पेनफुल सेक्स विद हॉट गर्ल का मजा दिया कॉलेज की लड़की ने अपने लाइब्रेरियन को उसी के घर में! लाइब्रेरियन की बीवी मायके गयी हुई थी तो उसने अपनी सेटिंग को बुला लिया.
प्रिय पाठको, इस शृंखला की मेरी पिछली कहानियों
कच्छी फाड़ चुदाई
पायल की अतृप्त प्यास
और
छात्रा बनी पत्निव्रत अध्यापक की रखैल
को इतना प्यार देने के लिए आप सभी को दिल से धन्यवाद।
जैसा कि आपने पिछली कहानी में पढ़ा कि प्रकाश ने पत्नी पल्लवी को माइके भेज घर पर अपनी रखैल पायल को लाकर गुलछर्रे उड़ाने की योजना बनाई थी जिसे फलीभूत करने हेतु वो पायल को घर लाकर, उसके साथ कामसुख का आनंद ले रहा था।
शनिवार की शुरुआत बेहद रंगीन और कामुक अंदाज़ में हुई थी।
दोनों ही एक दूसरे के मुख से स्खलन पाकर तृप्त हुए सोफे पर बैठे ही थे कि दरवाज़े की घंटी बजी।
“कौन हो सकता है इस वक्त, कहीं पल्लवी तुम्हें सरप्राईज देने वापिस तो नहीं लौट आई?” पायल ने पूछा।
तेज़ चलती सांसों के साथ प्रकाश और पायल की धड़कनें भी तेज़ होने लगी इस डर से कि दरवाजे पर पल्लवी हुई तो?
बिना कोई आवाज़ किए प्रकाश ने उठकर अंदर से दरवाज़े में बने कीहोल से देखा।
बाहर एक महिला थी … पर वह पल्लवी नहीं थी।
वह बार बार घंटी बजा रही थी।
देखने से वह कामवाली लग रही थी।
प्रकाश ने सोचा कि यदि दरवाज़ा खोला तो उसे अंदर लेना पड़ेगा और उसकी रंगरलियों का भांडा फूट जायेगा
यदि अंदर से ही आवाज लगा कर मना किया तो पल्लवी को बाद में ही सही, कहीं ना कहीं से खबर लग जायेगी।
और यदि वह बिना कोई आवाज़ किए दरवाज़ा नहीं खोलता तो कम से कम घर पर ना होने का बहाना तो बना सकता है।
उसने दरवाज़ा ना खोलने की ठानी।
वह वापिस आकर पायल के साथ बैठ गया।
“क्या हुआ, कौन है बाहर?” पायल ने फिर सवाल किया।
प्रकाश- काम वाली है, पल्लवी ने मेरे और घर के लिए भेजी है।
पायल- कहीं उसे तुम पर शक तो नहीं हो गया?
प्रकाश- बीती छुट्टियों के बाद …? नामुमकिन!
पायल- लगता है फिर तुम औरतों को अभी तक समझे नहीं!
दरवाज़े पर आई औरत घंटी बजा बजा के परेशान हो वापिस चली गई।
प्रकाश- पर तुम्हें तो खूब समझता हूं मैं!
पायल- ऐसा क्या? तो बताओ मैं क्या चाहती हूं?
प्रकाश ने पायल को ध्यान से देखा.
उसने पायल के स्तनों पर बने निशानों की और इशारा करते हुए कहा- तुम अपना दिल संभाल के रखना चाहती हो। टूटने के दर्द से डरती हो। और चाहती हो बिना दिल लगाए तुम्हें हर शारीरिक सुख प्राप्त हो। तुम्हारी तेज चलती लंबी सांसें और सेक्स से भरी नशीली आंखें बता रही हैं कि तुम्हें अभी और चुसाई की जरूरत है। तुम चाहती हो कि रोज़ कोई तुम्हें रगड़ के चोदे। और शायद तुम्हें वो मिल भी रहा है.
“अरे ये … ये तुम ही तो बना कर गए थे!” पायल ने झूठ का सहारा लिया.
वह प्रकाश से मिल रहे कामसुख को खोना नहीं चाहती थी।
प्रकाश- याद भी है कि आखिरी बार कब मुझसे चूत चुदवाई थी तुमने?
मुद्दा बदलते हुए पायल बोली- खूब याद है … और मैं तो चाहती हूं कि चूत की तरह तुम मेरी गांड का भी उद्घाटन करो।
प्रकाश- देखो, बात मत बदलो।
पायल- बात कहां बदल रही हूं, क्या मेरी गांड मारने का इरादा बदल लिया?
प्रकाश ने उत्तेजित होते हुए कसकर पायल के बाल पकड़े- बहन की लौड़ी, क्या है तू?
पायल- तेरी रंडी!
प्रकाश- हां, सही बोली! और रंडियां सड़क पर धंधा करती हैं. आज तुझे भी सड़क पर धंधा करने वाली बना के चोदूंगा. साली छिनाल, तेरे ये मम्मे कितने मर्दों ने दबाए हैं, बोल कुतिया?
उत्तेजना और पायल की बेवफाई के गुस्से में प्रकाश ने पेनफुल सेक्स विद हॉट गर्ल शुरू किया और पायल की चूचियों पर तमाचे मारने लगा और उन्हें अपनी कसी हथेलियों के बीच बेदर्दी से मसलने लगा।
पायल- आअह्ह … उम्म्म आआ आह्ह्ह … चाहे जितनों ने भी दबाए, उन सब में असल मर्द तो तू ही है, जिसने मेरी सील तोड़ी।
पायल की बातों से प्रकाश और उत्तेजना से भर गया और पायल के चेहरे पर भी दो चार चमाट मार दिए।
प्रकाश- बहन की लौड़ी, रंडी साली, छिनाल, मुझसे ज़बान लड़ाएगी, ठहर अभी बताता हूं तुझे!
पायल उसे उकसाते हुए अपनी दोनों टांगों को विपरीत दिशा में खोलकर बोली- तेरी रंडी हूं, जो चाहे कर मेरे साथ!
प्रकाश तिलमिलाए अंदाज में आज पायल को सड़क छाप रंडी की तरह चोदने का मन बना चुका था बेपरवाह और बदसलूकी से!
अंदर से प्रकाश पल्लवी का डिल्डो ले आया.
डिल्डो नौ इंच लम्बा और 3 इंच मोटा था.
प्रकाश ने डिल्डो को पायल की चूत में डाल दिया- सुन बहन की लौड़ी, ये डिल्डो गिरना नहीं चाहिए और तेरा हाथ नहीं रुकना चाहिए, लगातार हिलाती रह! ये गिरा या तेरा हाथ रुका तो आज तू पक्के से सड़क पर नंगी की जायेगी।
पायल प्रकाश की गुस्से से लाल आंखों में देखते हुए डिल्डो को अपनी फुद्दी के अंदर बाहर करने लगी.
उसे यह तिलमिलाया प्रकाश नया और ज्यादा उत्तेजक लग रहा था।
वह तेज तेज सीत्कारें लेने लगी, उसकी बंद होती आंखों में वासना का नशा भरने लगा।
प्रकाश आपा खोते हुए पायल के दोनों छेद भर उसे दर्द से वाकिफ कराने के मूड में था।
वह अपना लौड़ा पायल की गांड पर टिकाने लगा, लौड़ा बार बार गांड से फिसल रहा था।
गांड में छेद में प्रकाश का मोटे लंड लेने की जगह नहीं थी।
प्रकाश ने पायल के चूतड़ों को कसकर पकड़ा और अलग कर दिया।
पायल- आह्ह्ह आराम से कर … अपनी रंडी समझ कर!
वह जानती थी, उसके मुंह से खुद को प्रकाश की रंडी कहने से प्रकाश और उत्तेजित होगा।
प्रकाश को भी अब पायल की गांड का छेद ठीक से दिखने लगा था।
कल तो प्रकाश ने गांड के छेद को दो तीन दिन तक खोल कर बड़ा करने की सोची थी जिसके बाद वो आराम से पायल को गांड मार सके.
पर आज स्थिति बदल चुकी थी, अब वह पायल की गांड फाड़ना चाहता था; उसे दर्द देना चाहता था।
अब वह अंदर से कुछ बोर्ड मार्कर ले आया और उस पर तेल लगा कर पायल की गांड में धीरे धीरे डालने लगा।
आधा मार्कर अंदर गया तो पायल की सीत्कारें चीखों में बदल गई।
वह रोने लगी- गांड मत मारो ना!
“तू रांड है ना मेरी … जो चाहे करूंगा. तूने ही तो कहा कि तू मेरी है, इस बार तुझे पूरी तरह अपनी कर लूंगा, हर छेद अपने वीर्य से भर दूंगा.” प्रकाश ने इरादा साफ करते हुए कहा.
पायल- देखो, मेरी गांड का छेद बहुत छोटा है, कैसे जाएगा तुम्हारा मोटा लंड?
प्रकाश- छोटी तो तेरी चूत भी थी, मार ली ना … उसने भी लिया ना ये मूसल लंड! उसी तरह गांड भी फटेगी जैसे तेरी चूत फटी थी।
डिल्डो पर रुके पायल के हाथों पर हाथ रख प्रकाश डिल्डो अंदर बाहर करने लगा।
जब पायल थोड़ी सहज हुई तो प्रकाश ने मार्कर और अंदर कर दिया।
पायल चिल्लाने लगी.
तो प्रकाश ने पायल के होंठों को अपनी एक हथेली से दबा दिया, उसकी चीखें घुट कर रह गई।
अब वह उसकी चूचियां चूसने लगा।
पायल अब भी गांड घुसे मार्कर से तड़प रही थी।
पायल कहीं बिदक ना जाए, उसने अब अलग हथकंडा अपनाने की कोशिश की- भरोसा रख मेरी जान, मेरे तजुर्बे और मेरी उम्र पर, बहुत चूत और गांड की सील तोड़ी है. जानता हूं कि दर्द होता है. इसीलिए तो तैयार कर रहा हूं तेरी गांड को!
प्रकाश पायल को प्यार से सहला रहा था और उसको चूत में घुसा डिल्डो हिला रहा था।
कुछ देर बाद पायल की कराह कामुक आहों में तब्दील हो गई- आअह्ह प्रकाश … इस डिल्डो को निकाल अपना लंड दे दो बस. अब और मत तड़पाओ।
प्रकाश- वो भी दूंगा मेरी रानी, पहले तेरी गांड तो खोल लूं!
यह कह प्रकाश पायल की गांड में घुसा मार्कर अंदर बाहर करने लगा।
यह नया एहसास पाकर पायल अपना नियंत्रण खोती जा रही थी- आह प्रकाश, आराम से … मेरी गांड अपने मूसल लौड़े से ही फाड़ना।
प्रकाश यह सुन और उत्साहित हो गया.
उसने मार्कर निकाला और अपना मूसल लंड पायल की गांड पे सेट करते हुए एक तेज धक्का दिया.
लंड का सुपारा पायल की गांड में मुहाने पर जा फंसा।
पायल की चीख निकल गई, वह धक्के से सरक कर थोड़ी पीछे हो गई.
दर्द के कारण उस से हिला भी नहीं जा रहा था।
उसकी आंखें भर आई।
हॉट गर्ल पायल की चूत से पानी की फुहार छूट गई।
प्रकाश उसी अवस्था में बिना हिले खड़ा रहा कि पायल का दर्द कुछ कम हो तो वो पायल की गांड में अपना पूरा लंड पेल सके।
वह आगे को झुक पायल की चूचियां चूसने लगा, उसके चूचुक पीने लगा।
पायल ने उसका चेहरा पकड़ अपने होंठों के पास किया और उसे चुम्बन देने लगी।
चुम्बनों के बीच धीरे धीरे प्रकाश अपने लंड का दबाव पायल की गांड पर बनाने लगा।
प्रकाश का फंसा लंड उसे स्वयं दर्द दे रहा था.
वह भी कुत्ते और कुतिया की चुदाई की तरह अटक के रह गया था।
पायल की गांड के छल्ले ने प्रकाश लंड को रबड़ के छल्ले की तरह कस लिया था कि लंड में खूब का बहाव रुक जाएगा.
इससे पहले कि रुकते बहाव से दोबारा रंग में भंग हो, प्रकाश ने एक जोरदार धक्का मारा और लंड पायल की गांड का छेद पूरी तरह चीरता हुआ अंदर जा फंसा।
पेनफुल सेक्स से पायल चीखी- आ … उई मां … मर गई … निकालो इसे बाहर! मुझसे बरदाश्त नहीं हो रहा।
“प्लीज प्रकाश … निकालो इसे! और नहीं उकसाऊंगी. मुझे माफ कर दो!” पायल रोते हुए गिड़गिड़ाने लगी।
प्रकाश- चुप कर साली कुतिया, हरामन, जब औरों से चुद रही थी तब नहीं सोचा मेरे बारे में, तो अब मैं क्यू सोचूं?? सड़क छाप रंडी है तू … और वही रहेगी। आज तो तेरी चूत और गांड फाड़ फाड़ के एक ना की तो कहना! बहन की लोड़ी, साली रांड, बाहर मम्मे चुसवा चुसवा के चुद रही है. और मेरे आगे बोलती है ‘मैं सिर्फ तुम्हारी हूं.’ मेरी है तो मैं तो बजाऊंगा अच्छे से फिर!
पायल- मुझे माफ कर दो, प्लीज छोड़ दो, बहुत दर्द हो रहा है।
प्रकाश- मुझे भी दर्द हुआ था तेरे मम्मों पर निशान देख के … उसका क्या।
उसने लंड हल्के से बाहर निकाला और फिर जोरदार तरह से अंदर पेल दिया।
पायल तेज तेज रोने लगी, माफियां मांगने लगी- प्लीज प्रकाश, आगे से नहीं होगा, प्लीज!
प्रकाश ने पायल के मुंह पर हाथ रखा और तेज तेज उसकी गांड मारने लगा।
पायल का रोना और उसकी चीखें, दर्द भरी सिसकियां प्रकाश की हथेलियों में दब कर रह गई.
प्रकाश ने तब तक पायल का मुंह दबाए रखा जब तक वह बेदर्दी से पायल को एक सड़क छाप रंडी को तरह चोद के झड़ नहीं गया।
पायल की गांड में अंदर बाहर होते प्रकाश के लंड से पायल बहुत तकलीफ में थी, उसकी चूत में घुसा डिल्डो भी उसे इतना सुख नहीं दे रहा था जितना दर्द उसकी गांड फाड़ चुदाई दे रही थी।
झड़ते ही जब वह रुका तो पायल ने प्रकाश को धक्का देकर उससे अलग हो गई और रोते हुए, लड़खड़ाते हुए उठकर प्रकाश के बेडरूम में चली गई और मुंह तकिए में दबाकर रोने लगी.
प्रकाश जब अपने गुस्से के आवेग से बाहर आया तो उसे एहसास हुआ कि उसने पायल के साथ कुछ ज्यादा ही ज्यादती कर दी।
अब उसे भूख भी लग रही थी।
उसने खाना फोन से ऑर्डर किया और पायल के पास अंदर गया.
पायल अब भी फूट फूट कर रो रही थी।
प्रकाश तुरंत रसोई से एक ग्लास पानी ले आया।
उसने पायल की बाजू पर प्यार से छुआ तो पायल ने उसका हाथ झटक दिया.
पायल को प्रकाश ने मनाने की कोशिश तो पायल ने दो तीन बार उसे झिड़क दिया.
प्रकाश ने फिर घाव पर मलहम लगाने की कोशिश की- ज्यादा दर्द हो रहा है क्या मेरी जान?
पायल तकिए में मुंह दबाए रोते हुए बोली- दर्द वहां नहीं, दिल में हो रहा है। कम से कम इंसान समझ के करते! तुमने तो सच में …
अब प्रकाश को अहसास हुआ कि पायल उसकी निर्ममता से पेनफुल सेक्स से ज्यादा दुखी थी।
प्रकाश ने उसे अपनी बाहों में भर लिया और उसे एक बच्चे की तरह चुप कराने लगा- तुम ठीक कह रही हो, मुझे माफ कर दो. मैं सच में गुस्सा हो गया था और खुद पर नियंत्रण नहीं रख पाया। माफ़ चाहे ना भी करो, पर ये पानी तो पी लो। मैं जलन से भर गया था यह सोच कर कि तुम मेरे इलावा किसी और से भी … मुझे माफ कर दो, मेरा तुम पर कोई हक नहीं … मैं भूल गया था हमारा सिर्फ जिस्मानी रिश्ता है. तुम मेरी पत्नी या गर्लफ्रेंड नहीं हो और ना ही हमारे बीच प्रेम की स्थिति है। हमारे इस रिश्ते में कभी कोई बंधन नहीं था। तो मेरा कोई हक नहीं था कि तुम्हें तुम्हारी स्वतंत्रता के लिए सज़ा दूं। तुम अपने जीवन में पूरी तरह स्वतंत्र हो अपनी स्वेच्छा से कुछ भी करने के लिए!
हॉट गर्ल पायल को मन ही मन अच्छा लगा कि प्रकाश को उसके लिए जलन हुई, उसने प्रकाश के हाथ से पानी पी लिया।
प्रकाश पायल की भीगी लाल आंखों से आंसू पौंछते हुए उसके बाल चेहरे से हटा कर पीछे करने लगा।
पायल बच्चे जैसी रोती आवाज में बोली- और ऐसा मत कहो कि प्रेम नहीं … तुम नहीं जानते … मैं पागल सी हो गई थी जब तुम पल्लवी के साथ छुट्टियां मनाने बाहर गए थे। क्या करती, तुम्हारी कमी कैसे पूरी करती, बताओ मुझे?
प्रकाश ने पायल को सीने से लगा लिया- अब नहीं जाऊंगा तुम्हें अकेली छोड़ के!
पायल- पक्का? प्रोमिस?
प्रकाश- हां मेरी जान, मेरे खड़े लंड की कसम!
पायल प्रकाश की कसम सुन मुस्कुरा दी और दोनों ने एक दूसरे को एक प्यार भरा लंबा चुम्बन दिया.
तब पायल ने कहा- सुनो, मुझे भूख लगी है.
प्रकाश- जानता था … खाना आता ही होगा।
आगे क्या हुआ, पायल और प्रकाश ने अपनी रंगरलियों में और क्या क्या किया?
पढ़ते रहिए आगे की कहानियों में!
पर क्या यूं पायल को अपनी रखैल बनाना पल्लवी के साथ प्रकाश की नाइंसाफी नहीं थी?
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