दोस्त की मां और कच्ची कली बहन को चोदा

हॉट Xnx पोर्न कहानी में मेरे दोस्त की माँ और उसकी कमसिन सेक्सी छोटी बहन एक ही रात में मुझसे चुद गयी. मैं उस रात दोस्त के घर सोया था. उसकी माँ विधवा थी.

नमस्कार मित्रो, मेरा नाम मोहित है.
मेरी उम्र 28 साल है और मैं 6 फुट लंबा चौड़ा जवान हूं. मेरा सामान भी 7 इंच लंबा है.

यह हॉट Xnx पोर्न कहानी मेरे और मेरे दोस्त की बहन परी व उसकी मम्मी की है.

मैं इटावा उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं और कानपुर में एक दवा कम्पनी में काम करता हूं.
उसी कम्पनी में मेरा मित्र मोहित काम करता है.
हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त हैं.

मोहित के घर में मेरा अक्सर आना-जाना लगा रहता है.

उसके घर में उसकी एक बहन है उसका नाम परी है, वह अपने नाम की तरह वास्तव में बिल्कुल परी की तरह ही है.
एकदम मस्त बूब्स, उभरी हुई गांड, हाइट भी 5 फुट 4 इंच की थी.

उसकी मां 47 साल की हैं, वे काफी मोटी थीं और उनकी चूचियां व गांड भी काफी मोटी थीं.
वे विधवा हैं, बहुत साल पहले ही परी के पापा की मौत हो चुकी थी.

वैसे तो मैं सदा ही चूत का प्यासा रहता हूं लेकिन मैंने यह कभी नहीं सोचा था कि मैं अपने जिगरी दोस्त की मां के बाद उसकी जवान बहन की चूत को भी चोद दूंगा.

मैं इस सेक्स कहानी में आपको बताऊंगा कि कैसे मैंने पहले मोहित की मम्मी की, फिर उसकी बहन की चुदाई की.

यह 110% सच्ची हॉट Xnx पोर्न कहानी है.
यह बात 3-4 साल पहले की दिसम्बर के महीने की है.

एक बार मोहित को अचानक कम्पनी के काम से 5 दिन के लिए नोएडा जाना पड़ गया था.
तो वह मुझसे अपने घर पर रुकने की कह गया था.

मैं मान गया और रात को उसके घर सोने जाने की हामी भर दी.

उसी रात को करीब 9 बजे मैं ऑफस से सीधा मोहित के घर चला गया.
उसके घर का दरवाजा मेरे दोस्त की युवा बहन परी ने खोला था.

उस वक्त उसने गुलाबी रंग का टॉप और नीचे सफ़ेद रंग की छोटी स्कर्ट पहनी थी.
वाकयी वह इस ड्रेस में बिल्कुल अप्सरा सी लग रही थी.

मैंने तब तक भी नहीं सोचा था कि इस कली को मैं आज रात को फूल बनाने वाला हूं.

मैं अन्दर आया तो हम सोफे पर बैठे और उसकी मां ने मुझसे मेरे हाल चाल पूछे.
कुछ देर के बाद हम तीनों ने साथ में खाना खाया.

खाना के बाद हम सब सोने चले गए.

मोहित के घर में दो ही कमरे होने की वजह से परी अपने कमरे में पढ़ने चली गई और मैं आंटी के साथ उनके कमरे में चला गया.

मैं और आंटी दोनों एक ही बेड पर लेट गए और टीवी देख रहे थे.

सर्दी के कारण कमरे में हीटर चल रहा था.
उसकी गर्मी की वजह से अभी हम दोनों ने रजाई नहीं ओढ़ी थी, बस कमर तक ली हुई थी.

आंटी ने उस वक्त नारंगी रंग का गर्म कपड़े वाला सूट पहना हुआ था.

मेरी आंटी से काफी बातें हो रही थीं.

अचानक से मैंने आंटी से पूछा कि आंटी आपको अंकल की याद नहीं आती?
तो आंटी उदास हो गईं और रोने लगीं.

मैंने तुरंत उठ कर टीवी बन्द की और आंटी को समझा बुझा कर शांत कराया.

जब मैं आंटी को शांत करा रहा था, उसी समय आंटी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोलीं- मोहित, परी जब मेरे पेट में थी … तब तेरे अंकल मुझे छोड़ कर चले गए थे. तब से रोज बस जीवन में रोना ही रह गया है.

मैंने आंटी को शांत कराया और लेटने को कहा.
तो आंटी मेरी तरफ पीठ करके लेट गईं.
लेकिन उनका रोना, सुबकना चालू रहा.

तो मैं आंटी के पीछे की तरफ से सरक कर उनके करीब हो गया और उनके पीछे लेट कर उनको समझाने लगा.
उस वक्त मेरा लंड आंटी की मोटी गांड से टच हो रहा था.

मैं आंटी को सांत्वना देने, समझाने में व्यस्त था, तभी पता नहीं कैसे मेरा 7 इंच का लंड आंटी की गांड के स्पर्श से खड़ा हो गया.
यह बात आंटी ने मुझसे पहले नोटिस कर ली थी.

लंड के कड़क होने के अहसास से आंटी और पीछे को खिसक आईं.
तब मुझे कुछ लगा कि आंटी आज मुझे अपना खसम बनाना चाहती हैं.

अब आंटी शांत होकर लेट गई थीं और मैं उसी पोजीशन में लेटा रहा था.

कभी थोड़ा से आंटी हिल जातीं, तो कभी मैं हिल जाता, जिससे मेरा लंड आंटी की सलवार के ऊपर से ही आंटी के मोटे चूतड़ों के बीच में घुस गया.

अब आंटी ने सोने का बहाना किया.

मैं पूरा मूड बना चुका था कि आज कैसे भी करके आंटी की चूत का रस चखा जाए.

सोने का बहाना करके मैं अपना एक हाथ धीरे से आंटी की चूत के ऊपर ले गया और पीछे अपने लंड को प्रेस करके सलवार के ऊपर से आंटी की गांड में डाल दिया.

फिर धीरे धीरे मैंने आंटी की सलवार नीचे को खिसकाई.

जैसा कि मैंने आपको बताया था कि आंटी मेरी तरफ पीठ करके लेटी थीं, तो सलवार उतार कर जब मैंने आंटी के चूतड़ों की तरफ देखा तो पाया कि उन्होंने पैंटी पहनी ही नहीं थी.

मैंने धीरे से आंटी से चिपकते हुए अपना पूरा लंड आंटी के मोटे चूतड़ों की घाटी में प्रवेश करा दिया और अपने एक हाथ को मैंने जैसे ही आंटी की नंगी चूत पर रखा, उसमें से गर्म चिकना पानी निकल रहा था.
आंटी की चूत पर बड़े बड़े बाल भी थे.

अब मुझे यकीन हो चुका था कि आंटी जग रही हैं.

मैंने हिम्मत करके पीछे से धीरे धीरे अपने लंड को झटका देना चालू किया और अपना आगे वाले हाथ आंटी की चूत में डाल दिया.
इससे उनके मुँह से सिसकारियां निकलना शुरू हो गईं और उन्होंने मेरे हाथ पर अपना हाथ रख दिया.

उनकी इस बात से मेरी हिम्मत और बढ़ गई.

मैं आंटी को अपनी दो उंगलियों से तेज तेज चोदने लगा.
पीछे से मेरा लंड आंटी की गांड के छेद को स्पर्श कर ही रहा था.

कुछ देर बाद आंटी बोलीं- अरे, उंगलियों से ही चोदता रहेगा या कुछ और भी करेगा?

मैंने यह सुनते ही आंटी को तुरंत सीधी किया और उनकी कुर्ती उतार कर उनके जिस्म से अलग कर दी.
साथ ही उनको अपनी तरफ पलटा कर उनके रसीले होंठों को और बहुत मोटे मोटे मम्मों को चूसना चालू कर दिया.

हम दोनों दरवाजा बन्द करना भूल गए थे, तो पता नहीं परी किसी काम से आई होगी … और वह छुप कर हम दोनों के हॉट Xnx पोर्न खेल को देखने लगी.
हालांकि मैंने परी को देख लिया था, फिर भी मैंने आंटी के साथ सेक्स जारी रखा.

अब मेरे मन में परी की सील पैक चूत को भी चोदने का ख्याल आ चुका था.
मैंने सोचा क्यों ना आंटी को जल्दी चोद कर परी को चोदा जाए.

मैं तुरंत 69 स्टाइल में आ गया और आंटी की चूत के पानी को चूसने लगा.
चूत चाटने से आंटी की झांट के बाल भी मेरे मुँह में जा रहे थे.

इधर मैंने अपना लौड़ा भी आंटी के मुँह में डाल दिया था.

करीब 20 मिनट की चुसाई में आंटी दो बार मेरे मुँह में ही झड़ गई थीं.
मैंने झांक कर देखा तो परी कामुक अवस्था में आंख बंद करके अपने दोनों बूब्स दबाने में लगी है.

मैंने आंटी से कहा- आंटी, अब डॉगी बन जाओ, मुझे अपकी गांड का मजा लेना है! आपकी चूत का पानी तो मैंने दो बार निकाल ही दिया है.
यह सुनते ही आंटी कुतिया बन गईं और उनके मोटे चूतड़ों में से उनकी जामुनी रंग की गांड का छेद अलग से दिख था.

मैंने बिना देर किए थूक लगाया और आंटी की गांड में जैसे ही अपना लौड़ा डाला.

पहले ही झटके में मैंने पूरा लौड़ा आंटी की गांड में डाल दिया, जिससे आंटी जोर से चिल्ला उठीं.

लेकिन मैंने अपना लंड बाहर नहीं निकाला और कुछ देर के लिए लंड अन्दर डाल कर ही रुक गया.

फिर मैंने बाहर झांक कर देखा तो परी हम दोनों को ही देख रही थी.

इस बार उसे पता चल गया था कि मैंने उसे देख लिया है.
वह इशारे से कुछ कहने को हुई, तो मैंने तुरंत उसे इशारा किया और शांत रहकर खड़े होकर देखने का कह दिया.

वह इतनी गर्म हो चुकी थी कि तुरंत मान गई.
अब तक आंटी का दर्द भी कम हो चुका था और मैंने उनको चोदना चालू कर दिया.

करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद मैं उनकी गांड में ही झड़ गया.
अब मैंने परी को जाने का इशारा किया और वह चली भी गई.

चुदने के बाद आंटी काफी थक चुकी थीं.
उन्होंने अपने कपड़े पहने और लेट गईं.

मैंने केवल अपना अंडरवियर पहना और हम दोनों रजाई ओढ़ कर लेट गए.

मैं आंटी के सोने का इंतजार करने लगा.

करीब 15 मिनट बाद जैसे ही आंटी सोईं, मैं तुरंत परी के कमरे की तरफ आ गया.
अब तक परी अपना गेट अन्दर से लॉक कर चुकी थी.

लेकिन मुझे उसे चोदना था.
आप समझ सकते हो एक जवान लड़की गर्म होकर क्या मस्त हो गई होगी.

मैंने धीरे से उसका गेट नॉक किया, उसने तुरंत अपना ऐसे गेट खोल दिया, जैसे वह मेरा ही इंतजार कर रही हो.

अन्दर जो मैंने देखा, मैं एकदम हैरान रह गया. परी मेरे सामने एकदम नंगी खड़ी थी.
उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था.

मैंने आव देखा, न ताव … और परी को अपनी गोद में उठा कर उसके बहुत ही ज्यादा मुलायम और पतले होंठ चूसने लगा.

वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.
मैंने परी को बेड पर लिटा दिया और उसकी चूत पर अपना मुँह रख दिया.

मैं उसे अपने जीभ से चोदने लगा और अपने दोनों हाथों से उसके मीडियम साइज के मगर बहुट टाइट बूब्स दबाने लगा.
परी के मुँह से कामुक सिसकारियां निकल रही थीं.

वह बोली- मोहित, बहुत मजा आ रहा है, आप खा लो मेरी चूत को!
कुछ देर के बाद मैं 69 की पोजीशन में आ गया और अपना 7 इंच लंबा लंड परी के मुँह में डाल दिया.

परी भी बहुत सहयोग कर रही थी.
करीब दस मिनट बाद वह मेरे मुँह में ही झड़ गई और मैं भी उसके मुँह में झड़ गया.

हम दोनों ने एक दूसरे का पानी पी लिया.

करीब दस मिनट बाद मेरा लंड परी की सील तोड़ने को तैयार था.

मैंने परी को सीधा लिटाया और उसकी गांड के नीचे दो तकिए लगा दिए.
साथ ही मैंने उसकी दोनों टांगें फैला दीं और अपना लंड परी की चूत पर रगड़ने लगा.

परी की चूत भी मेरे लंड को अन्दर लेने के लिए बेताब थी. उसमें से सफेद पानी बह रहा था.

मैंने परी के मुँह पर हाथ रख कर उसका एक दूध अपने मुँह में लेकर धीरे से झटका दिया.
जिससे वह तड़फ उठी.

उसके मुँह पर मेरा हाथ होने की वजह से वह चिल्ला तो नहीं पाई, पर उसकी आंख से आंसू निकलने लगे.

वह तड़फ रही थी, पर मैं कहां मानने वाला था.

मैंने थोड़ी ताकत लगा कर जैसे ही दूसरा झटका दिया.
परी मछली की तरह फड़फड़ाने लगी.

उसकी आंख से लगातार आँसू आ रहे थे. उसकी चूत की सील टूट चुकी थी और चूत से खून भी आने लगा था.
करीब एक मिनट तक मैं ऐसे ही उसके ऊपर लेट रहा और उसके मम्मों को चूसता रहा.

अब उसका कुछ दर्द कम हुआ, तो मैंने उसे पेलना चालू कर दिया.

कुछ देर बाद वह भी मेरा साथ देने लगी.
काफी देर तक मैंने उसे हचक कर चोदा.
इस बीच वह दो बार झड़ चुकी थी.

कुछ मिनट बाद मैंने भी अपना माल परी की चूत में निकाल दिया.

उसके बाद लगातार मैंने दोनों मां और बेटी की अलग अलग चोदा और दोनों की गांड व चूत की चुदाई का मजा लिया.
अब इस हॉट Xnx पोर्न कहानी को बने 3 साल हो गए हैं.

मैं अभी भी अकसर उन दोनों को चोदता हूँ.
परी ने तो अपनी 5 फ्रेंड्स की भी सील मुझसे तुड़वाई है.

एक बार मैंने उसको और उसकी सहेली को एक साथ में होटल ले जाकर चोदा था.

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