मस्त मस्त सेक्स का मजा मैंने लिया अपनी सेक्सी बीवी के साथ होली वाले दिन. हम दोनों अकेले थे उस दिन तो पूरा दिन नंगे रहे और मैंने उसकी चूत में रंग बिरंगी आइसक्रीम लगाकर चाटी.
फ्रेंड्स, मेरा नाम शुभ है, मैं अभी शादीशुदा मर्द हूँ. मेरी पत्नी का नाम शुभांगी है.
यह सेक्स कहानी हमारी शादी के बाद की पहली होली में हुई मस्त चुदाई की कहानी है.
यह मस्त मस्त सेक्स का मजा लेने के समय मेरी उम्र 28 साल और शुबू यानि शुभांगी की उम्र 25 साल थी.
हमारी शादी से पहले हमारा 5 साल का रिलेशन रह चुका है तो आप सभी को यह समझ में ही आ गया होगा कि उन 5 सालों में हमारे बीच क्या क्या हुआ होगा.
एक ब्वॉयफ्रेड और गर्लफ्रेड के बीच में वह सब होना स्वाभाविक होता है जो एक पति पत्नी के बीच होता है.
खैर अब वह सब छोड़ो, अब तो शादी हो गई है.
तब तो कभी कभी मौका मिलता था पर अब तो फायरिंग करने के लिए लाइसेंस ही मिल गया है.
शादी के बाद हम रोज रात को पोर्न देख कर और चुदाई करके सोते थे.
यह सब हर कपल में एक सामान्य सी बात है.
उस बार की होली में मैं सुबह देर तक सोता रहा था पर शुबू जल्दी उठ गई थी.
कुछ ही पल में मुझे अहसास हुआ कि वह मेरे पहलू में नहीं है. मैं उठ गया और मैंने तभी टाइम देखा तो बस 5 ही बज रहे थे.
मैं उठा और बेड पर बैठा बैठा ही सोच रहा था कि इतनी सुबह शुबू किधर चली गई.
अगले ही पल मैं देखता हूँ कि मेरी सेक्सी बीवी एक शॉर्ट नाइटी में है जिसमें से मेरी प्यारी प्यारी अमानत मुझे अपने पास बुला रही थी.
तभी उससे नजर हटी तो देखा मेरी भूखी शेरनी मेरे ऊपर झपट्टा मारती हुई आगे आई और मुझे धकेलती हुई मेरे ऊपर सवार हो गई.
मैंने अपनी टांगों में बस शॉर्ट ही पहना था. ऊपर शर्ट नहीं थी … शॉर्ट के अन्दर भी कुछ नहीं था.
वह अपने एक हाथ से मेरे शॉर्ट को धीरे धीरे उतारने लगी।
तभी मुझको मेरी जान का नाखून अपने लंड पर लग गया।
तो मैं सिहर कर चिल्ला उठा.
वह घबरा गई, मेरे लंड के पास चूमने लगी और सॉरी सॉरी बोलने लगी.
मैंने उससे पूछा कि दूसरे हाथ में क्या है?
तो वह बोली- आंखें बंद करो तो पता चलेगा!
मैंने आंखें बंद की तो शुबू ने लंड को पकड़ लिया और आंखें खोलीं तो देखा कि मेरा लंड पूरी तरह से लिक्विड चॉकलेट से लथपथ हो गया था और वह मुस्कुरा रही थी.
तब मैंने इशारा किया तो वह समझ गई और लंड चूसने लगी.
उसने मेरे 6 इंच के लंड को एक झटके में अपने मुँह में भर लिया और उसे खाने लगी.
मुझे तो ऐसा लग रहा था कि मैं तो जन्नत में हूँ.
मैं बस उसे देख रहा था, जब बार बार लंड मुँह के अन्दर बाहर हो रहा था.
सीन देख कर तो मुझे और भी ज्यादा मजा आ रहा था.
फिर काफी देर तक लंड चूसने के बाद मेरी जान थक गई.
मेरी तरफ देख कर मुस्कुराती हुई वह अपनी जीभ निकाल कर हांफने लगी.
मैंने उसे बिस्तर पर लेटाया और नाइटी उतार दी.
अपने हाथों में लिक्विड चॉकलेट ली और उन्हीं लिक्विड चॉकलेट से सने हाथों से शुबू के पूरे बदन को सहलाने और मसलने लगा.
मैं बिल्कुल वैसे कर रहा था, जैसे एक छोटे बेबी को ऑयल मसाज देते हैं!
वैसे ही मसाज करते करते मैंने चॉकलेट उसके बदन पर लगाई और चॉकलेट लगी ब्रा और पैंटी को उतार दिया.
शुबू ने तो होली के लिए अलग अलग कलर का स्टॉक पहले से ही तैयार कर रखा था.
अब मेरी बीवी छोटे बेबी की तरह अपनी चूत की तरफ इशारा कर रही थी.
मैं समझ गया कि वह मुझे चूत चाटने को बोल रही थी।
तो मैं चूत में बहुत सारी व्हाइट चॉकलेट लगा कर चूत को चाटने लगा.
वह मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत में घुसाने लगी.
मुझे तो उसकी चूत में डूब जाने का मन कर रहा था.
मेरी जान चीख चीख कर बोल रही थी- आह यस बेबी … चूसो बेबी अपनी जीभ को और अन्दर तक घुसेड़ो बेबी!
मैं उसकी आवाज की तेजी से डर गया और बोला कि इतनी जोर जोर से क्यों बोल रही है?
तो बेबी ने कहा- भूल गए मेरी जान … कि मम्मी पापा कल रात को ही नानाजी के घर होली मनाने चले गए थे और आज रात को आएंगे.
तो मुझको याद आ गया और मैंने जोश में अचानक से चूत में उंगली डाल दी.
अब वह खुशी और हैरानी से बोली- आआह्ह ओह … ये हुई ना बात!
पर दोस्तो, मेरी जान का एक उंगली से तो कुछ होता ही नहीं है.
थोड़ा सा प्रयास करके मैं अपनी दो उंगलियों से जोर जोर से धक्का मारने लगा.
वह और जोर से चिल्लाने लगी थी जो मुझे और ज्यादा तेज तेज करने पर मजबूर कर रही थी.
मैंने अपनी शोना मोना को किस किया और उसकी चूची दबाई.
तब वह हांफती हुई बोली- जल्दी जल्दी लंड को अन्दर डालो, मुझसे रहा नहीं जा रहा!
मैंने बोला- मेरी घोड़ी कहां है?
वह जल्दी से मेरे लंड से कूद कर अलग हुई और घोड़ी बन गई.
उसने खुद ही लंड को चूत के छेद में लगा दिया.
मैंने जरा भी देर ना करते हुए एक झटके में पूरा लंबा लंड अन्दर पेल दिया और जोर जोर से पेलने लगा.
मेरी बीवी चिल्ला चिल्ला कर बोलने लगी- आआह हह बेबी चोदो … आह बेबी फक मी फास्ट … आह बेबी फास्ट बेबी.
यह सब मस्त मस्त सेक्स का मजा लेते हुए हम दोनों को 7 बज गए.
कामवाली के आने का टाइम हो गया था, तब हम दोनों नहाने चले गए.
हम दोनों ने एक दूसरे को साफ़ किया कपड़े पहनाए, तब तक 8 बज गए थे.
कामवाली बाई आ गई थी. उसके रहते हुए हम लोग एक घंटा बहुत तड़पे.
जब कामवाली बाई पौंछा लगाने लगी तब मैंने शुबू से कहा- जल्दी आओ … मुझसे रहा नहीं जा रहा!
शुबू- थोड़ा रुको, अभी बाई पौंछा लगा रही है.
फिर 9 बज गए, बाई चली गई और शुबु किचन में खाना बना रही थी.
मैंने जल्दी से दरवाजा लॉक किया और कपड़े निकाल कर दबे पांव किचन में चला गया.
पीछे से मैंने उसके दोनों दूध पकड़ लिए और मसलने लगा.
शुबू चिल्ला उठी- आआहह जानवर साले … धीरे मसलो न!
मैं कुछ नहीं बोला; बस दूध मसलता रहा.
फिर वह बोली- अरे यार खाना तो बना लेने दो.
मैंने गैस को बंद कर दिया.
सब्जी बन ही गई थी.
मैंने शुबू को उठा कर गैस की स्लैब पर बिठा दिया और उसने जो भी पहना था, वह सब निकाल दिया.
अब फ्रिज से मैंगो फ्लेवर की आइसक्रीम निकाली, जो पीले रंग की थी.
उस आइसक्रीम को मैंने अपनी हॉट बीवी की गर्दन से लेकर उसके बूब्स तक लगा दिया और जीभ से पूरा बदन चाटने लगा.
शुबू बोली- आह मेरे शोना बाबू … आइसक्रीम खिलाऊंगी ना मैं पहले … नाश्ता तो कर लो … बस रोटी बनानी है!
तो मैंने शुबू को किचन की स्लैब से उतारा और मैं पीछे खड़ा हो गया.
मैंने अपने लंड को गांड के पास लगाया और खड़ा हो गया.
वह रोटी बनाने लगी और मैं उसके बूब्स को मसल रहा था.
शुबू रोटी बनाती हुई हिल रही थी और चूचों की मसाज लेते लेते मुँह से आवाज़ निकाल रही थी.
फिर उसने जल्दी जल्दी से रोटी बना ली, साफ सफाई को वह भूल ही गई और मेरी तरफ घूम कर मुझसे लिपट गई.
वह मेरी गर्दन पर चूमने लगी, साथ ही साथ उसने लंड को पकड़ लिया.
मैं अपनी कमर को हिलाने लगा.
तो उसने मेरी गांड पर मारा और बोलने लगी- मैं कर रही हूं ना!
फिर वहीं पर घुटने पर बैठ गई और लंड को चूमने लगी.
चूम कर मेरी तरफ देख कर बोली- बेबी, चलो ऐसे ही फकिंग करेंगे लेकिन पहले कुछ खा लें!
अब डायनिंग टेबल पर सब खाना रखना था तो वह अपने कपड़े उठाने लगी.
मैंने कपड़े लेकर फेंक दिए.
और वह गुस्से से देखने लगी.
मैंने कहा- पति ही तो है घर पर!
वह खाना लेकर जाने लगी, सिर्फ दही ले जाना बाकी रह गया था.
वह मैंने ले लिया.
डायनिंग टेबल के पास गया और दही का कटोरा रख कर अपने दोनों हाथों में दही ले लिया.
फिर अपने एक हाथ से चूत पर … और दूसरे हाथ से बूब्स पर दही लगा दिया.
शुबू को उठा कर मैंने डायनिंग टेबल के किनारे पर बैठा दिया.
मैं कुर्सी पर बैठ गया.
उसके पैरों को मैंने मोड़ कर खोल दिया और बोला- चलो खाना शुरू करते हैं … आज की स्पेशल डिश है … दही चूत.
यह कर मैंने चूत पर अपनी जीभ को रखा और सीधा अन्दर घुसा दिया.
शुबू ने पहले तो मुझे रोका, फिर बोलने लगी- यस बेबी चूसो चूसो …
मैं छोड़ कर खड़ा हो गया.
तो वह बोली- क्या हुआ?
मैंने मुँह बना कर कहा- कुछ नहीं.
मैंने रोटी सब्जी के बर्तनों को साइड कर दिया, तो वह बोलने लगी- सॉरी सॉरी!
उसे मैंने टेबल पर गिरा दिया और जल्दी से उसके ऊपर चढ़ गया.
मैं उसके बूब्स को चूसने लगा तो शांति मिली.
वह भी अपनी पीठ को उठा उठा कर चुसवाने लगी.
मैं बूब को मुँह में लेने लगा और हम दोनों को बहुत अच्छा लग रहा था.
तभी मैंने चूत के ऊपर लंड को फिराना शुरू कर दिया.
शुबू ने मुझे दूर हटा दिया.
वह बोली- खुद ने ब्रेकफास्ट कर लिया … मेरा केला कहां है?
फिर शुबू ने अपने हाथों से मेरी गर्दन और गालों को पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया और चूमने चूसने लगी.
वह अपने एक हाथ को मेरी बॉडी पर सहलाती हुई नीचे ले जाने लगी और एक ही झटके में मेरे खड़े हुए लंड को जोर से पकड़ कर हिलाने लगी.
लंड हिलाने के साथ में वह गर्दन को भी चूसे जा रही थी.
शूबू मुझे बहुत तड़पाने लगी और तब तक तड़पाती रही जब तक मेरा वीर्य उसकी चूत पर निकल नहीं गया.
उसके बाद मैं ढीला पड़ गया तो कुर्सी पर बैठ गया.
शुबू किचन में गई और सब पौंछने के लिए कपड़ा ले आई.
वह सब साफ करने लगी.
फिर हम दोनों ने नंगे ही नाश्ता किया.
उसके बाद हम दोनों ने सब अच्छे से बर्तन धो दिए.
हमारी बॉडी पर सब लगने की वजह से चिपचिप होने लगी थी.
हम दोनों नहाने चले गए.
वहां जाकर शुबू ने मुझे अपनी तरफ करके मेरी गांड पकड़ ली और दबाने लगी.
वह उछल उछल कर मेरी आंखों के सामने अपने बूब हिलाने लगी तो मैंने तुरंत दोनों चूचों को पकड़ा और शुबू को बाथरूम की दीवार के पास लगा दिया.
अब मैं उसके मम्मों को मसलने लगा.
‘आह आह म्म्म्म …’
हमारे बीच फिर से किस शुरू हो गया.
शुबू ने अपना एक पैर कमोड पर रखा और मेरे लंड को खींच कर चूत के पास ले गई.
वह लंड को अन्दर डालने को कहने लगी.
मैंने लिप्स हटाए और कहा- ऐसी ही फकिंग करनी थी ना आपको?
शुबू- हां पहले चूत में डाल कर गीला कर लो … फिर पीछे डाल देना!
इतना बोलते ही बिना कुछ सोचे मैंने मेरी जान की सेक्सी चूत में अपना पूरा लंड घुसा दिया.
लंड घुसा तो हम दोनों ने राहत की सांस ली.
फिर मैंने धक्के मारना शुरू किए.
मेरी शुबू दीवार से लग कर मजे लिए जा रही थी.
फिर कुछ देर बाद उसने मुझे धक्का दिया और मुड़ कर अपने दोनों हाथ कमोड पर रख कर झुक गई.
वह अपनी गांड मुझे दिखा दिखा कर हिलाने लगी.
वह बोली- आपकी घोड़ी तैयार है सर … मार लो, जितने धक्के मारने हैं.
मैं अपने लंड को तेज धार तलवार की तरह लेकर ऐसे खड़ा था, जैसे कोई लड़ाई में सामने वाले के पेट में तलवार घुसाई जाती है.
वैसे ही मैं अपने टाइट लंड को लेकर अपनी बीवी की तरफ बढ़ा.
उसकी गांड का छेद साफ दिख रहा था तो जाते ही मैंने उसकी कमर पकड़ ली.
मैंने दूसरे हाथ से लंड को गांड के छेद पर लगा दिया.
उसने पहले ही अपनी दोनों टांगें बहुत ज्यादा फैला रखी थीं.
मैंने अपने लंड का सुपारा अन्दर घुसा दिया और उसकी पीठ को सहलाते हुए उसे शांत करने लगा.
अब मैं और अन्दर घुसाने लगा- आहह धीरे … अब ठीक है?
उसने ओके कह दिया.
लंड घुसेड़ने के बाद धक्के देना शुरू हो गया.
मैं लंड हिला हिला कर चोदने लगा.
मैं अपनी सेक्सी बीवी की बात क्या ही कहूँ! मस्त माल है साली.
फिर मेरे लंड का पानी उसकी गांड में ही छूटा, तो वह जल्दी से कमोड खोल कर बैठ गई और उसने सब निकाल दिया.
मैं हांफता हुआ उसके सामने की दीवार के पास बैठा था.
उतने में वह उठी और जल्दी से बाथरूम से निकल गई.
उसने बाहर से दरवाजा भी बंद कर दिया.
मैं डर गया कि इसे क्या हुआ!
शायद ज्यादा ही तो भांग नहीं पी ली.
मैं आवाज देते हुए पूछ रहा था कि क्या हुआ? क्या हुआ … लेकिन वह बिल्कुल चुप.
फिर अचानक से दरवाजा खुला वह अपने दोनों हाथों में कुछ छुपाती हुई लाई थी.
मैं- क्या हुआ शोना?
शुबू- कुछ नहीं, चलो पीछे घूमो और मेरे घोड़े बन जाओ!
मैं- लेकिन क्यूं?
शुबू गुस्से में बोली- बोला ना, बनो नहीं तो लंड को इतना जोर जोर से … इतना जोर से … इतना इतना ज्यादा चूसूंगी कि होश ही नहीं रहेगा!
मैं चुपचाप घूम कर झुक गया.
कुछ एक मिनट बाद मुझे मेरी गांड के छेद पर कुछ फील हुआ, देखा तो वह बेल्ट पेनिस था.
इसे लड़कियां अपनी कमर पर बांधती हैं और उस पट्टे के साथ डिल्डो जुड़ा हुआ होता है.
वह हमने ऑर्डर किया था.
मैं- ये कब आया, ऑर्डर में तो कल दिखा रहा था!
शुबू- हां, लेकिन आज सुबह ही आया 8:30 को … जब आप कमरे में थे. मैंने लेकर किचन के ड्रॉवर में छुपा दिया था.
इतना बोलते ही उसके एक धक्का दे मारा और उस डिल्डो का आगे का हिस्सा पूरा घुसा डाला.
‘अरे आआह …’
मैं इतनी जोर से चिल्लाया और इतना ज्यादा दर्द हुआ कि पूछो मत!
लेकिन सुनने वाला भी कोई था ही नहीं!
उसने कहा- अब पता चला कि दर्द किसे कहते हैं!
मैं कराहते हुए बोला- आह अरे मेरी सेक्सी घोड़ी, पहले चिकना करो उसको … फिर डालो ना, अब तो आपके पास भी लंड आ गया है … चोद लेना जितनी मर्जी … पर आराम से!
शूबू- ही ही ओके शोना!
फिर जो उसने उस पर साबुन लगा कर मेरी चुदाई की … आह क्या ही बताऊं!
वह मनमानी करने के बाद ही मानी.
उसके बाद हम दोनों ने नहाया और नंगे ही कमरे में आकर लेट गए.
लेटते ही दोनों को नींद आ गई, काफी थक गए थे.
जब मेरी आंख खुली तो चार बज चुके थे, वह अभी सो ही रही थी.
जैसे ही मैं जागा, उठते ही मेरा लंड खड़ा था.
यह तो आपको भी पता है कि लड़कों को शायद यह वरदान मिला है.
मैंने उसके दोनों पैरों को खोला और चूत के छेद में लंड को डाल दिया.
वह थोड़ी सी हिली, पर मैं धीरे धीरे चोदता रहा.
अब उसने आंखें खोल कर देखा और फिर से बेफिक्र होकर सो गई.
मानो वह यह देखने उठी थी कि उसकी चुत में मेरा ही लंड है न … मुझे उसकी इस बेफिक्री पर बड़ा प्यार आया और मैं उसे मुहब्बत से चूमते हुए हौले हौले से चोदने में लगा रहा.
फिर जब वह उठी तो मैंने उसको पूरा गीला करके रखा था.
मैंने उसको हैपी होली विश किया, उसने भी विश किया और मेरे ऊपर टूट पड़ी.
वह मेरे ऊपर चढ़ कर खुद अपनी चूत में उंगली डाल कर हिला हिला कर पानी निकाल रही थी और उसने मुझे अपने मूत से पूरा गीला कर दिया.
शाम हो गई थी.
मम्मी पापा के आने का टाइम हो गया था, तो हम दोनों ने सब ठीक किया और अपने अपने काम में लग गए.
फिर रात को स्ट्रॉबेरी और ऑरेंज दो फ्लेवर भी ट्राई किए.
सच में मस्त मस्त सेक्स में मजा आ गया.
ऐसे हमने अपनी पहली होली इन सब रंगों से रंगीन की.
मेरी मस्त मस्त सेक्स का मजा कहानी अच्छी लगी होगी.
मुझे @shubhu.etc इंस्टाग्राम आईडी पर मैसेज करें या फिर [email protected] पर मेल करें.
थैंक्यू.
लेखक की पिछली कहानी थी: भाई की शादी में मैंने मनाई सुहागरात