नंगी चाची न्यू न्यूड स्टोरी में मेरे पड़ोस में एक चाचा की शादी हुई. मेरी छत से उनके बाथरूम के रोशनदान से अंदर का नजारा दिखता था. मैंने नई चाची को नंगी नहाती देखा.
दोस्तो, मेरा नाम बंटी है और मेरी उम्र 21 साल है. मेरे लंड का साइज लगभग साढ़े छह इंच का है और यह काफी मोटा भी है.
मेरे घर में मैं और मेरे माता-पापा रहते हैं.
आज मैं आपको अपनी नंगी चाची न्यू न्यूड स्टोरी बताने जा रहा हूं.
हमारे पड़ोस के घर में एक चाचा किराए से रहते हैं.
वे बाहर कंपनी में जॉब करते हैं. वे हफ्ते में एक या दो बार ही अपने घर आ पाते हैं.
उनकी शादी हाल में ही एक मस्त खूबसूरत रसभरी लड़की से हुई.
उनकी पत्नी की उम्र लगभग 27 साल थी. चाची दिखने में एकदम मस्त माल लगती थीं.
मैं रोज सुबह अपनी छत पर कसरत करता था.
एक दिन मैं जब छत पर कसरत कर रहा था तब पड़ोस वाली चाची अपने बाथरूम में नहा रही थीं.
मेरी छत से उनके बाथरूम के वेंटीलेटर से अन्दर का नजारा साफ दिखता था.
उस दिन जब वे अन्दर नहा रही थीं तो मैं उनके कामुक जिस्म का पूरा दर्शन कर रहा था.
वे उस समय सिर्फ एक साया अपने मम्मों तक पहन कर नहा रही थीं.
उनके बाल खुले थे.
पानी की वजह उनका साया पूरे शरीर से चिपक गया था जिससे उनकी चूचियां एकदम साफ दिखने लगी थीं और आधी से ज्यादा तो बाहर की ओर ही आ गई थीं.
चाची की बड़ी सी गांड भी एकदम साफ दिखाई दे रही थी.
उन्हें इस तरह से देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया. बस उनकी चूत नहीं दिख रही थी.
तभी से मैंने सोच लिया कि अब तो मैं चाची की चूत के दीदार करके ही रहूंगा.
फिर मैं रोज चाची के नहाने से समय अपने छत पर आ जाता और उनको देखने लगता.
चाची को नंगी देख देख कर मैं मुठ भी मारने लगा था.
एक दिन मुझे चाची ने मुझे मुठ मारते देख लिया.
मैं बहुत डर गया कि वह इस बात को चाचा को ना बता दें क्योंकि चाचा मुझे बहुत ही शरीफ समझते थे.
इस घटना के कुछ ही दिन बाद हमारे घर में पूजा हो रही थी तो पापा ने आस पास के सब लोगों को बुलाया था.
पापा ने चाचा चाची को भी बुलाया था.
काफी लोग आए भी थे.
चाचा तो अपने काम से बाहर थे लेकिन चाची हमारे घर आई थीं.
मैं उस दिन बहुत डर गया था कि उस दिन वाली बात चाची मम्मी को ना बता दें.
मैं उनसे नजर नहीं मिला पा रहा था.
लेकिन वे मुझे डरा हुआ देख कर मुस्कुरा रही थीं.
तभी मैं समझ गया कि उन्होंने उस दिन वाली बात किसी को नहीं बताई.
कुछ देर बाद उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया और बोलीं- तुम उस दिन छत पर क्या कर रहे थे?
मैं बोला- कुछ नहीं चाची, मैं तो बस कसरत कर रहा था!
वे हंस दीं और दांत चबाती हुई बोलीं- अच्छा वह कसरत थी … मुझे नहीं मालूम था!
उनकी इस अदा से और मीठी आवाज सुनकर मैं तो समझो उन पर फिदा हो गया था.
उस दिन चाची से बात करके मुझे बहुत अच्छा लगा.
फिर उन्होंने मुझे अगले दिन अपने घर खाने पर बुलाया.
मैंने ओके कह दिया.
उस समय वहां पर चाचा जी नहीं थे.
चाची ने बताया कि वे एक महीने के लिए काम पर कलकत्ता गए हैं.
तो चाची उस पूरे महीने घर में बिल्कुल अकेली रहने वाली थीं.
उसके बाद मैं दूसरे दिन दोपहर में चाची के घर खाने पर गया.
मैंने सोचा कि धीरे धीरे मैं चाची से बात करके उन्हें इंप्रेस करता हूं.
मैं चाची के घर गया.
तो चाची तैयार होकर मेरा इंतजार कर रही थीं.
मैंने कहा- चाची मुझे माफ़ कर दीजिए, आने में थोड़ी देर हो गई.
वे एकदम प्यार से बोलीं- कोई बात नहीं, चलो खाना खाते हैं.
मैंने आते ही उनकी तारीफ कर दी- चाची, आज तो आप बहुत खूबसूरत लग रही हैं!
चाची शर्मा गईं और बोलीं- चलो अब खाना खाते हैं.
फिर हम दोनों ने खाना खाकर थोड़ी देर बैठ गए.
उन्होंने बातों हो बातों में मुझसे कहा- मुझे तुम्हारा नंबर चाहिए.
मैंने उन्हें अपना नंबर दे दिया और उनसे कहा- चाची, आपको किसी भी चीज की जरूरत हो, तो आप मुझसे बेहिचक कह सकती हैं.
तभी उनका फोन नीचे गिर गया.
वे जब अपना फोन उठाने के लिए झुकीं तो उनकी चूचियां सफेद संगमरमर की तरह चमक रही थीं.
उन्हें देखकर मुझे ऐसा लगा कि अभी उनकी चूचियों को अपने हाथ में भर लूं लेकिन मैंने कंट्रोल किया और अपने घर वापस आ गया.
अपने घर में आकर मैं चाची की चूचियां याद करके मुठ मारने लगा.
आज मुझे पहले से ज्यादा अच्छा लग रहा था.
आज की बात सोच कर मुझे नींद नहीं आ रही थी.
मैंने सोचा कि चलो चाची को मैसेज किया जाए.
तभी मैंने चाची को मैसेज किया- हैलो!
थोड़ी देर में रिप्लाइ आया- हां बोलो क्या हुआ, इतनी रात को मैसेज क्यों किया?
मैं- नहीं, बस ऐसी ही आपको ऑनलाइन देखा तो कर दिया!
वे हम्म करके रह गईं.
फिर मैंने पूछ लिया- आप इतनी रात को क्या कर रही हो?
उन्होंने कहा- कुछ नहीं, बस यूं ही!
हम दोनों कुछ देर तक यूं ही एक दूसरे को कुछ टाइप करते दिखे और बिना कोई मैसेज किए सो गए.
अब हम दोनों रोज रात में बातें करने लगे.
वे मेरे बहुत करीब आने लगीं.
फिर एक दिन चाची बोलीं- मैं तुम्हारे चाचा से बहुत परेशान हूं, वे अपने काम के चक्कर में मुझे वक्त ही नहीं दे पाते हैं.
मैंने भी कह दिया- अरे आप परेशान क्यों होती हैं, आपको किसी भी चीज की जरूरत है, तो आप बिना शर्माए मुझे कह सकती हैं. मैं आपकी मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहूंगा.
वे मुस्कुराती हुई बोलीं- चलो ठीक है, बहुत रात हो गई है, अब मैं सोने जा रही हूं.
वे सो गईं.
अगले दिन दोपहर में मैं चाची को बिना बताए उनके घर में चला गया.
वे उस समय नहा कर आ रही थीं
उन्होंने बस अपनी लाल रंग की पैंटी और ब्रा बस पहन रखी थी.
मैं उन्हें टू पीस में देख कर वहीं पर छुप गया और चुपके से उन्हें देखने लगा.
उनकी तनी हुई चूचियों और गांड को देखकर अब मुझसे रहा न गया.
वे अपने कमरे में चली गई तो मैं वहां से तुरंत उठकर चाची के कमरे में आ गया.
वे किसी को अन्दर आया देखकर डर गईं और कहने लगीं- क..कौन है?
मैंने उनसे कहा कि चाची डरिए मत, मैं हूं!
तब वे चुप हुईं और अपने बदन को ढकने लगीं.
मैं धीरे धीरे उनकी तरफ बढ़ता गया.
वे डर गईं तो मैं उनके पास जाकर उनकी कमर पर अपना हाथ फेरने लगा.
उन्होंने मेरा हाथ हटाने की कोशिश की पर मैंने उनकी कमर को पकड़ लिया.
वे भी थोड़ी गर्म होने लगी थीं.
मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
फिर वे मुझे हटाने लगीं.
लेकिन मैंने सोच लिया था कि आज कुछ भी हो जाए मैं इस अवसर को हाथ से नहीं जाने दूंगा.
मैंने उन्हें धक्का देकर बेड पर गिर दिया और उनकी चूचियों को मसलने लगा.
वे भी अब गर्म होकर मेरा साथ देने लगीं.
मैंने उनके शरीर को पूरा किस किया और भूखे शेर की तरह पूरे शरीर को चाटने लगा.
चाची को मेरे प्यार करने का तरीका बहुत पसंद आया.
अब मैंने उनकी ब्रा को शरीर से अलग कर दिया.
उनकी चूचियों को मैं ऐसे पीने लगा मानो कोई प्यासा व्यक्ति पानी पी रहा हो.
फिर मैंने चाची से अपने कपड़े उतारने को कहा.
चाची ने बहुत जल्दी जल्दी मेरे कपड़े उतारे और अपनी पैंटी उतार कर मेरे मुँह पर अपनी चूत को रख दिया.
मैं उनकी चूत चाटने लगा.
उनको चूत चटवाने में मजा आने लगा और वे कामुक सिसकारियां लेने लगीं ‘आह्च आह हम्म …’
मैंने उनकी चूत को अपनी जीभ से करीब 10 मिनट तक चाटा.
अति उत्तेजित होने के कारण वे जल्दी ही झड़ गईं.
मैंने उनके नमकीन रस को चाट लिया और उनकी चूत को एकदम कांच सा चमका दिया.
अब मैंने अपने लंड को उनके मुँह में देने की कोशिश की.
लेकिन उन्होंने लंड मुँह में लेने से मना कर दिया.
मैंने भी ज्यादा जोर नहीं दिया.
मगर चाची मेरे लौड़े को सहला रही थीं तो मैंने फिर से इसरार किया कि लंड को मुँह में लो.
इस बार उन्होंने कहा कि तुम्हारा बहुत बड़ा है, मेरे मुँह में नहीं जाएगा.
मैंने कहा- आप एक बार मुँह में लेकर तो देखो न, मुझे अच्छा लगेगा.
उन्होंने मुझसे लंड को पहले धोकर आने को कहा.
मैं झट से लंड धोकर आ गया और उनके कुछ बोलने से पहले पूरा लंड उनके मुँह में घुसा दिया.
मेरा लंड उनके गले तक आ गया.
वे खाँसने लगीं.
मैंने कुछ ही पल बाद अपना लंड उनके मुँह से बाहर निकाल लिया.
मैं उनके होंठों को चूसने लगा. एक हाथ से मैं उनकी चूत टटोलने लगा.
चाची की चूत बहुत टाईट थी और पूरी गीली हो चुकी थी.
मैंने धीरे से अपना लंड चाची की चूत पर रख कर अन्दर पेला तो वे दर्द के मारे चीखने लगीं.
उन्होंने मुझसे लंड बाहर निकालने को कहा.
मैंने उनकी एक न सुनी और उनके होंठों को चूसते चूसते अपना पूरा लौड़ा उनकी चूत में पेल दिया.
उनके दर्द का तो ठिकाना ही ना रहा.
वे चीखती रहीं और मैं उनकी चूत में लौड़ा पेलता रहा.
चूत चुदाई के साथ साथ मैं उनकी चूचियों को जोर जोर से मसलने लगा.
उन्होंने चीखते हुए कहा- बहुत दर्द हो रहा है … मैं मर गई रे … आह आह ओह माई मर गई रे … निकाल ले ना रे!
मुझे उन पर दया आ गई और मैंने अपने लौड़े को बाहर निकाल लिया.
वे लंबी सांस लेती हुई बोलीं- थोड़ा आराम से डालो न … मेरी चूत अभी ज्यादा फटी नहीं है … और तू अपने घोड़े जैसे लौड़े से मुझे जोर जोर से चोद रहा है!
मैं बोला- तो चाची यही बात आप पहले बता देतीं, मैं आपको चोदता ही नहीं!
चाची मेरी बात सुनकर थोड़ी नर्वस हो गईं, उन्हें लगा कि मैं नाराज हो गया. मैं इसे ही संतुष्ट नहीं कर पा रही हूं.
फिर थोड़ी देर बाद चाची ने मेरा लौड़ा चूसकर खड़ा किया और अपनी चूत में लेने लगीं.
वे बोलीं- अब कुछ भी हो जाए, तुम नहीं रुकना!
उनके उतने ही कहने पर मैंने अपना लौड़ा उनकी चूत पर अन्दर तक डाल दिया और जोर जोर से धक्के देने लगा.
करीब 8-10 मिनट तक वह चीखती रहीं, फिर उन्हें भी बहुत मज़ा आने लगा.
न्यूड चाची की चूत की गर्मी ने मुझे और भी जोश में ला दिया था.
करीब 15 मिनट की चुदाई में चाची झड़ गईं और वे मुझसे कहने लगीं कि आज इतना मज़ा आया कि क्या ही कहूँ … और हां इतना दर्द भी मुझे तेरे चाचा से नहीं मिला.
चाची बहुत थक गई थीं लेकिन मुझे उन्हें चोदने को पूरा जोश था.
मैंने उनसे उनकी गांड चोदने की गुजारिश की, तो उन्होंने मना कर दिया.
फिर थोड़ी देर प्यार से मनाने पर वह मान गईं.
मैंने भी उधर रखे हुए नारियल के तेल को लिया और अपनी उंगली में तेल लगा कर उनकी गांड में उंगली डालने लगा.
चाची बोलीं- बहुत दर्द हो रहा है!
मैं बोला- चाची, पहले बार में दर्द तो होता ही है, प्लीज करने दो ना!
वे मान गईं.
मैंने बहुत सारा तेल उनकी न्यू न्यूड गांड के छेद में लगा दिया और उन्हें घोड़ी बनने के लिए कह दिया.
वे घोड़ी बन गईं. इधर मैंने अपने लौड़े पर तेल लगाया और चाची की गांड में लंड डालने लगा.
चाची की गांड का छेद बहुत टाइट था.
थोड़ी देर बाद लौड़ा अन्दर गया, तो चाची की आंखों से आंसू निकलने लगे और गांड से खून निकलने लगा.
चाची बोलीं- आज तुम अपने मन की कर ही लो … मेरी परवाह मत करो, तुम बस अपना देखो!
इतना सुनते ही मैंने पूरी ताकत लगा कर चाची की गांड मारना शुरू कर दिया.
इतना अधिक मजा तो मुझे उनकी चूत चोदने में भी नहीं मिला था.
चाची की चीखने की आवाज बहुत तेज निकल रही थी, तो मैंने उनकी पैन्टी उनके मुँह में घुसा दी.
मैं अब उन्हें बिंदास चोदता गया.
करीब दस मिनट में मैं झड़ने को हुआ गया और अपना लंड उनकी गांड से निकाल कर उसका सारा माल उनके मुँह में भर दिया.
अब तो चाची की हालत और खराब हो गई थी.
थोड़ी देर तक हम दोनों ने आराम किया, फिर चाची ने मुझसे कहा- अब मुझे नहाने जाना है.
चाची उठीं तो वह ठीक से चल भी नहीं पा रही थीं.
मैंने ही उन्हें अपनी गोदी में उठाया और बाथरूम में लेकर गया.
मेरी ताकत देख कर चाची बहुत खुश थीं और वे मेरे गले से लिपट गई थीं.
बाथरूम में मैंने ही उन्हें पूरी तरह न्यूड करके साबुन लगा कर नहलाया और उनके कोमल अंगों को प्यार से मसला.
उसी दरमियान मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था तो मैंने चाची को एक और राउंड की बात कही.
वे मेरे मनाने पर मान गईं.
मैंने अपने लंड पर साबुन लगा कर चाची की चूत में लंड पेल दिया.
नंगी चाची भी मस्त होकर चुदवा रही थीं.
कुछ समय बाद मैं झड़ गया और चाची भी झड़ गईं.
चुदाई के बाद उनको नहलाने के बाद मैं भी नहा लिया और चाची को फिर से उठा कर बाहर लाकर उन्हें बेड पर लिटा दिया.
हम दोनों नंगे ही बेड पर लेट गए.
चाची ने बाजू की दराज से पेन किलर दवाई निकालने को कहा, तो मैंने उन्हें दवा निकाल कर दे दी.
उस दिन के बाद से चाची मुझसे चुदने के लिए मचलने लगी थीं.
चूंकि चाचा अपने काम को वजह से चाची को वक्त नहीं दे पाते थे तो चाची को मेरा ही सहारा लेना पड़ता है.
अब वे पहले से काफी अच्छी तरह से लंड चूसने लगी हैं और अब चुदने में भी उन्हें खूब मजा आता है.
वे मुझे कभी कभी पैसे भी देती हैं कि लो अपने लिए यह ले लेना या वह ले लेना.
समझो मेरे तो उस दिन से भाग्य ही खुल गए हैं.
तो दोस्तो, कैसी लगी आप लोगों को मेरी ये नंगी चाची न्यू न्यूड स्टोरी, आप मुझे मेल करके बता सकते हैं.
धन्यवाद.
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