गे बॉय Xxx कहानी में मुझे गांड मरवाने की लत लग गयी थी और मेरा टॉप अपने गाँव चला गया. मैंने जेंट्स टॉयलेट के पास अपने लिए लंड खोजना शुरू किया.
नमस्ते दोस्तो, मैं आपका गांडू भाई सुरेश!
फिर से आपके लिए अपनी गांड मरवाने की दास्तान ले के आया हूं।
मैं सुरेश अपनी गांड मरवाने की अपनी नयी आदत को मिटाने के लिए कुछ भी कर सकता था.
मेरी पिछली गे सेक्स कहानी
इस तरह मैं गांडू बन गया
में आपने पढ़ा था कि मैं नावेद से सिनेमा और उससे हॉल में चुदने के बाद मेरी गांड की खुजली अब और बढ़ गयी थी.
खुद को गांडू बनता देख कर मुझे इतना अच्छा लग रहा था मानो मैं अपने जीवन में यही हासिल करना चाहता था.
अपनी गांड की हवस मिटाने की लिए मैं सिर्फ नावेद के लौड़े के भरोसे था क्योंकि सबसे खुल कर इस बारे में बात करना थोड़ा रिस्की था.
नावेद भी मुझे वीकेंड पर ही मिलता था तो मैं अपनी गांड की प्यास बुझाने की लिए घर के सामान से काम चलाता था, बेलन गाज़र मूली आदि ये सब गांड में डाल कर अपनी प्यास बुझा लेता था.
जब भी गाजर की सब्जी बनाता, तो पहले गाजर को मैं अपनी गांड में डाल कर उसे अपनी खाज मिटाता था, फिर उसे बिना साफ़ किए ही उसकी सब्ज़ी बना लेता था.
मुझे घर के सब काम खुद ही करने पड़ते हैं क्योंकि मेरे साथ कोई नहीं है.
आप सब जानते ही हो कि गांडू अपनी गांड मरवाए बिना नहीं रह सकता.
अब नावेद कुछ दिनों के लिए अपने गांव चला गया.
तो मुझे अपने लिए एक बंदा ढूढना था.
उसी समय इस गे बॉय Xxx कहानी ने जन्म लेना शुरू किया.
मैंने सुना था कि पब्लिक टॉयलेट में अक्सर कोई ना कोई मिल जाता है.
इसलिए मैं अपने नज़दीक के बस स्टॉप पर अपनी गांड की प्यास बुझाने चला गया. पर उधर मुझे कोई नहीं मिला.
मैं हर दस मिनट में टॉयलेट जाता और अपने मुताबिक किसी बंदे को ढूढ़ता, पर कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं!
फिर मैं हताश होकर लौट कर घर जाने लगा.
तो सोचा कि एक आखिरी बार और ट्राइ कर लेता हूँ.
मैं टॉयलेट के तरफ़ जाने लगा तो पीछे से आवाज़ आई- आज कोई नहीं मिलेगा तुझे गांडू!
यह सुन कर मैं चौंक गया कि ये कौन बोल रहा है.
मैंने पीछे देखा तो एक मेरी ही उम्र का लड़का था.
वह बोला- तुझे जो चाहिए, वह आज नहीं मिलेगा!
तो मैंने कहा- तुम यह क्या बोल रहे हो, मैं समझा नहीं?
उस लड़के ने कहा- कल ही यहां पुलिस 2 लड़कों को ग़लत काम करते पकड़ कर ले गई है, इसलिए यहां आज तुम्हें इधर कोई नहीं मिलेगा. मुझे पता है कि तुम काफी देर से बाथरूम में जा रहे हो, मुझे बताओ कि तुम्हें क्या चाहिए?
मैंने कहा- कुछ नहीं.
मैं जाने लगा तो उसने कहा- अब किधर जा रहा है गांडू, रुक!
मैंने उसकी तरफ पलट कर देखा तो उसने अपनी आंख दबाई और मुझसे कहा- चलो, मेरे साथ उस तरफ़ चलो.
मैं चुपचाप उसके साथ चल दिया.
वह मुझे अपने कमरे पर ले गया और मेरे अन्दर आते ही उसने कमरा अन्दर से बंद कर लिया.
मैंने जानबूझ कर उससे कहा- मुझे जाने दो!
यह सुनते ही उसने मुझे एक जोर से थप्पड़ मारा और बोला- जाने देने के लिए थोड़ी लाया हूँ तुझे साले … आज तेरी गांड का कीमा बनाने लाया हूँ.
यह कह कर वह मुझे किस करने लगा.
मैं तो खुद भी यही चाह रहा था.
हम दोनों की जीभ एक दूसरे को चूसने और चाटने में लग गई थी.
कुछ मिनट तक किस करने के बाद उसने मुझसे मेरा नाम पूछा.
मैंने कहा- मेरा नाम आप जो चाहे रख लो, लोग तो सुरेश बोलते हैं- आपका क्या नाम है?
उसने बताया- सलीम नाम है मेरा, पीछे की मस्जिद में काम करता हूँ.
उसने मुझे फिर से किस किया.
हम दोनों एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे.
मैंने सलीम को नंगा देखा तो देखता रह गया.
क्या मस्त लग रहा था. उसका दूध सा गोरा रंग, जिम वाली बॉडी देखते ही मैं उसका दीवाना हो गया.
मैं अपने आप को रोक ही नहीं पाया और सलीम पर कुतिया की तरह झपट पड़ा.
मैंने उसकी पूरी बॉडी को किस किया और उसके सीने पर आए पसीने को अपनी जीभ से चाट चाट कर साफ करने लगा.
सलीम को ये सब अच्छा लग रहा था तो वह बोला- वाह मेरी रंडी कुतिया, क्या मस्त सेक्स कर रही है तू साली छिनाल … आज तो मेरे लंड को चैन मिल जाएगा.
यह कह कर वह मेरे दूध दबाने लगा.
उसने मेरे निप्पलों को मींज मींज कर लाल कर दिया था.
सलीम पूरे जोश में था और मैं एक रंडी की तरह उसका साथ दे रही थी.
उसने मुझे घुटनों के बल बिठाया और अपना लंड मेरे मुँह के सामने आ गया था.
गांडू लोगों की पहली पसंद मोटा लंड होता है.
सलीम का लंड 7 इंच का लंबा और मोटा था.
उसका लंड बिल्कुल साफ था, उस पर एक भी बाल नहीं था.
मैंने उसके लंड को अपने हाथ में ले लिया.
क्या मस्त लंड था, मेरी मुट्ठी में ही नहीं आ रहा था.
उसके लंड के ऊपर सफेद सफेद क्रीम जमी हुई थी. मैंने अपनी जीभ से उसके लौड़े के सुपारे को साफ करके खा लिया और उसके लौड़े के टोपे का असली गुलाबी रंग मेरी नजरों के सामने आ गया.
मैं एक भूखी कुतिया की तरह अपनी जीभ से चाट रही थी.
मैं आह करती हुई लौड़े को चूस रही थी और सच में क्या मज़ा आ रहा था.
अब सलीम मेरे मुँह में लंड डाल कर अपनी कमर को आगे पीछे कर रहा था.
उसका लंड काफी लंबा था तो पूरा लौड़ा मेरे मुँह में नहीं जा पा रहा था.
उसे पता नहीं क्यों मज़ा नहीं आ रहा था तो उसने मुझे बिस्तर पर चित लिटा कर मेरी गर्दन को पलंग से नीचे झुका कर मुँह को खुला रखने को कहा.
क्या बताऊं दोस्तो, उसने अपने लंड को मेरे मुँह में पेला तो ऐसा लगा मानो आज सच में मेरी मुँह को गांड समझ कर चोदने वाला था वह.
उसका पूरा लंड मेरे गले तक जा रहा था.
शुरू शुरू में थोड़ी साँस लेने में दिक्कत हुई, फिर सब अच्छा लगने लगा.
कुछ मिनट की मुँह की चुदाई करने के बाद सलीम मेरे गले में ही झड़ गया.
उसका पानी सीधा मेरे पेट में चला गया था.
मुझे बहुत अच्छा लगा.
आज इस तरह से ये मेरे मुँह की पहली चुदाई थी.
मैं तो सलीम के दीवानी हो गयी.
अपना मुँह चुदवाने के बाद मैंने सलीम का सोया हुआ लंड फिर से मुँह में भर लिया और सलीम का लंड चूस कर वापस खड़ा कर दिया.
लंड को चूस कर मैंने टोपे को जीभ से सहलाया तो सलीम का लंड अकड़ कर खड़ा हो गया.
अब उसने ने मुझे घुमाया और घोड़ी बना दिया.
मैं समझ गई कि अब गांड की खुजली मिटाने की बेला आ गई है.
वह अपने मुँह से थूक निकाल कर मेरी गांड में लगाने लगा.
फिर उसने मेरे दोनों कूल्हे पकड़ कर फैलाए और गांड के छेद से लौड़े के सुपारे को रगड़ा.
आह … उसके लौड़े की गर्मी से मेरी गांड कुलबुला उठी.
उसने लौड़े को हल्का सा दाब दिया तो उसके सुपारे ने मेरी गांड के पहले छल्ले को चीर कर अपना मुँह अन्दर घुसेड़ दिया.
‘आह मर गई … सलीम मेरी जान जरा धीरे से पेलो!’
उसने लौड़े को गांड पर टिकाए रख कर अपने हाथ आगे बढ़ाए और मेरे दोनों निप्पल एक साथ मींजना चालू कर दिया.
उसके मर्दाना हाथों का स्पर्श मुझे अपने निप्पलों पर बड़ा ही मीठा लग रहा था.
मैं अपने निप्पलों के मीठे दर्द के सामने गांड के दर्द को भूल गई और उसी दौरान सलीम ने धीरे धीरे करके अपने आधे लौड़े को मेरी गांड में पेवस्त कर दिया.
मेरी गांड मीठी मीठी परपराहट के साथ खुलती जा रही थी.
सच में सलीम मस्त गांड मारने वाला मर्द साबित हो रहा था.
कुछ ही देर में सलीम ने अपना पूरा लौड़ा मेरी गांड की जड़ तक घुस गया था और उसने धीरे धीरे मेरी गांड फाड़ना चालू कर दी थी.
करीब बीस मिनट तक गांड को एक बड़े से गड्डे में तब्दील करने के बाद वह एकदम से तेजी में आ गया और उसने जल्दी ही मेरे लौड़े को पकड़ कर उसकी मुठ मारना चालू कर दी थी.
करीब दो मिनट में ही मेरी लुल्ली झड़ने को हो गई और मेरे बदन मेन एक अजीब सी अकड़न हो गई थी.
उसी वजह से मेरी गांड भी कसती हो गई थी.
इसका नतीजा यह निकला कि सलीम का लंड भी मेरी गांड में ही झड़ गया.
हम दोनों निढाल हो गए थे.
सलीम ने एक बीड़ी सुलगाई और मेरी तरफ धुआं उड़ाते हुए बोला- साली तू तो मस्त माल निकली!
मैं खुश हो गई.
उसने दूसरी बार में मुझे पुनः घोड़ी बनाया और अपनी एक उंगली मेरी गांड में घुसा दी.
एकदम से हल्का और प्यारा सा अहसास हो रहा था.
उसने ऐसे ही धीरे धीरे अपनी दो फिर तीन फिर चार उंगलियां मेरी गांड में घुसेड़ दीं.
वह अपनी चार उंगलियों को एक साथ मेरी गांड में पेल कर आगे पीछे करने लगा.
हालांकि मुझे हल्का हल्का सा दर्द हो रहा था और अच्छा भी लग रहा था.
थोड़ी देर ऐसा करने के बाद मेरी गांड का छेड़ बड़ा हो गया.
अब सलीम ने मुझे पीछे से एक झापड़ मारते हुए पूछा- रेडी है न मेरी रांड अपने मालिक का लंड लेने के लिए!
मैंने गांड हिला कर कहा- जी मालिक, मैं रेडी हूँ.
सलीम ने मेरी गांड में अपना लंड डाल दिया और धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा.
मैं ‘आह ओह हहा उम्म मेरी जान प्लीज फक मी फक फास्ट’ करने लगा.
सलीम ने भी अपनी स्पीड को बढ़ा दिया.
उसके कमरे में मेरी और सलीम की कामुक आवाजें गूंज रही थीं.
गांड और लंड में जो घपाघप घपाघप चल रहा था, सच में बड़ा मज़ा आ रहा था.
करीब 30 मिनट तक सलीम ने मुझे चोदा और वह फिर से मेरी गांड में झड़ गया.
सलीम का गर्म पानी मुझे मेरी गांड में मस्त महसूस हो रहा था.
सलीम ने मुझे बैठने को कहा.
जैसे ही मैं बैठा, सलीम का पानी मेरी गांड से निकल कर ज़मीन पर गिर गया.
सलीम ने कहा- चल रंडी, अपनी वफ़ादारी का सबूत दे.
उसने मुझसे वह पानी चाटने को कहा.
मैं उसके लंड और पानी की दीवानी हो गई थी, तो गे बॉय Xxx चाटने को रेडी हो गई.
सलीम ने मेरा लंड अपने हाथों में ले लिया और उसने वापस मेरे लंड का पानी निकाल कर अपने पानी के साथ गिरा दिया.
मैंने कुतिया की तरह अपनी जीभ से हम दोनों के पानी को मिक्स किया और चाट कर साफ कर दिया.
इस तरह सलीम ने मुझे पहली बार गांडू होने का असली मज़ा दिया.
उस रात सलीम ने मेरी अलग अलग पोज़िशनों चार बार में चुदाई की.
उस रात मुझे सही में पहली बार गांड चुदाई का असला मज़ा मिला था.
सलीम ने मुझे मेरे अन्दर की असली औरत को जगा दिया था.
आपको यह गे बॉय Xxx कहानी कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
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