हॉट अन्तर्वासनाक्स चुदाई स्टोरी में एक कॉलेज गर्ल को अपने कॉलेज के लाइब्रेरियन से चुदवाने की लत पड़ गयी. वह हमेशा चुदाई के बारे में सोचती. वह उसकी रखैल बन चुकी थी.
कहानी के पहले भाग
कॉलेज गर्ल बनी हाउस मेड
में आपने पढ़ा कि कॉलेज के लाइब्रेरियन प्रकाश ने अपने कॉलेज की एक लड़की पायल को चोद कर अपनी रखैल बना रखा था. एक दिन प्रकाश ने पायल को बताया कि वह अपनी कामवाली को चोदना चाहता है.
तो पायल खुद काम वाली बन गयी और प्रकाश के साथ रोल प्ले करने लगी.
अब आगे हॉट अन्तर्वासनाक्स चुदाई स्टोरी:
मीना- क्या आज भी आपने दवा ली थी?
प्रकाश- हां, क्यों?
मीना- मेमसाब तो है नहीं दवा निकाल के पीने को … तो आप मुझे ही पिला दीजिए।
प्रकाश ने अपनी शॉर्ट्स में से आधा खड़ा लंड निकाल लिया, मीना भी जमीन पर बैठ कर प्रकाश का लंड चूसने लगी।
मीना दो चार बार अंदर बाहर करने के बाद- ऐसे साहब जी?
प्रकाश- हां, और अंदर ले, गले तक, धार गले में नहीं गिरी, तो कोई फायदा नहीं मिलेगा।
मीना- और अंदर नहीं जा रहा साहब जी!
प्रकाश- रुक, मैं मदद करता हूं।
कहकर प्रकाश ने मीना का सर पकड़ कर अपने खड़े लंड पर दबा दिया।
मीना गु गु कर प्रकाश का लंड गले तक लेने लगी।
प्रकाश- आअह्ह मीना, मज़ा आ गया। अअह ये ले मीना … और अंदर ले!
कहते हुए प्रकाश अपने कूल्हों से झटके देते हुए मीना का गला अपने लंड से फाड़ने पर उतारू था।
प्रकाश लगातार मीना का सर अपने लंड पर दबाए बैठा था।
उसने मीना के बिखरे बाल खोल दिए और उसके बाल दबोच के उसका मुख चोदन करने लगा।
प्रकाश दूसरे हाथ से मीना का जिस्म टटोलने लगा, उसके फटे ब्लाउज के छेदों में उंगलियां डाल और फाड़ने लगा।
धीरे धीरे मीना सीने से पूरी नंगी हो गई।
मीना प्रकाश का हाथ रोकना चाहती थी पर अब वह भी अपने मालिक से मिलते जिस्मानी सुख को भोगने में विलीन होने लगी।
उसका बेवड़ा पति सिर्फ अपने सुख के लिए मीना को चोदता था, कई बार शराब के नशे में वो मीना के देवर के सामने ही मीना को नंगी होकर लंड पर कूदने को कहता।
जिस कारण मीना के देवर की भी नीयत अब मीना पर खराब होने लगी थी।
वह भी मीना को अब वासना भरी नजर से देखता था और उसे भोगना चाहता था।
खैर … मीना को अपने जीवन में यौन स्खलन प्राप्त ना कर पाने की इच्छा को प्रकाश में पूरा करने की सोची।
अब प्रकाश झड़ने लगा, उसने मीना को गर्दन से दबोचा और उसके गले में अपना वीर्य गिराने लगा- आअह ह मीना … तेरी मेमसाब की याद दिला दी तूने … अब मेरा लौड़ा बैठेगा ही नहीं जब तक इसे चूत और गांड ना मिले।
तुझे अपनी चूत भी तो तंग करानी है ना? और गांड चौड़ी करानी है, बोल मीना, बच्चे होने के बाद चूत ढीली पड़ गई होगी, तो तेरा पति क्या ही मजे करता होगा।
मीना अपना मुंह साफ करते हुए- हां साहब, चूत तो ढीली पड़ गई है. और अब तो देवर भी मेरी मारना चाहता है।
प्रकाश- तो फिर देवर को कब दे रही है?
मीना- पहले आप की दवा से कसवा लूं, फिर सोचूंगी। मेरे चूतड़ भी बड़े करने हैं, उसका क्या साहब?
प्रकाश- चूत कसने के लिए दवा चूत के अंतिम छोर तक छोड़नी होगी और चूतड़ों के लिए, गांड के छेद में। चूचियां बड़ी करने के लिए दवा के साथ साथ दबा कर मसाज भी करनी होती है।
यह कह कर प्रकाश मीना की चूचियां दबाने लगा और मीना की टांगो के बीच उफान आने लगा, उसकी चूत पिनियाने लगी।
मीना ने खुद को प्रकाश को सौंप दिया।
प्रकाश ने मीना की साड़ी में हाथ डाला तो उसकी गीली भभकती चूत लंड के लिए तरस रही थी।
मीना की चूत प्रकाश ने पकड़ कर भींच दी और उसकी भगनासा रगड़ने लगा।
इससे मीना प्रकाश की बाहों में तड़पने लगी.
एक और उसकी चूचियां प्रकाश अपने बाएं हाथ से मसल रहा था और दूसरी ओर से दाहिने हाथ से उसकी चूत का मर्दन कर रहा था।
“आह्ह साहब जी … मेरा पति ऐसा क्यों नहीं करता।”
प्रकाश- करेगा मीना … जब तू भर जायेगी तो न सिर्फ वो, पर तेरा देवर, जेठ, ससुर, ताऊ, चाचा सब तुझे चोदने को तरसेंगे, तुझे पकड़ के रगड़ेंगे, मसलेंगे, तेरी साड़ी खींचेंगे, ब्लाउज फाड़ेंगे, फिर एक एक कर तुझ पे चढ़ेंगे और तेरा गैंग बैंग करेंगे मिलकर! जितना नए लौड़ों से चुदवाएगी, उतनी खिलेगी तेरी जवानी!
मीना- सच क्या साहब जी?
प्रकाश- हां मेरी भोली मीना!
कहते हुए प्रकाश मीना पर अपना वजन डालते हुए उसे बिस्तर पर गिरा कर उसके ऊपर आ गया।
उसकी साड़ी ऊपर उठाकर, उसने मीना के टांगें चौड़ी कर दी।
“साहब, आपका औजार मेरे पति से दोगुना है, मार डालेगा मेरी चिड़िया को!”
प्रकाश- चिड़िया मरेगी तभी तो हंसिनी बनेगी.
कहते हुए प्रकाश ने मीना की चूत को फांकों को खींच के अलग किया और उसकी गुलाबी चिड़िया पर थूक कर अपना लौड़ा उस पर सेट कर दिया।
फिर मीना को मिशनरी पोज में चोदने लगा।
“आअ ह्ह्ह आआ आअह आआआ अह्ह आअ आह्ह ह साहब जी!” हर धक्के के साथ मीना की सिसकारियां बढ़ रही थी.
प्रकाश बोला- आअ आह्ह हआआ ह्हुह … मीना क्या गर्म चूत है तेरी … इसे हफ्ते में तीन बार चुदवायेगी तब जाकर एक महीने में ये तंग होगी।
मीना अपनी मरी चिड़िया के मजे लेते हुए बोली- साहब, अब मेरा पिछवाड़ा भी चौड़ा कर दो, इसमें भी अपना बम्बू डाल दो।
प्रकाश ने हरी झंडी पाकर लंड को चूत से निकाल सीधा गांड में पेल दिया।
मीना ने प्रकाश के कंधो में अपने नाखून गड़ा दिए और मजबूती से प्रकाश को पकड़ लिया।
नीचे प्रकाश एक कुशल चोदू को तरह मीना की गांड फाड़ने लगा।
उसने मीना को आड़ा लेटा दिया और उसकी एक टांग अपने कंधे पर रख ली और फिर मीना की गांड बजाने लगा।
मीना- आआआ ह्हआ आअह आआ आह ह आआ आअह्ह! साहब, दवा मेरे चूतड़ों में ही डालना!
प्रकाश ने अपनी गति बढ़ाई और मीना की चूचियां दबाते हुए उसकी गांड मारते हुए झड़ने लगा।
धीरे धीरे उसकी रफ्तार कम हुई और वह मीना पर निढाल हो कर गिर गया।
मीना- साहब, यह दवा आपको भी पूरा निचोड़ देती है।
प्रकाश हांफते हुए- और क्या … इतना आसान थोड़ी है, ऐसे थोड़ी तेरी मेमसाब इतना ख्याल रखती हैं मेरा!
दोनों ही अपनी एक्टिंग पर ठहाके मार के ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे।
प्रकाश- चल अब बिरयानी खा ले।
पायल- तुम चलो, मैं आती हूं।
प्रकाश उठकर बाहर चला गया।
और पायल मूतने बाथरूम चली गई।
प्रकाश ने बिरयानी गर्म कर प्लेट्स में अपने और पायल के लिए डाली।
“सुनो, तुम मुझसे दिल मत लगा लेना, मैं शादीशुदा हूं और पल्लवी से अलग नहीं हो सकता।” प्रकाश ने खाने के बीच कहा।
पायल- पर तुम इस रिश्ते में खुश कहां हो? तुम्हारी जरूरतें कहां पूरी हो रही हैं? वो तो मैं ही पूरी कर रही हूं ना!
प्रकाश- जरूरत और चाहत दो अलग बातें होती हैं. तुम मेरी जरूरत हो तो वो मेरी चाहत है। मैं आज भी पल्लवी को उतनी ही शिद्दत से चाहता हूं जैसे 12 साल पहले चाहता था। आज भी उसे चोद के, उसकी सिसकियां, आहें सुनके जो सुकून मिलता है, उसे भूल के आगे बढ़ना मेरे बस में नहीं। इस रिश्ते में जैसे तुम मेरे लंड की गुलाम हो, उसी तरह इस शादी में मैं और मेरा लंड पल्लवी के गुलाम हैं।
पायल- और मेरी बदलती भावनाओं का क्या?
प्रकाश- उनका क्या? नियंत्रण करो उन पर, तुम्हारे आगे पूरा जीवन पड़ा है, ये जिस्मानी भूख तो मैं शांत करता रहूंगा. पर एक प्रेमी की कमी मैं पूरी नहीं कर सकता। उसके लिए तुम्हें कोई और ढूंढना पड़ेगा।
पायल- मैं किसी और की होऊंगी तो तुमसे कहां चुद पाऊंगी, फिर तो वो ही हक जमाएगा मुझ पर … मुझे हर तरह से चोदेगा।
प्रकाश- चाहे तू किसी की भी हो जा, रहेगी तो मेरी लंड की गुलाम! जब बुलाऊंगा, तू आएगी भी और मेरे नीचे लेटेगी भी, मुझसे चुदेगी भी। चुदेगी या नहीं?
पायल प्रकाश के हक से कही इस बात पर कुछ नहीं बोली और खाना खाकर प्लेट रसोई में रखने चली गई।
प्रकाश को लगा, जैसे उसने फिर कुछ ज्यादा ही कह दिया।
अब जाने रात कैसी बीतेगी।
प्रकाश भी उठा और प्लेट रसोई घर में रख आया।
तब तक पायल बेडरूम में जा चुकी थी।
बर्तन धो कर प्रकाश भी कमरे में आ गया.
पायल नंगी हुई पलंग पर सो रही थी।
अपनी रखैल को पूरी तरह से नंगी देख प्रकाश की सांस में सांस आई कि पायल नाराज़ नहीं है।
वह भी नंगा होकर उसकी बगल में लेट गया।
पायल मुड़ी और उस से लिपट गई- मुझे चोदने का हक भी जमाते हो और कहते हो कि हमारा रिश्ता नहीं है। आज रात मैं नंगी तुम्हारी बगल में लेटी हूँ, मुझे खुद को रोकने को कह रहे हो, क्या खुद को मुझे चोदने से रोक पाओगे।
अपनी टांगें खोलते हुए पायल ने प्रकाश का हाथ अपनी चूत पर रख कर कहा- क्या करोगे जब इस गीली चूत की महक तुम्हारी मर्दानगी को मजबूर कर देगी।
पायल को प्रकाश को उकसाने में बहुत मज़ा आता है, वह देखना चाहती थी कि प्रकाश खुद पर नियंत्रण रख पाता है या नहीं।
प्रकाश- मुझे उकसाओगी तो पछताओगी … कच्छी फाड़ चुदाई याद है ना? और कल की गांड फाड़ चुदाई भूल गई क्या?
पायल- मैं और मेरी चूत कुछ नहीं भूले, पर क्या तुम भूल गए हो … तुमने मुझे अपनी रंडी बनाया है। और रंडी मालिक की हर इच्छा पूरी करती है।
प्रकाश पायल की उत्तेजना भरी बातें सुन खुद पर काबू नहीं रख सका और उसने पायल की फूली चूत को अपनी हथेली में जकड़ लिया।
“आह … हां बस यही वहशी प्रकाश पसंद है मुझे!”
प्रकाश- वहशी प्रकाश देखना है तुमको? फिर रोना नहीं बाद में?
पायल- हां वहशी प्रकाश ही चाहिए जो लड़कियों की कच्छी फाड़ चुदाई करता है, और मुंह दबा के बेपरवाह हो गांड मारता है. वही वहशी प्रकाश जो चूचों को मसल मसल के लाल कर देता है। वही वहशी प्रकाश जिसकी मैं रंडी हूं।
प्रकाश- सोच लो … अब भी वक्त है!
पायल- चाहे कितना भी रोऊं, तुम रुकना मत, मुझे अपनी रंडी की तरह चोदते रहना!
तब पायल ने सोचा कि अब गांड मार ही ली है, अब प्रकाश और क्या ही नया कर लेगा और उसका लंड कभी तो झड़ेगा, थोड़ी देर में खुद ठंडा हो जाएगा।
यह सोचते हुए पायल ने उसे और उकसाया- मेरी गांड फाड़कर लगता है कि तुम्हारी गांड भी फट गई है, कहां है मेरा वहशी प्रकाश?
प्रकाश- भोसड़ी की, साली रांड … तुझे प्यार नहीं, दनादन ठुकाई ही चाहिए! अपने दो दोस्तों से चुदवाऊंगा तुझे। असली रंडी तो तू तभी बनेगी जब तेरी दलाली होगी, तुझे लोग खरीद खरीद के चोदेंगे।
कहते हुए प्रकाश पायल के ऊपर आ गया.
उसका बलिष्ठ शरीर पायल को अपने नीचे ऐसे दबाए था जैसे शेर अपने पंजों में शिकार को दबोचता है।
उसने पायल का मुंह अपनी एक हथेली से बंद कर दिया और और दूसरे हाथ से पायल के उंगली करने लगा, पहले एक, फिर दो, फिर तीन!
पायल प्रकाश के इस रूप की दीवानी थी।
उसकी आहें गले से निकल कर मुंह में ही दब कर रह जा रही थी, चूत में समुंदर बह रहा था और प्रकाश तीन उंगलियों पर भी रुकने के मूड में नहीं था।
धीरे धीरे उसने उंगलियां बढ़ाते हुए अपनी हथेली तक पायल की चूत में डाल दी।
तड़पती पायल छटपटाने लगी, उसे लगा था गांड मार ली अब प्रकाश क्या ही नया करेगा।
पर प्रकाश इन 7 दिनों में पायल की गांड और चूत पूरी तरह फाड़ कर एक करने को आमादा था।
प्रकाश हथेली की मुठ्ठी बना पायल की चूत का भोसड़ा बनाने लगा।
पायल छटपटाती टांगों से विरोध करने लगी।
प्रकाश- अब क्या हुआ? तुम्हें तो यही वहशी प्रकाश ही पसंद है ना … क्यों उकसाती हो मेरे भीतर के दरिंदे को?
पायल दबी आवाज़ में रोने और सिसकारियां लेने लगी।
पर प्रकाश नहीं रुका क्योंकि पायल ने शुरू में कहा था कि उसके रोने पर रुकना नहीं है।
प्रकाश तब तक पायल की चूत में उंगली की जब तक वह झड़ झड़ कर थक नहीं गयी।
पौने घंटे तक प्रकाश भी पायल का भोसड़ा बना के थक गया था, पर उसका लंड एक मीनार की तरह सीधा खड़ा चुदाई का इंतजार करते हुए छत की और देख रहा था।
पायल की हलचल कम होते देख उसने पायल और उसकी प्यासी चूत को बक्श दिया और बगल में पायल की चूत रस से नहाई मुट्ठी लेकर लेट गया।
प्रकाश गहरी सांस लेते हुए- आया मज़ा वहशी प्रकाश को देख के?
पायल- बहुत आया … अब तो बस तुम्हारी मुट्ठी ही मेरी चूत को झाड़ पाएगी।
यह कहती हुई पायल उठी और सलामी देते प्रकाश के लंड को मुंह में भर लिया।
प्रकाश- तू चिंता मत कर, रोज कॉलेज में तुझे नंगी करके तेरी चूत का भोसड़ा बनाऊंगा. और तू रोज अपने मुंह से मेरे लंड की सेवा करेगी।
पायल- मैं तो अपने हर छेद से तुम्हारी सेवा करूंगी।
कहती हुई पायल अपनी फटी और भोसड़े जैसी खुली चूत के साथ प्रकाश के लंड पर बैठ गई।
प्रकाश- आआ आह … साली रंडी अभी भी तेरी प्यास नहीं बुझी?
पायल- मेरी अतृप्त चूत सिर्फ तुम्हारे लंड से ही शांत होती है.
यह कहकर पायल अपनी कमर हिलाते हुए प्रकाश के लंड की कुशलता से सवारी करने लगी।
अपनी कमर आगे पीछे करते हुए, उसने अपना वजन हाथ के सहारे पीछे की और प्रकाश की टांगों पर कर दिया।
अब प्रकाश को पायल की भगनासा साफ दिखने लगी.
उसने उसकी भगनासा पर अपना अंगूठा लगा दिया और पायल को जिस्मानी सुख का अनुभव कराने लगा।
प्रकाश पायल से चुदते हुए- तेरी चूत नहीं आग है, हर लंड को जलाने पर आमादा है तू, इतनी गर्मी है तेरे अंदर!
पायल- आह आआ आह!
प्रकाश- हां ले और अंदर, झड़ मेरे लंड पर!
उसने नीचे से धक्के देते हुए कहा.
हॉट अन्तर्वासनाक्स चुदाई का मजा लेती हुई पायल अपने चरम सुख में खोई कुछ बोलने की हालत में नहीं थी।
प्रकाश लगातार उसकी भगनासा रगड़ता रहा और पायल भी अपनी कमर हिलाती तेजी से प्रकाश के लंड को चोदती रही.
कुछ ही देर में पायल झड़ कर निढाल पड़ गई और प्रकाश पर गिर गई।
पर प्रकाश नहीं झड़ा था, उसने थोड़ा आराम करने की सोची।
प्रकाश ने भी उसके नंगे और पसीने में भीगे जिस्म को अपनी बाहों में भर लिया।
उसका लंड अभी भी कड़क था.
पायल की खुली चूत में उसे मज़ा तो बहुत आया, पर चरम सुख की प्राप्ति नहीं हुई।
वह फिर से पायल की गांड मारना चाहता था।
दोनों थके हुए थे.
जाने कब दोनों की आंख लग गई और दोनों एक दूसरे की बाहों में सो गए और धीरे धीरे प्रकाश का लंड भी शिथिल पड़ गया।
आप हॉट अन्तर्वासनाक्स चुदाई स्टोरी पर अपने विचार कमेंट्स और मेल में मुझे बताएं.
धन्यवाद.
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