मेच्योर लव हॉट स्टोरी में चालीस पार की एक महिला और एक पुरुष पास पास ही रहते थे, दोनों अकेले थे. दोनों दोस्त हो गये और साथ समय बिताने लगे, एक दूसरे को पसंद करने लगे.
बैंक कर्मचारी वरुण फ्लैट किराये पर लेकर अकेला रहने आया।
उसकी उम्र 41 साल, कद 5 फुट 7 इंच लम्बा, गेहुंआ रंग और फिट शरीर था।
वरुण के सामने वाले फ्लैट में एक महिला रहती थी, पर कभी बात नहीं हुई!
वही महिला वरुण के बैंक में खाता खुलवाने आयी।
आधार कार्ड से पता चला- नाम मीनाक्षी, उम्र 50, उनकी और वरुण की मातृभाषा एक है।
वरुण ने मातृभाषा में बात की- मीनाक्षी जी, खाता खोलने में दो दिन लगेंगे.
दो दिन बाद वरुण ने मीनाक्षी को बताया- पासबुक, चेक बुक, तैयार है।
उनके बीच थोड़ी बात हुई, वरुण ने मीनाक्षी को ध्यान से देखा।
मीनाक्षी का चेहरा सुन्दर था, भरा बदन, गेहुंआ रंग, उनकी आंखें बहुत सुन्दर थी, उनके नाम मीनाक्षी ( मछली जैसी आँखों वाली ) के नाम के अनुरूप!
करीब 5 फुट लम्बी।
मीनाक्षी की आवाज़ मधुर थी, वह बात सलीके से करती थी.
अगली शाम वरुण ने चाय बनाते समय देखा दूध फट गया है।
वरुण ने मीनाक्षी की कालबेल बजाई मीनाक्षी ने दरवाज़ा खोला।
वरुण- आप मुझे थोड़ा दूध दे सकती हैं? चाय बनानी है. मेरी रसोई में दूध खराब हो गया है.
मीनाक्षी- मैं चाय बना रही हूँ, आप अंदर आइये।
वरुण अंदर गया, उसने देखा फ्लैट सुन्दर तरीके से सजा था।
एक महिला खाना बना रही थी।
मीनाक्षी- वह मेरी कुक है, मैं सिर्फ चाय बनाती हूँ।
चाय पीने के बाद वरुण- चाय अच्छी बनी है!
धन्यवाद कहकर अपने घर चला आया.
एक सप्ताह बाद उस दिन गुड फ्राइडे की छुट्टी थी।
सुबह वरुण के फ्लैट की घंटी बजी.
वरुण ने दरवाज़ा खोला, मीनाक्षी दरवाज़े पर थी, वह बीमार लग रही थी।
मीनाक्षी- वरुणजी, मुझे लूज़ मोशन और उलटी हो रही है, आप मुझे हॉस्पिटल ले जा सकते हैं?
वरुण तुरंत मीनाक्षी को हॉस्पिटल ले गया।
डॉक्टर ने कहा- भर्ती करना पड़ेगा।
वरुण- मीनाक्षी जी किसी को खबर देनी है?
मीनाक्षी- नहीं, यहाँ डॉक्टर है, आप हैं।
डॉक्टर- पेशेंट को 20 मिनट उबालकर पानी और बिना मसाला खिचड़ी देना।
मीनाक्षी तीन दिन हॉस्पिटल में रही।
बाद में मीनाक्षी ने बताया कि उसकी कुक छुट्टी पर थी, वह चार दिनों से होटल का खाना खा रही थी.
वरुण अपना खाना खुद बनाता है।
इन तीन दिन वरुण खाना उबला पानी लेकर आया, ज्यादातर समय मीनाक्षी के कमरे में रहा उसकी देखभाल की।
वरुण ने मीनाक्षी को हॉस्पिटल लाते समय और उसकी देखभाल करते समय उसे कई बार छुआ, पर कभी गलत तरीके से नहीं छुआ.
रविवार शाम हॉस्पिटल से डिस्चार्ज मिलना था।
मीनाक्षी अपने फ्लैट की चाबी वरुण को देकर बोली- नीली अलमारी में सलवार कुर्ता है, कृपया ले आइये।
वरुण ने मीनाक्षी के फ्लैट में जाकर नीली अलमारी खोली, उसमें ब्रा पैंटी सलवार कुर्ते थे, ब्रा का साइज था 34 सी!
तब वरुण ने सोचा कि ब्रा पैंटी ले जाना मीनाक्षी को अच्छा नहीं लगेगा.
वह सलवार कुर्ता लेकर हॉस्पिटल आया।
मीनाक्षी ने कपड़े का बैग खोला, उसमें ब्रा पैंटी नहीं है, देखकर वरुण की सज्जनता पर मुस्कुरा दी.
वरुण मीनाक्षी को घर ले गया।
कुक दो दिन बाद आयी. तब तक वरुण ने मीनाक्षी को खाना बनाकर खिलाया।
मीनाक्षी- वरुण जी, आप खाना बहुत अच्छा बनाते हैं. मेरी कुक के खाने में उतना स्वाद नहीं है.
बीमारी के समय वरुण मीनाक्षी में अच्छी दोस्ती हो गयी।
वरुण ने बताया कि उसका तलाक़ हो गया है।
मीनाक्षी ने बताया कि उसके पति का स्वर्गवास हो गया है।
एक हफ्ते बाद डॉक्टर ने जाँच कर बताया कि मीनाक्षी अब सब खाना खा सकती है.
वरुण- आपके ठीक होने की खुशी में मैं चिकन पकाऊँगा आप रात का खाना मेरे घर खाइये।
मीनाक्षी रात वरुण के फ्लैट में गयी, फ्लैट अवस्थित था।
तब मीनाक्षी ने खाने की तारीफ की.
वरुण- मीनाक्षी जी, मेरा प्रस्ताव है कि आप रोज मेरे साथ खाना खाइये, अकेले में खाने में मजा नहीं आता। नाश्ता, रात का खाना साथ खाएंगे। मैं दोपहर का खाना बैंक में ले जाता हूँ, आपका खाना फ्रिज में रख दूंगा, आप गर्म कर लेना.
मीनाक्षी- मुझे मंजूर है, पर खाने के सामान का आधा खर्च मैं दूंगी। आप खाना बनाना, मैं आपके फ्लैट को सुन्दर सजा दूंगी, चाबी देकर जाना!
तब से दोनों खाना नाश्ता साथ करने लगे, शाम की चाय मीनाक्षी बनाती।
वरुण हर शनिवार थोड़ी व्हिस्की पीता था, वह उसने बंद कर दिया, उसे लगा मीनाक्षी को असुविधा होगी।
मीनाक्षी ने वरुण का फ्लैट सुन्दर सजा दिया। मीनाक्षी ने वरुण की अलमारी खोली, कपड़ों को ठीक से लगाया, शर्ट पेंट प्रेस करवा कर लायी।
उसने अलमारी में व्हिस्की को बोतल देखी.
मीनाक्षी- वरुणजी आप व्हिस्की पीते है?
वरुण- हर शनिवार रात को थोड़ी पीता था, अब नहीं पी रहा, आपको अच्छा नहीं लगेगा सोच कर!
मीनाक्षी- मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं, मैंने पार्टी में पी है!
शनिवार शाम पीने की तैयारी हुई, दोनों जोश में थे।
मीनाक्षी चखना खरीद लायी, वरुण ने चिकन तंदूरी बनायी।
पहला पेग शुरू हुआ, मीनाक्षी ने सिगरेट निकालकर कहा- आप को अपत्ति तो नहीं है? सहेलियों की किटी पार्टी में पीती थी।
वरुण- मैं पार्टी में पीता हूँ.
कहकर एक सिगेरट सुलगा ली।
दोनों पार्टी एन्जॉय कर रहे थे.
मीनाक्षी- मैं आपको अपना दोस्त मानती हूँ, आप मुझे मीनाक्षी जी मत कहिये, सिर्फ मीनाक्षी कहिये। मैं भी तुम्हें वरुण कहूँगी। आप के बदले हम एक दूसरे को तुम कहें?
वरुण ने हामी भरी।
दूसरा पेग शुरू हुआ.
मीनाक्षी- दोस्ती में पर्दा नहीं होता, तुम अपने बारे में बताओ, मन हल्का होगा.
वरुण बताने लगा:
मेरी शादी 21 की उम्र में हुई, मेरी बीवी की उम्र थी 20 साल! शादी का पहला साल अच्छा रहा, दोनों को शारीरिक आकर्षण था, पत्नी मायके नहीं जाती थी।
शादी के एक साल बाद हमारी बेटी पैदा हुई।
उसके बाद से बीवी हर बात में मेरी गलती निकालकर मुझसे लड़ने लगी.
मुझे समझ नहीं आया कि क्या हो रहा है.
मैं बीवी के साथ ससुराल गया तो मैंने देखा कि मेरे सास ससुर हरदम लड़ते थे। मेरे साले अपनी बीवियों से लड़ते थे, चिल्लाते थे।
मुझे समझ आ गया कि मेरी बीवी इस वातावरण में बड़ी हुई, लड़ाई उसके लिए आम बात थी.
मैंने तय किया कि मैं अपनी बेटी को लड़ाई के वातावरण में बड़ा नहीं करूँगा।
तब से बीवी जब मेरी गलती निकालती, मेरी गलती ना होने पर भी मैं उसके पैर पकड़कर माफ़ी मांग लेता।
मैंने बीवी को कह रखा था कि मेरी बेटी के सामने नहीं लड़ना.
बीवी मान गयी.
हमारी बेटी ने एक लड़का पसंद किया.
मैंने पता लगाया कि लड़के के माँ बाप के आपसी सम्बन्ध अच्छे हैं, लड़का अच्छी नौकरी करता है।
बेटी शादी के बाद विदेश चली गयी, मैंने अपना तबादला करा लिया, आपसी सहमति से हमारा तलाक़ हो गया।
मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी यह सफलता है कि मैंने बेटी को बीवी के समान झगड़ालू होने से बचाया।
मेरे सपने थे कि बीवी के साथ घूमने जाऊं, हंसी मजाक करूँ, होटल में खाना, वे पूरे नहीं हुए।
तब वरुण ने मीनाक्षी से पूछा- अब तुम अपने बारे में बताओ?
मीनाक्षी:
मेरी शादी 19 की उम्र में हुई, पति मुझसे 7 साल बड़े थे।
घर में विधवा सास थी।
पति बड़ी कंपनी में काम करते थे, हम कंपनी की कॉलोनी में रहते थे।
मेरे पति गंभीर स्वभाव के थे, उनको काम करने का नशा था, घर पर भी कंपनी का काम करते।
घर में सम्पन्नता थी, साड़ी गहने थे, कुक था, मेरी हर जरूरत का ख्याल सास रखती।
परन्तु पति का साथ मुझे बहुत कम मिलता।
शादी के बाद मेरे सपने थे कि पति के साथ घूमने जाऊं, पानी पूरी खाऊं, मस्ती करूं.
वे पूरे नहीं हुए.
मैंने कॉलोनी में सहेलियां बना ली, हम पार्टी करते।
सहेलियां अपने पति के साथ घूमने जाती।
मुझे पति का साथ तब मिलता जब कोई पार्टी होती!
जब मैं 48 साल की थी, मेरे पति का हार्ट अटैक से देहांत हो गया। सदमे में सास 2 महीने बाद चल बसी।
मैं इस फ्लैट में रहने आ गयी।
मेरे पास बाकी की जिंदगी के लिए काफी रूपये हैं. पर मेरे सपने अधूरे रह गए।
मेरी सहेलियां उनके पारिवारिक फंक्शन में मुझे नहीं बुलाती.
इसलिए जब आपने मेरी बीमारी के समय मुझे पूछा कि किसी को खबर देनी है तो मैंने मना कर दिया.
वरुण- मीनाक्षी, तुम इतनी सुन्दर और मीठे स्वभाव की हो. तुम्हारी सहेलियां डरती है कि उनके पति तुम्हारे निकट आने की कोशिश करेंगे, इसलिए तुम्हें नहीं बुलाती।
मीनाक्षी शर्मा कर बोली- कुछ भी मत बोलो!
तब मीनाक्षी बोली- वरुण, तुम रोज शेविंग किया करो. और हैंडसम दिखोगे. मैंने तुम्हारे कपड़े प्रेस करवा दिए हैं. उन्हें पहनना.
खाना खाकर मीनाक्षी अपने फ्लैट में चली गयी।
दूसरे दिन रविवार था, दोनों साथ लंच कर रहे थे.
वरुण- हम दोनों के बहुत से सपने पूरे नहीं हुए, हम दोनों मिलकर अपने सपने पूरे कर सकते हैं.
मीनाक्षी- हाँ, कुछ सपने तो पूरे कर सकते हैं। आज शाम घूमने चलें?
वरुण- मेरे स्कूटर पर चलेंगे!
मीनाक्षी ने वरुण की अलमारी से जींस पैन्ट, टीशर्ट निकालकर देते हुए कहा- आज ये पहनना!
शाम को मीनाक्षी तैयार होकर आयी।
मीनाक्षी ने टीशर्ट, जींस पेंट पहनी थी, हल्का मेकअप किया था, पोनी टेल बाल बांधे थे, स्पोर्ट्स शू पहने थे।
वरुण तैयार था, दोनों के कपडे एक ही रंग के थे।
मीनाक्षी रूप की देवी लग रही थी, सुन्दर चेहरा, सुन्दर आंखें, उभरे स्तन, गोल कूल्हे, सुन्दर बांहें।
वरुण अवाक् मीनाक्षी को देख रहा था.
मीनाक्षी- अब चलो!
वरुण- तुम रूप की देवी लग रही हो, थोड़ी देर देखने दो!
मीनाक्षी- बहुत हो गया … अब चलो!
पानी पूरी चाट खाकर दोनों झील में बोटिंग करने गए।
वरुण नाव चला रहा था, मीनाक्षी सामने बैठी थी.
तभी वरुण गुनगुनाने लगा- तुम सामने बैठी रहो … मैं गीत गाऊं प्यार के!
मीनाक्षी- फ़्लर्ट कर रहे हो? भूलो नहीं, हम सिर्फ दोस्त हैं!
होटल में खाना खाकर लौटे।
बहुत मजा आया.
गुड नाईट कहकर मीनाक्षी अपने फ्लैट में चली गयी.
डिनर बनाते समय मीनाक्षी वरुण की मदद करती और खाना बनाना सीखती।
हर शनिवार व्हिस्की पार्टी होती, दोनों एक दूसरे से खुलकर बात करने लगे।
दोनों एक दूसरे के प्रति यौन आकर्षण महसूस कर रहे थे.
पर शुरुआत करने में झिझक रहे थे.
एक शनिवार की शाम पार्टी के समय मीनाक्षी- वरुण. तुम्हारी उम्र क्या है? और तुम कभी कॉलगर्ल के पास गए हो?
वरुण- 41, बीवी के अलावा किसी से शारीरिक सम्बन्ध नहीं बनाये!
एक महीने बाद:
उस दिन मीनाक्षी का जन्म दिन था.
वरुण ने मीनाक्षी के बैंक में जमा किये आधार कार्ड में देखा था।
उसने मीनाक्षी को सरप्राइज देने की सोची।
सुबह दोनों ने नाशता किया, वरुण बैंक चला गया।
वरुण आधे दिन की छुट्टी लेकर केक लेकर घर आया, उसने खीर बनायी, खाना बनाया।
शाम को रोज की तरह मीनाक्षी के घर चाय पी.
उसने ऐसा दिखाया कि वह अभी बैंक से लौटा हो।
मीनाक्षी ने सरप्राइज देने की सोची, उसने कहा- मैं 8 बजे डिनर के लिए आती हूँ!
शाम को मीनाक्षी स्लीवलेस टॉप स्कर्ट पहनकर सज धजकर केक लेकर वरुण के फ्लैट में जाकर बोली- आज मेरा जन्म दिन है!
वरुण- हैप्पी बर्थडे! बर्थडे का केक, खीर, डिनर तैयार है।
मीनाक्षी ने देखा टेबल पर सब रखा था.
उसने वरुण का हाथ पकड़कर कहा- मेरी माँ बर्थडे पर खीर बनाती थी, आज तुमने बनायी. तुम मेरा कितना ख्याल रखते हो!
उसकी आंखें नम हो गयी.
वरुण ने ‘तुम आज परी लग रही हो’ कहकर मीनाक्षी को आलिंगन में लेकर उसके उसके कपाल, आंख, गाल चूमे, ओठों पर हल्का चुम्बन लेकर कहा- हैप्पी बर्थडे परी!
मीनाक्षी ने अपने हाथ वरुण की पीठ पर रखे और उसे कसकर पकड़ लिया।
दोनों के दिल तेजी से धड़क रहे थे, उन्हें अद्भुत सकून मिल रहा था।
काफी देर बाद दोनों अलग हुए.
मीनाक्षी ने केक काटा, दोनों ने एक दूसरे को खिलाया।
खाना खाते समय वरुण- परसों से बैंक की तीन दिन की छुट्टी है, घूमने चलें?
मीनाक्षी- दो घंटे की दूरी पर हिल स्टेशन के रिसोर्ट में कॉटेज बुक करा लेती हूँ। मैं सहेलियों के साथ कई बार गयी हूँ।
तभी मीनाक्षी ने रिसोर्ट में फ़ोन करकर कॉटेज बुक कर लिया.
दोनों को समझ गए कि मिलन की घड़ी आ गयी है।
मेच्योर लव हॉट स्टोरी अगले भाग में अपना रंग दिखायेगी.
अभी तक की कहानी पर मुझे अपने विचार लिखें.
रतन दत्त
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मेच्योर लव हॉट स्टोरी का अगला भाग: प्यारी पड़ोसन मेरी हमसफ़र हो गयी- 2