चुदवा ले रानी – गांडू की कहानी

X गे गर्लिश फीलिंग स्टोरी में मुझे गांड मरवाने की लत है. एक बार मैंने प्लम्बर को काम के लिए बुलाया. मैंने उसी का लंड चूस कर गांड मरवा ली.

मेरा नाम मीनू है और मुझे गुदा मैथुन की आदत शुरू से है यानि कि मैं पैदायशी नमकीन गांडू हूँ.
इसकी वजह मेरी शरीर की बनावट है.
गेहुंआ रंग का मेरा गदराया भरा पूरा जिस्म चिकना और चमकदार है सर से लेकर पाँव तक!
मेरी छाती 34 इंच चौड़ी, स्तन छोटे मगर गुदाज़ हैं. कमर 30 इंच पतली मगर मांसल है.
और सबसे बड़ी और भारी भरकम मेरी गगांड रानी है यानि चूतड़ जो 40 इंच के हैं.
इसे कोई औरत देख ले तो उसे शर्म आ जाए.

शुरू से मेरी गांड बहुत बड़ी रही है और नुन्नी (लंड) छोटी.
इस अनोखे कॉम्बिनेशन की वजह से मुझे बचपन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था.

मुझे मनचले लड़के ‘चुदवा ले … चुदवा ले रानी’ करके छेड़ते थे.
मुझे बहुत बुली का सामना करना पड़ता था.

इसी वजह से मैंने लंड का स्वाद जल्दी ही चख लिया था.
स्कूल के लड़के मरे साथ गुदाचोदन और मुख मैथुन करते थे.
धीरे धीरे मुझे इसकी आदत सी लग गयी और मैं काफी शौक से चुदवाने लगी।

जैसे जैसे मेरी उम्र बढ़ती गयी, मेरा जिस्म लश लश गदराया और मेरी गांड ज्यादा लवाबदार होती गयी.
मगर मेरा चेहरा नहीं बदला और अब भी 20 साल की लड़की की तरह है।

जो शरीर की बनावट शुरू में दुःख की वजह थी आज उसी पर मुझे बहुत गर्व है.
34 साल की उम्र में मैं सैकड़ो मर्दों से चुद चुकी हूँ और उनकी मुट्ठ मलाई खा चुकी हूँ.

यही वजह है मैं एक रसीली चुदी चुदाई पकी पकाई हुई रांड लगती हूँ।

मौजूदा स्तिथि में बाल थोड़े लम्बे रखती हूँ और लाल कलर करवाया हुआ है.
मुझे क्रॉसड्रेस करने की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि नैचुरली ही मैं कमसिन गांडू रंडी लगती हूँ.

हां एक और बात … मुझे ढीले कपड़े पहनने पड़ते हैं क्योंकि मेरी गुदाज़ चूचियां और चूचक नुकीली हैं.
मेरी सारी पैंट बहुत टाइट होती हैं क्योंकि मेरी विशालकाय गांड समा नहीं पाती साधारण कपड़ों में … इसलिए हमेशा स्ट्रेचबल पैंट ही काम आती है.

घर में अकेले आज मेरा तीसरा दिन था.
X गे गर्लिश फीलिंग स्टोरी बनने का अच्छा मौक़ा था.

मैं सुबह उठी तो मेरी गुदा-प्लग गांड से फिसल गयी थी.
मैंने उसे वापस गांड में डाल लिया.

जल्द से मैंने एक पूरी बांह वाली टीशर्ट पहनी जो बड़ी चुस्त और तंग थी.
इसमें मेरे गुदाज़ दुग्ध कैद हो जाते हैं.
पर टीशर्ट की लम्बाई सिर्फ नाभि के ऊपर तक ही आती है.

नीचे मैंने स्ट्रेचबल शार्ट स्पोर्ट्स पैंट पहनी.
बड़ी मुश्किल से इसमें मेरी गांड महारानी समा पाती है, फिर नीचे स्पोर्ट शू पहन मैं अपने घर के पीछे ग्राउंड में रनिंग के लिए निकल गयी.

रनिंग करते वक़्त मेरे चूतड़ के दोनों गोलार्ध हिल रहे थे और अंदर धंसी हुई गुदाप्लग (buttplug) चरम आनंद का एहसास दे रही थी.

सच बताऊँ गांड में इस तरह ककड़ी या टॉयज डाल के चलने में गांड में मस्ती आती है और कूल्हे अपने आप मटकने लगते हैं.
और यह मैं अक्सर करती हूँ।

तभी मुझे ध्यान आया कि आज मैंने प्लंबर को बुलाया था बाथरूम का नल ठीक करने और वो सुबह 9 बजे आने वाला था.

ये सोच कर मैं घर की तरफ निकल गयी.
घर पहुंच कर मैं सोफे में बैठ आराम करने लगी.
मेरा जिस्म पसीने से भीग चुका था, उसके परिणाम स्वरूप मेरी मांसल दुद्दू टीशर्ट से चिपक कर पूरी दिखाई दे रहे थे.

मैं में कपड़े बदलने का सोच ही रही थी कि किसी ने दरवाजा खटखटाया.

मैंने ऊपर से टॉवल लपेट कर दरवाजा खोला.
देखा तो प्लम्बर भैया आये हुए थे।

मैंने उन्हें अंदर बुलाया और उनका नाम पूछा.
उसका नाम अब्दुल था, देखने में 24-25 साल का लग रहा था.
उसका रंग मेरी तरह ही गेहुंआ था और कद-काठी मुझसे छोटी थी.
हालांकि उसका शरीर बलिष्ठ था।

मैंने उसे तुरंत ही बाथरूम भेज दिया जहाँ नल ठीक करना था.
और मैं दूसरी तरफ सीढ़ियों से चढ़ कर ऊपर कमरे में थोड़ी देर लेट गयी.

मैं अब भी पसीने से लथपथ थी मगर अलसायी अवस्था में पैंट उतार कर आराम करने लगी।

कुछ 10 मिनट बाद अब्दुल आवाज़ लगा के बोला- नल ठीक हो गया मैडम जी!
यह सुन मैं भौचक्का रह गयी कि उसने मैडम बोला.
पर ज्यादा ध्यान न देते हुए मैं भी चिल्लाई- 5 मिनट में आती हूँ, तब तक आप सोफे के सामने लगी टीवी देखो.
इतना बोल में सो गयी।

कुछ आधा घंटा बाद जब नींद खुली तो मुझे ध्यान आया कि अब्दुल को पैसे देना है.
मैं सीढ़ी से नीचे उतर ही रही थी कि मेरा ध्यान टीवी की तरफ गया जो मुझे सोफे की पीछे लगी दिवार के ग्रिल के बीच से दिख गया.

और जो दृश्य मुझे दिखा, वो देख मैं सकपका सी गयी.
डर की एक लहर मेरे शरीर से दौड़ गयी.

टीवी पर कल रात मैंने पेन ड्राइव लगा अपनी गांड चुदाई, लंडों की तस्वीरें देख रही थी.
इसमें बहुत से मेरे खुद के गांड चुदाई के वीडियो और बेहद बेशर्म अश्लील गन्दी गन्दी वाली तस्वीरें थी.
और मैं वो पेन ड्राइव बिना निकाले ही सो गयी थी.

इसका मतलब जब अब्दुल ने टीवी चालू किया होगा तो उसे सबसे पहले मेरी नंगी फोटो दिखी होगी.
यही दृश्य वो देख रहा था।

मैंने देखा कि टीवी स्क्रीन पे जो फोटो थी, उसमें मैं नंगी पीठ के बल लेते हुए अपनी गांड की छेद को फैलाये हंस रही थी.

उसमें मेरी मलाई भी टपकी हुई थी और मेरी लुल्ली शिथिल पड़ी थी।
‘हैई इइयआआ आअह’ मेरे मुँह से डर की सिसक निकल गयी हल्की सी।

अब्दुल इस बात से अनजान था कि मैं पीछे सीढ़ियों से छुप कर देख रही थी.
अब्दुल की पीठ मुझे दिख रही थी और उसका हिलता हुआ हाथ!

मैं समझ गयी कि यह लौड़ा हिला रहा मेरी गुदा छिद्र देख के!
ये देखते ही मेरी गांड की छिद्र कुलबुला सी गयी.
टीवी पर लगी फोटो ऑटोप्ले में चल रही थी।

अगली तस्वीर में मैं एक काला मोटा लण्ड को चूस रही थी.
उसके बाद वाली फोटो में मैं डॉल जैसे मेकअप में थी और सिर्फ ब्रा और हाई हील पहनी थी, बाकी पूरी नंगी.
इसमें मेरा गदराया भरा पूरा बदन और छोटी लुल्ली चुदास से भरी लग रही थी.

मैंने गौर किया कि ये फोटो देख उसकी हिलाने की रफ़्तार बढ़ गयी.

तभी वो उठा और बाजु सोफे पे रखी मेरी पैंटी उठाया पर जैसे ही मुड़ा मुझे उसके मूसल लंडेश्वर के दर्शन हो गए.
मैं सिसक गई- हायय ययआ आआह हहह!

वाह इतना हल्लावी काला सुन्दर लण्ड था कि देखते ही मैं गुदा-प्लग गांड से निकाल मुंह में डालकर चूसने लगी और चूतड़ फैला उंगली करके सिसकने लगी।

अगले पल मैंने देखा कि अब्दुल मेरी पैंटी, जिसमें मेरी मलाई और गदरायी गांड की महक थी, उसे सूंघ और चाट रहा था.
ये देख मैं पागल हो गयी.
और अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था तो मैंने सोचा कि तुरंत नीचे जाकर उसके सामने कुतिया बन गांड फैला देती हूँ।

मैंने पैंट पहले ही निकाल दी थी और अब सिर्फ टीशर्ट और स्पोर्ट शूज पहने हुई थी.

मैं सीढ़ी से नीचे उतरने लगी.
मेरी विशाल गांड हिल रही थी, मैं अनल-प्लग को मुँह में चूस रही थी.
मेरी लुल्ली शिथिल पड़ी पानी छोड़ रही थी.
मेरा गदराया बदन अभी भी पसीने से सराबोर था.

मैं नीचे आकर जैसे ही अब्दुल के सामने आयी, उसके घबरा के लण्ड पैंट में डाल लिया.
मगर मेरी पैंटी अभी भी उसके मुँह से लटक रही थी.

ये देख मैं हल्के सी मुस्कुरा दी।

मुझे सामने देख उसकी आँखें फैली की फैली रह गयी.
उसकी नजर मेरे गुदाज़ दूध, 3 इंच लुल्ली, मांसल जांघों पर पड़ी.
उसका हल्लाबी लण्ड ने पैंट से बाहर आकर एक हलकी मलाई की धार मार दी।

मैं बिना कुछ बोले घुटने पे आयी और उसके मूसल लण्ड के टिप को चाट लिया.
उसकी आँखें बंद हो गयी और मैंने सुपारा मुंह में डाल लिया.

मुझे उसकी मलाई का स्वाद आया और मैं मस्त होकर चूसने लगी.
उसका लण्ड काफी मोटा था, मेरे मुँह में ठीक से नहीं आ रहा था.
फिर भी मैं पूरी कोशिश कर उसे गले तक उतार रही थी.

मैं चुदास से भर चुकी थी और मुझे उसका लण्ड चूसने के अलावा कुछ होश नहीं था.
मेरे लाल होंठ और पूरा मुँह ढेर सारे लार और मलाई से सराबोर हो गया था.
फिर भी मैं चूसे जा रही थी, कभी जीभ से उसके पूरे लण्ड की लम्बाई नापती, तो कभी उसके दोनों टट्टों को मुँह में भर कर चिचोरती।

अचानक से वो बोला- लण्ड की भूखी गांडू, कुतिया बन जा!
मैंने तुरंत उसका कहना मान मुँह लण्ड से निकाला, मुट्ठ मलाई झाग से सना मेरा चेहरा देखने लायक था.

सोफे के दूसरी तरफ कुतिया बन मैंने मेरी मोटी चूतड़ फैला दी.

अब मेरी गदरायी कुलबुलाती गांड उसके ठीक सामने थी.
यह अद्भुत नजारा देख वो पागल सा हो गया और अपना मुँह सीधे मेरी गांड में घुसा दिया.
मेरी गांड की महक ने उसे और पागल कर दिया वो जानवरों की तरह ऐसे करने लगा जैसे मेरी गांड चाट खा जाएगा।

वो मेरी बावली जाड़ी गांड को हर तरफ से चाट और काट रहा था.
बीच बीच में वह कहता- क्या मस्त नमकीन गांड है … आह्ह ह्ह!

मैं भी दर्द और ख़ुशी के मारे ‘उम्म म्मम्मम्हा आआ आह ह्ह छोड़ ऊऊऊ आईई’ जैसे सिसक रही थी।

कुछ 5 मिनट बाद ऐसे ही मेरे गांड से खेलने के बाद उसने मेरी गुदा पे बहुत सारा थूका जो बह के मेरी शिथिल पड़ी लुल्ली तक आ रहा था.
उसने दो उंगली झटके से मेरी गुदा में डाल दी.

मैं चिहुंक उठी- उम्मम्म आह्ह ह्ह्ह दैय्याआ आअ आईईईई!

उसने दोनों उंगली उसने अच्छे से गुदा के अंदर घुमा सारा थूक मल दिया.
फिर उंगली बाहर निकाल मेरे मुख में घुसेड़ दी.
मैंने भी पूरा स्वाद ले के चूस लिया।

ये प्रक्रिया उसने कई बार दोहराई और मैं सिसकती रही.

और अब मेरी लाल गुदा द्वार अच्छे से 2 इंच तक खुल गया था और बार बार बंद खुल, बंद खुल होने लगा जैसे सांस ले रहा हो!

इस दौरान मेरी चुदास इतनी बढ़ गयी थी कि मैं उसकी उंगलियां मुँह में लेकर काटने लगी थी.
मेरी मुरझाई लुल्ली लगातार पानी छोड़ रही थी.

तभी वो अपनी जीभ टाइट करके मेरी लाल गुदा में डाल कर चोदने लगा.
“फच फच … फछ हहह फच … फच … आअह ह्ह्ह … उम्मम्म अम्म … आआ” की आवाज़ गूंजने लगी.

वो जीभ पहले मेरी गांड में डालता और फिर निकाल के पूरा नीचे झूलते गोटी तक चाटा करता.
मैं आन्नद में गोते लगा रही थी.
यह बड़ा चुदास भरा क्षण था।

अचानक वो बोला- साली गांडू छिनार … आज तेरी चुदक्कड गांड का भोसड़ा बनने तक चोदना है.
ये सुन मेरे आँख में ख़ुशी के आंसू आ गए और मैं बोली- चोदो अब्दुल, चोदो मेरी रसभरी गांड को … मुझे अपना गाँडू बना लो!

यह सुन उसने अपना मूसल कटुआ लण्ड मेरी गुदा में घच से एक झटके में भर दिया.
मेरी आँखों के सामने अँधेरा छा गया और मैं होश खो बैठी.

मगर वो रुका नहीं, एक बार फिर लंड बाहर पूरा निकाला और घच से मेरी गांड में पेल दिया.
और तब मेरी होश वापस आ गयी और मैं चिल्लायी- आईइ इइ इइआआ आआ आह आइइ इइइ आईइयाआ!

“घच फच फच फचक घच”
“आई ईई आईइ मम्म मम्म मअअ अअ आह्ह ह्ह”

मेरी गांड का कचूमर निकला जा रहा था पर मैं सातवें आसमान में थी और एक गांडू छिनार होने का परम सुख भोग रही थी.
एक गांडू के लिए यही स्वर्ग का सुख होता है।

उसने स्पीड बढ़ा दी थी.
मेरी लुल्ली लगातार पानी की धार छोड़ रही थी.

कुछ 10 मिनट इसी तरह चोदने के बाद उसने मुझे पलटा कर पीठ के बल लिटा दिया, फिर मेरी दोनों जांघों को ऊपर कर लपक के अपना मूसल लण्ड मेरी गुदा में भर दिया.

इस अकस्मात् बदलाव ने मुझे और चुदास से भर दिया और मेरे शरीर में कामोत्तेजना की लहर सी दौड़ गयी.
मेरी नुन्नी लुल्ली ने भी पानी की एक पिचकारी मार दी और मेरे मुँह से ‘आह्ह्ह आइइ इइइ मायआ आअह ऊउउ सीईई आइ इइ’ निकलने लगी.

वह फिर उसी रफ्तार से चोदने लगा,
कुछ पल बाद उसने मेरा फ़ोन उठाया उसका कैमरा चालू कर लिया और चोदन की रफ़्तार और बढ़ा दी.

फिर अचानक से लण्ड निकाला तो मेरी गुदा सूनी होकर 4 इंच गुलाबी गुफा बन गयी.
और उसी वक़्त उसने फोटो क्लिक किया, फिर तुरंत से लण्ड घचक से पेल दिया.

“फच फच फक फक फच्चक फच फक फच फच”
रफ़्तार उसने और बढ़ा दी.
“फाड़ दे मेरी बुर … आई ईईई माआआ आआह्ह”

“फच फच फक फच्चाक फच चक चक फच पुचक पुच” के साथ मेरी लुल्ली ने पानी छोड़ दिया.
और अब्दुल का गरमागरम मलाई की 8-10 धार मुझे गुदा में महसूस हुई।

तभी मैंने उसे कहा- मेरी गुदा में तुरंत गुदा प्लग डाल दो. मैं आपकी मुट्ठ मलाई को बिल्कुल वेस्ट नहीं करूंगी।
उसने वही किया.

और मैं घुटनों पर आ गई.
उसका मूसल लण्ड जो अभी भी टनाटन था, पूरी तरह मलाई और मेरी गुदा रस से सना हुआ था.
उस पर मैं टूट पड़ी और बर्फ के गोले की तरह मुँह में लेकर चूसने लगी.

तभी उसने मेरे मुख में पेशाब की धार निकालनी शुरु कर दी.
मैं भी ख़ुशी से पेशाब, मलाई मुट्ठ का मिश्रण चूसने और पुचकार के खेलने लगी.

उसने मेरा चेहरा पेशाब से धो दिया था.
और कुछ धार मेरी गुदाज़ दूध पर भी पड़ी.
कई मिनट तक मैं ऐसे ही खेलते चूसते रही।
उसके बाद मैंने उसका लण्ड चूस चाट के पूरा चमका दिया और फिर उसे पैसे देकर चलता किया।

उसके बाद भी मेरा लण्ड का चस्का बढ़ता ही गया.

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