मैं अपने पति के साथ बाजार में थी कि मेरे गाँव का मेरा सहपाठी मिल गया. हमने उसे घर आने का न्यौता दिया. उसके बाद तो जब तब आने लगा. और फिर बात आगे बढ़ी …
पुराने साथी के साथ सेक्स-4
अरे तो क्या बुराई है … मजे करने का मौका था, थोड़ा स्वाद बदल लिया और क्या. वैसे भी ये मर्द क्या बाहर मुँह नहीं मारते? ये करें, तो सब चलता है … हम औरतें करें तो पाप!