सेक्स नाईट विद न्यू हस्बैंड कहानी में मेरा पहला पति मुझे चुदाई में मजा नहीं देता था तो मैं उससे अलग हो गयी. मुझे एक नया मर्द मिला और मैंने उससे शादी कर ली.
फ्रेंड्स, मैं आपकी सिम्मी!
मेरी पहली कहानी
सेक्सी फिगर बनाने के लिए खूब चुदी मैं
आपने पढी और पसंद की.
धन्यवाद.
अब एक बार फिर से आपकी टांगों के बीच हलचल मचाने के लिए हाजिर हूँ.
यह पहली सेक्स नाईट विद न्यू हस्बैंड कहानी मेरी पाठिका की है, आप उसी की जुबानी इस मस्त रसीली कहानी का मजा लें.
दोस्तो, मेरा नाम सुखजिंदर कौर है.
मेरी उम्र 32 साल है और फिगर 36-30-38 का है.
मैं बेनागा जिम जाती हूँ, जिसकी वजह से मेरी बॉडी एकदम पर्फेक्ट है.
मेरी पहली शादी टूटने के बाद दूसरी शादी हुई है, जिसमें मैं बहुत खुश हूँ.
क्योंकि मेरी पहली शादी जिधर हुई थी, वहां मुझे कुछ भी नहीं मिला था.
किसी भी तरह का सुख नहीं मिला, मतलब यह कि ना तो उस घर में मुझे कोई प्यार करने वाला था और ना ही मेरी अच्छी चुदाई हो रही थी.
सब कुछ बोरिंग बोरिंग सा चलता था और दो साल तक मुझको कोई बेबी भी नहीं हुआ था, जिसकी वजह से हम दोनों के बीच बहुत ज़्यादा झगड़ा होता रहता था.
फिर आख़िरकार हमारा डाइवोर्स हो गया और मैं अपने पीहर में आ गई.
उस वक्त मेरी उम्र 28 साल की थी और मैं एक गदराया हुआ माल दिखती थी.
मैंने 3 साल तक शादी के बारे में सोचा ही नहीं.
फिर एक दिन की बात है.
उस दिन मैं अपने घर वापस जा रही थी और मुझे घर जाने के लिए कोई साधन नहीं मिल रहा था.
उस दिन शायद कोई हड़ताल थी जिसकी वजह से मुझे कोई भी बस, ऑटो नहीं मिल रहा था.
तब मुझे एक बाइक दिखी, जिस पर 40+ का उम्रदराज आदमी सवार था.
मैंने उनसे मदद माँगी तो वे मुझे अपनी बाइक पर बिठा कर ले जाने लगे.
उन्होंने मुझसे पूछा- आपको किधर जाना है?
मैंने उन्हें बताया और यह भी कहा कि आपको जिधर तक ले जाने में सुविधा हो, आप मुझे वहीं छोड़ दीजिएगा.
वे हंसने लगे और बोले- मुझे उसी तरफ जाना है. मैं आपको जिधर कहेंगी, उधर छोड़ दूंगा.
फिर उन्होंने मुझे मेरे घर के पास वाले चौक तक छोड़ दिया.
हम दोनों इतनी देर तक साथ में रहे थे और बातें भी कर रहे थे.
लेकिन उन्होंने मुझसे मेरा नंबर नहीं माँगा जो कि मुझे बहुत अच्छा लगा.
अंततः मैंने खुद ही उनका नंबर लेने के बहाने से उनसे उनका फोन मांगा कि मुझे अपनी फ्रेंड को कॉल करना है.
उन्होंने मुझे अपना फोन दे दिया.
मैंने उनके फोन से अपनी सहेली को कॉल की, वह मेरा इंतजार कर रही थी.
फिर वे मुझे ड्रॉप करके चले गए.
ऐसे ही 3 दिन निकल गए और एक दिन उनकी कॉल मेरी सहेली के पास आई.
वे मेरी सहेली से मेरे बारे में बात करने लगे- मैं उनसे मिलना चाहता हूँ.
इधर मैं तो खुद ही उन से मिलने को बेताब थी.
सहेली ने मुझे बताया और हम दोनों की मुलाकात फिक्स हो गई.
वे मुझे पास के ही एक रेस्तरां में मिले.
उधर हम दोनों ने चाय नाश्ता आदि लिया.
फिर वे मुझसे सीधे बोले- आओ, अब मैं आपको आपके घर पर ड्रॉप कर दूं.
उस दिन बातों ही बातों में उन्होंने बताया कि उनका डाइवोर्स हो चुका है.
जबकि मैंने उनसे अब तक इस बारे में कुछ नहीं कहा था.
काफी देर तक हम दोनों की सभी विषयों को लेकर बातें हुईं.
मैंने अपनी पसंद नापसंद उन्हें बताई, उन्होंने अपनी बताई.
फिर हम दोनों बाहर आए तो वे मुझे कार पार्किंग तक ले गए.
उधर उन्होंने अपनी कार पार्क की हुई थी.
उन्होंने मुझे कार में बैठने का कहा.
मैं सोच रही थी कि ये अपनी बाइक से मुझे मेरे घर के पास छोड़ देंगे. पर उनकी कार देख कर मैं खुश हो गई.
अब हम दोनों कार में बैठ गए.
मैंने पूछ लिया- आज आपकी बाइक किधर गई?
वे बोले- उस दिन तो बस ऐसे ही बाइक पर निकला था. उसकी सर्विस के लिए मुझे बाइक से जाना पड़ा था.
इसी तरह की बातों के चलते हम लोग कुछ दूर निकल आए.
अब उन्होंने कार रोक दी और बोले- अपनी आइज़ क्लोज़ करो, आपके लिए कुछ है!
मैं डर भी रही थी और आश्चर्यचकित भी थी कि आख़िर इनके पास मेरे लिए क्या होगा!
मैंने अपनी आंखें बंद कर लीं.
फिर जब मैंने आइज़ ओपन की, तो वे मेरे लिए एक आई फोन लेकर आए थे.
मैं मना करने लगी कि अभी तो हम दोनों एक दूसरे को ठीक से जानते भी नहीं हैं और आप मेरे लिए इतना महंगा फोन ले आए.
तब उन्होंने जिद करते हुए कहा- यह फोन तो आपको लेना ही पड़ेगा.
वे आग्रह पूर्ण भाव से मुझे फोन देने लगे और मैं मना करने लगी.
उस वजह से उनके हाथ मेरे बूब्स पर लग गए और जैसे ही मैंने उनकी तरफ देखा तो वह एकदम से दूर हो गए.
वे इसरार करते हुए बोले- प्लीज मेरे लिए रख लो … मुझे आपसे बात करने में आसानी होगी.
फिर मैंने फोन ले लिया और घर आ गई.
उस रात में सो नहीं पाई.
अगले दिन मैंने उनको कॉल की और उनसे उनका नाम पूछा.
वे हंस कर बोले- कल तो आपको मेरा नाम पूछने की याद ही नहीं आई. मेरा नाम दिव्यांश है, लेकिन आप मुझे दीपू बोल सकती हो.
मैंने कहा- ओके. क्या आपको मेरा नाम मालूम है?
वे बोले- जब तक आप नहीं बताओगी, तब तक कैसे मालूम होगा?
अब मैं मुस्कुरा दी और बोली- तो आपको भी मेरा नाम पूछने की याद नहीं रही!
वे बोले- मुझे याद था, लेकिन जब तक आपने नहीं पूछा तो मैंने भी नहीं पूछा.
मैंने उन्हें अपना नाम बताया.
अब हमारी बातें होने लगीं और हम लोग आपस में सहज होते चले गए.
हम दोनों के बीच पूरे 8 महीने तक बातचीत चली और कई बार मिले भी.
इस दरमियान हमने एक दूसरे को सिर्फ जाना था, कोई किस हग वगैरह नहीं किया था.
फिर एक दिन उन्होंने मुझसे शादी का पूछा.
तो मैंने हां कर दी और उसके 3 ही महीने बाद हमारी शादी हो गई.
अब हम दोनों बहुत खुश थे.
हालांकि मुझे एक अनजाना सा डर था कि कहीं ये भी बिस्तर में पहले पति की तरह ना निकलें.
यदि ऐसा हुआ, तो मेरे लिए असहनीय होगा.
शादी के बाद जैसे ही मैं अपने रूम में पहुंची तो कमरे की सजावट देख कर खुश हो गई.
मैं बिस्तर पर बैठ कर दीपू के आने का इंतजार करने लगी.
जब वे रूम में आए तो उन्होंने मुझे चूमना शुरू कर दिया.
धीरे धीरे वे मुझे नंगी करने लगे.
एक अरसे बाद मुझे किसी अन्य मर्द ने किस किया था.
मैं भी उनका साथ देने लगी थी.
कुछ ही देर में हम दोनों की उत्तेजना बढ़ती गई और दीपू जी ने मुझे पूरी नंगी कर दिया.
वे मेरी बॉडी की शेप देख कर बोले- वाह क्या बॉडी है जान, अब तो और भी मजा आएगा. बताओ कैसे शुरुआत करूं?
मैं हंस कर बोली- आपको जैसे भी अच्छा लगे, वैसे करो.
अब वे मेरे बूब्स चूसते हुए बोले- आज से तुम्हारी मस्त चुदाई होगी.
मैंने होंठ दबा कर चुटकी ली- क्या कपड़े पहने हुए ही?
उन्होंने यह सुना और अपने सारे कपड़े उतार दिए और मादरजात नंगे हो गए.
उन्होंने मुझे बिस्तर से नीचे आने को कहा.
मैं आ गई.
उन्होंने मुझसे नीचे बैठने को कहा और जैसे ही अपना लंड वे मेरे मुँह में देने लगे, तब मैं मना करने लगी.
वे मुझसे बहुत प्यार से बोले- जान प्लीज!
मैं भी उनका प्यार देख कर पिघल गई और मैंने एकदम से उनका हथियार अपने मुँह में ले लिया.
मैंने पिछले पति का भी कभी लंड नहीं चूसा था तो मुझे पहले पहल बहुत अजीब सा लगा.
पर एक बात सही कह रही हूँ कि उनके लंड में से स्मेल बहुत अच्छी आ रही थी.
उनका लंड 5-6 इंच का रहा होगा, जिसे मैं पूरा अन्दर तक लेने लगी.
कुछ ही देर में मुझे भी लंड चुसाई में मजा आने लगा और मैं अब पागलों की तरह अपने पति के लंड को चूसने लगी.
कुछ देर बाद उन्होंने मुझे उठाया और बेड पर लिटा दिया.
अब वे मेरी चुत चाटने लगे, जिसमें मैं इतनी ज्यादा पागल हो गई थी कि मैंने बेडशीट फाड़ दी और उत्तेजित होकर उनके मुँह में अपनी चुत उठा उठा कर देने लगी.
आख़िर में मैंने अपनी चुत से पानी छोड़ दिया और निढाल हो गई.
वे मेरा सारा पानी पी गए, जो मुझे बहुत अच्छा लगा.
कुछ देर के बाद उन्होंने मुझे बेड पर चित लिटाया और मेरी गीली चुत में अपना लंड टिका कर रगड़ने लगे.
मैं बेहद कामुक थी तो उनसे नजरें मिला कर अपनी चुदास जाहिर करने लगी थी.
उस वक्त उन्होंने एक तेज झटका दे दिया, जिससे फ़च की आवाज़ आई और उनका पूरा लंड मेरी गीली चुत में घुसता चला गया.
मैं अब तक अपने पहले पति से बहुत बार चुदवा चुकी थी तो चुत खुली हुई थी.
लेकिन आज इनसे चुदवाने में मुझे बहुत मजा आ रहा था.
उन्होंने मेरी चुत में लंबे लंबे झटके देने शुरू कर दिए.
मैं भी उनके हर झटके का जवाब दे रही थी.
मैं भी अपनी गांड को उछाल उछाल कर चुदवा रही थी.
उनके लंड को नीचे से झटके दे रही थी.
कुछ ही देर में मेरी चुत हार गई और मैंने फिर से पानी छोड़ दिया.
पर दीपू अभी भी धकपेल मचाए हुए थे.
मेरी चुत से पानी छूटने की वजह से उनके हर झटके पर फच फच की आवाज़ आने लगी थी.
यह आवाज मुझे इतनी ज्यादा सुखद लग रही थी कि क्या ही कहूँ!
मुझे 15 मिनट तक धकापेल चोदने के बाद उन्होंने अपने लौड़े का सारा पानी मेरी चुत के अन्दर ही निकाल दिया, जिसका मुझे बहुत अच्छा अहसास हुआ.
फिर जैसे ही मैं उठी तो मैं सीधे उनके होंठों को चूमने लगी और पागलों की तरह चूस भी रही थी.
मैं उनकी पीठ पर अपने नाख़ून से नोंच भी रही थी.
इससे वे भी समझ गए कि अभी चुत को और लंड चाहिए.
उन्होंने एक बार फिर से मुझसे अपना लंड चुसवाया.
इस बार मुझे उनके लौड़े से मुहब्बत हो गई थी तो मैं पूरे 5 मिनट तक लंड चूसती रही.
वे एक बार फिर से मेरी चुत में लंड देकर मुझे चोदने लगे.
इस बार भी मैंने जल्दी ही अपना पानी छोड़ दिया था लेकिन उन्होंने इस बार मेरी चुदाई आधा घंटा तक की.
मैं उस दौरान दो और बार झड़ी थी.
आखिर मैं उन्होंने अपने लौड़े का सारा पानी मेरी चुत के अन्दर ही निकाल दिया.
मैं पूरी तरह से संतुष्ट हो चुकी थी और थक भी गई थी.
हम दोनों लेट कर एक दूसरे को किस करने लगे.
उसी दौरान उनका लंड फिर से खड़ा हो गया और वे मुझे फिर से चोदने लगे.
उस रात उन्होंने मुझे 5 बार चोदा था.
अगली सुबह जब मैं उठी, तो उठ ही ना सकी.
उन्होंने वापस मुझे जकड़ लिया था और अपना लंड मेरी चुत में पेल दिया था.
उस वक्त सुबह के 7 बज चुके थे. एक मस्त चुदाई के बाद मैं फ्रेश होकर बाहर आई.
तब वे बिस्तर पर नंगे लेटे हुए थे और अपने लौड़े से खेल रहे थे.
मैं उन्हें देख कर मुस्कुरा दी.
वे बोले- जान चूसो न इसको!
मैं बोली- बस भी करो, अब कितना चोदोगे?
वे बोले- बस अब तो सारा टाइम चोदना ही है.
उन्होंने मुझे उठ कर अपनी बांहों में जकड़ लिया और मेरे लाख मना करने पर भी मुझे फिर से चोदा.
अब मेरे अन्दर हिलने की भी ताक़त नहीं बची थी.
तब मैं बोली- जान अब रात को करना, मैं बहुत थक गई हूँ.
वे बोले- एक बात बताऊं .. मेरी पहली वाइफ ने मुझे इसलिए छोड़ दिया था क्योंकि मैं बहुत चोदता हूँ, प्लीज जान तुम ऐसा मत करना!
मैं बोली- ओके जान.
यह कह कर मैंने उनके होंठों से अपने होंठ लगा दिए और उन्हें लिपकिस की.
कुछ ही देर में उनका लंड फिर से खड़ा हो गया था.
मैं कुछ बोलती, उससे पहले ही उन्होंने मुझे खींच कर अपने बाजू में लिटा लिया और मेरी चुत में फिर से अपना लंड डाल दिया.
अब तो मेरी चुत भी दर्द कर रही थी क्योंकि इतने टाइम बाद चुदी थी और यह इंसान मुझे लगातार चोद रहा था.
यह तो मेरी चुत का नसीब था कि इस बार उनका रस जल्दी निकल गया, जिस वजह से मैं भी जल्दी फ्री हो गई.
तो दोस्तो, इस सेक्स कहानी में आपको आगे एक ट्विस्ट देखने को मिलेगा, जब मेरे पति के अलावा उनके बेटे ने भी चोदा.
आपको सेक्स कहानी कैसी लग रही है, प्लीज जरूर बताएं.
simrankaue888@gmail.com
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