टीचर स्टूडेंट Xxx कहानी में एक लड़की मुझसे ट्यूशन पढ़ती थी. एक दिन मैंने उसे बिना दुपट्टे के देखा तो मेरा मन उसकी चुदाई का हो गया. मैंने बहाने से कैसे उसकी चूची और चूत में उंगली का मजा लिया?
मित्रो, मेरा नाम सतनाम है, यह बदला हुआ नाम है.
मैं बिहार से हूं.
बहुत दिन से मैं सेक्स स्टोरी पढ़ रहा हूं.
सबकी सेक्स कहानी पढ़ कर मेरा भी मन हुआ कि मैं भी अपनी टीचर स्टूडेंट Xxx कहानी आप सबके साथ साझा करूं कि कैसे मैंने अपनी स्टूडेंट की बुर उंगली से चोदी थी.
अब तक क्या था कि मैं डरता था कि कहीं मैं फंस ना जाऊं और लोग मुझे पहचान कर मेरे साथ कुछ गलत न करने लगें.
पर मैंने देखा कि इधर ऐसा कोई खतरा नहीं है, तो मैं आज आपको अपनी सच्ची घटना बता रहा हूँ.
मेरी उम्र अभी 28 साल की है, यह कहानी 2 साल पुरानी है.
मैं अपने छात्रों को कोचिंग में भी पढ़ाता था और कुछ की जरूरत के अनुसार उनके घर पर जाकर भी पढ़ाता था.
मैं एक लड़की के घर में पढ़ाने जाता था, वह लड़की पढ़ने में बहुत कमज़ोर थी. वह 12वीं की स्टूडेंट थी और उसकी उम्र 19 साल थी. उसका नाम किरण था.
किरण दिखने में बहुत हॉट थी. उसका फिगर 32-28-34 का था.
शुरू में मैंने कभी भी किरण के बारे में कुछ गलत नहीं सोचा था, लेकिन एक दिन उसे देख कर मेरे अन्दर वासना जाग गई.
उस लड़की किरण के परिवार में 6 लोग थे.
पिता माता, दो भाई और एक उसकी छोटी बहन थी. सबसे बड़ी किरण ही थी.
उसके घर में मुझे ट्यूशन फीस उसकी मां देती थीं.
एक दिन मैं उसके घर गया था.
उस दिन मैं ट्यूशन फीस लेने गया था, वह समय उसकी पढ़ाई वाला समय नहीं था.
चूंकि मुझको उस दिन पैसे की जरूरत थी तो मैं अचानक से ही किरण के घर पहुंच गया था.
तब दिन के 11 बजे का समय था.
मैंने उसके घर पहुंच कर हमेशा की तरह बाहर लगी घंटी बजाई, तो किरण ने दरवाजा खोला.
वह उस समय सलवार सूट पहनी हुई थी और उसने दुपट्टा नहीं लिया हुआ था.
जब मैंने उसे देखा, तो मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं.
बाप रे … उसके 32 साइज़ के दूध मेरे सामने तने हुए थे और कुर्ते का गला भी कुछ ज्यादा ही गहरा था तो चूचियों की दरार मेरे लौड़े को कड़क करने लगी थी.
उसके बूब्स एकदम से टाइट थे और बिल्कुल गोल आकार के थे.
जब मैंने गौर से उसके बूब्स को देखा तो उस समय उसकी चूचियों के निप्पल एकदम से इरेक्टिड थे और उसके कुर्ते में से साफ नजर आ रहे थे.
मैं तो किरण को इस रूप में देख कर एकदम पागल सा गया था.
मेरी छात्रा किरण के इतने प्यारे बूब्स हैं, इसका मुझे अनुमान ही न था.
मेरी किरण बहुत ही भोली थी और वह पढ़ाई में कमजोर स्टूडेंट थी, तो मेरे सामने पढ़ते समय वह एकदम सीधी सादी बनकर रहती थी.
अचानक से मुझे आया देख कर वह चौंक गई और उसने मुझे पूरे सम्मान के साथ अन्दर आने के लिए कहा- अरे सर आप, अन्दर आइए न!
मैं अन्दर आ गया तो वह मुझे सोफ़े पर बिठाती हुई बोली- सर पानी लेंगे न!
मैंने हां बोला तो वह पानी लेने चली गई.
मैंने देखा कि उस समय उसके घर पर कोई नहीं था.
जब वह पानी लेकर आई तो मैंने उससे पूछा- मॉम डैड कहां हैं?
वह बोली- सर, मॉम बगल वाली आंटी के यहां गई हैं और डैड काम पर गए हैं. भाई बहन स्कूल गए हैं.
उसके तने हुए बूब्स मुझे पागल कर रहे थे और मैं सोच रहा था कि इससे कुछ देर बात करता हूँ.
मैंने किरण से पूछा- तुम्हारी सेल्फ स्टडी कैसी चल रही है?
वह चुप हो गई.
मैं बोला- बैठ जाओ किरण.
तो वह बैठ गई. उसने अभी भी दुपट्टा नहीं डाला था तो मेरा ध्यान अभी भी उसके बूब्स पर ही था.
मैं बस सोच रहा था कि कैसे उसके बूब्स को टच करूं.
मैंने जब उससे कुछ देर बात करने की कोशिश की तो वह समझ गई कि मैं देर तक रुकने वाला हूँ.
अब वह बोली- सर चाय बना लाऊं?
मैं बोला- हां ठीक है.
वह जब किचन से चाय लेकर आई तो इस बार उसने अपने मम्मों पर दुपट्टा ले लिया था.
मैं उसे देख कर कुछ निराश सा हुआ कि अब क्या फायदा.
परंतु अगले ही पल जब वह चाय देने के लिए थोड़ी सी झुकी, तो मुझे किरण के गोरे गोरे आधे से ज्यादा बूब्स दिख गए.
उसके दूध देख कर मेरा 7 इंच लम्बा मोटा लंड खड़ा हो गया.
मैं आपको बता दूं कि मैंने तब से पहले कभी सेक्स नहीं किया था.
आज सेक्स करने के लिए माल हाथ लगा था और किरण एक सील पैक माल थी.
उसके बूब्स को देख कर अब तक मेरा तो पूरा मूड बन गया था कि आज इसकी चुदाई करके ही जाऊंगा.
मेरे दिमाग में एक आइडिया आया.
मैंने किरण से एकदम से हड़बड़ाए अंदाज में कहा- अरे किरण, तुम्हारे दुपट्टे पर लाल चींटियां चल रही हैं.
वह डर गई और अपनी कुर्सी से झड़ से खड़ी हो गई.
उसने अपना दुपट्टा उतारा और झड़ाने लगी.
उसने दुपट्टा फटकारते और देखते हुए कहा कि कहां हैं सर चींटियां?
मैं बहाने मारने लगा कि हैं … उस तरफ हैं.
उसने दूसरी तरफ भी दुपट्टे को झाड़ कर देखा, पर उसे चींटियां नहीं मिल रही थीं.
मैं उससे बोला- थोड़ा मेरे नजदीक आओ. मैं चीटियां निकाल देता हूं.
वह हड़बड़ाती हुई मेरे सामने बिना दुपट्टा के आई.
मैंने उसी झटके में उसके बूब्स को हल्का सा टच किया, चीटियां झड़ाने का ड्रामा करते हुए ताकि उसे पता न चले कि मैं क्या कर रहा हूँ.
जैसे ही मैंने उसके चूचों को दबाते हुए टच किया तो अहसास हुआ कि बाप रे बाप रे कितनी मुलायम चूचियां हैं इसकी!
मैंने जब उसके दूध पर से चींटी झड़ाने का प्रयास किया तो वह एकदम से मुझे थोड़ी दूर को हो गई.
मैं बोला- अरे तुम दूर क्यों हो रही हो? चींटियां अन्दर चली जाएंगी तो परेशान करेंगी.
वह मेरी बात मान कर वापस से मेरे नजदीक आई.
अब मेरे हिम्मत थोड़ी बढ़ गई थी.
जब वह नजदीक को आई, तो मैंने फिर से अपनी कार्यवाही चालू कर दी.
मैं उसके बूब्स के ऊपर हाथ फेर कर चींटी झाड़ने का ड्रामा करने लगा.
अब वह शायद थोड़ी समझ गई थी कि सर उसके बूब्स टच कर रहे हैं … मगर तब भी वह कुछ बोली नहीं.
वह मेरी बहुत इज्जत करती थी.
मैं बोला- किरण, चींटी शायद अन्दर चली गई है. वह बहुत परेशान करेगी, तुम्हारे साथ कभी हुआ नहीं है इसलिए तुम्हें अभी अहसास नहीं है कि क्या होगा. मैं अभी निकाल देता हूँ.
यह कहते हुए मैंने तुरंत अपना एक हाथ उसके बूब्स में हाथ डाल दिया.
ओ माय गॉड … लड़की के बूब्स इतने मुलायम होते हैं, मुझे उस दिन पता चला था.
मैं उसके दोनों बूब्स को अपने हाथ से पकड़ लिया और एक के निप्पल को उंगली से स्पर्श किया.
मुझे बहुत अच्छा फील हो रहा था.
मेरा 7 इंच लंड एकदम से खड़ा हो गया था और बाहर निकलने के लिए तड़फने लगा था.
जब मैं उसके बूब्स को छू रहा था तो वह उसी समय रोने लगी, मगर कुछ बोली नहीं.
मैं भी उसके रोने से बहुत डर गया कि किसी को कुछ बता ना दे.
मैंने उसे चुप करवाया और सीधा घर आ गया.
अपने घर आकर मैं बस उसके मम्मों की मुलायमियत का अहसास करके अपने लंड को हिलाने लगा और मुठ मार कर मैंने अपने आपको शांत कर लिया.
दस दिन बाद उसका एग्जाम था तो एग्जाम से एक दिन पहले उसकी मॉम का कॉल आया- सर, कल से किरण के एग्जाम हैं, आप आकर उसे एग्जाम के बारे में कुछ बताएं कि एग्जाम हॉल में उसे कैसे क्या करना होगा!
अब मैं थोड़ा सा खुश हुआ कि चलो उस दिन वाली बात किरण ने किसी को नहीं बताई.
मैं उसी दिन उसके घर चला गया.
उस दिन किरण के घर में मां बेटी ही थीं.
उसकी मां मेरे पास आई और बोली कि सर किरण को बता दीजिए कि परीक्षा हॉल में कैसे क्या करना होता है!
इतना बोल कर किरण की मां नहाने चली गई.
अब किरण आई और मेरे सामने बैठ गई.
मैंने पूछा- किरण पढ़ाई कैसी चल रही है तुम्हारी?
वह बोली- ठीक है सर, थोड़ा डर लग रहा है बस!
मैंने उसे समझा दिया और जाने लगा.
वह मुझे रोकती हुई बोली- सर चाय नहीं लेंगे?
मैं बोला- तुम स्टडी ठीक से नहीं करती हो, ठीक से पढ़ा करो!
वह मुस्कुरा कर बोली- जी सर!
मैं बोला- उस दिन मुझसे गलती से तुम्हारे बूब्स टच हो गए थे, उसके लिए सॉरी … तुम्हें बुरा भी लगा होगा!
वह कुछ नहीं बोली.
इससे मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ गई.
मैं बोला- क्या एक बार फिर से टच कर लूँ!
तो वह मुझे देखने लगी लेकिन वह कुछ बोल नहीं रही थी.
मैंने झट से अपना हाथ आगे किया और उसके कुर्ते के गले के रास्ते हाथ डाल दिया. अन्दर हाथ डालकर मैं उसके बूब्स मसलने लगा और दबाने लगा.
वह कुछ नहीं बोल रही थी.
फिर मैंने तुरंत उसकी सलवार के नाड़े को ढीला किया और अपना हाथ सीधा उसकी बुर पर लगा दिया.
वह बैठी थी, उस वजह से मैं उसकी बुर को पूरा छू पा रहा था.
फिर जैसे ही मैंने अपनी एक उंगली किरण की बुर में डाली, वह फिर से रोने लगी मगर वह अभी भी कुछ बोल नहीं रही थी.
मैंने उसके रोने को नजरअंदाज किया और उसकी पूरी बुर को रगड़ता, मसलता रहा.
किरण की बुर पर लंबी लंबी झांटें थीं. मैंने आज तक किसी लड़की या औरत की बुर को नहीं छुआ था, सिर्फ वीडियो में देखा था.
दोस्तो, बुर को छूने और मसलने का मजा ही कुछ और है.
सच बता रहा हूँ कि मुझे उस वक्त किरण की बुर मसलने में बहुत मजा आ रहा था.
कुछ देर तक उसकी बुर को मसलने के बाद मैंने अहसास किया कि किरण की बुर से कुछ चिपचिपा सा पानी निकलने लगा था.
मैं एक उंगली उनकी बुर में पेल कर अन्दर बाहर कर रहा था.
उसकी बुर से रस निकलने से मेरी उंगली को अन्दर बाहर करने में आसानी होने लगी थी और किरण को भी अच्छा लगने लगा था.
वह अजीब सा मुँह बनाई हुई और अपनी टांगें फैलाई हुई मजा ले रही थी.
मैंने करीब 15 मिनट तक उसकी बुर को खूब मसला.
अब किरण भी काफी उत्तेजित हो गई और उसके कंठ से हल्की हल्की आवाजें निकलने लगी थीं ‘आह सी सी.’
वह बहुत गर्म हो गई थी, उसका चेहरा भी एकदम से लाल हो गया था.
मुझसे भी रहा नहीं गया तो मैंने अपना 7 इंच का मोटा लंबा लंड बाहर निकाल लिया.
किरन की आंखें लंड देख कर चमक उठीं और वह मुस्कुराने लगी.
मैंने उससे लंड पकड़ने को बोला.
तो वह शर्माने लगी और उसने लंड को नहीं पकड़ा.
मैंने सोचा कि कहीं कोई आ ना जाए.
इसलिए झट से मैंने उसके सामने ही अपने लंड की मुठ मार ली और सारा माल किरण के हाथ में गिरा दिया.
अब मैं शांत हो गया था.
वह टीचर स्टूडेंट Xxx के परिणाम को, मेरे वीर्य को अपनी हथेली पर लिए हुई मेरी तरफ देख रही थी.
मैंने कहा- खा लो, प्रोटीन है!
वह मुस्कुराई और उसने जीभ से वीर्य को चाट कर उसका टेस्ट लिया.
पहले तो उसने मुँह अजीब सा बनाया और मेरी तरफ देखने लगी.
तभी उसकी मम्मी की आवाज आई और ऐसा लगा कि वे इसी कमरे में आने वाली हैं.
तो उसके दिमाग में न जाने क्या आया कि उसने झट से अपनी हथेली पर लगा वीर्य चाट लिया और जल्दी से अपनी सलवार के नाड़े को बांधने लगी.
जब वह सलवार के नाड़े को बांध रही थी, तब उसके मुँह में मेरा वीर्य भरा हुआ था.
उसने वीर्य को गटका नहीं था.
मैंने पास रखे पानी के गिलास को उसकी तरफ बढ़ा दिया और उसने गिलास होंठों से लगा कर पानी के साथ सारा वीर्य खा लिया!
मैंने उसकी तरफ मुस्कुरा कर देखा, तो वह शर्मा गई और ‘अभी आई’ कह कर अन्दर चली गई.
दोस्तो, यह एक सच्ची घटना है.
इसके आगे की सेक्स कहानी बाद में लिखूँगा.
तब तक लड़के अपना लंड हिलाओ और लड़कियां अपनी बुर में उंगली करके मजा करो.
आपके कमेंट्स मिलने के बाद मैंने अपनी टीचर स्टूडेंट Xxx कहानी का अगला भाग लेकर आऊंगा.
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