पोर्न गर्ल फक कहानी में मैं चुदक्कड़ बन चुकी थी, मैं हर किसी से चुदने को तैयार रहती थी. मैं भाई भाभी के घर गयी तो भाई से चुद गयी, भाभी का भाई आया तो उससे भी चुद गयी.
यह कहानी सुनें.
हाय फ्रेंड्स … मैं आपकी प्यारी फ्रेंड अंकिता फिर से हाजिर हूँ अपनी कहानी लेकर!
मैंने अपनी पिछली कहानी
गांड बची पर चूत फट गयी
में बताया था कि मेरे भाई ने मुझे अपने यारों के साथ नंगी पकड़ लिया था. तो घर वालों से बचने के लिए मैं भाई से चुद गयी.
मैंने समझ लिया कि सेक्स की भूख इंसान की एक प्राकृतिक प्रवृति है और इसे कंट्रोल कर पाना नामुमकिन है.
दोस्तो, इसी तरह हम 4 लोग सेक्स किया करते रहते थे.
बीच बीच में जब कोई दूसरा लंड मिला मुझे … मैंने चुदवाया!
यह सब आपने मेरी पिछली कहानियों में पढ़ा ही होगा.
अब एक और कामुक कहानी मेरे जीवन की आपके सामने पेश कर रही हूँ.
पोर्न गर्ल फक कहानी तब की है जब मुझे भैया के घर जाना था जहां वह जॉब करते थे, भोपाल में रहते थे.
भाभी को लड़का हुआ था जिसका नाम अभी कान्हा था.
मैंने कुछ दिन स्कूल की छुट्टी ली और मैं भैया के घर के लिए निकल पड़ी.
उस दिन मैंने एकदम टाईट जीन्स और लाल रंग का टॉप पहने हुई थी.
उन कपड़ों में मैं बहुत सेक्सी दिख रही थी.
मैं चार्टेड बस में बैठी.
पापा मुझे बैठाकर चले गये.
सफ़र रात का था था, मैं सो गयी.
और सुबह भैया मुझे लेने आए.
मुझे देखकर वे खुश हो गये.
हम घर गये.
घर अच्छी जगह था शहर के अपार्टमेंट में!
भैया ने बताया कि आसपास के लोग भी अच्छे थे.
घर आकर मैंने फ्रेश होकर खाना खाया.
फिर भैया जॉब पर चले गये.
अब भाभी और मैं ही थे घर में!
दिन भर हम दोनों ने बातचीत करी और सारा दिन ऐसे ही बीत गया.
शाम को पास के गार्डन में घूमने निकली मैं!
फिर रात हुई, हम सबने खाना खाया.
तब भैया बोले- चलो तुम्हें घुमा के लाता हूँ.
भाभी नहीं गयी क्योंकि लड़का अभी बहुत छोटा था।
वैसे मैं समझ गयी थी भाई की प्लान!
भैया और मैं कार से निकले घूमने.
फिर हम होटल में गये और एक कमरा लिया.
भैया अंदर आते ही मेरे गले लग गये और बोले- कितने महीनो के बाद मुझे तुम मिली हो! मैंने महीनों से सेक्स नहीं किया है. घर पर तुम्हारी भाभी है इसलिए हम यहाँ आए हैं!
भैया ने मेरी कमर को पकड़कर अपनी छाती से लगा लिया.
और अब मैं बस उनकी आखों में लगातार देखकर शरारती हंसी हंसती रही.
फिर वे मेरे गालों पर किस करने लगे और अपने एक हाथ से मेरे चूतड़ दबाने लगे.
उनके किस करने के अंदाज़ से ही पता चल रहा था कि कितनी प्यास उन्होंने कई महीनों से दबाई हुई थी.
अब उन्होंने मेरे टॉप को उतारा और फिर जीन्स को भी उतारा.
मैंने उनका कुर्ता निकाला और फिर उनके पजामा को उनके शरीर से अलग किया.
अब मैं सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी.
उन्होंने कहा- वाह … दिखने में एकदम माल लग रही हो! वहां पर भी तुम चुद रही हो क्या?
मैंने कहा- हाँ!
फिर उन्होंने कहा- आज मेरी प्यास बुझा दो!
मैंने कहा- क्यों नहीं!
उन्होंने तुरंत मेरी गुलाबी रंग की ब्रा और पेंटी को अलग कर दिया.
मैंने भी उनका अंडरवियर को भी उतार दिया.
भाई का खड़ा हुआ लंड बिल्कुल तैयार था मेरी चूत पेलने के लिए!
अब वे लगातार मेरे होंठ चूसने लगे.
कुछ देर बाद वे बोले- अंकिता, मुझे तुम्हारा दूध पीना है.
यह बात सुनकर मैं हंसने लगी और बोली- हाँ पी लो. यह सब तुम्हारे लिए ही है. चूसो और ज़ोर से चूसो.
भाई ने मेरी चूचियां दबा दबा कर चूसी.
फिर भाई ने मेरी चूत में अपनी जीभ को डालकर चूसना शुरू किया.
वे बोले- बाल साफ किए थे क्या तुमने?
मैं बोली- हाँ मुझे मालूम था. इसलिए मेरी पूरी बॉडी पर आपको एक बाल भी नहीं मिलेगा.
इसके बाद वे मेरे बूब्स को चोदने लगे.
फिर हम 69 की पोज़िशन में आ गये और एक दूसरे के कामांगों को ऐसे ही चूसते रहे.
कुछ देर बाद भाई ने मुझे सीधी लेटाया और मेरे चूतड़ों के नीचे 2 तकिये रखे, मेरी दोनों टांगें अपने कंधे पर रखी और लंड सीधे मेरी चूत में डाला.
लंड से चूत पर ज़ोर लगने से मैं थोड़ी छटपटाई.
फिर मुझे भैया ने अपने ऊपर बैठा लिया और मेरी पीठ भैया के मुंह के सामने थी.
भैया टपाटप मुझे पेले जा रहे थे.
मैं झड़ चुकी थी.
फिर भाई ने मुझे घोड़ी बनाया और मेरे ऊपर चढ़ गये, मेरे बूब्स को दोनों हाथों से दबाने लगे.
तब भाई ने लंड की गति तेज कर दी.
मेरी चूत का पानी धीरे धीरे मेरी जांघों तक आ रहा था.
इस डॉगी स्टाइल में भाई ने बहुत जमकर चोदा मुझे!
और फिर इसी बीच भैया भी झड़ गये.
फिर वे मुझे उठाकर बाथरूम में ले गये और शावर चालू किया.
हम एक दूसरे को चूमते हुए नहाए और फिर बाहर आए, कपड़े पहने.
फिर रास्ते मैं कुछ हल्का फुल्का खाते हुए घर पर आ गये और सोने के लिये चले गये.
सुबह भैया चले गये.
मैं सो कर देर से उठी तो भाभी ने बताया कि उनके ऑफीस में कुछ ज़रूरी काम था तो उन्हें 4-5 दिन के लिए बाहर जाना पड़ेगा.
एक दिन बीतने के बाद भाभी बोली कि उनके रिश्तेदारी में कोई लड़का, उसका नाम नीरज था, एग्ज़ाम के लिए यहाँ आ रहा है.
दूसरे दिन वह आ गया.
वह देखने में ठीक ठाक ही था.
उसका सामान मेरे कमरे में ही रखवाया भाभी ने!
मैं उसके साथ आई थी.
तभी कुछ सामान लाने के लिए नीचे गयी और फिर आई.
तो वह मेरे कमरे में ही था और कपड़े बदल रहा था.
मेरे अंडरगार्मेंट्स भी वहीं सामने थे.
मैंने देखा कि वह मेरी पैंटी को सूंघ रहा था.
फिर मैं अंदर आई तो वह घूम गया और अपने कपड़ों के ढेर में मेरी पैंटी को छुपा कर बोला- अरे मैं तो बस कपड़े ही बदल रहा था.
मैंने कुछ नहीं कहा और वहां से चली आई.
फिर रात को खाना खाया.
भाभी खाना खा रही थी तो कान्हा रोने लगा तो भाभी उसे दूध पिलाने लगी.
तो नीरज की नजरें सीधे भाभी की चूची पर गयी.
मैंने उसे साफ देखा.
फिर उसने अपनी नज़र घुमा ली.
खाना खाने के बाद मैं गार्डेन घूमने के लिए नीचे आ गयी.
वह भी मेरे साथ आ गया.
घूमते हुए उससे थोड़ी बहुत बातचीत हुई.
फिर हम सोने के लिए ऊपर आए.
भाभी ने बोला कि नीरज मेरे कमरे में ही सोयेगा.
मुझे रात को हल्के कपड़े पहनने थे तो मैं बदलने लगी.
तब भी नीरज झाँक कर मुझे देख रहा था.
मैं रात को ब्रा नहीं पहनती हूँ तो मैंने सिर्फ एक टीशर्ट ही पहनी और साथ में लोवर!
फिर थोड़ी देर मैं टीवी देखने लगी हॉल में!
वह भी मेरे साथ बैठ कर देखने लगा.
भाभी अंदर सो रही थी.
कुछ देर टीवी देखने के बाद मैंने नोटिस किया कि नीरज मोबाइल में कुछ देख रहा था.
मुझे प्यास लगी, मैं पानी पीने के लिए उठी और उसके पीछे जाकर देखा तो वह पोर्न वीडियो देख रहा था.
उसका तना हुआ लंड मुझे दिख रहा था.
जब उसने मुझे उसे देखते हुए देखा तो देखकर वह हंसा और कहा- तुम भी देखो! देखने में क्या हर्ज है.
मैंने कहा- गंदे कहीं के!
उसने कहा- अच्छा मैं गंदा और तुम क्या?
“मैंने क्या किया?”
“तू भी अंदर से उतावली हो गयी है।”
“नहीं, हम लड़कियाँ तुम लड़कों जैसी नहीं होती।”
“हम लड़कों के जज्बात बाहर नजर आते हैं, क्योंकि हमारा तन जाता है। तुम लड़कियाँ गीली होती हो, पर बाहर नजर नहीं आता।”
“ऐसा कुछ नहीं होता!” मैंने कहा.
मैंने कहा- इतनी गर्मी है तो उसे निकालो मुठ मार के!
“जा के मुठ मार के आ जाओ!” मैं जोर से हंसते हुये बोली।
“तुम मार दो ना अपने हाथों से?”
“मुझे क्या जरूरत पड़ी है?”
“मैं भी मदद करुंगा ना तुम्हारी!”
“तुम मेरी क्या मदद करोगे?”
“मैं तुम्हारी आग को ठण्डा कर दूँगा।”
उसने जबरदस्ती अंडरवीयर नीचे कर के अपना लंड मेरे हाथ में थमाया।
मैं अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगी पर उसने ऐसा होने नहीं दिया।
वह अपने हाथ से मेरे हाथ की मुट्ठी बना कर अपना लंड उसमें रख कर आगे पीछे करने लगा।
मुझे नहीं लगा था कि वह इस तरह जबरदस्ती करेगा.
“तुम खुद से करोगी तो मुझे जबरदस्ती करने की क्या पड़ेगी।”
मैंने कहा- हाथ छोड़ो! प्यार का काम प्यार से किया जाता है, जबरदस्ती से नहीं!
उसे लगा कि मैं मुठ मारने के लिए मान गयी हूँ.
उसने अपना हाथ हटा दिया.
लेकिन मेरा हाथ छुटते ही … मैं भाभी के कमरे की ओर भागी.
लेकिन उसने मेरी चोटी को पकड़ लिया.
मैंने कहा- मैं भाभी को जगा दूँगी.
वह बोला- जगा दो. मैं कहूँगा कि ये पॉर्न देख रही थी मैं नहीं! और बिना ब्रा के बैठी मुझे उकसा रही थी. बात दोनों की इज़्ज़त की है!
फिर उसने मुझे दीवार के सहारे खड़ा किया, मेरे दोनों हाथों को पकड़ लिया और कहा- ज़्यादा नखरे क्यूं कर रही है?
उसे मैं भी उकसा रही थी और जानबूझकर नाटक करने लगी क्योंकि चुदाई का मूड मेरा भी बन गया था.
मैं उससे छूटना चाह रही थी तो वह मुझसे जबरदस्ती करने लगा।
मुझे दीवार से टिका कर वह चूमने लगा।
मैं उसकी पकड़ से छूट नहीं पा रही थी।
जैसे तैसे करके मैं हटी और बाहर की ओर भागी.
वह पीछे से आया और पकड़ कर मेरी कलाई को मरोड़ दिया.
मैंने गौर किया कि उनकी नज़र अभी भी मेरे स्तनों पर पड़ रही थी.
वह लगातार मेरी छाती को घूर घूरकर देख रहा था क्योंकि मेरे निप्पल उस समय उभरकर सामने आ रहे थे. मेरी निप्पल बिना ब्रा के टीशर्ट में आसानी से दिख रहे थे.
उसने मुझसे पूछा- क्यों अंकिता ब्रा नहीं पहनी है?
यह बात सुनकर मैं अपने स्तनों को देखती हुई बोली- हाँ … मैं रात को कभी कभी ब्रा नहीं पहनती!
धीरे से हम बगल वाले कमरे में आ गये.
उसने मेरे बालों में उँगलियाँ डाल दी और मेरे सर को अपने पास लाकर मुझे एक किस कर दिया और मेरे पूरे बाल खोल दिए.
मैं भी गर्म हो रही थी.
अब उसने धीरे से मुझे बेड पर लेटाया और वह खुद तुरंत नंगा हो गया.
फिर उसने मेरी शर्ट के ऊपर से ही मेरे बूब्स को दबाना शुरू कर दिया.
मैं भी ऊपर के मन से मतलब दिखावे के लिए उसे मना करने लगी.
लेकिन अंदर के मन से में उसका साथ देने लगी.
और फिर वह मुझसे लिपट गया और धीरे धीरे उसने मेरी शर्ट को पूरा निकाल दिया और मेरी नाभि को चाटने लगा.
फिर मेरे लोवर को भी उसने नीचे कर दिया.
मैं अब पैंटी में थी.
मेरा एक हाथ पकड़कर उसने अपने लंड पर रख दिया.
मैं उसे सहलाने लगी.
अब वह मेरे बूब्स के निप्पल को अपने मुख में लेकर चूसने लगा और उसने अपने एक हाथ से मेरी पेंटी को पूरा नीचे उतार दिया.
जिसकी वजह से अब हम दोनों एकदम नंगे हो गये थे.
कुछ देर बाद वह उठा और मुझसे लंड चूसने के लिए कहा.
बिना किसी हुज्जत के मैं मजे से उसका लंड चूसने लगी.
लंड चूसने के बाद उसने मुझे सीधा लेटाया.
मैंने उसके लंड के स्वागत में अपने दोनों पैरों को फैला दिया.
वह मेरी चूत के दाने को अपने लंड से रगड़ने लगा.
मैं आअहह ऊऊहह की आवाज़ करने लगी.
और अब तक मैं पूरी गर्म हो चुकी थी.
मेरी चूत को उसने नहीं चाटा.
और तभी उसने अपने लंड को मेरी चूत के छिद्र पर रखा और अचानक से एक ज़ोर का धक्का दे दिया.
जिसकी वजह मेरे मुंह से बहुत तेज चीख निकल गई.
उसने कहा- धीरे … अगर तुम्हारी भाभी ने हमें चुदाई करते देख लिया तो गड़बड़ हो जाएगी.
मेरी चीख रोकने के लिए उसने मेरी पैंटी मेरे मुंह में डाल दी.
उसका पूरा लंड मेरी चूत के अंदर चला गया था और अब वह मुझे लगातार धक्के देकर चोदने लगा था.
मैं भाभी के भाई के साथ अपनी चुदाई के पूरे पूरे मज़े लेने लगी थी.
फिर कुछ देर धक्के देने के बाद उसने मेरे पीछे से आकर मुझे अपने सामने घोड़ी बनाकर अपने लंड को मेरी चूत में डाल दिया.
मेरी चूत पूरी खुली होने की वजह से लंड बहुत आसानी से फिसलता हुआ बिना किसी रुकावट के अंदर चला गया.
पोर्न गर्ल फक से तब छप छप थप ठप पच पच की आवाजें आने लग गयी थी.
उसने पूछा- क्या इससे पहले भी कभी तुमने अपनी चूत को चुदवाया है?
मैं बोली- मैं इससे पहले भी अपने बॉयफ्रेंड से अपनी चूत की चुदाई करवा चुकी हूँ.
इसी तरह चुदाई करते हुए वह मेरे बूब्स के ऊपर ही झड़ गया.
तभी हम दोनों की नज़रें भाभी से मिल गयी. वे पता नहीं कब जाग गयी और दरवाजा भी खुला था.
हम दोनों नंगे भाभी के सामने पड़े थे.
फिर मैं उठ कर बाथरूम की ओर भाग गयी.
नीरज ने कपड़े पहने.
भाभी उस पर बहुत चिल्लाई.
और मुझसे कहा- आने दो तुम्हारे भैया को … बताती हूँ उनको!
आगे क्या हुआ वह अगली कहानी मैं बताऊंगी.
दोस्तो, आपको यह पोर्न गर्ल फक कहानी कैसी लगी?
मुझे मेल और कमेंट्स में बतायें.
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