ऑफिस बॉस चुदाई कहानी में मेरी दीदी मुझसे और मेरे दोस्त से चुदने के बाद अपने ऑफिस में अपने बॉस से पहली बार चुदने की बात सुनाने लगी.
फ्रेंड्स, मैं समीर आपको अपनी मां बहन की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के दूसरे भाग
मेरी सेक्सी दीदी मेरे दोस्त से चुदी
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि मैं रात को अपनी मम्मी के कमरे में झांक कर देख रहा था कि वे लगभग नग्न अवस्था में सोई हुई थीं और उनके बाजू में पापा सो रहे थे. मैंने उन्हें पापा की मौजूदगी में ही चोदने का मन बना लिया था.
अब आगे ऑफिस बॉस चुदाई कहानी:
मैं नंगा ही उनके कमरे में घुसा और मम्मी की मैक्सी की बेल्ट खोलकर उन्हें पूरी नंगी कर दिया.
मम्मी फुसफुसाती हुई बोलीं- आ गया मेरा राजा बेटा?
मैंने कहा- हां, रानी माँ.
मम्मी बोलीं- तो अपनी रानी को आज कैसे खुश करेगा?
मैंने कहा- रुकिए, अभी आता हूँ.
मैं किचन में गया, फ्रिज से मलाई निकाली और कमरे में लाया.
मैंने मम्मी की चूत में मलाई भर दी और अपने लंड पर भी लगा ली.
मम्मी बोलीं- अच्छा, तो आज मलाई डे है?
मैंने कहा- हां रानी माँ, आज आपकी मलाई वाली चुदाई होगी.
मम्मी ने मेरा मलाई लगा लंड अपने मुँह में लिया और चाटने लगीं.
फिर बोलीं- तू नहीं खाएगा चूत मलाई?
मैंने कहा- मैं आपकी असली मलाई खाऊंगा, ये वाली तो बस चुदाई के लिए डाली है.
मैंने अपना लंड उनकी चूत में डालकर चोदना शुरू कर दिया.
मम्मी के बड़े-बड़े दूध जोर-जोर से हिल रहे थे और मैं उन्हें मसल रहा था.
बीस मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना माल उनकी चूत में गिरा दिया.
फिर उन्हें चूमकर कहा- कल मिलेंगे रानी माँ, सुबह गांड जल्दी साफ कर लेना!
मम्मी हंसती हुई बोलीं- ठीक है मेरे राजा, जा अपने कमरे में.
मैं कमरे में आया तो देखा कि दीदी अभी भी रमन से चिपकी सो रही थीं.
मैं अपने बेड पर जाकर सो गया.
सुबह 6 बजे मेरी आंखें खुलीं.
मैं हमेशा जल्दी उठ जाता हूँ और दीदी की सुबह-सुबह चुदाई का मज़ा लेने के लिए लंड हिला देता हूँ.
कमरे में नज़र पड़ी तो रमन दीदी को चोदने में मशगूल था, उनकी सिसकारियां हवा में तैर रही थीं.
दीदी ने उंगली से मुझे अपनी ओर बुलाया, पर मेरा मन तो मम्मी की रसीली गांड में अटका था.
पापा सुबह 5 बजे निकल चुके होंगे, ये सोचकर मेरे लंड में हलचल होने लगी.
मैं दीदी के पास गया और उनके कान में फुसफुसाया- आप रमन के लंड का मज़ा लो, मैं फ्रेश होने जा रहा हूँ.
उन्हें एक गहरा किस देकर, उनकी गांड में दो मिनट तक उंगली डालकर हिलाने के बाद मैं अलग होते हुए कहा- मैं बाहर संभालता हूँ, तुम लोग तब तक बाहर मत आना, जब तक मैं न कहूँ.
ये बोलकर मैं बाहर चला गया.
मम्मी नहा-धोकर एक नई, छोटी मैक्सी पहने कमरे में लेटी कोई किताब पढ़ रही थीं.
उनकी गोरी टांगें और आधे खुले चूतड़ मैक्सी से झाँक रहे थे.
मम्मी बोलीं- कोमल और रमन उठ गए क्या?
मैंने कहा- अभी नहीं, वे दोनों सो रहे हैं.
मम्मी पेट के बल लेट गईं, उनकी मैक्सी और ऊपर खिसक गई.
वे मादक अंदाज़ में बोलीं- तो आओ मेरे राजा, ज़रा चखकर बताओ मम्मी ने आज चूतड़ों के बीच क्या सरप्राइज़ छुपाया है!
मैंने उनके मोटे, रसीले चूतड़ फैलाए और अपना मुँह उनकी गांड में डाल दिया.
मम्मी ने अपनी गांड में व्हाइट चॉकलेट भरी थी, जो उनकी गर्मी से पिघल रही थी.
मैंने उनकी चॉकलेटी गांड को चाटा, फिर अपना तना हुआ लंड उस चॉकलेट से सनी गांड में पेल दिया और उन्हें चोदने लगा.
सुबह-सुबह मम्मी की गांड का मज़ा … आह इससे बेहतर दिन की शुरुआत क्या हो सकती है?
मेरे कमरे में रमन दीदी की चूत को ठोक रहा था और मैं मम्मी के कमरे में उनकी गांड को रगड़ रहा था.
मैंने चॉकलेट से सना लंड उनकी गांड से निकाला और मम्मी के मुँह के पास ले जाकर बोला- टेस्ट करो न, अपनी गांड की चॉकलेट.
मम्मी ने लंड को चाटते हुए कहा- उम्म्म, टेस्टी है. तभी तो तेरा मुँह मेरे चूतड़ों के बीच हमेशा घुसा रहता है.
मैं फिर पीछे गया, उनके चूतड़ फैलाए और उनकी गांड को चोदने लगा.
बीस मिनट की चॉकलेटी गांड चुदाई के बाद मैंने अपना गर्म रस उनकी गांड में भर दिया, उसे क्रीमफिल्ड एलपीलिब्बी बना दिया.
मम्मी ने मेरा लंड चूस-चाटकर साफ किया और इतने में मैंने उनकी चूत में उंगलियां डालकर उन्हें फिर गर्म कर दिया.
मैं नीचे बैठ गया और उनकी चूत का रस पीने लगा. तभी मम्मी का मूत निकल गया, जो मेरे चेहरे को भिगो गया.
मम्मी बोलीं- एक जल्दी वाला राउंड कर लें?
मैंने कहा- मम्मी, दीदी जागने वाली होंगी. आप अपने काम करो, मैं थोड़ी देर में आपका चूत रस फिर पीने आऊंगा.
मम्मी ने मेरे लंड को मुँह में लेकर एक बार फिर चूसा और बोलीं- ठीक है, जल्दी आना मेरे राजा!
मैंने पैंट पहनी और अपने कमरे में चला गया.
दीदी और रमन अलग-अलग बेड पर लेटे थे.
दीदी ने चादर ओढ़ रखी थी और रमन हाफ पैंट पहने लेटा था.
मैंने दरवाज़ा बंद किया, दीदी के पास गया और चादर में हाथ डालकर उनकी चूत में उंगली डाली.
वे नंगी लेटी थीं.
मैंने पूछा- एक और राउंड चुदाई करवानी है?
दीदी बोलीं- अभी नहीं, रात में दीदी को खुश करना. अभी ऑफिस के लिए तैयार होना है.
पीछे से रमन बोला- एक राउंड तो बनता है. बीवी तो मेरी ही बनेगी, तू आज थोड़ा लेट चली जाना.
दीदी हंसती हुई बोलीं- अच्छा ठीक है मेरे पति देव, अभी नहाकर आती हूँ. तुम अपना हथियार तैयार रखो.
दीदी कपड़े पहनकर बाहर चली गईं.
मैं भी उनके साथ बाहर निकल गया.
मम्मी बोलीं- रमन कहां है?
मैंने कहा- सो रहा है.
मम्मी बोलीं- जगा दो, नहाकर नाश्ता कर ले.
मैंने मम्मी की ओर आंख मारते हुए कहा- सोने दो मम्मी, दीदी चली जाएंगी, तब कर लेगा नाश्ता.
दीदी बोलीं- हां मम्मी, सोने दो. रात भर पता नहीं क्या किया उसने, जल्दी कैसे उठेगा?
मम्मी बोलीं- क्या किया मतलब?
दीदी ने शरारत से कहा- अरे, कहीं कमरे के इस कोने में, कहीं उस कोने में. कभी बेड पर, कभी ज़मीन पर. पूरी रात नाचता रहा.
मम्मी बोलीं- सोया नहीं था पूरी रात?
दीदी बोलीं- हां, थोड़ी देर शायद सोया, पर ज़्यादातर तो आगे-पीछे, इधर-उधर करता रहा.
दीदी मम्मी को पूरा हिंट दे रही थीं.
मैं डर रहा था कि कहीं बात न खुल जाए, पर मम्मी बोलीं- चलो, सोने दो. तुम नहाकर आओ और नाश्ता करो.
दीदी बाथरूम चली गईं.
मैं मम्मी के पीछे गया और बोला- मम्मी, आज तो आपके दूध में दूध भर दूँगा!
मम्मी ने मादक अंदाज़ में कहा- अच्छा? तो एक और भाई या बहन जो आएगा, उसका ख्याल कौन रखेगा?
मैंने कहा- मैं रखूँगा!
मम्मी बोलीं- मैंने कॉपर टी दो साल पहले हटवा दी थी, पर अभी गोलियां लेती हूँ. तू कहे तो बंद कर दूँ?
मैंने उत्साह से कहा- मम्मी, बंद कर दो.
मम्मी बोलीं- तो फिर किसकी चूत मारेगा?
मैंने मज़ाक में कहा- दीदी की. बहुत टाइट होगी, मारने में मज़ा आएगा.
मम्मी बोलीं- थप्पड़ खाएगा! दीदी है तुम्हारी, उसे चोदेगा?
मैंने हंसते हुए कहा- मम्मी को भी तो चोद रहा हूँ, दीदी को भी थोड़ा मिल जाए.
मम्मी बोलीं- ये सब कुछ नहीं होगा.
मैंने उनका गाल खींचते हुए कहा- अब कौन जलन में मर रहा है? जवान चूत मिल गई तो कहीं आपकी न भूल जाऊं, ये सोचकर जल रही हो न, मम्मी?
मम्मी बोलीं- ऐसा कुछ नहीं है. तुम दोनों भाई-बहन की तरह रहो बस.
मैंने शरारती लहजे में कहा- अच्छा, एक बार दीदी की चूत का रस चख लेने दो, ये देखना है कि आपका रस ज़्यादा मज़ेदार है या उनका.
मम्मी ने हल्के गुस्से से कहा- तू चुप रह, समझा? मम्मी पर ध्यान दे, दीदी के चक्कर में ज़्यादा मत पड़.
मैंने उनकी गांड में उंगलियां डालते हुए बोला- अच्छा, इस छेद पर या आगे वाले पर?
मम्मी ने मादक मुस्कान के साथ जवाब दिया- जो तुझे ज़्यादा पसंद हो … या दोनों पर.
मैंने उनके रसीले चूतड़ फिर से फैलाए और अपना गर्म मुँह उनकी गांड के छेद पर रखकर चाटने लगा.
मम्मी भी मेरा सिर अपने हाथों से दबा-दबाकर अपनी गांड चटवाने लगीं, उनकी सिसकारियां हवा में घुलने लगीं.
उनकी गांड में अभी भी चॉकलेट की मिठास बाकी थी.
वह दीदी के लिए नाश्ता बना रही थीं और मैं उनकी मस्त गांड को चाटने में डूबा था.
जैसे ही बाथरूम का दरवाज़ा खुला, मैं फटाक से खड़ा हो गया और मम्मी से इधर-उधर की बातें करने लगा.
दीदी कमरे में चली गईं.
मुझे पता था कि रमन फिर से उनकी चुदाई करेगा, तो क्यों न मैं भी मम्मी का एक राउंड मार लूँ.
मैंने लंड निकाला, मम्मी की चूत पर सैट कर दिया और चोदना शुरू कर दिया.
मम्मी बोलीं- अरे मेरे राजा, तेरी दीदी आ जाएगी!
मैंने कहा- टेंशन मत लो मम्मी, आपको तो पता है वे तैयार होने में कितना टाइम लेती हैं.
मम्मी के भरे हुए चूचों को मैक्सी से बाहर निकालकर खींचते हुए मैं उनकी चूत में धक्के मारने लगा.
मेरा लंड कभी उनकी चूत में, कभी गांड में घुस जाता और मैं वहीं चोदने लगता.
दस मिनट बाद बिना झड़े मैंने लंड पैंट में डाला और कमरे में चला गया.
दीदी ज़मीन से कपड़े उठा रही थीं, उनकी गांड से रमन का माल टपक रहा था, उनकी चिकनी दरार को चमकदार बना रहा था.
दीदी ने वैसे ही कपड़े पहन लिए, वह भी ब्रा-पैंटी कम ही पहनती हैं, आज भी नहीं पहनी थी.
ऑफिस की स्कर्ट और शर्ट पहनकर तैयार होने लगीं.
मैंने उन्हें रोका, उनकी स्कर्ट ऊपर की और नीचे झुकाकर बोला- रुक तो दीदी, देख तो लूँ, गांड से अभी भी चू रहा है या नहीं.
दीदी बोलीं- जाने दे जानू, देर हो रही है. ऑफिस में साफ कर लूँगी.
उनकी चूतड़ों की दरार रमन के माल से गीली और लेसी थी.
मैंने कहा- इतनी गीली गांड लेकर जाओगी, तो तुम्हारा बॉस इसे गोदाम बना देगा.
दीदी हंसती हुई बोलीं- वह कुत्ता वैसे भी गोदाम ही बनाता है, गीली ले जाओ या सूखी.
मैंने कहा- अच्छा, जाओ दीदी, टाइम से आना और ख्याल रखना.
दीदी ने मुझे और रमन को चूमकर विदा ली.
दीदी एक कंपनी में सेक्रेटरी हैं … सेक्सरेटरी, जैसा कि उनके बॉस ने उनके फिगर को देखकर उन्हें बनाया.
वे सारी मीटिंग्स में जाती हैं, न जाने कितने लंडों के नीचे अपनी जवानी बिछाती हैं.
बॉस को जो डील नहीं मिलती, उधर वह दीदी को भेजता है और वे अपने तरीके से डील पक्की कर देती हैं.
वह तरीका आपको पता ही है.
जब दीदी ने कंपनी जॉइन की, वे सुपरवाइज़र थीं और छह महीने में पर्सनल सेक्सरेट्री बन गईं.
मैंने पूछा- दीदी, इतनी जल्दी पर्सनल सेक्रेटरी कैसे?
दीदी बोलीं- रात में बताऊंगी.
रात को खाना खाने के बाद जब मैं और दीदी कमरे में पहुंचे, दीदी ने रोज़ की तरह पहले अपने सारे कपड़े उतारे, नंगी हो गईं.
मैंने भी पैंट उतार दी, लंड लहराते हुए उनके पास पहुंचा और बोला- अब बताओ मेरी चूत की रानी, इतनी जल्दी प्रमोशन कैसे?
दीदी ने मादक अंदाज़ में अंगड़ाई लेते हुए कहा- तेरी चूत की रानी की चूत और गांड ने दिलवाया है प्रमोशन.
मैंने पूछा- कैसे?
दीदी बोलीं- बॉस की नज़र मेरी गांड पर पहले दिन से थी और मैं इसे नोटिस कर रही थी.
मैंने हंसते हुए कहा- इतने मोटे चूतड़ों को कौन मिस करेगा?
दीदी ने शरारती हंसी के साथ कहा- हां, तेरी दीदी के मोटे चूतड़ों ने ही तो प्रमोशन दिलवाया. जब मुझे पता चला कि बॉस मेरी गांड घूरता है, मैंने पैंटी पहनना बंद कर दिया.
‘अरे तो क्या आप नंगी ही रहती थीं ऑफिस में?’
‘हां, मेरा बॉस अक्सर किसी न किसी बहाने मुझे छूता था और उसका हाथ सीधे मेरी गांड पर जाता था. पैंटी छोड़ने के बाद उसे शायद अहसास हो गया कि मेरी ऑफिस स्कर्ट के नीचे कुछ नहीं है. उसे लगा ये हरी झंडी है.
‘फिर?’
‘फिर कुछ दिन बाद जब मैं उसके ऑफिस में थी, उसने रोज़ की तरह सब्सिडी की बात करते हुए मेरी गांड सहलाई.
फिर उसका हाथ नीचे मेरी नंगी जांघों पर चला गया.
मैं चुप रही, जो प्रेजेंटेशन दिखा रही थी, दिखाती रही.
बॉस ने मेरी जांघों को सहलाते हुए धीरे-धीरे हाथ ऊपर बढ़ाया और उसकी उंगलियां मेरी नंगी, गीली चूत पर पहुंच गईं.’
मैंने आह भर कर लंड सहलाया- गजब हो दीदी आप भी!
दीदी ने हंस कर आगे बताया- बॉस मेरी ओर देखकर मुस्कुरा दिया, तो मैंने भी उसकी आंखों में देखकर एक मादक मुस्कान दी और प्रेजेंटेशन दिखाना जारी रखा.
‘फिर?’
‘फिर बॉस ने अपनी उंगली मेरी गीली चूत में डालते हुए कहा- कोमल, ज़रा रूम लॉक कर दो. मुझे प्रेजेंटेशन अच्छे से देखना है.’
मैंने कहा- बस समझो लग गया आपका काम!
दीदी हंस कर बोलीं- हां, बॉस ने फोन पर रिसेप्शन को बता दिया कि प्रेजेंटेशन में कुछ गलतियां हैं, अगले आधा घंटा कोई डिस्टर्ब न करे. मैं इसे ठीक कर रहा हूँ.
मैं हंसा- आधा घंटा में तो काम हो ही जाता है!
दीदी- हाँ, बॉस ने मेरी स्कर्ट ऊपर उठा दी, मेरी नंगी जांघें उसकी भूखी नज़रों के सामने थीं. मैंने बनावटी शर्मिंदगी से कहा कि बॉस, आप यह क्या कर रहे हैं? बॉस ने मादक मुस्कान के साथ जवाब दिया कि तुम्हें प्रमोशन दे रहा हूँ मेरी जान.
मैं बोला- लो चुदाई के पहले ही प्रोमोशन मिल गया!
दीदी ने कहा कि मैंने बॉस से कहा कि कोई देख लेगा, ये मत करिए, लेकिन बॉस ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और वह खुद भी नंगा हो गया. उसने मुझे साइड में पड़े सोफे पर पटक दिया. अब उसकी जीभ मेरी चिकनी चूत पर नाचने लगी, मेरे जिस्म को गर्म करते हुए वह भी गर्मा गया और अगले आधा घंटा तक मुझे चोदने के बाद वह मेरी चूत में झड़ गया और बोला कि अगले हफ्ते से तुम मेरी पर्सनल सेक्रेटरी हो. सैलरी भी बढ़ेगी और बोनस में लंड और पैसे दोनों मिलेंगे.
‘वाह दीदी एक ही शॉट में पगार बढ़ गई!’
दीदी ने कहा- हाँ मैंने बॉस से कहा कि सब क्या सोचेंगे? तो उसने आत्मविश्वास से कहा कि मैं वह सब संभाल लूँगा.
‘ओके.’
‘हां और अगले हफ्ते से मैं बॉस की पर्सनल सेक्सरेट्री बन गई, दिन-रात उसके साथ ऑफिस में चिपकी रहने लगी. मेरा असली काम खत्म हो गया. अब बस बॉस और उसके क्लाइंट्स को खुश करना था. कई बार मैं बॉस का लंड चूस रही होती और कोई गेट खटखटाता. तो बॉस अपनी कुर्सी अन्दर खींच लेता, मैं टेबल के नीचे उसका लंड पीती रहती और वह ऊपर से आने वाले से बातें करता रहता.
दोस्तो, दीदी ने ये बातें मुझे पांच साल पहले बताई थीं.
अभी एक महीने बाद वह एक विदेशी क्लाइंट को खुश करने में जुटी थीं.
उसके बारे में भी मैंने दीदी से पूछा था कि आपके विदेशी क्लाइंट का किस्सा भी तो बताओ आपने उसे कैसे चोदा!
दीदी चोदा शब्द सुनकर मेरे गाल खींचती हुई मुस्कुरा दीं और उन्होंने बताना शुरू कर दिया- सुन भाई, आज एक विदेशी क्लाइंट आया था. डील फाइनल नहीं हुई और बॉस ने कहा कि मैं ही इसे पक्की कर सकती हूँ.
मैंने पूछा- दीदी, विदेशियों के साथ भी सेक्स करोगी?
दीदी ने शरारती अंदाज़ में कहा- क्लाइंट ज़रूरी है और बोनस में अच्छे पैसे भी मिलते हैं.
अगले दिन दीदी ने मम्मी को बताया कि उनकी मीटिंग बाहर है, दो दिन बाद लौटेंगी.
दो दिन बाद जब वे जब वापस आईं, तो उनकी हालत देखकर लगा था जैसे उनकी जवानी निचोड़ ली गई हो.
कमरे में आने पर मैंने पूछा- दीदी, क्या हुआ? आप बहुत थकी लग रही हो!
दीदी बोलीं- दो दिन से सो नहीं पाई. उन काले लंड वालों ने मुझे सिर्फ चार घंटे सोने दिए.
मैंने हैरानी से कहा- मतलब? आप तो कह रही थीं एक क्लाइंट है!
दीदी बोलीं- क्लाइंट एक ही था, पर उसके साथ मीटिंग में आए सारे सुपरवाइज़र ब्लैक अमेरिकन थे. पांच मर्द और एक गोरी लड़की.
मैंने कहा- अरे मर गए!
‘हां, मेरे बॉस ने उन्हें इंग्लिश में कह दिया था कि आप सब होटल पहुंचिए, आपका फ्रेश गिफ्ट पीछे से आ रहा है. बस हमारी डील को ध्यान में रखना.
बॉस की बात सुनकर वे पांचों होटल में बने एक एग्जीक्यूटिव विला में चले गए.
कुछ देर बाद बॉस मुझे लेकर उनके पीछे उनके विला में पहुंच गया.
दोस्तो, अगले भाग में मैं आपको मेरी बहन की पाँच अमेरिकी काले नीग्रोज के लंबे लंबे और मोटे मोटे लवड़ों से चुदाई की कहानी से रूबरू करवाऊंगा.
आप अपने मेल व कमेंट्स से जरूर बताएं कि ऑफिस बॉस चुदाई कहानी में आपको कितना मजा आ रहा है.
tobeymagure13@gmail.com
ऑफिस बॉस चुदाई कहानी का अगला भाग: मेरी चुदक्कड़ मम्मी और चालू दीदी- 4