मकान मालकिन की जवान बेटी की चुदाई

देसी गर्ल चुदाई स्टोरी में मेरी मकान मालकिन कुछ दिन के लिए गाँव गयी. पर उसकी जवान बेटी कॉलेज के कारण घर पर रही. मैं पहले से ही उसे चोदना चाहता था.

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम राहुल है। मैं लखनऊ यूपी का निवासी हूँ।

यह देसी गर्ल चुदाई स्टोरी आज से छह महीने पहले की है, जब मैं मेरठ में रहता था।

मैं वहाँ इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था और हॉस्टल के बजाय एक प्राइवेट रूम में रहता था।

जिस मकान में मैं रहता था, वहाँ मकान मालकिन अकेली थीं, उनके पति नहीं थे।
उनकी एक बेटी थी, जिसका नाम सोना था।

वो बेहद आकर्षक और खूबसूरत थी।
उसका फिगर गठीला था, खासकर उसकी गोल और भरी हुई गांड, जो उसे चलते वक्त और भी लुभावनी बनाती थी।

उसे देखते ही मेरा मन मचल उठता था।
मैं अक्सर सोचता था कि काश मुझे उसका साथ मिले।

ये खयाल मन में आते ही मैं अपने कमरे में एकांत में खुद को शांत करने की कोशिश करता था।

दोस्तो, मैं हर वक्त उसे अपने करीब लाने की योजना बनाता रहता था।

एक दिन मकान मालकिन अपने गाँव गई हुई थीं।
सोना अपने कॉलेज के कारण माँ के साथ नहीं गयी थी.

उस दिन मैं भी कॉलेज नहीं गया था।
मेरे मन में वही पुराना इरादा था कि आज उसे अपने करीब लाऊँ।

तभी अचानक उसने मुझे किसी काम के लिए बुलाया।

मैंने उसकी बात सुनी और हल्की-सी मुस्कान दी।
उसने भी जवाब में मुस्कुरा दिया।

मैं समझ गया कि शायद मौका बन सकता है।

मैंने उसे अपने कमरे में बुलाया।
हमने कुछ देर बातें की।

फिर मैंने पूछा, “तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है?”
उसने कहा, “नहीं।”

मैंने आगे पूछा, “क्या तुमने कभी अंतरंग पल बिताए हैं?”
उसने फिर न में जवाब दिया।

मैंने हिम्मत जुटाकर कहा, “क्या तुम ऐसा करना चाहोगी?”
उसका जवाब था, “हाँ।”

मैंने अपने फोन में एक पोर्न वीडियो चलाया।

सेक्सी फिल्म देख कर सोना की साँसें तेज होने लगीं, उस लड़की का चेहरा शर्म से लाल हो गया।

मुझे लगा कि अब सही समय है।
मैंने धीरे से उसकी जांघों पर हाथ रखा और हल्के-हल्के सहलाने लगा।

वो और गर्म होने लगी।

फिर मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया।

उसने मेरे शरीर को छुआ और सिसकारियाँ भरने लगी।

वो इस कदर उत्तेजित हो गई थी कि मानो उसमें आग भड़क रही हो।

मैंने धीरे-धीरे उसके कपड़े उतारने शुरू किए.
पहले उसकी टी-शर्ट, फिर लोअर, फिर पैंटी और आखिर में ब्रा।

उसने भी मेरे कपड़े उतार दिए।

मेरे मन की मुराद पूरी होने लगी।

मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू किया; खूब चूमा, बार-बार चूमा ‘उम, उम्, उम्म!’

उसके भरे हुए स्तन देखकर मैं खो सा गया।
मेरे शरीर में आनंद की लहरें उठने लगीं।

मैंने उसकी चूचियों को खूब सहलाया, चूमा।

वो पूरी तरह गर्म हो चुकी थी।

उसने मेरा लिंग अपने मुँह में लिया और चूसने लगी जैसे कोई लॉलीपॉप हो।

“स्स्स्स” मुझे बेहद मज़ा आ रहा था।

फिर मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया।

उसने खुद मेरा लिंग पकड़ा और अपनी योनि में लेने की कोशिश की।
मेरा लिंग मोटा था, करीब 2.5 इंच।

जैसे ही मैंने अपना लंड उसकी चूत के अंदर डाला, वो सिहर उठी. बोली, “आराम से करना मेरे राहल … मुझे दर्द होगा।”

मैंने अपने लंड पर थोड़ा तेल लगाया और धीरे-धीरे लंड को चूत के अंदर की ओर पेला।
फिर एक तेज झटके के साथ पूरा लिंग अंदर चला गया।

मैं उसे जोश में चोदने लगा … गपागप, गपागप।

उसकी सिसकारियाँ निकलने लगीं, “हा, हा, आह, आह … मैं मर जाऊँगी, तुमने तो मुझे पागल कर दिया।”
मैं पूरे उन्माद में था।

“आह, आह … और और करो … ” उसे भी धीरे-धीरे मज़ा आने लगा।
वो बोली, “और तेज़ चोदो मेरे राजा … और तेज़ … आह, आह … ओह, ओह … मजा आ रहा है!”

मैं पूरी ताकत से उस जवान लड़की को पेल रहा था।

वो चिल्ला रही थी, “और अंदर, पूरा अंदर। घुसाकर चोदो मुझे … हा, हा, आह, आह।”

मैं तेज़ी से उसे चोदता रहा।
वो कह रही थी, “और चोदो। बहुत मज़ा आ रहा है। पेलो, पेलो। मैं कब से तुमसे ऐसा चाहती थी। पेलो, मेरे राजा। आह, आह, ऊँ, ऊँ। ओ माँ … स्स्स्स हाँ … और तेज़।”

मैंने उसे करीब 15 मिनट तक चोदा।
उसकी चूत लंड की रगड़ से लाल हो गई थी।

फिर मुझे लगा कि मेरा चरम आने वाला है।
मैंने पूछा, “तुम्हारा होने वाला है क्या?”
उसने कहा, “हाँ … मैं भी आने वाली हूँ।”

मैंने कहा, “साथ में करें?”
वो बोली, “हाँ … और तेज़, और तेज़ … आह, मेरा आने वाला है … ओह, ओह … ओ माय गॉड।”

मैंने स्पीड बढ़ा दी।

फिर एक साथ हम दोनों का चरम आया।

मैंने अपना सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ दिया।

देसी गर्ल चुदाई के बाद हम दोनों एक-दूसरे से लिपटकर लेट गए।

फिर कुछ देर बाद उठे, बाथरूम में फ्रेश हुए और खाना खाया।

रात को एक बार फिर वही चोदन चुदन का सिलसिला चला।

मैंने उसे चार दिन तक खूब प्यार किया, उसकी चूत मारी।
हालांकि वह पहली बार नहीं चुदी थी, उसे सेक्स का थोड़ा बहुत अनुभव था.
मुझे क्या … मुझे तो जवान चूत मिल गयी थी.

मैंने उससे गांड मारने की बात भी की थी लेकिन उसने गांड मरवाने से मना कर दिया था.

फिर उसकी माँ गाँव से लौट आई।

कुछ दिन बाद मैं अपने घर चला गया।
बाद में उसकी शादी हो गई और वो अपने नए घर चली गई।

ये थी मेरी आपबीती।
दोस्तो, देसी गर्ल चुदाई स्टोरी कैसी लगी आपको?
कमेंट्स जरूर करें।
धन्यवाद।
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