सेक्सी फिगर बनाने के लिए खूब चुदी मैं- 1

Xxx3 भाभी फक कहानी एक ऐसी लड़की की है जिसकी फिगरअच्छी नहीं थी. उसकी सहेली ने बताया कि सेक्सी फिगर के लिए चुदाई करवानी पड़ती है, गांड मरवानी पड़ती है.

यह कहानी सुनें.

मैं कोमल आपकी सेवा में हाजिर हूँ.
मैंने इस साईट पट बहुत सारी सेक्स कहानी पढ़ीं, जिससे मेरा हौसला बढ़ा कि मैं भी अपनी सेक्स कहानी लिख कर आप सबको बताऊं।

तो चलिए Xxx3 भाभी फक कहानी शुरू करती हूँ.
लड़के अपने लंड को हाथ में ले लें और लड़कियां अपनी चुत में उंगली डाल लें … क्योंकि मैंने भी डाली हुई हैं.

मेरी उम्र 39 साल की है और मैं एक हाउसवाइफ हूँ।
मेरी फिगर 32-28-30 की थी पहले.

मैं लखनऊ से हूँ.
मेरी शादी कानपुर में हुई.

मुझे टीवी सीरियल देखने का बहुत चस्का था.
मैं हमेशा टीवी के सामने ही बैठी रहती थी. मेरे ज़्यादा टीवी देखने से मेरे हब्बी भी बहुत गुस्सा रहते थे.

सॉरी मैं अपने अलावा अपने परिवार के बारे में कुछ नहीं बता पाई.
मेरे पति का नाम रमेश है। उनकी उम्र 43 साल है और हमारे 2 बच्चे हैं.

मैं शुरू से ही साड़ी पहनती आई हूँ और मैं उसमें बहुत सुंदर भी लगती हूँ.

मैं अपने पति के साथ सामान्य तरीके से ही सेक्स करती थी.
उस वक्त तक अपनी जिंदगी में किसी से कोई ज़्यादा नहीं घुली मिली थी.

फिर कुछ ऐसा हुआ कि पड़ोस की एक महिला मेरी सहेली बन गई।
अब मैं और मेरी ये सहेली शाम के वक्त टहलने जाने लगे.

एक दिन जब हम वॉक पर गए थे, तो रास्ते में एक कुतिया आगे आगे जा रही थी और 6-7 कुत्ते उसके पीछे पीछे चल रहे थे.

कुछ देर बाद एक कुत्ते ने कुतिया की चुत में अपना लंड फिट कर दिया और वह उसे चोदने लगा.

हम दोनों उस कुत्ते कुतिया के जोड़े को देखने लगे और हंसने लगे.
कुछ ही देर में जिस कुत्ते ने कुतिया की चुत के अन्दर अपना लंड डाला हुआ था, वह अब शायद फंस गया था और दूसरी तरफ घूम कर कुत्ता कुतिया अपना सेक्स सुख लेने लगे थे.

बाकी के कुत्ते उन दोनों के आस पास ही घूम रहे थे.

मेरे साथ वाली दीदी उन्हें देख कर बोलीं- कोमल, इनको देख कर मुझे अपनी याद आ गई!

सॉरी मैं आपको अपनी सहेली का नाम बताना भूल गई.
उनका नाम मंजू था, उम्र 40 की, रंग फेयर, 36-30-38 का बहुत जबरदस्त फिगर था.

मैं बोली- क्या हुआ दीदी, आपको क्या घटना याद आ गई!
मंजू- कभी मुझे भी 5-6 लंड एक साथ चोदा करते थे, जबसे हज़्बेंड रिटायर हुए हैं, तब से मैं खुल कर चुद ही नहीं पा रही हूँ.
मैं- ऊओ दीदी, यह क्या बोल रही हो आप? पाँच छह एक साथ?

मंजू- तो और क्या … तुझे क्या लगता है कि मेरी यह फिगर तेरे जीजू ने बनाई है! नहीं यार ये सब बाहर वालों की मेहरबानी है … जिन्होंने मुझे रगड़ कर चोदा वरना मैं भी तेरी तरह ही दुबली पतली रह जाती!
मैं- ना बाबा … मैं तो ऐसी ही ठीक हूँ, मैं तो बाहर किसी को देख भी नहीं सकती और यह काम तो कभी नहीं कर सकती!

मंजू- अगर तू एक बार ग्रुप में चुद लेगी तो तू हज़्बेंड का लेना भूल जाएगी. असली जिंदगी का मजा ही ग्रुप में चुदने में है. तुझे एक बार तो जरूर ही ट्राइ करना चाहिए.

मैं- नहीं नहीं, मैं तो अपने हब्बी का ही बहुत मुश्किल से ले पाती हूँ, ग्रुप का कहां से ले पाऊंगी!
मंजू- चल आ मेरे घर, तुझे कुछ दिखाती हूँ.

मैं उनके साथ उनके घर चली गई.
वे मुझे हाथ पकड़ कर सीधे अपने कमरे में ले आईं और दरवाजा लॉक कर दिया.

मैं कुछ समझ पाती कि मंजू दीदी ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और वे मेरे सामने पूरी नंगी हो गईं.
मैंने अपने सामने में पहली बार किसी औरत को नंगी देखा था.

मैं अचकचा कर बोली- मंजू दीदी आप यह क्या कर रही हो?
वे बोलीं- मेरी चुत को देख … और मेरी गांड में उंगली कर!

यह कहती हुई दीदी ने मेरी तरफ अपनी गांड कर दी.
मैंने शर्माते शर्माते उनकी गांड को टच किया और उंगली छेद में डाल दी.
सच में उनकी गांड एकदम खुली हुई थी.

दीदी घमंड से बोलीं- इस गांड में 9-9 इंच के लंड बड़े आराम से सरकते चले गए हैं … और आगे देख, मेरी इस चुत में तो पता ही नहीं कि कितने चले गए हैं!
मैं बोली- लेकिन आप यह सब मुझे क्यों बता रही हो?

तो मंजू दीदी बोलीं- जो मजे मैंने लिए है, मैं चाहती हूँ कि तू भी एक बार ले!
मैं मना करने लगी.

तो वे मुझसे बोलीं- ठीक है, मैं तुझे फोर्स नहीं करूंगी. मैंने तुझे कुछ भेजा है, घर में जाकर तुम एक बार अकेले में बैठ कर पढ़ना और यदि तुझे वह सब अच्छा लगे तो मुझे बताना.
फिर बाद में जब तुम कहोगी, तब मैं तुझे इन्वाइट करूंगी.

उनकी बात सुनकर मुझे चुल्ल होने लगी कि ऐसा क्या भेजा है.
मैं वही सब जानने की इच्छा करती हुई अपने घर वापस आ गई.

घर आकर मैंने अपना कुछ काम किया और जैसे ही मैं फ्री हुई, तो मुझे याद आया … तो मैंने अपना फोन उठाया और देखा.

मंजू दीदी ने मुझे कोई सेक्स कहानी भेजी थी.
मैंने इधर उधर देखा तो बच्चे नहीं थे।

मैं भी अपने काम से एकदम फ्री थी इसलिए बैठ कर अपने मोबाईल में उस कहानी की लिंक को खोल कर एक कहानी को पढ़ने लगी.

उसमें और भी सेक्स कहानियां थीं, मैं एक एक करके देखने लगी तो पाया कि वे सभी ग्रुप सेक्स की कहानियां थीं।

मैं एक स्टोरी को ध्यान से पढ़ने लगी. उस सेक्स कहानी में एक लेडी ने 12 लंड एक साथ लिए थे.
उस कहानी को पढ़ कर ऐसा लग रहा था मानो उस महिला की जगह में चुद रही हूँ.

मैं काम वासना से भर गई और मेरी चुत ने गर्म होकर मुझे मजबूर कर दिया कि मैं उंगली से अपनी चुत को रगड़ कर शांत करूं.
सच कह रही हूँ कि उस सारी रात मैं सो नहीं पाई थी, बस लंड से चुदवाने की ही सोचती रही.

अगले दिन सुबह से ही मैं पहली फुरसत पाते ही उसी लिंक को खोल कर सेक्स कहानी सर्च करने लगी.
यही सब करते करते मुझे एक ईमेल आईडी सिम्मी (सिमरन) के नाम से मिली, तो मैंने उस गर्ल की मेल आईडी पर मैसेज किया.

तो मुझे तुरंत ही उधर से जवाब मिला और शायद यह एक अच्छा जवाब मिला था.
मैंने उससे आगे बात की और उसे अपनी सेक्स लाइफ के बारे में बताया.

तो उसने मुझसे खुल कर बात की और अपना नंबर देते हुए मुझसे मेरा नंबर मांगा.
मैंने उसे अपना नंबर दे दिया.

फिर बातों बातों में मैंने अपने बारे में बताया कि मैं 39 साल की हूँ और उसे अपने फिगर की बात की.
उसने मुझसे पूछा कि मैं आपकी क्या मदद कर सकती हूँ?

मैं बोली- मुझे अपनी फिगर अच्छी करनी है, उसके लिए चाहे कुछ भी करना हो … मैं करूंगी!
वह बोली- उसके लिए तो एक ही रास्ता है और वह है ग्रुप सेक्स … क्या तुम कर सकोगी?

मैं बोली- हां मैं ग्रुप में चुदना चाहती हूँ.
तो वह बोली- ठीक है, परसों तुम फ्री रहना … तुझे लेने दो लड़के आएंगे, तू उनके साथ खुल कर चुद लेना.

मैं भी खुश हो गई कि मैं कौन सा उनको जानती हूँ और ना ही वे मुझे जानते हैं.

उससे ओके कह कर मैं सोचने लगी और चुदाई की कल्पना में मस्त होने लगी.

फिर जब अगले दिन मैं वॉक पर गई, तो मंजू मुझे बताने लगी कि कैसे कैसे चुद कर उसने पैसा बनाया. प्लॉट्स, बैंक बॅलेन्स बढ़ाया है.

तो उसकी बातें सुनकर तो मेरा दिल करने लगा था कि बस कोई जल्दी से आए और मुझे एक बार चोद दे. फिर वह मुझे मंजू से ज़्यादा पैसे दे जाए.

लेकिन ऐसा संभव नहीं था.

उसी रात को में हब्बी से चुद रही थी.
मेरी चुत में वासना भरी हुई थी और मैं आज देर तक चुदवाना चाहती थी.

पर अफसोस यह हुआ कि पति महोदय ने मुझे बस 3-4 मिनट चोदा और अपने लंड का पानी निकाल कर सो गए.
मैं प्यासी रह गई.

पति के सो जाने के बाद मैंने अपनी चुत की मुठ मारी और मैं भी सो गई.

सुबह मैंने नहाने से पहले अपनी चुत को अच्छे से साफ किया और उन दो लड़कों के आने का इंतजार करने लगी.

तभी मेरे पास एक फोन आया. उसमें मुझे बताया गया कि मुझे एक लॉज में आना है.
यह जगह मेरे घर से करीब दस मिनट की दूरी पर ही थी.

मैं तुरंत अपने घर से ऑटो लेकर निकली और जैसे ही वहां पहुँची, तो रिसेप्शन पर दो लड़के खड़े थे जो देखने में काफ़ी आकर्षक थे.

वे मुझे देख कर मुस्कुराए तो मैं समझ गई कि यही वे दोनों हैं.
मैंने भी स्माइल दे दी.

उनमें से एक मेरे पास आया और मेरा नाम पूछने लगा.

मैंने अपना नाम बताया, तो उसने बताया कि हां आपके बारे में ही बात हुई थी.
मैंने हामी भर दी. वह बोला- कमरे में चलकर बात करते हैं!

मैंने ओके कहा और उनके साथ कमरे की तरफ चल दी.
यह कमरा फर्स्ट फ्लोर पर था.

कमरे में अन्दर जाकर देखा तो यह बहुत ही शानदार कमरा था.
मैंने अपनी ज़िंदगी में पहली बार इतना आलीशान कमरा देखा था.

उसने कमरे में लगी हुई फ्रिज में से कोल्डड्रिंक निकाल कर मुझे पिलाई.
मैं ड्रिंक पीने लगी और वे दोनों मेरे आजू-बाजू बैठ गए.

हमारी बातें होने लगीं।
उनमें से एक का नाम हर्ष था और दूसरा लोकेश.

तो लोकेश ने मेरा हाथ पकड़ा और अपने लंड तक ले गया.

यह सब पहली बार हो रहा था तो मुझे कुछ अजीब सा लग रहा था लेकिन जब मैं आई ही चुदने थी तो अजीब लगने का क्या मतलब था.

मैंने उसके लंड को पकड़ कर मसलना चालू कर दिया. यह देख कर हर्ष मेरे बूब्स दबाने लगा.
वह बोला- बहुत मस्त बूब्स हैं आपके!
मैं चुप रही.

अब तक मेरी ड्रिंक खत्म हो चुकी थी तो उसने मुझे उठाया और बेड पर ले आया.

उन दोनों ने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए और जल्दी ही मुझे पूरी नंगी कर दिया.
मैं पहली बार किसी अंजान मर्द के सामने नंगी हुई थी इसलिए मैं बहुत शर्मा रही थी.

तभी लोकेश ने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए और वह सिर्फ एक बॉक्सर में मेरे सामने आकर खड़ा हो गया.

मैंने जैसे ही आंख उठा कर उसके फूले हुए बॉक्सर की तरफ देखा तो मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं.

उसका लंड 8 इंच लंबा और 3-4 इंच मोटा था. चूंकि उसने बॉक्सर से अपना लंड बाहर निकाल दिया था तो मैं साफ साफ उसके लौड़े को देख रही थी.
मैं जिंदगी में सोचती थी कि कब मैं इतने मोटे लंड से चुदूँगी!

आज मेरा वह सपना पूरा होने जा रहा था. फिर मैंने अपने बूब्स हिला कर उन दोनों को अपनी तरफ आने का इशारा किया, तो वे दोनों मेरे एक एक दूध को अपने मुँह में लेकर चूसने लगे.

मैं मजे से अपने दोनों दूध एक साथ चुसवाती रही.

थोड़ी देर बाद लोकेश ने बोला कि चल अब इसको चूस!
उसने मुझे बेड से नीचे उतारा और अपना लंड बाहर निकाल कर मेरे मुँह के पास कर दिया.

उसके लौड़े को देख कर मैं डर गई कि इतना बड़ा लंड!

उसने बोला- चल चूस इसको!

मैं आज पहली बार किसी के लंड को चूसने जा रही थी.
मैंने आज तक अपने पति का लंड भी नहीं चूसा था.

मैंने उसके लौड़े को अपने मुँह में लिया और घिन आने से मैं लंड को अच्छे से नहीं चूस पा रही थी.
तो वह समझ गया कि यह घरेलू माल है.

दोस्तो, इसके आगे की सेक्स कहानी को मैं अगले भाग में लिखूँगी।
आप मुझे मेल व कमेंट्स करके बताएं कि आपको Xxx3 भाभी फक कहानी कैसी लग रही है.
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Xxx3 भाभी फक कहानी का अगला भाग: सेक्सी फिगर बनाने के लिए खूब चुदी मैं- 2