Xxx ब्यूटीफुल ऐस फक कहानी में मुझे अपनी पत्नी की सहेली की चुदाई का अवसर मिला। अब मेरा मकसद उसकी गांड मारने का था। मैंने उसको गांड चुदाई के लिए कैसे मनाया, स्टोरी में पढ़ें।
दोस्तो, मैं आपको अपनी सेक्स स्टोरी में बीवी की सहेली की चुदाई की दास्तां बता रहा था।
कहानी के पहले भाग
बीवी की हसीन सहेली को चोदा
में आपने पढ़ा होगा कि कैसे मैंने पिंकी को बीवी की गैर मौजूदगी में अपने घर बुलाया।
सेक्स की बातें करके मैंने उसको उकसाया और नंगे होकर हमने 69 सेक्स किया।
उसको गर्म करते हुए मैंने उसे चुदने के लिए तैयार कर दिया।
फिर चोदते हुए मैं पिंकी की चूत में एक बार खाली हो चुका था।
अब आगे Xxx ब्यूटीफुल ऐस फक कहानी:
पहले राउंड के बाद कुछ देर हम ऐसे ही पड़े रहे।
उसके बाद हम उठकर बाथरूम में गए, फिर खुद को साफ किया और किचन में चले गए।
हम दोनों नंगे ही खाना बना रहे थे।
बीच-बीच में मैं उसकी चूची चूस लेता और उसकी चूत में उंगली भी कर देता था।
थोडी देर में मेरा मटन तैयार हो गया और हमने नंगे ही खाना खाया।
फिर खाना खा कर थोड़ी देर ऐसे ही नंगे चिपक कर सो गए और इस दौरान मेरा लन्ड उसकी गांड के छेद से चिपका हुआ था।
शाम को हम सो कर उठे और हमने कॉफी पी।
मैंने पिंकी को समझाया कि शाम को मेरी पत्नी वीडियो कॉल करेगी इसलिए जब कॉल आए तो वह वाशरूम में चली जाए।
मेरे अंदाजे के मुताबिक शाम को 8 बजे के करीब मेरी पत्नी का फोन आया और हम बातें करने लगे।
मैंने सास का हाल-चाल पूछा, फिर इधर-उधर की बातें करके मैंने फोन रख दिया।
पिंकी मेरे फोन रखने का इंतजार कर रही थी।
उसको पता ही नहीं चला कि मैंने फोन रख दिया है। मैं सीधा वाशरूम में चला गया और चुपके से उसको पीछे से पकड़ लिया और उसके बूब्स से खेलने लगा।
हम गर्म होने लगे।
मेरे मन में आया शवाब के साथ शराब मिला दी जाए।
मैं फ्रिज से बीयर की बोतल ले आया और पिंकी को कहा कि बोतल खोलकर अपनी चूचियों पर गिराए।
वह बीयर को चूचियों पर गिराने लगी और मैंने उनमें मुंह लगा दिया।
मैं बच्चे की तरह चूचियों से बीयर पीता रहा।
फिर मैंने ऐसा ही चूत पर करने के लिए कहा।
वह चूत पर बीयर गिराने लगी लेकिन सही ढंग से मुंह नहीं लग पा रहा था मेरा!
फिर मैंने उसको स्टूल के किनारे पर बिठा दिया।
अब उसकी चूत मेरे सामने चौड़ी खुल गई थी।
उसने बीयर डालना शुरू किया और मैं चूत में मुंह लगाकर बीयर पीने लगा।
चूत चाटने से पिंकी भी बहुत ज्यादा गर्म होने लगी थी।
चूंकि मैं भी कई बार झड़ चुका था तो लंड में दर्द हो रहा था अब!
इसलिए मैंने सिर्फ चूत चाटते हुए अबकी बार पिंकी को ठंडा किया।
हमें पता था कि रात हमारी ही है।
उसके बाद हम नहाकर बाहर आ गए।
हम तैयार होकर मार्केट गए और खाने-पीने का सामान लाए।
फिर हमने खाना-पीना किया और कुछ देर घर में ही टहले।
अब तय हुआ कि जो भी घर के किसी कोने में जाएगा वो अपना एक कपड़ा उतार देगा।
मैंने लोवर-टीशर्ट, चड्डी-बनियान पहन रखा था और पिंकी ने मेरी पत्नी का लोवर-टीशर्ट, ब्रा और पैंटी डाले हुए थे।
हमने चलना शुरू किया और पहला राउंड हुआ।
शर्त के मुताबिक मैंने और पिंकी ने टीशर्ट उतार दिया।
अब पिंकी ब्रा में और मैं बनियान में था।
अगले राउंड में वो भी उतर गए।
अब पिंकी और मैं सिर्फ लोवर में थे और उसके बूब्स चलते हुए आपस में टकरा रहे थे।
मैं पिंकी के कंधे पर हाथ रख कर उसके बूब्स दबाने लगा तो उसने भी मेरे लोअर में हाथ डाला।
मैंने बोला- ये नहीं करना है, जो अंग नंगे हैं उन्हीं से खेलना है।
पिंकी ने बोला- फिर तो गड़बड़ है, मेरी तो चूची नंगी हो गई लेकिन तुम्हारा तो कुछ भी नंगा नहीं हुआ!
कहकर वो जल्दी-जल्दी टहलने लगी।
फिर हमने अपना अपना लोअर उतारा।
अब पिंकी सिर्फ पैंटी में रह गई थी।
गोरे बदन पर नीले रंग की पैंटी उसके चूतड़ों को बमुश्किल ही ढक पा रही थी।
लेकिन पिंकी को तो जैसे मुझे नंगा करने की जल्दी थी।
तेज कदमों से चलते हुए उसने वो राउंड भी पूरा किया और हमने सारे कपड़े उतार दिए।
पिंकी नंगे बदन में आकर काम की देवी लग रही थी।
अब हम दोनों नंगे ही टहल रहे थे।
मैंने पिंकी की गांड की तरफ से उसकी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया और वो मेरे लन्ड से खेल रही थी।
मुझे अचानक ही एक उपाय सूझा और मैंने पिंकी को बोला- पिंकी तुम थोड़ा अपने पैर खोलो!
मैं उल्टा हो गया और पिंकी की चूत को अपनी जीभ से चाटते हुए आगे बढ़ने लगा।
लेकिन ये मजा कम और सजा ज्यादा लग रहा था।
फिर थोड़ी मौज-मस्ती, छेड़-छाड़ के बाद हम बिस्तर पर आ गए।
मैं पिंकी की गोद में सिर रखकर उसकी चूचियों से खेलने लगा और बीच बीच में उसको किस कर लेता था।
हमारे पास पूरी रात थी क्योंकि अगली सुबह मेरी छुट्टी थी।
पिंकी ने बोला- कल मैं चली जाऊंगी, फिर पता नहीं कब मौका मिलेगा ऐसा आजादी वाला!
मैंने बोला- मेरी जान … कल की चिंता क्यों करती हो, आज अगर मिल गए तो कल भी मिल लेंगेl तुम्हारे जीवन में शारीरिक खुशी लाने की जिम्मेदारी मेरी है।
फिर मैंने उसको किस किया और उसकी चूत को रगड़ने लगा।
आज मैंने पूरी तरह से चूत को पीने की ठान रखी थी इसलिए मैंने पिंकी को घुटने के बल खड़े होने को बोला और उसकी चूत के नीचे अपना मुंह लगा कर उसकी चूत को चाटने और चूसने लगा।
पिंकी की चूत ने जैसे ही पानी छोड़ना शुरू किया उसकी सिसकारियों से पूरा कमरा गूंज गया- ओह रोहित … और जोर से … खा जाओ इसे!
ऐसे करते हुए तकरीबन दो-तीन मिनट में वो झड़ गई।
फिर अचानक वो मुड़कर 69 की पोजीशन में आ गई और मेरा लन्ड चूसने लगी।
अब झड़ने की बारी मेरी थी।
वह लन्ड ऐसे चूस रही थी जैसे मेरा सारा माल़ आंड से ही पी जायेगी।
उसके पतले होंठों के आगे मेरा मोटा लन्ड कब तक टिकता, तो मैं और पिंकी एक साथ झड़ गए।
हम हांफते हुए एक-दूसरे से अलग हुए।
फिर बाथरूम में खुद को हमने साफ किया और बिस्तर पर आ गए।
अब मैंने पिंकी को पुनः घोड़ी बनने को बोला तो फट से उसने पोजीशन ले ली।
मेरी नजर उसकी गुलाबी गांड पर गई तो मैंने उसमें उंगली दे दी।
वह एकदम से उचक गई और दूर होते हुए बोली- रोहित, मैं एक साल से सिर्फ उंगली कर रही हूं इसलिए फिर कभी मौका मिलेगा तब करेंगे गांड वाला काम … अभी मुझे साल भर की प्यास बुझानी है।
फिर वह मुझे धक्का देकर मेरे ऊपर आ गई।
उसने अपनी चूत मेरे मुंह के ऊपर कर दी तो मैंने उसे अपनी जीभ से पेल दिया।
पिंकी सरकती हुई नीचे आई और फिर अपनी चूत को मेरे लन्ड के ऊपर सेट कर घपाघप अपनी चुदाई करवाने लगी।
मेरा लन्ड पूरा उसकी चूत में जाता और फिर बाहर आता।
वह सिसकारियां ले लेकर उसके ऊपर कूदने लगी।
मैं अब से पहले कई बार झड़ चुका था तो लन्ड महाराज झुकने का नाम नहीं ले रहे थे।
मैंने पिंकी को अपने बगल में लिटाया और उसकी एक टांग उठाकर उसकी धक्का पेल चुदायी शुरू कर दी।
10 मिनट की चुदाई के बाद हम झड़ गए और वैसे ही सो गए।
फिर सुबह उठ कर हमने दो बार और चुदाई की।
फिर पिंकी अपने घर चली गई।
पहली चुदाई के बाद अब हमारे बीच सब कुछ खुल गया था।
खैर, सुबह पिंकी के जाने के बाद मैं अपने घर पर आराम कर रहा था।
मेरे दफ्तर की छुट्टी थी।
करीब 12 बजे मेरे फोन पर मैसेज आया।
मैंने देखा वो पिंकी का था। मैंने झट से मैसेज पढ़ा जिसमें पिंकी ने लिखा था- रोहित इतनी अच्छी पार्टी और और इतना प्यार देने के लिए शुक्रिया। मैं ये पार्टी कभी नहीं भूल सकती।
मैंने भी झट से रिप्लाई दिया- शुक्रिया, मगर मैडम अगर आप कुछ बख्शीश देतीं तो मजा आ जाता, आप तो सूखे-सूखे चले गए।
पिंकी- अभी तो थोड़ी व्यस्तता है लेकिन शाम को फ्री हूं। अगर आपको बख्शीश चाहिए तो घर आ कर ले लो।
फिर मैंने रिप्लाई दिया- मैं तो आ जाऊंगा, लेकिन मुझे बख्शीश में क्या मिलेगा?
पिंकी- जो आपकी मर्जी हो आप ले लेना।
मैंने कहा- पक्की बात ना? फिर मुकर मत जाना!
फिर यह तय हुआ कि रात को 10 बजे पिंकी के घर पर मिलना होगा।
मैं भी पूरी तैयारी के साथ जाना चाह रहा था लिहाजा मैंने लूब्रिकेंट, क्रीम और स्प्रे ले लिया।
तय समय पर मैं पिंकी के घर पर पहुँच गया।
लेकिन मैं घर में घुसने की बजाय बाहर टहलता रहा और अनुमति का इंतजार करने लगा।
फिर उसका मैसेज आया कि दरवाजा खुला है, अंदर आ जाओ।
भीतर गया तो पिंकी ने अपने नाम की तरह ही पिंक टीशर्ट और प्लेटेड स्कर्ट पहन रखा था जैसे अभी-अभी तैयार हुई हो।
मैंने चारों तरफ देख परख लिया कि कहीं उसके पति ने कोई कैमरा तो नहीं लगा रखा है।
पूरी तसल्ली के बाद मैं बैठ गया।
तभी वह कोल्ड ड्रिंक ले आयी।
मैंने भी रोमांटिक अंदाज मे कहा- होंठों को पीने की जगह कोल्ड ड्रिंक पियेंगे?
उसने हँसते हुए कहा- वो भी पियेंगे, रात अपनी है, और आपको तो अभी बख्शीश भी तो देना है।
फिर हम दोनों खिलखिला कर हँसने लगे।
फिर पिंकी हम दोनों के लिए खाना गर्म करने लगी और मैं उसके घर का अवलोकन करने लगा ताकि अपने रोमांस के लिए जगह तय कर पाऊं।
अवलोकन करते हुए मैं किचन में पहुंच गया जहां पिंकी खाना गर्म कर रही थी।
मैंने पीछे से पिंकी को अपनी बांहों में भर लिया और उसके गले पर किस करने लगा।
उसके बाद मैंने उसकी स्कर्ट में हाथ डालकर उसकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया।
पिंकी भी धीरे-धीरे गर्म होने लगी तो बोली- रोहित, खाना और मैं दोनों ही गर्म हो रहे हैं, क्या खाओगे पहले?
मैंने किस करते हुए कहा- जब तक खाना गर्म होता है तब तक तुम्हें खा लेते हैं!
और फिर मैंने पिंकी की पैंटी उतार दी और उसकी चूत में उंगली करने लगा।
उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था जो कि मेरी उंगलियों पर लगा था।
मैंने उसको चाट लिया।
फिर मैंने पिंकी की टीशर्ट को उतार दिया।
उसने अंदर पिंक रंग की फूलों वाली ब्रा पहन रखी थी।
मैंने उसे अपनी तरफ घुमाया और उसके होंठों को किस करने लगा, फिर ब्रा के हुक को खोल कर उसकी चूचियों को आजाद कर दिया।
अब मैंने पिंकी की पैंटी को नीचे सरका दिया और अपना लन्ड पिंकी की चूत पर जांघों के बीच से रगड़ने लगा।
पिंकी ने भी मेरा टीशर्ट और लोअर उतार दिया और हम दोनों लगभग नंगे हो गए थे।
मैं अब अपने घुटनों पर बैठ गया और पिंकी की गीली चूत को चूमने और चाटने लगा।
पिंकी को भी अब मदहोशी छा रही थी तो उसने अपने पैर फैला दिए।
अब उसकी चिकनी चूत मेरे मुंह के बिल्कुल पास थी।
मैं उसकी दोनों फांकों को अपने होंठों से चूमने लगा और अपनी जीभ से चूत के छेद में चोदने लगा।
पिंकी अब काफी गर्म हो गई थी और मेरे सिर को अपने चूत पर दबाए जा रही थी।
करीब 5 मिनट तक मैंने पिंकी को अपनी जीभ से चोदा और चाटा तो वो झड़ गई।
फिर वैसी ही हालत में पिंकी ने खाना लगाया और हम बीयर पीते हुए खाना खाने लगे।
बीच-बीच में मैं उसकी चूचियों को दबा देता था।
मैंने फिर पिंकी को अपनी तरफ खींच लिया और उसे अपनी जांघों पर बिठा लिया।
मेरा लन्ड उसकी चूत से टकराता रहा।
हम खाना खाते रहे।
भूख तो हमें बस जिस्म की लगी थी, बाकी सब तो खानापूर्ति थी।
फिर पिंकी और मैं ड्राइंग रूम में आ गए और मैं उसकी चूचियों से खेलने लगा और उसकी चूचियों को पीने लगा।
पिंकी फिर से गर्म होने लगी और वो मेरा लन्ड अपने नर्म हाथों से सहलाने लगी।
मैंने कहा- यार मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा है कि तुम्हारे जैसी हुस्न की मालकिन मेरे सामने नंगी है।
पिंकी ने मुझे लगभग धकेलते हुए सोफे पर लिटा दिया और मेरे होंठों पर अपनी चूत रख कर बोली- अगर यकीन न आ रहा हो तो इसको चाट लो … यकीन हो जायेगा।
इतना कहकर वो मुस्कराती हुई अपनी चूत मेरे मुंह पर रगड़ने लगी।
हम दोनों फिर से गर्म हो गए और 69 पोजीशन में ओरल सेक्स करने लगे।
मैंने भी जल्दी न दिखाते हुए इत्मिनान से उसकी चूत को चूसना शुरू किया।
करीब 2 मिनट तक ऐसे ही चूसने के बाद बाद हम दोनों अलग हो गए।
पिंकी की पतली कमर और चौड़ी गांड किसी भी लन्ड का पानी निकाल सकती थी।
मैं जल्दबाजी न दिखाते हुए पिंकी के पैरों के बीच आ गया और उसके पेट-नाभि को चूमते हुए उसकी चूत पर आ गया।
उसकी चूत का चोदन मैं अपनी जीभ से करने लगा।
पिंकी जैसे-जैसे गर्म होती गई उसकी सिसकारियों से पूरा कमरा गूंजने लगा- ओह रोहित … और जोर से … मेरा कुत्ता … चाट के इसको आह … आह … ओह और चाट!
मैं उसका पानी चाटता गया और पिंकी एक बार फिर झड़ गई।
फिर वो मेरे लन्ड को चूसने लगी और उसको गीला कर दिया।
मैंने उसको सोफे पर बिठाया और उसकी टांगों को अपने कंधे पर रख लिया।
अब उसकी गुलाबी चूत मेरे लन्ड के सामने चमक रही थी।
मैंने एक ही झटके में अपना पूरा लन्ड पेल दिया और जोर-जोर से झटके मारकर चोदने लगा।
पिंकी भी अपनी कमर को उठा उठाकर मेरा साथ दे रही थी।
करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद मैंने पिंकी को बिस्तर पर लिटाया और उसके एक पैर को अपने कंधे पर रख लिया ताकि चुदाई के वक्त उसकी खुशी मैं उसके चेहरे पर देख सकूं।
पिंकी का एक पैर अपने कंधे पर रखने से पिंकी की खूबसूरत गुलाबी चूत, उसका जी-पॉइंट और क्लिट सब साफ चमक उठे।
मैंने अपना लन्ड पहले पिंकी की चूत पर रगड़ा तो वो कसमसा गई और और बहुत ही उत्तेजित स्वर में कहा- यार रोहित अब और मत तड़पाओ … अब चूत में डालो अपना लन्ड फिर से!
तब मैंने अपना लन्ड उसकी चूत में डाल दिया और पूरी रफ्तार में उसे चोदने लगा।
मैं एक हाथ से उसके चूचे दबाने लगा।
करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद दोनों झड़ गए और एक दूसरे से चिपक कर आराम करने लगे।
थोड़ी देर के बाद हम दोनों वाशरूम गए और खुद को साफ किया।
फिर हम बेडरूम में गए।
पिंकी ने अपना बेडरूम काफी बढ़िया सजा रखा था लेकिन शायद ही वो उस बेड पर चुदती हो।
मैंने पिंकी से कहा- मालकिन इस रामू को उसका बख्शीश दे दो।
पिंकी ने कहा- रामू एक शर्त पर बख्शीश मिलेगी, मुझे ऐसे ही प्यार करते रहोगे तब!
मैंने कहा- मालकिन आप आज से हमारी हैं, आपकी सेवा अपना काम है!
हम दोनों हंसने लगे।
तब मैंने पिंकी की गांड को सहलाना शुरू किया तो उसको समझ आ गया मेरी बख्शीश क्या है।
मैंने पिंकी के पतले होंठों को चूसना शुरू किया और उसकी गांड को दबाते हुए उसके छेद में अपनी उंगली डालने लगा।
उसकी गांड का छेद थोड़ा टाइट था, उसे दर्द हो रहा था।
मैं चुदाई में उसको दर्द नहीं देना चाहता था तो उंगली करते हुए जैल भी उसमें लगाना शुरू कर दिया।
काफी देर तक गांड में जैल लगाया और फिर अपने लंड पर भी लगा लिया।
मैंने उसको घोड़ी बनने का इशारा किया।
पिंकी भी मुस्कराते हुए घोड़ी बनी और कहा- आओ रोहित … चोद लो गांड और ले लो अपनी बख्शीश!
पिंकी के मुंह से ऐसे शब्द सुन कर लन्ड महाराज फूले न समा रहे थे।
अब पिंकी की गांड मेरे सामने थी।
मैंने धीरे-धीरे पिंकी की गांड में लन्ड डालना शुरू किया।
3-4 बार की कोशिश में लन्ड पूरा अंदर चला गया।
पिंकी को दर्द हो रहा था जिसको मैं उसके चेहरे पर साफ देख पा रहा था।
मैंने पूछा- पिंकी, अगर दर्द हो रहा हो तो निकाल लूं?
लेकिन पिंकी भी कमाल थी।
उसने थोड़ी देर दर्द बर्दाश्त किया, फिर बोली- अब करो जो करना है।
मैंने धीरे-धीरे उसको चोदना शुरू किया और कुछ देर में पिंकी भी मेरा साथ देने लगी।
वो अपनी गांड हिला कर बड़े आराम से चुदाई करवा रही थी।
मैं बीच-बीच में Xxx ब्यूटीफुल ऐस चुदाई रोक कर उसके कूल्हों से खेलने लगता था।
औरतों के कूल्हे जरूरत से ज्यादा नर्म होते हैं, और पिंकी के गोल नितम्ब तो बहुत ही ज्यादा नर्म थे।
करीब 15 मिनट की धक्का-पेल चुदाई के बाद मैं पिंकी की गांड में झड़ गया और उसके ऊपर लेट गया।
दोस्तो, उस रात मैंने पिंकी को 2 बार और चोदकर खुश किया।
फिर सुबह होने से पहले मैं अपने घर आ गया।
यह थी मेरी पत्नी की सहेली की चुदाई की मेरी कहानी।
आपको मेरी स्टोरी कैसी लगी मुझे जरूर बताना।
कमेंट्स में Xxx ब्यूटीफुल ऐस फक कहानी पर अपनी राय देना न भूलें या फिर आप मुझे ईमेल पर मैसेज भी कर सकते हैं।
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