पड़ोसी किरायेदार लड़की के साथ सेक्स किया

गरम लड़की चुदाई कहानी में मैंने एक दिन पड़ोस की एक लड़की को छत पर चूत में उंगली करते देखा तो मैं उसके पास चला गया. वह भी बिंदास निकली और सेक्स की ऑफर कर दी.

मेरा नाम संजय है, मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ और देखने में काफी खूबसूरत हूँ.
मेरी हाईट 5 फुट 6 इंच की है और मेरा लौड़ा 6 इंच का है.

हमारे घर के पड़ोस में पहली मंजिल पर एक लड़की अकेली किराये पर रहती थी.
पड़ोसी की पहली मंजिल में एक ही कमरा था इसलिए बाकी की छत खाली थी … मेरा मतलब खुली थी.

हमारे घरों के बीच में कोई दीवार नहीं थी.

एक दिन रात को मैं 2 बजे के करीब छत पर गया.
तो मैंने देखा कि स्वाति (जो किराये पर अकेली रहती थी) खुली छत पर कुर्सी पर बैठी हुई मोबाइल में ब्वॉयफ्रेंड को देख रही थी और अपनी चूत में उंगली चला रही थी.

यह गरम लड़की चुदाई कहानी इसी लड़की की है.

मैं धीरे धीरे उसकी कुर्सी के पास गया और उससे पूछा- क्या कर रही हो?
तो उसने जल्दी से मोबाइल बंद कर दिया और चूत में से उंगली बाहर निकाली.

वह हकलाती हुई बोली- क..कुछ नहीं!

मैं समझ गया था कि उसे अब सेक्स करने के लिए कोई मर्द चाहिए तो मैंने पूछा- मैं कुछ हेल्प कर दूँ वह सब करने में?
पहले तो वह शर्मा कर अपना चेहरा छुपाने लगी.

फिर अचानक से बिंदास होकर बोली- इतने दिन से कहां था, मैं 12-13 दिन छत पर तेरे आने का इंतज़ार कर रही थी और तू आज आया है!
मैंने कहा- चल आज तो आ गया, अब तेरा सब कुछ ठीक हो जाएगा!

इतना कह कर मैंने उसे हाथ से पकड़ कर उठाया तो वह मुझे अपने साथ कमरे में ले गयी और कमरे का गेट बंद कर दिया.

अन्दर जाते ही मैंने उसके होंठों को किस किया और उन्हें चूसने लगा.
वह भी मेरे होंठों को चूस रही थी.

फिर हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े खोले और नंगे हो गए.
मेरा लंड खड़ा था और उसके हाथ में था.

फिर मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसके बूब्स को चूसने और काटने लगा.
वह भी गर्म हो गयी और मेरे लंड को जोर जोर से हिलाने लगी.

फिर मैं भी उसकी चूत चाटने लग गया और वह भी मेरा पूरा लंड अपने मुँह अन्दर बाहर कर रही थी.

कुछ देर बाद मैं झड़ गया.
मैंने अपना रस उसके मुँह में छोड़ दिया और वह मेरा पानी गटक गयी.

कुछ देर बाद वह भी झड़ गयी और मैंने उसकी चूत के पानी की एक एक बूंद को चाट कर साफ कर दिया.

मैंने पूछा- मजा आया?
वह हंस कर बोली- तू बता कि तुझे मेरे मुँह में देकर मजा आया?

मैंने कहा- हां साली … तू तो बड़ी वाली रांड निकली!
वह हंस दी और बोली- मैं रांड नहीं हूँ … बस जवानी की आग में जल रही हूँ!

मैंने कहा- इससे पहले किसका मुँह में लिया था?
वह बोली- इससे तुझे क्या लेना देना है!

मैंने कहा- मुझे झांट फर्क नहीं पड़ता है कि तू किसका लंड मुँह में लेती है और किसका अपनी बुर में लेती है!
वह बोली- हां तो मुझे भी अपनी चूत की आग बुझवानी है, तू किसकी लेता है या नहीं लेता है … इससे मुझे भी झांट असर नहीं पड़ता है!

इस तरह की बातों से यह बात साफ हो गई थी कि हम दोनों ही जवान थे और जवानी का मजा लूटना चाहते थे.
हम दोनों में से किसी को लव-फव का लफड़ा नहीं लेना था.

इसके बाद मैंने उससे पूछा- सिगरेट है क्या?
वह बोली- दारू भी है, पिएगा?
मैंने कहा- हां निकाल … दारू से तो डबल मजा आ जाएगा!

वह दारू की बोतल निकालती हुई बोली- कौन से डबल मजे की बात कर रहा है!
मैंने हंस कर कहा- तूने कौन से डबल मजे की बात समझी!

वह भी हंस दी और बोली- पिछवाड़े की तरफ सोचना भी मत … आगे का ही छेद ले ले … बस!

मैंने कहा- अच्छा आगे का मजा लेने में भी तो डबल मजा आएगा. एक मजा दारू का और दूसरा मजा तेरी चूत चुदाई का!
वह गिलास पकड़ाती हुई बोली- हां वह मजा तो है. चल चीयर्स!

मैंने जाम टकराए और सिप लेने लगा.
जल्दी ही एक एक पैग खत्म हो गया.
उसके बाद मैंने दूसरा पैग बड़ा और नीट बनाया और एक ही गिलास में बनाया.

वह समझ गई कि एक गिलास से ही दोनों पियेंगे.

गिलास से दारू का घूंट लेकर मैंने अपने मुँह में भरी और उसके मुँह से मुँह लगा कर दारू उसके मुँह में ट्रांसफर कर दी.
वह खुश हो गई और इसी तरह से हम दोनों दारू का मजा लेने लगे.

कुछ देर बाद मैंने सिगरेट सुलगाई और उसे अपनी गोदी में ले लिया.
अब उसके दूध से दारू टपकाते हुए मैंने दूध चूसते हुए दारू पी, तो वह गर्म आह निकालने लगी.

वह बोली- तूने तो यार मजा दे दिया. ऐसी चुदाई का मजा शायद ही जीवन में कभी मिलेगा!
मैंने कहा- जब तक तुझे मेरा साथ मिलता रहेगा, तब तक हर बार तुझे चुदाई का एक नया अनुभव करवाऊंगा … बस तू बिंदास सेक्स का मजा लेना. पीछे मत हटना!

वह बोली- समझ गई कि तू कितना बड़ा हरामी है. तू यह कहना चाहता है कि तू मेरी गांड भी मारेगा तो भी मैं बस मजा लूँ!
मैंने उसके दूध को खींच कर चूसा और छोड़ते हुए कहा- एकदम सही पकड़ी है मेरी कुतिया रंडी!

वह हंसने लगी और बोली- चल पैग खत्म कर, अब चूत की खुजली मिटा दे जल्दी से!
मैंने कहा- ओके.

दारू खत्म करके हम दोनों बिस्तर पर आ गए.
थोड़ी देर हम दोनों बेड पर एक दूसरे के ऊपर पड़े रहे.

अब मैंने उसकी जांघें चौड़ी की और अपना खड़ा लौड़ा उसकी चूत से रगड़ने लगा और चूत के छेद में लंड को सैट करके जरा सा धक्का लगा दिया.

चूँकि चूत एकदम नयी थी इसलिए मेरा सिर्फ टोपा ही अन्दर जा पाया था.
वह दर्द से तड़प रही थी.

फिर मैंने एक और झटका लगाया तो किस्मत से मेरा लौड़ा उसकी सील तोड़ता हुए पूरा अन्दर चला गया.
अब उसकी चूत से खून निकल रहा था और वह दर्द से तड़प रही थी, इसलिए मैं ज्यादा नहीं हिला और यूं ही उसके ऊपर चढ़ा रहा.

मैं उसके एक दूध को चूसता रहा और दूसरे को मसलता रहा.
साथ ही मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए थे और उसे चूमने की कोशिश करता हुआ ऐसे ही लेटा रहा.

जब वह सामान्य होने लगी तो मैंने उसके दोनों बूब्स को जोर पकड़ कर अपने लौड़े को धीरे आगे पीछे करना चालू किया.

वह सामान्य हो गई तो मैंने कहा- सॉरी डार्लिंग तुम वर्जिन थीं, यह मुझे नहीं मालूम था!
वह हंसी और बोली- ओके हनी … मैं अभी भी किसी तरह का लव फव का लफड़ा नहीं चाहती हूँ!

इस बार मैं चुप रहा.

वह बोली- चुप क्यों हो गया?
मैंने कहा- अभी चुदाई का मजा लेते हैं … बाकी की बकचोदी बाद में करते हैं!
वह भी चुदाई का मजा लेने लगी.

करीब दस मिनट बाद वह झड़ गयी और उसके बाद मैं भी उसकी चूत में ही झड़ गया.
अब हम दोनों निढाल हो गए थे इसलिए मैं अपना पूरा लौड़ा उसकी चूत में रख कर लेट गया.

कुछ देर बाद लंड खुद ब खुद चूत से बाहर आ गया.

आधा घंटा बाद उसकी चूत दोबारा से गर्मा गयी, वह मेरे लंड को सहलाने लगी.

इस बार मैंने उसे कुतिया बनाया और पीछे से अपना लौड़ा उसकी गांड में देने लगा.
वह मना करने लगी और अपने हाथ से लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद में सैट करने लगी.

मैंने दो तीन झटकों में पूरा लौड़ा उसकी चूत में पेल दिया और अब मैं उसकी कमर पकड़ कर तेज तेज आगे पीछे होने लगा.
गजब मजा आ रहा था और वह भी कुछ देर बाद अपनी गांड को लंड के अनुसार आगे पीछे करतो हुई चुदाई का मजा लेने लगी.

कुछ देर के बाद मैं झड़ गया और अपना सारा वीर्य उसकी चूत में अन्दर तक छोड़ा, जो उसकी बच्चेदानी तक चला गया था.

उसके बाद दारू के दो दो पैग लेने के बाद वह खुद से बोली- अब पीछे से भी आ जा!
मैंने उसकी गांड में चिकनाई लगाई और काफी मशक्कत के बाद उसकी गांड भी फाड़ दी.

उस रात हम दोनों ने तीन बार आगे सेक्स किया और दो बार पीछे से चुदाई का मजा लिया.
हर बार मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी गांड या चूत में ही छोड़ दिया था.

फिर मैं उसकी गांड में लंड डालकर पड़ा रहा और उससे चिपका हुआ सो गया.
वह भी मेरे साथ सो गयी थी.

सुबह 9 बजे तक हम दोनों बेसुध पड़े रहे.

हम दोनों ने ऐसे दो दिन तक सेक्स किया और अब हमारे बीच गाहे बगाहे कभी भी सेक्स होने लगता था.

एक दिन मुझे मुहल्ले की एक आंटी ने देख लिया और बस तूफान खड़ा हो गया.

लड़की की बदनामी का खतरा था तो मैंने उससे कमरा बदल लेने के लिए कहा क्योंकि उसकी शादी की बात चल रही थी.

वह भी मामले कि गंभीरता को समझती हुई कमरा खाली करके वहां से चली गयी.
मैं मौक़ा देखकर उसे उसके नए कमरे पर भी चोद आता था.

अगले महीने में उसकी शादी हो गयी और वह अपनी ससुराल चली गयी.

हम लोग वीडियो कॉल पर एक दूसरे से बात किया करते थे.
एक दिन उसने मुझे दिखाया कि वह अब प्रेग्नेंट है और मेरे बच्चे की मां बनने वाली है.

वह बहुत खुश थी.
कुछ महीने बाद उसने एक बेटे को जन्म दिया, जो हमारी मेहनत का फल था.

स्वाति के ससुराल वाले भी बहुत खुश थे क्योंकि वे सोच रहे थे कि यह उनका खून है, परंतु सच्चाई कुछ और थी.

उसके बाद से लेकर अब तक हम वीडियो कॉल पर नंगे होकर मुठ मार लेते थे.
उससे मुलाकात होने पर मैं उसे दूसरी बार मां बनाने की सोच रहा हूँ.

आगे की सेक्स कहानी आपके कमेंट्स मिलने के बाद लिखूँगा.

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