Xxx फ्री फक स्टोरी में एक लड़के गाँव से शहर आकर चौकीदार की नौकरी पर लगा. पहली ही रात उसने एक चोरनी को पकड़ लिया. वह लड़की जवान थी. तो उसने लड़की को चोद कर जाने दिया.
दोस्तो, मैं विशु राजे आपको अपने पात्र मुकेश की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
मेरी पिछली कहानी
दोस्त की बीवी की चूत की प्यास बुझाई
में आपने पढ़ा था कि मुकेश ने मुंबई आकर अपने दोस्त आदिल की बीवी बुशरा के साथ Xxx फ्री फक करके अपने सेक्स संबंध बना लिए थे.
अगले दिन मुकेश आदिल के साथ फैक्ट्री जाने के लिए तैयार हो गया.
बुशरा ने चाय बनाई तो तीनों ने चाय पी और वे दोनों मर्द ऑफिस के लिए निकल गए.
आदिल उसे अपने ऑफिस ले गया.
वहां उसने मुकेश को मैनेजर से मिलाया.
उसे मैनेजर ने वॉचमैन के लिए काम पर रख लिया पर उसे रात की पाली में लगाया.
मैनेजर ने आदिल से कहा- तुम इसे काम समझा दो.
आदिल ने मुकेश को फैक्टरी में घुमाया. उसे उसकी जगह दिखाई और हिदायत दी कि रात को यहां सोना नहीं है. यहां चोरियां होती हैं.
अब आदिल और मुकेश दोनों एक ही जगह एक ही ओहदे पर काम करने लगे थे.
वे दोनों दिन की पाली और रात की पाली के लिए काम पर लग गए थे.
दिन में आदिल ड्यूटी पर रहने वाला और रात में मुकेश अपनी ड्यूटी पर रहेगा.
सब कुछ समझा कर आदिल ने मुकेश को घर भेज दिया और कहा- रात को 8 बजे यहां पर आ जाना.
मुकेश ने हां में सर हिलाया.
फिर आदिल ने उससे पूछा- पगार तो ठीक है ना तेरे लिए?
मुकेश बोला- आदिल, तूने जो मेरे लिए किया है, उसे मैं कभी नहीं भूल सकता हूँ. धन्यवाद भाई, अब मैं घर चलता हूँ और रात को तुझसे मिलता हूँ.
यह बोल कर मुकेश घर की तरफ चल दिया.
घर जाने से पहले उसने मिठाई खरीदी और घर चला गया.
घर आकर दरवाजा खटखटाया तो बुशरा ने दरवाजा खोला.
मुकेश को देख कर उसके चेहरे पर मुस्कान आ गयी.
उसने मुकेश को अन्दर लेकर दरवाजा फिर से बंद कर दिया.
मुकेश ने बुशरा को पकड़ कर गले से लगाया और अपने हाथ से बुशरा को मिठाई खिलाई. एक पीस खुद भी खाई.
फिर मुकेश ने कहा कि मुझे काम मिल गया है.
बुशरा बहुत खुश हुई.
वह बोली- वहां क्या हुआ? सब ठीक से बताओ न!
तो मुकेश ने कहा- आदिल ने मैनेजर से मुझे मिलाया. मैनेजर ने मुझे देखा, कुछ सवाल किये, फिर उसने आदिल को बोला कि इसे काम समझा दो और आज रात से ही काम पर बुला लेना. बस आदिल ने मुझे कंपनी घुमाई, काम समझाया और मैं घर आ गया.
फिर मुकेश बोला- बुशरा तुमने जो मुझे प्यार दिया, उसके लिए मैं तुम्हारा आभारी हूँ. मेरी सारी जरूरतें तुम दोनों ने पूरी कर दीं. रहने के लिए मुझे अपने घर में जगह दी, काम पर लगा दिया … और जो प्यार की प्यास थी, वह तुमने रात को पूरी कर दी. अब तुम मुझे बताओ बुशरा, मैं तुम्हें क्या दूँ?
तो बुशरा बोली- मुकेश, मुझे तुमसे एक प्यारा सा तोहफा चाहिए.
मुकेश बोला- हां बताओ बुशरा, क्या चाहिए तुम्हें … मेरे बस में होगा, तो मैं जान देकर भी तुम्हें वह लाकर दूंगा.
तब बुशरा हंस कर बोली- जान नहीं चाहिए. बस तुम मेरी गोद भर दो. मुझे अपने बच्चे की मां बना दो, मैं तुम्हारे बच्चे को जन्म देना चाहती हूँ. क्या मेरी ख्वाहिश पूरी करोगे?
इस पर मुकेश ने बुशरा को गले लगाया और उसने बुशरा के होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
किस करते करते मुकेश ने बुशरा के सारे कपड़े निकाल उसे नंगी कर दिया और खुद भी नंगा हो गया.
उसने बुशरा के हाथ में अपना खडा लंड थमा दिया. बुशरा उसके लंड को सहला रही थी.
मुकेश ने उसके एक चूचे को अपने मुँह में भर कर चूसने लगा.
बुशरा बड़े गौर से लंड देख रही थी.
मुकेश ने बुशरा को लंड चूसने का इशारा किया.
बुशरा ने भी उसकी इच्छा का मान रखते हुए उसके लंड को मुँह में भर लिया और चूसने लगी.
कुछ देर बाद मुकेश ने बुशरा को खूब पेला.
उसने अलग अलग आसन में काफी देर तक अलग अलग कोने में ले जाकर पेला, बुशरा की गांड भी मारी.
दोनों प्राणी दिन भर नंगे ही रहे थे.
ना मुकेश ने कपड़े पहने, ना बुशरा को पहनने दिए.
खाना भी दोनों ने नंगे ही खाया.
बुशरा बहुत खुश थी.
चुदाई में वक्त का पता ही नहीं चला कि कब शाम ढल गयी.
शाम के 7 बज गए.
बुशरा ने मुकेश से कहा- तुम्हें काम पर भी जाना है ना?
तब मुकेश ने बुशरा को उठाया और बाथरूम में ले गया.
वहां वह बुशरा को पेलते पेलते ही नहाया, फिर बाहर आकर उसने फैक्ट्री जाने तैयारी की.
कुछ देर बाद वह काम के लिए निकल गया.
बुशरा ने उसको ऐसे बाय किया, जैसे वे दोनों मियां बीवी हों.
मुकेश बहुत खुश था.
उसने अपनी माँ को एक दिन में जितना बार नहीं पेला, उतना आज उसने बुशरा को पेला.
आज उसके रहने का, खाने का और कमाई का बंदोबस्त हो गया था.
मुकेश काम पर पहुंचा.
तो आदिल ने उससे पूछा कि दुपहर में ठीक से सोये ना? रात भर जागना है.
मुकेश बोला- मैं ठीक हूँ, तुम घर जाओ … भाभी राह देख रही हैं.
आदिल घर निकल गया.
मुकेश ड्यूटी पर तैनात हो गया.
रात बढ़ती गयी, बुशरा की चुदायी उसे याद आने लगी और थकान भी होने लगी.
तब रात के 2 बज गए होंगे कि उसे थकान के मारे झपकी लग गयी.
वह कुर्सी पर बैठा बैठा झपकियां लेने लगा.
तभी उसे कुछ आवाज सुनाई दी.
वह तुरंत आवाज की दिशा में जाने लगा.
दबे पांव जाकर उसने देखा कि दीवार के छेद से एक औरत का हाथ भंगार में से सामान चुराने का प्रयास कर रहा है.
मुकेश चुपचाप दीवार के पीछे गया, जहां से वह औरत दीवार के अन्दर हाथ डाले खड़ी थी.
आदिल ने उसे देखा, वह एक दुबली पतली सी औरत थी.
उसका ध्यान नहीं था कि वॉचमैन पीछे आ गया है.
मुकेश ने उसे धर-दबोचा और उसे अन्दर ले आया.
उसके हाथ बांध कर खड़ी किया और उस पर चिल्लाने लगा.
वह औरत डरी हुई थी इसलिए रोने लगी थी और माफी मांग रही थी.
मुकेश उसे देख रहा था.
मुकेश ने उस औरत से उसका नाम पूछा, उसने अपना नाम इमली बताया.
फिर मुकेश ने उसे गौर से देखा, बिखरे बाल सादा सी साड़ी, पर वह साड़ी को ठीक तरीके से लपेटी हुई थी.
उसके चूचे भी बहुत छोटे थे, पिछवाड़ा भी ज्यादा उभरा हुआ नहीं था.
मुकेश ने डपटते हुए पूछा- कब से चोरी कर रही हो?
वह बोली- मेरा शौहर दारू पीता है. कुछ कमाता नहीं, बल्कि दारू पीकर मुझे पीटता है. पेट की आग बुझने के लिए यहां से कुछ ले जाती हूँ और अपना गुजारा करती हूँ.
मुकेश कुर्सी से उठकर उसके पास गया.
तो वह डर गयी.
मुकेश बोला- पर मुझे पुलिस को बुलाना होगा.
उस बात पर इमली डर गयी और बोली- नहीं साहब, आप जो बोलेंगे … मैं वह सब करूंगी. मेरा घर बाजू में ही है.
तब मुकेश बोला- सोच ले, तुझे मेरी हर एक बात माननी होगी.
इमली बोली- जो बोलो, वह मानूंगी … बस आप पुलिस को मत बुलाना.
इस पर मुकेश उस औरत के पीछे जाकर खड़ा हो गया और वह उस औरत को वासना से देखने लगा था.
उसने इमली के कँधे पर हाथ रख कर कहा- चल कपड़े उतार!
यह सुनकर इमली चौंक गयी, वह चुपचाप खड़ी रही.
मुकेश जोर से चिल्लाया- उतारती है या बुलाऊं पुलिस को?
इमली सहम गयी और मुकेश की ओर देखने लगी.
फिर उसने अपनी सलवार निकाल दी और खड़ी रही.
मुकेश ने उसकी कमीज को छूकर कहा- इसे भी उतार!
इमली ने रोते रोते शर्ट भी निकाल दी.
उसने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी तो उसके दूध खुल कर सामने आ गए.
मुकेश के मुँह में पानी आया.
उसने इमली का चेहरा अपनी तरफ किया और उसे किस करने लगा.
किस करते करते मुकेश ने उसकी पैंटी में हाथ डाला, तो उसका हाथ पैंटी के फटे होने के वजह से बाहर आ गया.
मुकेश ने देखा कि पैंटी फटी है तो उसने पैंटी निकाल कर अलग कर दी.
अब आहिस्ता आहिस्ता मुकेश का हाथ उसकी चूत के साथ खेलने लगा था.
इमली की चूत गीली होने लगी थी.
मुकेश का दूसरा हाथ उसके दूध पर चला गया.
वह एक दूध को मसलने लगा.
इमली मदहोश होने लगी.
मुकेश ने उसका एक दूध मुँह में भर लिया और चूसने लगा.
इमली पर मस्ती छाने लगी.
मुकेश ने आहिस्ता से अपनी बीच की उंगली इमली की चूत में सरका दी.
इससे इमली उछल पड़ी.
कुछ देर तक इमली के स्तनों का रसपान करने के बाद मुकेश ने इमली को अपने हाथों में उठा लिया.
इमली डर गयी, उसने मुकेश के गले को अपनी बांहों से पकड़ लिया.
मुकेश ने उसे सामने पड़े टेबल पर लिटाया और उसे गौर से देखने लगा.
क्या कमसिन कली थी.
वह पैर मोड़ कर लेटी थी.
मुकेश ने उसके पैरों को अलग कर लिया, बगल में पड़ी कुर्सी खींच कर उस पर बैठ गया.
इमली के पैरों को अलग करने की वजह से इमली की चूत उसके सामने खुल गयी थी.
मुकेश ने अपनी जीभ की नोक को उसकी चूत की फाँकों पर हल्के से घुमाई.
उसे अजीब सी गंध और अजीब सा स्वाद आया तो मुकेश उठ कर खड़ा हो गया.
इमली की आंखें बंद थीं.
मुकेश ने अपनी पैंट खोली, अंडरवियर निकाली और उसकी चूत की फाँकों को अलग करके अपने लंड को उसकी चूत की दरार में रख दिया.
इमली की चूत काफी पानी पानी हो गयी थी.
मुकेश ने एक धक्का मारा तो उसका पूरा लंड चूत के अन्दर समा गया.
इमली की चूत का मुँह काफी छोटा था तो मुकेश का लंड मानो अन्दर जाकर फंस सा गया था, चूत में काफी कसावट थी.
चूत में लंड जाने से चूत फैल गयी, इससे इमली को दर्द का अहसास हो रहा था.
पर उसे एक अनचाही खुशी भी थी, आज पहली बार कोई लंड उसकी चूत की जड़ तक गया था.
उसके शौहर का लंड काफी छोटा था.
शौहर के मुकाबले मुकेश का लंड 2 x 4 का मुकाबला तो जीत ही सकता था.
मतलब मुकेश कर देहाती लंड डबल बड़ा और मोटा था.
मुकेश ने धक्के लगाने चालू कर दिए.
हर धक्के पर इमली हिल रही थी.
उसके साथ वह जिस टेबल पर लेटी थी, वह टेबल भी चरमरा रही थी.
उस टेबल की चर्र चर्र की आवाज कारखाने के बाहर तक जा रही थी.
पर मुकेश किसी की परवाह किए बगैर उसे चोदे जा रहा था.
अभी दस मिनट ही हुए थे कि इमली अकड़ गयी, उसकी चूत ने ढेर सारा रस मुकेश के लंड पर छोड़ दिया और वह शांत हो गई.
उसके चेहरे पर एक अजीब सी खुशी थी.
जबकि मुकेश उसे अभी भी चोदे जा रहा था.
कुछ 5 मिनट बाद मुकेश ने उसकी दोनों टांगों को ऊपर उठा दिया और उसी हालत में उसे चोदने लगा.
इमली के लिए ये आसन नया था, शौहर के सामने 5 मिनट के लिए पैर फैलाने का और चुपचाप पड़े रहने का अहसास खत्म हो गया था.
शौहर का पानी गिर जाने के बाद शौहर खुद दूसरी तरफ मुँह करके सो जाता और इमली अपनी चूत की अधबुझी प्यास के साथ रात भर तड़पती रहती थी, पर आज उसकी चूत ने पानी छोड़ा था.
दस मिनट बाद इमली की चूत का तालाब भर गया.
इस बार इमली ने मुकेश के हाथों को थाम लिया और आह्ह की आवाज के साथ बहने लगी.
चूत में चिकनाई बढ़ गयी और चूत से पानी बाहर भी आने लगा.
मुकेश ने अब उसके पैरों को अपनी कमर के इर्द-गिर्द बांध लिया और उसकी बांहों को अपने गले में डाल कर उस अपनी कमर पर उठाया और खड़े खड़े ही उसे चोदने लगा.
वह इमली को ऊपर उठा कर लंड पर बिठाता, इससे ठप ठप की आवाज गूंजने लगी.
मुकेश के लंड के झटके बढ़ने लगे और उसका पानी निकलने को हुआ तो उसने इमली को टेबल पर रखा और जोर जोर से धक्के देने लगा.
इमली फिर से कांपने लगी, साथ ही मुकेश भी अकड़ने लगा.
इमली का बांध टूटा और वह बहने लगी, साथ ही मुकेश के लंड ने भी अपनी पिचकारी इमली की चूत में दे मारी.
झटके खा खा कर मुकेश का लंड खाली हो गया और इमली की चूत ओवरफ्लो हो गयी.
उसकी चूत से पानी उछल उछल कर बाहर आने लगा.
मुकेश कुछ देर इमली पर ही पड़ा रहा.
इमली भी प्यार से उस पर अपना हाथ फेरने लगी.
मुकेश का लंड खाली होकर अपने आप बाहर आ गया.
इमली की चूत लबालब भरी थी और छलक रही थी.
Xxx फ्री फक करने के बाद मुकेश उठ कर नल पर जाकर लंड साफ करके आ गया.
तब तक इमली ने अपनी सलवार कमीज पहन ली.
मुकेश ने इमली को भंगार जहां रखा होता है, वहां ले गया और बोला- जो चाहिए, वह ले जा!
इमली को शर्म आ रही थी, पर पेट भी तो भरना ही था.
उसने थोड़ा भंगार उठाया और मुकेश ने उसे बाहर छोड़ा.
बाहर आते हुए मुकेश ने उसे गेट के बाहर रोका, यहां वहां देखा … सब सुनसान था.
उसने अपनी जेब से 50 रुपये निकाल कर इमली को दे दिए.
वह उससे बोला- इमली तू मुझे बहुत अच्छी लगी. हम फिर कब मिलेंगे?
तब इमली बोली- साहब मेरा घर वह रहा.
दूर एक घर में दिया जल रहा था.
वह बोली- कभी मिलना हो तो आ जाना … मेरा शौहर पीकर सो जाता है.
मुकेश बोला- देखूँगा, समय मिला तो आऊंगा.
उसने इमली को पकड़ कर किस किया और उसे जाने को बोल दिया.
इमली खुशी खुशी जाने लगी.
मुकेश ने गेट बंद कर लिया.
वह उस जगह पहुंचा, जहां उसने इमली को चोदा था.
वहीं नीचे उसकी फटी पैंटी पड़ी थी.
उसने पैंटी उठाई, उसे सूंघा.
अजीब सी गंध थी, पर अब मुकेश को वह गंध अच्छी लगी.
उसके बाद वह इमली के बारे में सोचकर जागता रहा.
सुबह आदिल काम पर आया, उसने आकर उससे हालचाल पूछा … फिर घर जाने को बोल दिया.
घर जाकर उसे फिर से बुशरा को चोदना था.
मुकेश खुशी खुशी घर की ओर निकल गया.
यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहा.
अगले महीने बुशरा को मासिक नहीं आया.
उसने डॉक्टर से चेक करवाया तो डॉक्टर ने उसे खुशखबरी दी कि वह माँ बनने वाली है.
यह खुशखबरी सबसे पहले उसने मुकेश को दी.
मुकेश खुश हुआ … उसका पहला नाजायज बच्चा होने वाला था.
फिर बुशरा ने यह खुशखबरी आदिल को दी.
तो आदिल भी बहुत खुश हुआ, उसने पूरे मोहल्ले में पेड़े बांटें.
यहां इमली का क्या हुआ, ये अगली बार बताऊंगा.
Xxx फ्री फक स्टोरी कैसी लगी आपको?
मेल और कमेंट्स में बताएं.
धन्यवाद.
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