पत्नी की परी सी सहेली को चोदने की हसरत- 1

गर्ल ब्यूटीफुल सेक्स का मजा मुझे अपनी पत्नी की सहेली से मिला. वह बहुत ही खूबसूरत थी पर अपने शराबी पति से दुखी थी. मौक़ा मिलते ही मेरा लौड़ा मचल उठा उसे चोदने के लिए!

दोस्तो, मेरा नाम रोहित सिंह है। मैं 36 वर्ष का औसत दिखने वाला व्यक्ति हूं।
मैं दिल्ली-एनसीआर में रहता हूं। मैं एक प्राइवेट कंपनी में मैंनेजर हूँ।
दिल्ली में सफदरजंग के पास मेरा ऑफिस है।

दोस्तो, मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूं और शायद ही मैंने इसकी कोई कहानी छोड़ी हो।
इन्हीं कहानियों ने मुझे अपनी कहानी लिखने की प्रेरणा दी और मैं अपनी गर्ल ब्यूटीफुल सेक्स कहानी आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूं।

मेरी पत्नी की एक सहेली है पिंकी (बदला हुआ नाम) … बला की खूबसूरत बड़ी-बड़ी आंखें, खड़ी नाक, पतले होंठ!
ऐसा लगता है जैसे भगवान ने उसको छुट्टी लेकर अपने हाथों से बनाया हो।

उसकी उम्र तकरीबन 33 साल होगी।

उसको देख कर शायद ही कोई मर्द हो जो उससे प्यार ना करे, और शायद ही कोई औरत हो जो न जले।
अगर उसको काम की देवी कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।

वह अक्सर हमारे घर आती थी और मैं हमेशा उसकी खूबसूरती की तारीफ करता था।
मेरे मन में कभी कोई गलत विचार तब तक नहीं आए थे।

मैं एक दिन ऑफिस से घर आ रहा था तो मेरी नजर उसके ऊपर गई।
वह धौला कुआं के बस स्टॉप पर खड़ी बस का इंतजार कर रही थी।
मैंने अपनी गाड़ी रोकी और उससे घर तक जाने को पूछा।

पहले तो पिंकी ने मना किया कहकर कि ‘आप क्यों तकलीफ उठाते हो?’
लेकिन मेरे बोलने वह मान गई और मेरी कार में आकर बैठ गई।

दोस्तो, मतलब मेरी तो किस्मत ही खुल गई हो जैसे … साक्षात काम की देवी मेरे साथ बैठी थी।
हमारे बीच सामान्य बातचीत होती रही।

मैंने उसके पति के बारे में पूछा तो अनमने भाव से बोली- ठीक ही होगा।
मुझे लगा कि इन दोनों के बीच कुछ ठीक नहीं है.
तो मैंने ज्यादा सवाल नहीं किए।

बातों-बातों में पता चला कि इसी महीने पिंकी ने वहां नौकरी को ज्वाइन किया है।
खैर मैंने उसको बताई जगह पर ड्रॉप किया और अपने घर आ गया।

यहां बताता चलूं कि पिंकी का पति उसका खास ख्याल नहीं रखता था।

तो दोस्तो, अब तो हमारा रोज का ये सिलसिला हो गया था।
मैं पिंकी को नोएडा से पिक करता और शाम को घर ड्रॉप कर देता।
हमारे बीच हल्का हंसी-मजाक भी हो जाता था।

एक दिन मुझे पिंकी काफी उदास दिखी तो मैंने पूछा- क्या बात है मैडम, आज खूबसूरती को ग्रहण कैसे लग गया?
पिंकी- क्या बताऊं रोहित जी, इनका शराब पीना एक दिन सब खत्म कर देगा। कल रात नशे में पड़ोसी से लड़ बैठे। किसी तरह मैंने पड़ोसी को शांत कराया तो बोले तुम बीच में क्यों आती हो, अपना काम करो। अब बताइए क्या करूं?

मैं भी मामले की गंभीरता को समझते हुए उसको सिर्फ सांत्वना दे पाया।
वैसे मेरी इच्छा तो गले लगाने की थी लेकिन बीवी के डर से सिर्फ सांत्वना ही देना ठीक समझा।

खैर, मुझे इतना तो पता था कि इनकी शादीशुदा जिंदगी में कुछ ठीक नहीं है, इसीलिए वह जॉब करती है।

एक दिन मेरे साले का फोन आया कि मेरी सासु मां बीमार है।
इस पर पत्नी ने मायके जाने की बात कही।
मैंने भी हामी भर दी.

अगले दिन की फ्लाइट से मैंने उसे मायके भेज दिया।
उस दिन मैं ऑफिस नहीं गया और मुझे कुछ अच्छा नहीं लग रहा था।

तो मैंने अपनी कार एयरपोर्ट से धौला कुआं की ओर ले ली।
वहां मैंने पिंकी को पिक किया।

बातों-बातों में पता चला कि उसका पति भी 7 दिनों के लिए बाहर जा रहा था।
मुझे तो लगा जैसे पिंकी को चोदने की मेरी सारी मुराद पूरी होने वाली हो।

मगर औरतों का भरोसा नहीं होता।
वे बोलतीं किसी और मायने से है और मतलब कुछ और ही निकलता है।

लेकिन कहते हैं न कि जब ऊपर वाला मेहरबान तो गधा पहलवान!

उस शाम धौला कुआं पर जाम लगा हुआ था।
मैंने जान बूझकर अपनी कार उसी लेन में डाल दी जिसमें ज्यादा जाम था।
मैं एक भी मौका जाने नहीं देना चाहता था।

मैंने मजाकिया तौर पर बोला- आज तो ऐसा लग रहा है कि मैं जेल से आजाद हूं, पत्नी मायके में है और मैं अकेला … वाह क्या जिंदगी है!
मेरी बात पर हंसते हुए उसने कहा- ऐसा ही कुछ मैं भी महसूस कर रही हूं।

मैंने मौके पर चौका मारा और बोला- फिर तो इस आजादी का जश्न मनाया जाए!
उसने कुछ नहीं बोला तो एक पल के लिए मुझे लगा कि दिल के अरमान दिल में ही रह गए।

वह एकदम से बोली- मेरे घर पर या आपके घर पर? क्योंकि बाहर तो मैं नहीं जाऊंगी, अगर किसी ने देख लिया तो ऐसी-तैसी हो जायेगी।

दोस्तो, मैं यह बता दूं कि मैं मटन बहुत ही बेहतरीन बनाता हूं और लोग मेरे हाथ का मटन खाने आते हैं।

मैंने उसे मेरे घर का न्यौता दे दिया।
हमने प्लान बनाया कि कल ऑफिस से छुट्टी ली जाए और आजादी मनाई जाए।

फिर तकरीबन 10 बजे हम नोएडा पहुंच पाए।

खैर, मैं उसको ड्रॉप करके अपने घर आ गया और सीधे बिस्तर पर आ गिरा।

फिर उसने रात को मैसेज किया कि कल वह 11 बजे आ जायेगी।

मैंने उसके बारे में सोच सोचकर दो बार अपना पानी निकाला और सो गया।
अगली सुबह उठकर सबसे पहले मैंने अपने झांट साफ़ किये और फिर मटन लाकर रख दिया।

तय समय पर मेरे घर की घंटी बजी और जब मैंने दरवाजा खोला तो सामने साक्षात कामदेवी सामने खड़ी थी।

पीच रंग की साड़ी और हल्के मेकअप में पिंकी किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी।
मैं अवाक् सा उसको देखता ही रहा।

वह बोली- हैलो … क्या मैं अंदर आ जाऊं?
मेरा ध्यान टूटा तो मैंने कहा- अरे माफ करना यार, आप इतने खूबसूरत लग रही हो कि मुझे किसी चीज का ख्याल ही नहीं रहा।

पिंकी शरमाती हुई घर के अंदर आई।
मेरा तो दिल किया अभी पीछे से पकड़ कर उसके बूब्स दबा दूं, मगर हिम्मत नहीं जुटा पाया।

मैंने उसको बिठाया और खाना बनाने लगा।
फिर इधर-उधर की बातें होने लगीं।

फिर मैंने उसे ड्रिंक के लिए पूछा- आप बीयर लोगी या स्कॉच?
पहले तो उसने मना कर दिया लेकिन मेरे थोड़ा दबाव देने पर उसने बीयर के लिए हां कर दिया।

मैंने बिल्कुल थोड़ा, तकरीबन आधा ग्लास बीयर का उसकी तरफ बढ़ाया।

मैं बोला- मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा कि मैं आपके साथ पार्टी कर रहा हूं।
पिंकी- रोहित जी, छू कर यकीन कर लीजिए, ये मैं ही हूं।

मैंने कहा- नहीं जी, आप को छुआ तो आप मुरझा जाओगी!
पिंकी- ऐसा नहीं है, मैं भी इंसान हूं, मुझे भी ऐसे पार्टी करना अच्छा लगता है।

मैं- अरे मैडम, अगर मेरी शादी नहीं हुई होती तो मैं आपसे ही शादी कर लेता लेकिन अब क्या करें, अब तो हो गई।

पिंकी- और अगर मैं न करती तो?
मैं- अरे मैं आपको इतना प्यार करता कि आप खुद शादी के लिए हां कर देती।
पिंकी- अच्छा, मैं भी तो सुनूं आप क्या क्या करते?

मैंने कहा- मेरे प्यार करने की सबसे बढ़िया जगह तो किचन है!
मेरी बातों का असर धीरे-धीरे पिंकी पर होने लगा था।
मगर वह कश्मकश में थी कि आगे बढ़े या ना बढ़े।

मैंने उसको बोला- यार पिंकी, आप न खुल कर बोलो, हमारे अलावा यहां कोई नहीं है।
फिर मैंने उसको पूछा- आप चेंज करना चाहोगी क्या?

उसने हां बोला तो मैंने अपनी पत्नी का एक गाउन उसको ऑफर किया।
वह चेंज करने गई तब तक मैं मटन बनाने लगा।

पता नहीं क्या सोचकर वह चेंज करके सीधा किचन में चली गई और सलाद बनाने लगी।

मैंने भी मजाकिया तौर पर कहा- देखिए मैडम, आप किचन से बाहर आ जाइए क्योंकि आप मेरी फेवरेट हैं और फेवरेट जगह पर हैं, कहीं मैं आपको प्यार ना कर लूं!
शायद वह वाशरूम से ही सोच कर आई थी जो उसने बोला- रोहितजी, आपको रोका किसने है।

मैं- हैं जी!! क्या कहा आपने?
पिंकी- जो आपने सुना।

दोस्तो, अंधे को आंखें मिलने पर जितनी खुशी नहीं होती उतनी खुशी मुझे उसकी बातें सुन कर आई।

मैंने पीछे से उसको अपने आगोश में ले लिया और पेट पर सहलाते हुए उसकी गर्दन को किस करने लगा।

थोड़ी देर में वह जैसे मदहोश सी होने लगी और मेरी तरफ घूम कर मुझे चूमने लगी।
मैं भी उसका साथ देते हुए उसके पतले होंठों को चूसने लगा और हाथों से उसके कूल्हों को दबाने लगा।

फिर मैंने उसके गाउन को खोला।
उसने अंदर काले रंग की ब्रा और नेवी ब्लू पैंटी पहनी थी।

मैंने ब्रा के उपर से ही उसके बूब्स को हल्के-हल्के दबाना और चूसना शुरू कर दिया।
उसके पेट और नाभि को किस करते हुए मैं उसकी चूत पर आ गया और पैंटी के उपर से उसको सूंघा।

चूत की मादक सी खुशबू ने मुझे मदहोश सा कर दिया।
मैं उसकी चूत को ऊपर से ही चाटने लगा।

चूत पर चुम्बन चले तो उसके मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं।
फिर मैंने उसकी ब्रा को खोला और चूचियों को आजाद कर दिया।

ब्रा खुलते ही उसके गोरे बूब्स जैसे मुझे दावत देने लगे कि हमें चूस लो।
उसके निप्पल गहरे भूरे रंग के थे।

मैं उसके निप्पलों को मुंह में लेकर किसी बच्चे की तरह चूसने लगा और हल्के दांतों से काट भी लेता था।

थोड़ी देर निप्पलों को ऐसे चूसने के बाद फिर मैंने उसकी पैंटी उतारी और उसकी चूत को निहारा।

पिंकी की पिंक सी चूत पूरी तरह से साफ और क्लीन शेव थी, लग रहा था जैसे उसने आज ही अपने बाल साफ किए थे।

पिंकी की चूत बहुत ही खूबसूरत थी।
चूत की फांकें बिल्कुल किसी पाव की तरह फूली थी और उसके क्लिट हल्का बाहर की तरफ था।

चूत देखते ही मेरी उसको चाटने की इच्छा हुई।
मैं कहूंगा कि पिंकी का पति नालायक था जो इतनी खूबसूरत शारीरिक बनावट वाली पत्नी को प्यार नहीं करता था।

खैर, मैंने उसकी चूत को किस किया।

वह शरमाती हुई अपनी चूत और चूची को छिपाने की कोशिश कर रही थी।
साक्षात अप्सरा मेरे सामने नंगी खड़ी थी।

मैंने उसको अपनी गोद में उठाया और अपने बिस्तर पर लिटा दिया।
फिर मैं उसके हर अंग को प्यार करने लगा, उसको चूमने लगा।

उसके निप्पल टाइट होने लगे तो मैंने उसकी चूची चूसना शुरू किया।

थोड़ी देर निप्पल चूसने के बाद मैं उसके पैरों के बीच आ गया और उसके पैर खोल कर उसकी चूत को चाटने लगा।

दोस्तो, मुझे चूत का नमकीन स्वाद बहुत पसंद है और मैं अक्सर अपनी पत्नी की चूत चाटता हूं।
खैर, थोड़ी ही देर में पिंकी पूरी तरह से गर्म हो गई और मेरा सिर अपनी चूत पर दबाने लगी।

फिर मैंने पिंकी को 69 की पोजीशन में आने को बोला।
उसने तुरंत ही मेरा लोवर उतारा और 69 पोजीशन में आ गई।

वह किसी बच्चे की तरह मेरा लंड आइसक्रीम समझकर चूसने लगी।
उधर मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा।

थोड़ी देर में वह मेरे मुंह पर झड़ गई और अपनी चूत मेरे मुंह पर दबाने लगी, मेरे लन्ड को जोर-जोर से चूसने लगी।

फिर मैंने उसको उठाया और उसको पीठ के बल लिटा कर उसके मुंह को चोदने लगा।
पिंकी उम्मीद से ज्यादा मुझे प्यार कर रही थी।

थोड़ी देर में मैं भी झड़ गया और मेरा सारा वीर्य उसके गालों और गर्दन पर फैल गया।

हम दोनों ने बाथरूम में जाकर खुद को साफ किया।

मैं फिर से 69 पोजीशन में आकर उसकी चूत को चाटने लगा।
पिंकी फिर से गर्म होने लगी।

मैंने उसको घोड़ी बनने को कहा।
उसने तुरंत ही अपनी पोजीशन को चेंज किया और अपनी गांड ऊपर की तरफ करके मेरे लन्ड को अपनी चूत पर सेट किया।

चूंकि चूत पूरी तरह से गीली थी तो लन्ड बड़े आराम से चूत के अंदर चला गया।

लंड जाते ही उसके मुंह से निकला- ओह रोहित … मुझे जोर से चोदो … एक साल से साली इस चूत में सिर्फ उंगली ही गई है! प्लीज मुझे जोर से चोदो।

मैं भी उसकी चूत की सेवा में लग गया, उसे दबोचकर पेलने लगा।
ब्यूटीफुल सेक्स गर्ल की कामुक सिसकारियों से कमरा गूंज रहा था जो मुझे और उत्तेजित कर रहा था।

तकरीबन 10 मिनट की धांसू चुदाई के बाद मैं झड़ गया और उसके ऊपर ही गिर गया।
थोड़ी देर में मेरा लंड टिपुक की आवाज के साथ बाहर आ गया।

कुछ देर हम ऐसे ही लेटे रहे और नींद आ गई।

कहानी आगे भी जारी रहेगी.
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