हवस सेक्स की लंड की मेरे अन्दर इतनी भरी थी कि पोर्न फिल्मों में विदेशियों के बड़े लंड देख कर मैं विदेश चली गयी चुदाई का मजा लेने पढ़ाई के बहाने से!
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Audio Playerमेरा नाम दीपाली है और मैं 19 साल की भरपूर जवान लड़की हूँ.
मेरी हवस सेक्स की उतनी है कि मुझे ऐसे मजबूत और बड़े बड़े लौड़े पसंद आते हैं जो मेरी चुत में अन्दर जाकर मेरे फेफड़ों तक पहुंच जाएं.
हाय रब्बा, इतना बड़ा और सख्त कद्दावर लौड़ा ढ़ूँढना बहुत मुश्किल काम होता है इसलिए मैं लौकी से काम चला लेती हूँ.
लौकी एक सब्जी होती है, यह तो आप सबको पता ही है.
मैं हमेशा मस्त पतली और लम्बी लौकी ही खरीदती हूँ. सिर्फ और सिर्फ अपनी हवस बुझाने के लिए.
पतली लम्बी लौकी चुत में ऐसे जाती है कि आह जन्नत का सुख मिल जाता है.
रात को जब सब सो जाते हैं तो मैं लौकी निकाल कर उस पर खूब सारा तेल लगा कर चिकनी कर लेती हूँ और उसे चुत में रगड़ रगड़ कर अन्दर बाहर करके खूब जम कर हाथ चलाती हूँ.
कसम से बहुत ही मजा आता है.
लौकी मेरे पेट में तक चली जाती है, तो उस वक्त मुझे समझो जन्न्त मिल जाती है.
मेरी चुत से इतना गाढ़ा पानी निकलता है कि पूरी लौकी भीग जाती है और लौकी से चुत रगड़ते रगड़ते मेरा हाथ तक दुखने लगता है.
मुझे लंड की इतनी प्यास है कि हाय क्या ही बताऊं.
हाय ये जवानी … दिल करता है कि कोई कड़ियल मर्द मुझे कुतिया बना कर मेरी गांड पकड़ कर कस कसके मुझे इतना ज्यादा चोदे कि मेरी चुत का भोसड़ा बन जाए.
एक बार मैंने ब्लू फिल्म देखी, तो उसमें मुझे समझ आया कि विदेशों में बड़े बड़े लंड वाले मर्द होते हैं.
उस फिल्म में मैंने विदेशों के 6-6 फिट के लम्बे तगड़े चौड़ी छाती वाले और बड़े मूसल जैसे लौड़े वाले मर्द देखे तो मेरी चुत चुनचुना गई.
बस उस फिल्म को देखने के बाद ही मैंने विदेश में पढ़ाई के लिए जाने का सोचा.
घर में पैसे की कोई कमी नहीं थी तो मैं विदेश में पढ़ने चली गई.
मैंने वहां के स्कूल में दाखिला ले लिया और गोरे गोरे लड़के ताड़ने शुरू कर दिए.
फिर स्कूल में एक सबसे लम्बा पहाड़ जैसा गोरा लड़का मुझे भा गया.
मैं केवल 5 फिट की हूँ और वह 6 फिट का गबरू जवान मर्द था.
वहां की सब गोरी लौंडियां भी उसके आगे पीछे घूमती रहती थीं.
मैं सोच रही थी कि पता नहीं कैसे इसे पटा पाऊंगी! शायद इसे भारतीय लड़कियां पसंद आएंगी भी या नहीं?
फिर कैसे भी करके मैंने उससे दोस्ती कर ली.
वह विदेशी लड़का बहुत ही हॉट और मस्त बॉडी वाला था.
हम दोनों अंग्रेजी में बात करते.
अब वहां तो सब खुले आम होता है, इण्डिया जैसा नहीं है.
मिलते ही वह मुझे होंठों पर चुंबन कर लेता था और मैं भी छोटी होने के कारण उसकी बांहों में झूल जाती और उसके लौड़े से अपने पेट को रगड़ने लगती.
वह भी समझ गया था कि यह छुटकी उसके लौड़े के लिए मर रही है.
एक दिन वह मुझे अपने घर ले गया.
अपने कमरे में पहुंच उसने अपनी शर्ट निकाल दी.
हाय मैं तो देखती ही रह गई, उसका मदमस्त कर देने वाला चौड़ा सीना एकदम कसा हुआ … किसी पहलवान के जैसे था.
उसके हाथों की नसों का उभार देख कर मेरी चुत फड़कने लगी थी. उसकी हरी हरी नसें शरीर के बाहर से दिखाई दे रही थीं.
उसके डोले भी ताकतवर थे.
उसका नाम केवीन था. उसकी बॉडी से मर्दाना खुशबू आती थी, जो मेरे अन्दर की रंडी को आग लगा रही थी.
केवीन के सिक्स पैक बहुत ही कातिल थे.
मेरी चुत से रस छूटने लगा था और मेरी सांसें भारी होने लगी थीं.
फिर वह मेरे करीब आया.
हमने किस की.
सहसा उसने अपना पैंट निकाल दिया.
हाय तौबा … उसका लंड नौ इंच का एकदम तड़तड़ाता हुआ अकड़ कर सामने आकर सलामी देता हुआ फनफनाने लगा था.
उसके मोटे लंड का सुपाड़ा मस्त गोल गोल लॉलीपॉप जैसा था, एकदम गोरा लंड मैं पहली बार सामने से देखा था.
मैंने उसके लंड को दोनों हाथों में ले लिया और मुँह में लेकर चपक चपक चूसने लगी.
उसका गोरा चिट्टा लंड चूसने में मुझे बहुत मजा आ रहा था.
मैं अपने दोनों हाथों से लंड की मसाज करने लगी.
इतना बड़ा लंड मेरे गले में नहीं जा पा रहा था.
मैं उसके लंड के सुपाड़े को पागलों की तरह मुँह में लेकर चूसने लगी. सच में खूब कड़क लंड था.
मैं तो यह सोच कर ही पागल हो गई कि जब ये चुत में जाएगा तो मैं मर जाउंगी.
फिर उसने मुझे लेटा दिया और हौले से अपना लंड मेरी नन्हीं सी चुत में डालने लगा.
शुरू में उसने धीरे धीरे धक्के मारे, मगर फिर बेदर्दी पूरा का पूरा लंड अन्दर डाल कर धकापेल चोदने लगा.
हाय मैं आंखें मूँद कर चुदने का मजा लेने लगी.
मेरे कंठ से कामुक सिसकारियां निकलने लगीं- आह अहा ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह हाय ह्ह्ह उई मां, चोद साले मुझे … फक मी मादरचोद … आह साले भूरे लंड चोद मुझे … आह!
उसे हिन्दी में मेरी गालियां समझ में नहीं आ रही थीं, पर वह इतना जरूर समझ गया था कि मैं मस्त होकर चुदवा रही हूँ.
वह भी जानवरों की तरह मेरी चूत पर टूट पड़ा और ऐसे चोदने लगा जैसे चिड़िया की गांड में हाथी का लंड घुसा हो.
मैं मस्ती से उछल रही थी. मेरे बोबे भी पूरी मस्ती से उछल रहे थे.
मैं तो बहुत ही डर गई थी उसकी मर्दानगी से, वह बहुत ही जोर लगा कर हथौड़े की तरह अपने लंड को चुत पर चलाता हुआ मुझे चोद रहा था.
मेरी आंखों में नशा सा छा गया था.
चिकनी पानीदार चुत में कड़क लंड, बाप रे … ऐसा मजा आ रहा था कि मैं हाथ पैर फटकारने लगी थी.
फिर मैं उसके ऊपर आ गई.
मैं उसके लंड के ऊपर आकर अपनी गदरायी गांड हिला हिला कर उसे चोदने लगी.
उसका लंड मेरी चुत को चीरता हुआ अन्दर तक चला जाता और मेरी चुत से फटाक फटाक फच फच की आवाजें आने लगतीं.
शुरू शुरू में मुझे बहुत दर्द हो रहा था, फिर मेरी चुत की दीवारों से रस झड़ने लगा तो लंड सटासट चलने लगा और मेरा सारा दर्द गायब हो गया.
उसके हथौड़े जैसे लंड ने मेरी बुर को लाल लाल कर दिया था.
मेरे दोनों चूचे दबा दबा कर वह नीचे से अपनी गांड उठाता हुए किसी पगलाए सांड की तरह धक्के मारे जा रहा था.
साला भेन्चोद, रुकने का नाम नहीं ले रहा था.
ऊपर रह कर मैं न जाने कितनी बार झड़ गई होऊंगी. मैं गजब की कांप रही थी.
अचानक से उसने मुझे अपनी गोद में उठा लिया.
उसकी कद्दावर बांहों में मैं किसी छोटी बच्ची जैसी लग रही थी.
मुझे गोद में लेकर उसने मेरी गांड पकड़ ली और चुत का भोसड़ा बनाने वाले झटके दे देकर चोदने लगा.
लगातार इसी तरह दो घंटे तक वह मुझे अलग अलग पोज़ में चोदता रहा.
आखिर उसका पानी भी निकल गया. उसका माल इतना सारा निकला था कि मेरा पूरा मुँह भर गया था.
वह सब माल मैं पी गई.
उसके बाद से तो मुझे विदेसी लंड की जैसे लत ही लग गई थी.
काले गोरे हब्सी सभी बड़े बड़े लौकी जैसे लंड वाले मर्दों को ढूंढ ढूंढ कर उन सबको मैंने खूब चोदा और उनसे खूब चुदवाया भी.
आज मैं 38 साल की हो गई हूँ.
आज तक मैंने 200 से भी ज्यादा लंड अपने फेफड़े तक डलवाये हैं.
लंड मुझे ऐसा पागल करते हैं कि मैं सभी लंड को काट कर कच्चा ही खा जाऊं.
लंड ले लेकर मेरी गांड गोलमटोल हो गई है. मेरी चाल इतनी सेक्सी हो गई है कि जब चलती हूँ तो भी अन्दर लंड रगड़ता हुआ महसूस करती हूँ.
मैं पूरी तरह से लंड खोर रंडी बन गई हूँ.
फिल्म देखने जाती हूँ तो सलमान, जॉन की बॉडी स्क्रीन पर देखते ही मेरे नीचे से तो जैसे रस की धार बहने लगती है.
सेक्स हवस के मारे लंड का भूत ऐसे सवार हो गया है कि मुझे सपने में भी बड़े बड़े लंड ही नजर आते हैं.
जब मेरी पहली बच्ची पेट में थी, तब भी उसका लात मारना, उसकी हलन चलन मुझे बहुत ही ज्यादा उत्तेजित कर देती थी. रात रात भर मेरी चुत से रसधार निकलती रहती थी.
जब वह निप्पल अपने मुँह में लेकर दूध पीती, तब भी मैं कामुक हो जाती थी.
फिर मुझे शर्म भी बहुत आती थी कि आखिर मैं इतनी हवस से भरी हुई औरत क्यों हूँ?
मैंने कई सहेलियों से भी पूछा भी कि क्या वे भी मेरी तरह महसूस करती हैं.
उन्होंने भी कहा कि हां, उनको भी ऐसा ही अनुभव हुआ है. खास कर जब पेट में बच्चा हो तो!
मेरी एक सहेली को तो चुदवाने की जैसे लत ही पड़ गई थी.
महीने के आखिरी दिनों तक वह पति से चुदवाने को कहा करती थी.
लेकिन उसका पति डर जाता था, तो वह हर रोज रात को अपनी बीवी की सिर्फ चुत चाट देता था.
ये सब खुद सहेली ने ही मुझे बताया था.
ये सब औरतों के अनसुने, अनकहे राज हैं. ये किसी को नहीं कहने चाहिये. ये सब हर औरत को कभी ना कभी होता ही है.
कुछ अपने संस्कारों की वजह से चुप रहती हैं, तो कुछ मेरे जैसी कंट्रोल नहीं कर पाती’ और बेलन, लौकी से मजा ले लेती हैं.
मर्द होना भी कोई आसान काम नहीं है, शुरू से लेकर पानी छूटने तक लगातार धक्के मारते रहना पड़ता है.
वे थक जाते हैं, उन्हें पसीना आ जाता है, फिर भी लौडियां बकती रहती हैं कि पति प्यार नहीं करता.
अरे बेचारा तुझे चोद चोद कर थक जाएगा तो नींद तो ही आएगी ना!
लेकिन औरत का क्या, वह तो बस बेड में पड़ी रहती है.
औरत को भी एक्टिव होना चाहिये, पति का लंड और उसके गोटे चूस चूस कर उसे ऐसा पागल कर देना चाहिये कि वह कभी चीटिंग ना करे.
बेडरूम में संस्कार को भूल ही जाना चाहिए और पूरी तरह से रंडी बन जाना चाहिए.
आप मेरी बातों से कितना इत्तफाक रखती हैं या रखते हैं, प्लीज मेरी हवस सेक्स कहानी पर कमेन्ट करके जरूर बताएं.