मैंने सबको बताई मेरी चुदाई की दास्तान

माय सेक्स स्टोरी इन हिंदी मैंने अपनी सभी सहेलियों को सुनाई. मैंने उन्हें बताया कि कैसे मैं लंड के लिए तड़प रही थी और एक रात में मुझे कई लंड मिल गए और मेरे सारे छेद भर गए.

दोस्तो, मैं आपकी अपनी शबनम एक बार फिर हाजिर हूँ अपनी कहानी
गबरू ने मुझे रण्डी बना कर चोदा
से आगे की कहानी लेकर!

पिछली कहानी में गबरू नाम के मुस्टंडे मर्द ने मुझे अपने नीचे लेकर मेरी जवानी किस बुरी तरह मसल डाली थी और मेरी चुदी चुदाई चूत से खून की धार बह गई थी.

अब उसके आगे इस माय सेक्स स्टोरी इन हिंदी में जानिये कि किस तरह से मेरी कमीनी सहेलियों ने मुझे रंगे हाथों पकड़ लिया और मुझसे मेरे सारे राज उगलवा लिए.

तो हुआ यह कि गबरू से चुदवाकर और मैंनेजर का वीर्य पीकर मैं जैसे तैसे अपने कमरे तक पहुंची.

मेरी सहेलियां अभी घूमकर लौटी नहीं थीं और उनके आने से पहले मैं अपनी हवस भरी अय्याशी से सारे सबूत मिटा देना चाहती थी.
मैं बाथरूम पहुंची और अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गई.

आईने में खुद को देख कर तो मेरी गांड ही फट गई.
मेरी दोनों टांगें खून से सनी हुई थीं, मेरे मम्मों पर, पेट पर, कन्धों पर और सारे चेहरे पर गबरू के सूखे हुए वीर्य की पपड़ियां जमी हुई थीं.

मेरे मम्मे अभी तक लाल थे और फूले फूले लग रहे थे.
मुझे खुद पर ही प्यार आ गया और मैंने अपने मम्मे को एक हाथ से ऊपर उठाया और चूम लिया.

मैंने देखा कि मेरे मम्मों पर फेंका गया वीर्य जम कर सूख गया था और मेरे मम्मों पर जगह जगह उसकी पपड़ी बन गई थी.
तब मैंने अपने मम्मे पर चिपके वीर्य को एक कोने से पकड़ कर खींचा तो एक बड़ी सी पपड़ी निकल कर मेरे हाथ में आ गई.

मैं उस पपड़ी को कमोड में फेंकने वाली थी कि अचानक जाने मुझे क्या सूझा कि मैंने नाक के पास ले जाकर उस पपड़ी को सूंघ लिया.
उस वीर्य की पपड़ी से गबरू की जवानी की महक आ रही थी.
मैंने उस पपड़ी को अपनी जीभ पर रख लिया और सूखे हुए वीर्य का स्वाद लेने लगी.

मुझे काफी मजा आया तो अपने जिस्म पर जगह जगह फैले सूखे हुए वीर्य को मैं हाथों में समेटने लगी और अपने मुंह में भरने लगी.
सूखे हुए वीर्य का स्वाद बहुत ही अच्छा लग रहा था.

अचानक दरवाजे पर आहट हुई.
लगता था कि मेरी सहेलियां लौट आई थी और मैं जल्दी जल्दी में दरवाजा बंद करना भूल गई थी.
मैं कुछ समझ पाती कि तभी शकीला की आवाज आई- बाप रे, बहुत तेज मूत आ रहा है.

इससे पहले कि मैं बाथरूम का दरवाजा अंदर से बंद कर पाती, धड़धड़ाती हुई शकीला बाथरूम में घुसी और खड़े खड़े ही कमोड के ऊपर चूत से सीटी बजाते हुए मूतने लगी.
मैं हक्की बक्की सी नंगी ही शकीला के बाजू में खड़ी थी.

तभी शकीला का ध्यान मेरी तरफ गया तो मेरी खून से भरी टांगें देख कर उसकी चीख निकल गई- हायल्ला, ये क्या हो गया? किसने किया ये तेरे साथ?
मेरी सारी सहेलियां दौड़ी आईं और मुझे देख कर घबरा गईं.

मोना बोली- अरे लगता है इसके साथ जबर सेक्स हुआ है.
शकीला बोली- लगता है आठ दस लोगों ने एक साथ चोदा है इसको!
मोना बोली- तू ठीक तो है?

सुमन बोली- मैं पुलिस को फ़ोन लगाती हूँ, ये तो पुलिस केस है.
यह कह कर सुमन ने अपने पर्स से फ़ोन निकाला और नंबर लगाने लगी तो दौड़ कर मैंने उसके हाथ से फ़ोन छीन लिया.

मैं चिल्लाई- खुदा के वास्ते शांत हो जाओ रंडियो, जैसा तुम सोच रही हो ऐसा कुछ नहीं हुआ है.
शकीला बोली- अरे, आखिर हुआ क्या है कुछ तो बता. तेरी चूत से इतना खून कैसे निकल गया?
मैं हँसती हुई बोली- बस जन्नत की सैर करने चली गई थी वहीं ऐसा हाल हो गया.

मोना मुस्कुराती हुई बोली- ओहो, हम तो घबरा ही गए थे. मैडमजी तो चुदाई के मजे ले रही थीं.

सुमन बोली- रांड, हमको घूमने भेज दिया और इधर अय्याशी कर रही है. बता कितने लोग थे तेरे साथ?
मैं सुमन के गाल दबाते हुए बोली- मेरी प्यारी छिनाल, बस एक आदमी था जो अकेला कई लोगों के बराबर था. आओ इधर बैठो, सब कुछ बताती हूँ.

उन कुतियों को मेरी कहानी सुनने की इतनी ज्यादा चुल मची थी कि ना तो मुझे कपड़े पहनने दिए और ना ही खून साफ़ करने दिया.

हम सब सहेलियां बिस्तर में रजाई के अंदर घुस गईं और मैंने एक एक बात बहुत डिटेल में उनको बताई कि किस तरह से मुझे शेखर मिला जिसने मेरी जिंदगी की पहली चुदाई करके मेरा कुंवारापन ख़त्म कर दिया. फिर ड्राइवर और उसके दोस्तों ने मिलकर मेरी चूत, गांड और मुंह का बाजा बजाया. फिर किस तरह से चूतिया डेविड मिला जो हाथ लगाते ही झड़ गया और कैसे गबरू ने मेरी चुदी चुदाई चूत को ऐसा बजाया कि मेरी चूत को दिन में तारे दिखा दिए.

मेरी चुदाई की कहानी सुनकर मेरी सहेलियों की झांटें सुलगने लगी थीं और मुंह में पानी आने लगा था.

शकीला ने तो मेरे मुंह के पास मुंह लाकर मेरा मुंह सूंघ लिया और आह भरते हुए बोली- हाय, लंड की कितनी प्यारी खुशबू आ रही है इसके मुंह से!
सुमन ने मेरी चूत पर हाथ लगाया और बोली- ओह गबरू, हमें कब मिलोगे, कब हमारी चूत का भोसड़ा बनाओगे?

मोना बोली- एक बार सुनकर तो मन ही नहीं भरा, इस बार थोड़ा डिटेल में बता क्या क्या हुआ था, कैसे कैसे चुदी थी, किस किस का मुंह में लिया और किस किस का गांड में लिया?

शकीला बोली- जब पहली बार तूने शेखर का गर्म लंड अपने नर्म हाथ में पकड़ा तो कैसा लगा था तुझे?

मैंने एक ठंडी आह भरते हुए कहा- हाय, उस प्यारे लंड की गर्मी तो भुलाए नहीं भूलती. क्या मस्त लंड था और कितना गाढ़ा वीर्य निकलता था उस लंड से!
नूरी आँखें मटकाते हुए बोली- क्यों रे हरामजादी, तू तो कहती थी कि अभी अपना कुंवारापन नहीं छोड़ेगी? और अब अपनी चूत का भोसड़ा बनवा कर चली आई?

मैंने मुस्कुराते हुए कहा- क्या बताऊँ नूरी जान, मैं तो तंग आ गई थी अपने कुंवारेपन से! रोज रात को बिस्तर पर तड़पती हुई सोचती थी कि काश कोई जवान मर्द आकर मेरे मम्मे निचोड़ दे और मेरी सील खोल दे, मेरी चूत का दरिया बना दे, मेरी गांड में कुआं खोद डाले.

शकीला बोली- तो तेरी कुंवारी चूत में लंड घुसा तो तुझे दर्द नहीं हुआ?
मैंने हँसते हुए कहा- जब पहली बार अनछुई चूत में शेखर का आधा लंड घुसा तो गांड फट कर मुंह में आ गई थी. ऐसा लगा था कि किसी ने मेरी टांगों को चीर दिया है. लेकिन कुछ देर में लंड की गर्मी मिली तो आराम हो गया था.

मोना बोली- लेकिन तू तो दुबली पतली है, फिर शेखर का वजन कैसे झेला तूने?
मैंने कहा- उस मौके पर दुनिया का हर मर्द हल्का लगने लगता है. चुदाई के वजन के आगे किसी मर्द का वजन नहीं टिकता.

नूरी के मुंह में पानी आने लगा था.
अपना थूक गटकते हुए उसने धीरे से पूछा- तो शेखर ने तेरी चूत में कितनी देर तक धक्के मारे?
मैंने कहा- गिना तो नहीं था लेकिन पंद्रह से बीस मिनट तक मेरे बदन के ऊपर कूदता रहा था शेखर. हर बार शेखर अपना पूरा लंड मेरी चूत से बाहर निकालता था और फिर भक्क से पूरा लंड मेरी चूत में अंदर कर देता था. उसके हर धक्के के साथ मेरे मम्मे बुरी तरह झूल जाते थे!

मोना ने मेरा हाथ अपनी छाती पर रखा और आँखें बंद करके बोली- हाय शेखर, मेरे ऊपर भी कूद लो एक बार. हमारी चूत को भी मार डालो एक बार!

नूरी ने मोना के सर पर एक टपली मारते हुए बोला- साली इधर रंडीपना दिखा रही है और हॉस्टल में मनोज ने इसकी चूत पर लंड रखा था तो बगैर चुदवाए ही चीखते हुए भाग गई थी.
सब हंसने लगी.

मोना शर्माती हुई बोली- नहीं रे, वो तो मैं उसका कालिया नाग देख कर डर गई थी. बाद में तो कई लौंडों का लंड निगला ना मैंने, वो भूल गई तू छिनाल?
शकीला बोली- हाँ रे, मोना तो शान है हमारी. मेरे बाद बस यही एक है जो हाथी का लंड भी ले सकती है.

सब लड़कियों ने बड़े गर्व के साथ शकीला की तरफ देखा.

शकीला बोली- मेरी छोड़ो, आज की हीरोइन तो शबनम है. चल रंडी आगे बता क्या हुआ शेखर के साथ?
मैंने कहा- पंद्रह मिनट तक मुझे शेखर रगड़ रगड़ कर चोदता रहा और मेरे मम्मे चूसता रहा. मैंने भी जम कर गांड उछाल उछाल कर पहली चुदाई का मजा लिया और फिर मेरी चूत का पानी छूट गया. कुछ देर में शेखर ने मेरी चूत में अपने वीर्य की गर्म गर्म पिचकारियां मारीं तो मुझे तो ऐसा लग रहा था मानो किसी ने मेरी चूत में खौलता हुआ लावा उड़ेल दिया है. सच में बहुत मजा आया था मुझे!

नूरी मदहोशी भरी आवाज में बोली- कुंवारी चूत में वीर्य गिरता है तो कैसा लगता है?
मैंने कहा- जब पहली बार चूत में गर्म गर्म वीर्य गिरता है और वीर्य की धार हौले हौले बहते हुए बच्चेदानी के अंदर जाती है तो मानो जन्नत दिख जाती है. जी करता है कि ये पल कभी ख़त्म ना हो और कोई मेरी चूत में ऐसे ही गर्म गर्म वीर्य की पिचकारियां मारता रहे!

नूरी तड़पती हुई मेरे ऊपर गिर गई और मुझसे कस के लिपटते हुए उसने मेरे होंठ चाट लिए.

शकीला ने नूरी को खींच कर उठाया- ए मादरचोद, ये क्या कर रही है? शबनम के होंठ तो मर्दों से मसलवाने के लिए बने हैं.
नूरी उठी तो उसकी आँखों से आंसुओं की धार बाह निकली.

सुबकते हुए नूरी अपने हाथ जोड़ कर भिखारियों की तरह गिड़गिड़ाने लगी- बस करो, मैं थक चुकी हूँ ये चुदाई के किस्से सुन सुन कर! मुझसे अब इस कुंवारी जवानी का बोझ नहीं उठाया जाता!
सब लड़कियां नूरी को रोते देख कर संजीदा हो गईं.

नूरी आगे बोली- तुम सब ने जवानी के मजे लूट लिए हैं लेकिन मैं आज तक कुंवारी बैठी हूँ. मेरी चूत में आज तक एक उंगली भी नहीं घुसी. मैं भी चाहती हूँ कि कोई जवान मर्द मेरे जिस्म को निचोड़ कर रख दे, मेरे मम्मे मसल कर रख दे और मेरी चूत फाड़ कर मुझे औरत बना दे!

मोना ने नूरी को अपनी छाती से लगा लिया- रो मत पगली, हम तेरा साथ जरूर देंगे. तू गोवा में कुंवारी आई थी कली बन के … लेकिन जाएगी बड़ा सा फूल बन के, ये वादा है तेरी छिनाल सहेलियों का!
शकीला बोली- हाँ नूरी, दिल छोटा मत कर. हल्ला ने चाहा तो तुझे गोवा में एक नहीं बल्कि एक हजार लंड मिलेंगे और तू चड्डी पहनने के लिए तरस जाएगी.

मैंने कहा- देख नूरी, समय से पहले और नसीब से ज्यादा किसी को कुछ नहीं मिलता. मुझे ही देख ले, परदे के पीछे से अपनी अम्मी को मामूजान का लंड चूसते देख कर बड़ी हुई हूँ. कब से चाह रही थी कि मामू जान मुझे भी चोद डालें. लेकिन मुझे मौका नहीं मिल रहा था. लेकिन पिछले दो ही दिन में इतनी चुदाई नसीब हुई कि चूत का भरता बन गया है और मम्मे सूज कर फुटबाल हो गए हैं. हल्ला ने चाहा तो तुझे भी ऐसी भयानक चुदाई जरूर मिलेगी.

सब छिनालों ने एक साथ कहा ‘आमीन’

दोस्तो, माय सेक्स स्टोरी इन हिंदी यहीं तक थी.

मैं अब भी इस कहानी में रहूंगी और पूरी आन, बान, शान के साथ नए नए लंडों से खेलती रहूंगी.

लेकिन आगे की कहानी की हीरोइन नूरी है और नूरी ही इस कहानी को आगे बढ़ाएगी.

एक सच्ची सहेली होने के नाते हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी सहेली को भी चुदाई के वैसे ही मजे दिलवाएं जैसे हम लोगों ने लिए हैं.
हमारी कुंवारी नूरी की चूत का भोसड़ा बनाना और और उसके छोटे छोटे मम्मों को फुटबाल बनाना ही हमारा अगला मकसद है.

अगर आप लोगों में कोई ऐसा जवान मर्द है जो हमारी नूरी की चुदाई की तड़प मिटाने की ताकत रखता है तो जरूर कमेंट करे.
हमारी नूरी चुदाई के लिए मरी जा रही है और हम से उसका दर्द देखा नहीं जा रहा है.

अगली कहानी में मिलते हैं.
तब तक के लिए
तुम कितने लौड़े पेलोगे
हर लंड का पानी निकलेगा.
तुम कितनी चूतें फाड़ोगे हर चूत से पानी निकलेगा.
तेरा मेरा रिश्ता क्या
नूरी की चूत में लंड घुसा.
लंड सलाम.

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