हॉट वर्जिन गर्ल फर्स्ट सेक्स कहानी में मेरी सगी भाभी ने मेरी चूत अपने छोटे भाई के लंड से खुलवाई. मैंने भाभी को कह रही थी कि मुझे लंड चाहिए. तो भाभी मुझे अपने मायके ले गयी.
यह कहानी सुनें.
मेरा नाम कंगना सिंह है। मैं अपने माँ बाप के साथ इंदौर में रहती हूँ।
मेरे साथ मेरा बड़ा भाई भी है और भाभी भी!
मेरी भाभी का नाम मिसेज रश्मि सिंह है।
यह हॉट वर्जिन गर्ल फर्स्ट सेक्स कहानी मेरी अपनी ही है.
मैं एक डिग्री कॉलेज से पी जी कर रही हूँ।
हमारा अपना व्यवसाय है और हमें पैसों की कोई कमी नहीं है।
मैं अपनी पढ़ाई मन लगा कर करती हूँ। मैं देखने सुनने में अच्छी हूँ.
मगर एक बात है की मैं जितनी पढाई में तेज हूँ उतनी ही हंसी मजाक करने में भी!
मैं अपने कॉलेज में लड़कियों के साथ खूब मस्ती करती हूँ और सबको अपनी चुलबुली बातों से हंसाती रहती हूँ।
धीरे धीरे मैं गन्दी गन्दी और अश्लील बातें भी करने लगीं और इन बातों में मेरा साथ कुछ लड़कियां भी देतीं हैं।
कुछ तो मस्ती में आकर बीच बीच में गालियां भी देने लगीं हैं।
एक दिन एक लड़की ने कहा- तू बुरचोदी कंगना बड़ी मजेदार है यार! तू जितनी खूबसूरत है बहन चोद उतनी ही खूबसूरत बातें भी करती है।
मैंने कहा- तू मादर चोद सपना मुझसे कम है क्या? तू तो बातों से ही सबकी माँ बहन चोदती रहती है।
इसी बात पर सभी लड़कियां हंस पड़ीं।
मैं कॉलेज में लड़कियों के साथ और घर में भाभी के साथ खूब मस्ती किया करती थी।
एक दिन जब मैं कॉलेज से घर आयी तो देखा कि भाभी बिस्तर पर लेटी हुई हैं।
घर में न मम्मी थीं और न पापा।
मैंने कहा- भाभी, क्या हो गया तुम्हें? तबियत तो ठीक है न?
वह बोली- मेरी तबियत तो ठीक है पर मेरी चूत की तबियत ख़राब है।
मैंने मुस्कराते हुए कहा- क्या हुआ तेरी चूत को?
उसने तुरंत अपनी चादर हटा दी.
तो मैं उसे देख कर दंग रह गयी.
वह अंदर से बिलकुल नंगी थी, बोली- मेरी चूत में खुजली हो रही है कंगना! तू अपनी चूत इस पर रगड़ दे तो इसकी खुजली कुछ कम हो जाएगी।
इतने में वो उठी और मेरे कपड़े उतार कर मुझे नंगी कर दिया।
फिर वह मुझे लिटा कर मेरी बुर चाटने लगी और मैं उसकी बुर चाटने लगी।
हम दोनों 69 बनकर लेस्बियन का मज़ा लेने लगीं।
उसके बाद तो हम दोनों के बीच यह सिलसिला चलता ही रहा।
एक दिन भाभी जब मेरी बुर चाट रही थी तो मैंने कहा- हाय मेरी रश्मि भाभी, इसमें कोई लण्ड पेल दो लण्ड! मुझे लण्ड की बहुत जरूरत है। किसी का भी हो लण्ड भाभी उसे घुसेड़ दो मेरी हरामजादी चूत में। मेरी चूत लण्ड मांग रही है।
भाभी ने कहा- अच्छा, तू बुर चोदी कंगना लण्ड लण्ड बहुत चिल्ला रही है। पहले भी तू कई बार लण्ड की गुहार लगा चुकी है। तो चल मेरे साथ, मैं तुझे एक नहीं कई लण्ड दूंगी और तेरी चूत फड़वा दूंगी लण्ड पेल पेल कर!
बस दूसरे ही दिन भाभी मुझे अपने मायके ले गईं।
भाभी ने मुझे अपने छोटे भाई शेखर से मिलवाया और अपने पापा से भी।
उन दोनों ने मेरा स्वागत किया।
मैं भी दोनों से मिलकर बहुत खुश हुई।
शेखर से मैं पहले भी मिल चुकी थी पर तब वह जवान नहीं था।
अब तो वो एकदम मस्त जवान हो चुका था और बदन कसरती बना लिया था।
सच पूछो तो मैं उस पर मोहित हो गयी।
मेरा दिल उस पर आ गया और मैं उसके लण्ड के बारे में सोचने लगी।
उसका चौड़ा माथा और घुंघराले बाल बड़े सेक्सी रहे थे।
मुझे ये बात मालूम थी की भाभी की माँ नहीं हैं और उनको ही घर की सारी जिम्मेदारी उठानी पड़ती है।
शेखर की अभी शादी नहीं हुई थी।
वह मुझे बार बार बड़े गौर से देख रहा था।
मुझे भी उससे बातें करने में और उसके साथ घूमने में अच्छा लगने लगा।
एक दिन शाम को मैंने देखा कि भाभी उससे बड़े प्यार से बातें कर रहीं हैं.
तो मैं छुप कर सुनने लगी।
शेखर बोल रहा था- दीदी, तेरी ननद तो बड़ी सेक्सी और हॉट है।
भाभी ने कहा- अच्छा तो क्या तेरी लार टपक रही है?
वह बोला- हां दीदी, सच में टपक तो रही है। मुझे इसकी दिला दो न प्लीज? जबसे इसे देखा है मेरा लण्ड साला खड़ा है।
दीदी ने कहा- अच्छा तो तुझे उसकी चूत में लण्ड पेलने की बड़ी जल्दी है?
वह बोला- हां दीदी, अब रुका नहीं जा रहा।
भाभी ने कहा- बड़ी टाइट है उसकी चूत, एकदम कोरी है अभी तक सील नहीं टूटी है उसकी!
वह बोला- तो मैं सील तोड़ दूंगा उसकी दीदी।
भाभी ने कहा- हां ये तो मुझे मालूम है. तेरे लण्ड ने जब मेरी सील तोड़ दी थी तो इसकी तो तोड़ ही डालेगा। बड़ा जबरदस्त है तेरा लण्ड बहन चोद!
उनकी बातें सुनकर मैंने दांतों तले उँगली दबा ली।
मुझे मालूम हो गया कि भाभी अपने भाई से चुदवाती हैं।
यह जानकर मेरी चूत की आग भड़क उठी।
मेरी चूचियाँ तन गईं।
मेरी गांड फड़फड़ाने लगी।
मेरा मन हुआ कि मैं अभी शेखर का लण्ड पकड़ कर अपनी चूत में घुसेड़ लूँ।
फिर मैं बाथरूम गई, अपनी झांटें साफ़ कीं और अपनी चूत के गाल थपथपा कर बोली- आज तेरा इम्तिहान है बुर चोदी चूत! आज तुझे शेखर का लण्ड पूरा लील जाना है। शेखर की माँ चोद देनी है तुझे!
उसके बाद मैं भाभी से मिली और ऐसे बर्ताव किया कि जैसे मैं कुछ जानती ही नहीं।
भाभी मुझे देख कर मुस्कराई और कहा- कंगना, बोल भोसड़ी वाली तुझे कितने लण्ड चाहिए?
मैंने कहा- अरे भाभी क्यों मजाक कर रही हो। अभी तक मुझे एक भी लण्ड नसीब नहीं हुआ और तुम कई लण्ड की बात कर रही हो? पहले एक तो मिले बहनचोद।
उसने कहा- मिल जायेगा, थोड़ा सबर कर।
एक दिन मुझे पता चला कि भाभी के पापा दो दिन के लिए बाहर चले गए हैं और घर में अब हम तीन लोग ही हैं।
रात को 10 बजे भाभी मुझे बेडरूम में बुलाकर मुझसे लण्ड चूत बुर भोसड़ा की बातें करने लगीं।
मैं भी मादर चोद खुल कर बोलने लगी।
उसकी बातों से मेरी चूत गरम हो गई तो मैंने कहा- माँ की लौड़ी रश्मि, मुझे कोई लण्ड दो तो नहीं तो मैं तेरी माँ चोद दूंगी अभी! मुझे अब लण्ड के अलावा और कुछ सूझ नहीं रहा है।
तब तक अचानक शेखर अंदर कमरे में आ गया और बोला- मैं हूँ न कंगना!
मैं उसे देख कर स्तब्ध रह गई। चुप हो गयी मैं!
तब भाभी ने कहा- क्या हुआ कंगना … बोलो न जो बोल रही थी। इससे क्या शर्माना? इससे तो तेरा मजाक का रिश्ता है। मैंने कहा हां मजाक का रिश्ता है पर चुदाई का तो नहीं है न भाभी?
ये बात मैंने बिना सोचे कह दिया.
तो भाभी ने कहा- तो क्या हुआ कंगना … तेरी चुदाई का रिश्ता मैं बना दूंगी।
भाभी की इस बात से मेरे बदन में गुदगुदी होने लगी।
भाभी ब्रा पैंटी छोड़ बाक़ी कपडे उतारकर बीच में लेट गई अगल बगल मैं और शेखर!
शेखर केवल लुंगी में था।
मैंने भाभी की पेंटी खोल दी तो शेखर ने उसकी ब्रा।
भाभी पूरी नंगी हो गईं।
तब उसने एक हाथ मेरी स्कर्ट में डाला और दूसरा शेखर की लुंगी में!
उसके एक हाथ में लण्ड आ गया दूसरे हाथ में चूत।
मेरी नज़र लण्ड पर पड़ी तो भाभी ने फ़ौरन उसे मुझे पकड़ा दिया।
लण्ड पकड़ कर मुझे लगा कि मुझे सबसे बड़ी नियामत मिल गई।
मैंने लण्ड को कई बार चूमा उसे प्यार किया और फिर गप्प से मुंह में भर लिया।
मैं चूसने लगी लण्ड।
तब तक शेखर चाटने लगा भाभी की बुर और भाभी चाटने लगी मेरी बुर!
मज़ा ही मज़ा पूरे घर में आने लगा.
फिर मैं भी पूरी नंगी हो गयी और शेखर भी।
भाभी मेरी चूत में 3 उंगली घुसा घुसा कर चाट रही थीं।
कुछ देर में ही भाभी ने मेरी टांगें खोल दीं।
शेखर को मेरे ऊपर चढ़ा दिया और उसका लण्ड मेरी चूत के मुंह में रगड़ने लगी।
मुझे सच में बड़ा अच्छा लग रहा था.
पर तभी अचानक शेखर में लण्ड गच्च से एक ही बार में पूरा घुसेड़ दिया.
तो मेरी चीख निकल पड़ी- उई मर गई मैं … फट गई मेरी चूत! मादर चोद ने पूरा पेल दिया। हाय रे भाभी, अब क्या होगा? बड़ा दर्द हो रहा है। टूट गई मेरी सील लौड़ा पूरा घुस गया बहन चोद अंदर!
भाभी बोली- चुप रह भोसड़ी वाली. अभी तो लण्ड लण्ड चिल्ला रही थी और जब लण्ड मिला तो गांड़ फट रही है तेरी माँ की लौड़ी। थोड़ी देर रुक जा, अभी तू लण्ड लण्ड फिर चिल्लायेगी। तेरी माँ का भोसड़ा साली. अब तू बन गई है कुतिया। अब तो तुझे कुतिया की तरह चोदेगा मेरा भाई। अच्छा लगे तो अपनी माँ भी चुदवा लेना रंडी।
भाभी की गालियों से मैं और उत्तेजित हो गयी।
उधर लण्ड जब 10 / 12 बार अंदर बाहर हुआ तब मुझे मज़ा आने लगा।
फिर मेरे मुंह से निकला- साले कुत्ते, पेल दे पूरा लण्ड मेरी चूत में! चोद ले अपनी बहन की ननद की बुर! हाय रे शेखर … टूट गई मेरी सील बहन चोद। अब मुझे ऐसे चोद जैसे तू अपनी बहन चोदता है। बहन की चूत में लण्ड पेलता है। हाय रे बड़ा मज़ा आ रहा है।
फिर शेखर ने मुझे खूब जम कर चोदा और भाभी नंगी नंगी बैठी हुई मेरी कोरी चूत चुदवाने लगीं।
मैं पहली बार चुद रही थी, भाभी के सामने चुद रही थी और मेरी चूत की सील टूट चुकी थी।
मुझे सच में बड़ा मज़ा आया।
तब मुझे पता चला की चुदने में कितना आनंद आता है।
उस दिन से मेरी लण्ड लेने की इच्छा और ज्यादा बढ़ गई।
शेखर ने मुझे पहली बार में ही तीन बार चोदा।
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