
मैं- हां दीदी, मैं कपड़े लाना भूल गया।
सीमा- तो क्या हुआ … बिना कपड़े के ही चल ले!
वह यह बात बोलकर हंसने ली।
मुझे भी अजीब सा लगा।
मैं- क्या मजे ले रही हो दीदी, अब मैं क्या पहनूं?
सीमा- अरे पागल तू तो ऐसे भी चला आया तो सब तुझे देखते ही रह जाएंगे।
फिर वह मेरे रूम से चली गई।
कुछ देर बाद एक सुंदर सी लड़की मेरे रूम में दाखिल हुई।
उसके हाथ में एक बैग था।
उसने मुझे बैग देते हुए कहा- चेंज कर लो आप!
दोस्तो, मैं तो उसे देखता ही रह गया।
उसका रंग एकदम दूध सा सफेद था और देखने में बला की खूबसूरत थी।
उसके जाने के बाद फिर मैंने कपड़े चेंज कर लिए।
मैं तैयार होकर फंक्शन में पहुंचा।
सीमा दीदी सामने ही बैठी थी।
मैंने कान में जाकर कहा- थैंक्स!
वह बोली- अरे मैंने क्या किया है।
मैं- आपने मुझे इतनी खूबसूरत लड़की से मिलवा दिया।
कहकर मैं मुस्करा दिया।
सीमा- अच्छा, तुझे इतनी अच्छी लगी वह कि तू तो मुझे भी भूल गया!
दीदी ने आंख मारते हुए कहा।
मुझे दीदी की बात कुछ समझ नहीं आई।
फिर मैं डीजे वाले के पास चला गया। फिर देखा कि सामने वही लड़की थी।
उसके साथ एक-दो लड़की और थी।
दी और वे सब मुझे देख रही थीं और लग रहा था जैसे कुछ बातें बना रही हों क्योंकि वे सब मुझे देखकर बार बार हंस रही थीं।
हल्दी की रस्म खत्म हुई और मैं सारा काम वहां से निपटा कर अपने रूम में जाने लगा।
जाते हुए वही लड़की सीमा दीदी के रूम से झांक रही थी।
मेरे देखने पर भी उसने नजर नहीं हटाई।
मैं भी हिम्मत करके सीमा दीदी के रूम में चला गया।
उस वक्त दीदी नहा रही थी और वह लड़की रूम में सोफे पर बैठी थी।
मैंने सोचा दीदी से बात कर लेता हूं।
वह लड़की मुझे देखे जा रही थी।
इतने में सीमा भी बाहर आ गई।
वह बोली- शादी मेरी है और तुम दोनों का नैन-मटक्का चल रहा है!
फिर मैं वहां से आ गया।
देर रात को मेरा फोन बजने लगा।
सीमा दीदी का नम्बर था।
मैंने फोन उठाया तो आवाज किसी और की थी।
मुझे पता चल गया कि ये वही लड़की है।
मैंने हैलो किया तो वह बोली- मुझे आपसे मिलना था!
मैं- क्या हुआ?
वह बोली- आप मिलना नहीं चाहते क्या?
मैं- ठीक है, होटल की छत पर आ जाओ।
फिर मैं छत पर गया.
तो थोड़ी देर के बाद वह भी आ गई।
उसने सफेद कलर का कुर्ता पहना था जिस पर चुन्नी नहीं डाली थी।
एकदम मस्त छाती लग रही थी उसकी।
मेरा तो दबाने का मन कर रहा था लेकिन हिम्मत नहीं हो रही थी।
फिर हम बातें करने लगे।
उसने अपना नाम मुस्कान बताया।
मैं बोला- बिल्कुल तुम्हारे जैसा ही नाम है तुम्हारा!
फिर हम बात कर रहे थे तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया।
मुझे भी करंट सा लगा।
उसके हाथ बहुत नर्म थे।
वह मेरे होंठों को देख रही थी और मैं उसके!
दोनों के होंठ कब मिल गए पता भी नहीं चला।
हम दोनों बेतहाशा एक दूसरे को किस करने लगे।
मेरे हाथ उसके मम्मों पर पहुंच गए।
मुझे बहुत मजा आ रहा था उसके मम्में दबाने में!
मैं तो उसके होंठों में खो सा गया।
तभी हमें किसी के कदमों की आहट सुनी।
वह हटकर एकदम से नीचे की ओर चली गई।
मैंने देखा तो नीचे सीमा थी जो सीढ़ियों पर ऊपर आते-आते रुक गई थी।
सीमा फिर मुस्कान दीदी के साथ चली गई।
फिर मैं भी रूम में जाकर सो गया।
अगली सुबह मुस्कान मुझे मेरे रूम में नींद से जगाने आई।
मैंने उसे वहीं पर पकड़ लिया; मैंने उसको बिस्तर में खींच लिया और उसके मम्में दबाने लगा।
हम दोनों किस किए जा रहे थे।
मेरा हाथ चूचों से हटकर नीचे उसकी चूत की तरफ जाने लगा।
लेकिन उसने हाथ हटा दिया और रात के लिए बोलकर उठकर जाने लगी।
उसने जाते हुए मुझे मुड़कर देखा और फिर हंसती हुई चली गई।
फिर मैं उठकर गया तो अंकल ने मुझे काम से बाहर भेज दिया।
मैं 2 बजे के करीब वापस लौटा।
खाना खाकर मैं आराम कर रहा था कि तभी मुस्कान आ गई।
उस वक्त सब लोग दोपहर की नींद में डूबे हुए थे।
मुस्कान ने पीला टॉप और काली जींस पहनी थी।
वह एकदम मस्त माल लग रही थी।
पास आते ही मैंने उसको बांहों में जकड़ लिया।
हम दोनों किस करने लगे।
मैं टॉप के ऊपर से उसके मम्मों को दबाने लगा।
फिर मैं और ज्यादा उत्तेजित होने लगा तो उसके टॉप को उतरवा दिया।
अंदर से उसने सफेद रंग की ब्रा पहनी थी जिसमें उसकी चूचियां मस्त शेप में नजर आ रही थीं।
उधर मुस्कान भी आगे बढ़ने लगी।
उसने पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड को पकड़ लिया और सहलाने लगी।
फिर मैंने उसकी जींस उतारी जिसके नीचे उसने पैंटी भी सफ़ेद ही डाली हुई थी।
सफेद ब्रा और पैंटी में वह गजब की सेक्सी लड़की लग रही थी।
वह पोर्न फिल्मों की किसी हिरोईन जैसी दिख रही थी।
फिर मैं दोबारा से उसे किस करने लगा और करते हुए उसे बेड पर लिटा दिया।
मैंने उसकी ब्रा उतरवा दी और चूचियां मेरे सामने नंगी हो गईं।
मैंने उनको जोर से दबा दिया जिससे उसकी आह्ह … निकल गई।
फिर मैं दोनों चूचियों को बारी-बारी से पीने लगा।
जैसे-जैसे मैं चूचियां पीता गया उसकी सिसकारियां निकलने लगीं- आह्ह … अम्म … हम्म … आईअह्ह … उह रोहित … आह्ह!
उसकी सिसकारियों के साथ मेरा भी जोश बढ़ता जा रहा था।
उसकी चूचियों को मैंने चूस चूसकर लाल कर दिया।
निप्पल मटर के दाने के जैसे तन गए।
नीचे देखा तो चूत ने सफेद पैंटी को बीच में से गीला कर दिया था।
चूत के ठीक बीच में गीला धब्बा दिख रहा था।
मुझसे भी रुका न गया और मैंने उस गीले धब्बे को चाट लिया।
मैं होंठों से उसको चूसने लगा।
फिर मैंने धीरे से उसकी पैंटी को उतार दिया।
उतारते ही उसकी चूत नंगी हो गई।
क्या मस्त चूत लग रही थी उसकी!
मैंने चूत को सूंघा और फिर जीभ से उसको चाटकर देखा।
उसकी चूत से नमकीन रस का स्वाद मिला।
फिर मैं उसकी चूत पर टूट पड़ा।
सेक्सी चूत को मैं जीभ से जोर-जोर से चाटने लगा।
मैं उंगलियों से चूत की फांकों को हटाकर जीभ अंदर तक डालने लगा।
मुस्कान अब पागल सी होने लगी।
वह बार-बार अपनी जांघों को भींचने की कोशिश कर रही थी।
लेकिन मैं और अंदर तक जीभ घुसाने की कोशिश कर रहा था।
वह जोर से सिसकारियां ले रही थी- आह्ह रोहित … आह्ह ह्ह्ह … आराम से … अईई ईईस्स … आह् बहुत मजा आ रहा है … आह और चाटो।
बीच-बीच में मैं जीभ निकाल कर चूत में उंगली से भी चोदने लगता था।
अब मुस्कान से रुका नहीं जा रहा था।
वह बार-बार चूत को उठाने की कोशिश कर रही थी जैसे चुदने के लिए तड़प रही हो।
उसकी चूत अंदर से एकदम लाल थी।
ऊपर से गोरी और अंदर से लाल चूत बिल्कुल पोर्न स्टार की फिल्मों वाली चूत सी फीलिंग दे रही थी।
इतनी सेक्सी चूत मैं अपनी आंखों के सामने पहली बार देख रहा था।
उसे दांतों से काटकर खा जाने का मन कर रहा था।
इसलिए मैं उसे जोर से चूसता जा रहा था। मैं उसकी चूत का सारा रस पी जाना चाह रहा था।
इतने में ही उसकी चूत ने काफी सारा पानी छोड़ दिया।
वह सारा रस उसकी जांघों पर से बहने लगा।
मैंने जांघों और चूत के आसपास के हिस्से को जीभ से चाट डाला और साफ कर दिया।
कुछ देर के लिए वह शांत हो गई।
फिर मैं बोला- मुझे भी तो कुछ मजा दो।
वह मेरी तरफ देखने लगी।
मैंने कहा- मेरा भी औजार खड़ा हुआ है, इसे तुम ही शांत करोगी।
वह उठी और पैंट समेत मेरा अंडरवियर निकाल कर लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी।
आह्ह … मैं तो जैसे सातवें आसमान में उड़ रहा था।
उसका मेरे लंड पर जीभ फेरना और लंड पर मुंह को ऊपर-नीचे करना जैसे मुझे पागल कर रहा था।
लंड चूसते हुए वह फिर से गर्म होने लगी।
लंड को छोड़कर वह मेरी गर्दन को चूमने लगी, फिर मुझे पूरा नंगा करके मेरे बदन को चूमने लगी।
वह मेरे ऊपर लेट गई थी और लिपटी जा रही थी।
मैं भी दोनों हाथों से उसकी गांड को भींच रहा था।
उसकी चूत मेरे लौड़े पर टच हो रही थी।
उसके नंगे बदन से खेलने में बड़ा मजा आ रहा था; मन कर रहा था कि चोद-चोदकर उसकी चूत के चिथड़े उड़ा दूं।
उसके नर्म-कोमल बदन पर हाथ फिराते हुए मैं मदहोश सा हुआ जा रहा था।
मेरा लंड उसकी चूत पर झटकों के चांटें लगा रहा था।
अब मुस्कान ने अपने होंठ मेरे होंठों से सटा दिए।
मैं उसकी चूत को छेड़ने लगा।
वह मेरे हाथ पर बार-बार अपनी चूत को दबाने लगी।
हम दोनों अब बहुत ज्यादा गर्म हो चुके थे।
वह एकदम से जोश में आई और भूखी शेरनी की तरह मेरे लंड को खाने लगी।
मुस्कान बहुत ही तेज स्पीड में लौड़ा चूस रही थी।
मैं एक तरफ मजे में डूबा जा रहा था- आह्ह … हए … आह्ह … उफ्फ मुस्कान … इस्स मेरी जान!
दूसरी तरफ मैं हैरान भी था कि इतना अच्छा लंड कैसे चूस लेती है ये और इतनी तेजी से!
मैं तो मदहोशी में डूबने लगा।
मैंने उसको हटाने की कोशिश की क्योंकि अब छूटने का डर होने लगा था।
उसके सिर को पकड़ कर मैंने एक तरफ करना चाहा लेकिन उसने मेरे हाथ पकड़ कर हटा दिए।
मैंने फिर से हटाना चाहा लेकिन वह जबरदस्ती पर उतर आई थी, जैसे मुझे तड़पा रही हो।
चूस-चूसकर उसने मेरा बुरा हाल कर दिया और आखिरकार मेरे बदन में जोर के झटके लगने लगे।
मैंने जोर से उसके सिर को लंड पर दबा दिया।
झटके देते हुए मैं उसके मुंह में खाली हो गया।
सारा माल मैंने मुस्कान के मुंह में उड़ेल दिया जिसे वह पी गई।
फिर 10 मिनट तक मैं शांत पड़ा रहा और वह भी मेरे पास लेटी रही।
उसका हाथ अभी भी मेरे लंड पर रखा हुआ था।
धीरे-धीरे मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा।
उसने देखा तो लंड को फिर से मुट्ठी में भर लिया और लगी छेड़ने!
मैंने कहा- अब तैयार हो जाओ, चूत चोदने का मन कर रहा है अब मेरा!
मुस्कराकर उसने कहा- मुझे भी तो कब से इंतजार था!
इतने में ही मेरे फोन पर अंकल का कॉल बज पड़ा।
हम जल्दी से उठे और कपड़े पहन लिए।
वह भी बाहर निकल गई और मैं भी अंकल के पास चला गया।
दोस्तो, अभी के लिए इस गर्ल Xxx ओरल स्टोरी में इतना ही। देसी लड़की की गर्म चुदाई की कहानी का दूसरा भाग मैं जल्द ही लिखूंगा।
फिलहाल आप इस कहानी के बारे में अपनी राय मुझे जरूर दें।
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