गर्लफ्रेंड की सहेलियों ने मेरे लंड का मजा लिया- 2

वर्जिन गर्ल सेक्स कहानी में मेरे साथ मेरी गर्लफ्रेंड की 3 सहेलियां चुदाई के लिए थी. उनमें एक कुंवारी थी. हम चारों ने कैसे सेक्स का मजा लिया?

दोस्तो, मैं मोहित एक बार फिर से अपनी सेक्स कहानी के अगले भाग के साथ हाजिर हूँ.
कहानी के पहले भाग
गर्लफ्रेंड की सहेलियों ने मेरा लंड चूसा
में अब तक आपने पढ़ा था कि पुष्पांजलि की सहेलियों ने मुझे अपने रूप के जाल में फंसा लिया था और मैं खुद भी उन तीनों की चुत चोदने के लिए मचल उठा था.
मैं उन तीनों लड़कियों में से सबसे ज्यादा चुदक्कड़ लड़की आसिफ़ा की की चुत चूसने लगा था और मुमताज मेरा लंड चूसने लगी थी.

अब आगे वर्जिन गर्ल सेक्स कहानी:

आसिफा की चूत का मुँह पूरा खुला हुआ था क्योंकि उसका भाई गांव में रोज उसे चोदता था और उसका एक बॉयफ्रेंड भी था, जिससे वह अनेकों बार चुदी थी.

उसकी चूत थोड़ी अजीब सी गंध भी दे रही थी इसलिए मुझे केक लगा कर चूत चूसना पड़ा.

आसिफा चुदवाने में एक्सपीरियंस्ड थी इसलिए बहुत अच्छे से आवाज निकाल रही थी.
‘ओह आह … चूसो मोहित … चूसो चूत का रस निकाल दो’ यह बोलती हुई वह झड़ गई.

मैंने उसकी चूत का पानी नहीं पिया क्योंकि स्वाद अच्छा नहीं था.

इतनी देर से मुमताज भी मेरा लंड कंठ तक लेकर फुल स्पीड में चूस रही थी.
जैसे मुँह को चोदते हैं, वह वैसे ही पूरा ले रही थी.
लेकिन कंठ तक जाने के बाद भी मेरा लंड मुँह के 2 इंच बाहर ही था.

जब मैं झड़ने लगा तो मैंने मुमताज को बताया नहीं.

जब वह ऊपर से नीचे की तरफ लंड को 6 इंच तक ली तभी मैंने उसका सर पकड़ नीचे से झटका दे दिया.
इस झटके के कारण उसके गले में पूरा लंड अन्दर गया और मैं झड़ गया.

लंड गले के इतना अन्दर घुस गया था कि उसे स्पर्म गटकना भी नहीं पड़ा.
खुद से अन्दर चला गया.

अन्दर तक इसलिए चला गया क्योंकि मेरे लंड का टोपा आगे से नुकीला है इसलिए मेरा लंड आसानी से किसी भी चूत अन्दर चला जाता है.
बस जब आधा लंड चूत के अन्दर जाता है तो धक्का लगाना पड़ता है क्योंकि मोटा है.

हम तीनों अब एक एक बार झड़ चुके थे जबकि रेहाना अभी तक ये सब देख ही रही थी.

अचानक आसिफा उसके कपड़े भी निकाल दिए.
रेहाना शर्मा गई क्योंकि वह कभी नहीं चुदी थी.

वह आसिफा और मुमताज से सिर्फ चूत चटवाती थी.

अब मेरा लंड झड़ने के बाद मुरझा गया था.
आसिफा रेहाना से बोली- अब तुम्हारी बारी है, मोहित का लंड चूसो.

वह भी जोश में थी इसलिए उसने मना नहीं किया और मेरी छाती पर बैठ कर 69 की पोजीशन में आ गई.
वह मेरा लंड चूसने लगी और मैं उसकी कुंवारी चूत चूसने लगा.

एक मिनट में ही मेरा लंड खड़ा हो गया.
रेहाना के मुँह की गोलाई कम खुलने की वजह से वह आधा ही लंड मुँह में ले पा रही थी.

मेरा खड़ा लंड देख कर मुमताज से रहा नहीं गया और वह रेहाना को हटा कर काऊ गर्ल की पोजीशन में मेरे लंड पर बैठने लगी थी.
वह 4 इंच लंड लेने के बाद रुक गई क्योंकि वह एक बार ही चुदी थी इसलिए उसकी चूत का मुँह पूरा नहीं खुला था.

अब मुमताज धीरे धीरे उछलने लगी.
वह आधा लंड ही अन्दर ले रही थी कि तभी आसिफा ने मुमताज के मुँह पर एक हाथ रखा और दूसरे हाथ से उसका कंधा पकड़ कर नीचे की तरफ दबा दिया.

अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अन्दर था.
मुमताज की चूत मेरे मोटे लवड़े से फट गई थी.

मुमताज मेरे सीने पर गिरी और उसने मुझको अपनी बांहों में कस लिया.
उसी पल उसने मेरा आधा लंड अपनी चूत से बाहर निकाल दिया.

मैं भी मुमताज को बांहों में कसके पकड़ कर नीचे से झटके देने लगा.
मैं उसे जोर जोर से चोदने लगा क्योंकि मैं बहुत देर से अपना जोश बर्दाश्त कर रहा था.

अब मुमताज की आवाजें गूंजने लगीं.
सामने सोफ़े पर आसिफा रेहाना को लिप किस कर रही थी.

कुछ मिनट तक काऊगर्ल पोजीशन में चुदने के बाद वह मिसनरी पोजीशन में आ गई और धक्कम पेल चुदाई के बाद मुमताज दोबारा से झड़ गई.

अब उसकी चुत से मेरा लंड बर्दाश्त नहीं हो रहा था तो उसने मुझे धक्का देकर अलग कर दिया.

वह दो बार झड़ने के बाद थक भी गई थी और उसकी चूत भी फट गई थी इसलिए उसे चुत में दर्द हो रहा था.
वह अलग होकर आराम करने चली गई.

इधर आसिफा ने मेरा खड़ा लंड देखा, तो कूद कर वह लौड़े पर सवार हो गई.
उसने भी काऊगर्ल की पोजीशन में मेरा लंड अपनी चुत में खा लिया.
लेकिन वह भी आधा ही लंड ले पाई.
उसके बाद लौड़ा अन्दर जा ही नहीं पा रहा था.

आसिफा चुदक्कड़ थी लेकिन वह अपने जिस यार से चुदी थी, उसका लंड 5 इंच का ही था.
इसलिए उसकी चूत पूरा लंड नहीं ले पा रही थी.

आसिफा आधा लंड लेने के बाद बोली- यार, मेरा भी सपना था कि मैं भी लंबे और मोटे लंड से चुदवाऊं … क्योंकि मेरा भाई अपने छोटे लंड से मुझे चोद चोद कर गर्म तो कर देता है, लेकिन ठंडा नहीं कर पाता है.
मैं- जोश में पूरा लंड मत ले लेना, नहीं तो मुमताज की तरह तुम्हारी भी चूत फट जाएगी.

आसिफा- ऐसा नहीं होगा क्योंकि मेरी चूत का मुँह पूरा खुला है, मैं सिर्फ गहराई तक कभी लंड नहीं ली हूं. इसलिए अन्दर लेने में ही दिक्कत आएगी.
मैं बोला- तुम्हारी जैसी मर्जी आसिफा.

अब आसिफा 6 इंच के लगभग लंड लेने लगी थी और वह मेरे लंड पर कूदने लगी.
‘ओह आह चोदो मोहित … चूत का रस निकाल दो’ यह सब बोलती हुई वह झड़ गई.

आसिफा की चूत का पानी निकल गया.
लेकिन मेरा माल निकलना अब भी बचा हुआ था.
हालांकि आसिफ़ा कुछ देर और साथ देती तो ये निकल जाता क्योंकि लंड से रस निकलने ही वाला था.

मैंने आसिफा को डॉगी स्टाइल में करके उसके बाल कसके पकड़ लिए और जोर जोर से धक्कम पेल चोदने लगा.

मेरा पूरा लंड आसिफा की चूत को चीरते हुए उसके बच्चेदानी से टकराने लगा था.
आसिफा हाइट में छोटी थी इसीलिए उसकी चूत का गहराई भी कम थी.

आसिफा कराह रही थी- आह अब रहने दो!
मैं आसिफा से बोल रहा था कि बस एक मिनट रुको.

कुछ मिनट सुपर फास्ट चुदाई के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया.

अब आसिफा ने चूत में से लंड निकाल लिया.
मेरा लंड जैसे ही चूत से निकला उसकी चूत से वीर्य के साथ थोड़ा सा खून निकल गया.

वह खून देख कर डर गई कि वह तो इतनी बड़ी चुदक्कड़ है, फिर चुत से खून क्यों निकला!
मैं बोला- डरो मत, ये नॉर्मली थोड़ा बहुत ऐसा होता है.
यह सुनकर आसिफा नॉर्मल हो गई.

उधर मुमताज और रेहाना एक दूसरे की चूत चाट रही थीं.

जिंदगी पहली बार तीन तीन लड़कियों को एक साथ नंगी देख कर और दो को चोदकर मेरा जोश बढ़ता ही जा रहा था.

अब मेरा मन रेहाना को चोदने का था क्योंकि वह वर्जिन थी लेकिन अपनी चूत में उंगली करती थी.

मैं बोला- रेहाना अब तुम भी ले लो लंड का मजा, कब तक उंगली और जीभ से काम चलाओगी?
रेहाना बोली- नहीं, मुझे चूत नहीं फड़वाना. तुम्हारा मूसल जैसा लंड है.

मैं बोला- यही तो खासियत है मेरे लंड की, सील पैक चूत के लिए ये ओपनर का काम करता है. पुष्पांजली को मैंने अपने तरीके से चोदा था तो कहां चूत फटी थी?
रेहाना- नहीं नहीं मुझे रिस्क नहीं लेना. मुझे उंगली डालने से ही संतुष्टि मिल जाती है.

मैंने आसिफा को इशारा किया कि रेहाना को चोदना है, कुछ करो.
आसिफा ने मुमताज को इशारा कर दिया.

आसिफा रेहाना के सीने पर बैठ गई और दोनों हाथ पकड़ कर झुक कर उसे अपना दूध पिलाने लगीं.

इधर मुमताज ने उसके दोनों पैरों को फैला दिया और दोनों पैर पकड़ लिए.

इस कारण से रेहाना की चूत मेरे सामने खुल गई थी.

लेकिन डायरेक्ट चूत में लंड डाल देता तो रेहाना को मजा नहीं आता बल्कि दर्द होता.
इसलिए मैंने रेहाना की चूत को चाटना और जीभ से चोदना शुरू किया.

कुछ ही देर में वर्जिन गर्ल सेक्स के पूरे जोश में आ गई थी और चूत उठा उठा कर मेरे मुँह में देने लगी थी.

मैंने चूत चाटना छोड़कर उसकी चूत में अपनी दो उंगलियों को डाल दिया और स्पीड से अन्दर बाहर करने लगा.

अब रेहाना पूरे जोश में आ गई और बोलने लगी- कब तक उंगली डालते रहोगे, लंड डालो.
मेरा लंड पहले ही सलामी दे रहा था और मुमताज चूस रही थी तो लंड गीला था ही.

मैं आसिफा से बोला- अब हट जाओ.

रेहाना की कमर के नीचे तकिया लगाया, जिससे उसकी चूत का मुँह थोड़ा सा खुल गया.

हम दोनों मिसनरी पोजीशन में आ गए.

लंड का टोपा चूत के अन्दर डाला और अन्दर बाहर करने लगा.
रेहाना 2 मिनट में ही अपनी उत्तेजना के शिखर पर आ गई थी.

कमर उछाल उछाल कर और अन्दर लंड लेना चाहती थी.
मैंने 2 मिनट तक पहले तड़फाया.

जब मैंने देखा कि सही समय आ गया है तो होंठों पर होंठ रख कर जोर का झटका दे मारा.
मेरा 6 इंच लंड चूत के अन्दर घुस गया.

अब रेहाना चिल्लाने लगी- आह निकालो निकालो … फट गई मेरी आह!
लेकिन मैं रुका नहीं बल्कि और तेज चोदने लगा.

कुछ देर के दर्द के बाद रेहाना कमर उठा कर साथ देने लगी और मुँह से सेक्सी आवाजें निकालने लगी.
अब मेरा जोश सातवें आसामान पर था. मैंने स्पीड और तेज कर दी.

अब रेहाना का शरीर अकड़ा और वह झड़ गई.
झड़ने के बाद वह बोलने लगी- मोहित अब पूरा लंड डाल दो. मेरी चूत भी फाड़ दो मोहित.

मुझे उसे अलग पोजीशन में चोदना था इसलिए मैं बेड से नीचे खड़ा हो गया.

रेहाना- मेरी चूत में आग लगा कर नीचे क्यों उतर गए मोहित. जल्दी से चूत की आग को ठंडी करो प्लीज!

मैंने उसे गोद में उठा लिया और उसके दोनों पैर मेरे कंधे पर ले लिए.
वह मेरी गर्दन पकड़ कर लटक गई.

अब उसकी चूत पर मैंने लंड सैट कर दिया और एक दो झटके में ही पूरा लंड अन्दर डाल दिया.
वह चिल्लाने लगी- आह उतारो मोहित … आह इस पोजीशन में नहीं चुदूंगी … मैं मर जाऊंगी … आह आह ओह ओह माई गॉड.

वह कामुक आवाजें निकालने लगी मगर मैं नहीं रुका.

थोड़ी देर इसी पोजीशन में चोदने के बाद वह झड़ गई और थक गई.
क्योंकि वह एक बार उंगली डाल कर और दो बार चुदाई से झड़ चुकी थी.

ऐसे ही शाम 7:30 से सुबह 9 बजे तक मैंने मुमताज को 3 बार आसिफा को 2 बार और रेहाना को 2 बार चोदा.

सबसे ज्यादा चूत से पानी रेहाना का निकलता था क्योंकि वह लंड को पूरा फील के साथ लेती और इन्जॉय करती थी.

मुमताज की चूत सबसे ज्यादा गुलाबी थी और मस्त भी थी.
आसिफा को चुदने का ज्यादा मन रहता था.
लेकिन बच्चेदानी में लंड टकराने से उसे दर्द होता था.

फिर भी आसिफा बोली कि मेरी जिंदगी का मकसद पूरा हो गया.
मैंने पूछा- क्या मकसद था?
आसिफा बोली- मेरा मकसद था कि कोई ऐसा मर्द मिले जो मुझ पर भारी पड़े ना कि मैं उस पर!

सुबह सुबह निकलने से पहले हम लोगों ने एक दूसरे से बात की.

अब हम सब सप्ताह में एक दिन ऐसे ही धक्कम पेल चुदाई करते थे.
मुमताज को मुझसे प्यार हो गया था और वह कभी कभी मुझे अकेले होटल में बुलाने लगी थी और मेरे लंड का मजा लेने लगी थी.

आपको वर्जिन गर्ल सेक्स कहानी कैसी लगी, कमेंट करके जरूर बताइएगा.
आप अपने विचार मेरी ईमेल पर भी भेज सकते हैं.
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