बॉय गांड Xxx कहानी में मैं अपने दोस्त से गांड मरवा रहा था उसके घर में. उसके अब्बू ने हमें देख लिया. मेरे दोस्त को तो उसके अब्बू ने भगा दिया पर मुझे पकड़ लिया.
नमस्ते दोस्तो, मैं सुरेश.
आपने मेरी पिछली सेक्स कहानी
गांड की खुजली मिटाने की तड़फ
में पढ़ा था कि कैसे मैं गांडू बना और नावेद ने मुझे सिनेमा हॉल में चोदा.
अब आगे बॉय गांड Xxx कहानी:
फिल्म पूरी होने के बाद नावेद और मैंने अपने नंबर एक दूसरे को दे दिए.
अगले दिन रविवार था तो ऑफिस से मेरी छुट्टी थी.
कल की गांड मरवाई का सरूर और जोर से चढ़ गया था.
मैंने नावेद को कॉल किया कि आज मेरे ऑफिस की छुट्टी है. आज हम दोनों मिल सकते हैं क्या?
उसने कहा- मैं सोच कर जवाब देता हूं.
थोड़ी देर बाद उसका कॉल आया और उसने मुझे एक एड्रेस पर आने को कहा.
मैं खुश हो गया.
एक घंटे में मैं नहा धोकर लंड की सफाई करके तैयार हो गया और नावेद की बताई हुई जगह पर चला गया.
यह जगह मेरे घर से 30 मिनट की दूरी पर थी.
मैं वहां पहुंच गया.
नावेद का घर रिहायशी इलाके में मस्जिद के पास था.
मैं उसका घर का पता पूछता हुआ उसके घर आ गया.
मैंने नावेद के घर की घंटी बजाई तो नावेद ने ही दरवाजा खोला.
उसने मुझे अन्दर ले जाकर बैठाया.
उसके घर पर और कोई नहीं था.
मैंने उससे पूछा तो उसने बताया कि मां कोरोना में नहीं रही थीं. अब उसके पापा और दो बड़े भाई ही घर में रहते हैं. वे सब अभी काम पर गए हैं. वे लोग रात को आएंगे. तब तक हम दोनों आराम से एन्जॉय करेंगे.
मैं नावेद को देख रहा था.
आज वह और भी ज्यादा हैंडसम लग रहा था.
अब मुझसे इंतज़ार नहीं हो रहा था.
मैं नावेद की ओर बढ़ा और उसे किस करने लगा.
नावेद की गुलाबी जीभ को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.
नावेद भी मेरा साथ दे रहा था.
मैंने नावेद के लोअर टी-शर्ट को उतार दिया और उसे चूमने लगा.
उसके सीने के निप्पलों को अपने जीभ से बारी बारी से सहलाने लगा.
नावेद कामुक आवाजें ले रहा था.
वह मुझे एक औरत की तरह से चूम रहा था.
उसके दूध चूमने के बाद मैं और नावेद एक दूसरे से फुल बॉडी प्ले करने लगे.
हम दोनों सेक्स में खो गए थे.
तभी अचानक से एक आवाज आई कि ये क्या कर रहा है?
उस कड़क आवाज को सुनकर नावेद और मैं डर गए.
ये नावेद के अब्बू की आवाज थी.
नावेद बोला- कुछ नहीं अब्बू बस …
वह कुछ कह ही न सका, बस चुप हो गया.
गलती हमारी थी … हमने दरवाजा बंद नहीं किया था.
नावेद के अब्बू ने मुझे और नावेद को खूब डांटा व गालियां दीं.
हम दोनों वहीं नंगे खड़े उनकी बातें सुन रहे थे. मेरा डर के मारे बुरा हाल हो गया था.
मैं अपने कपड़े उठाने लगा तो नावेद के अब्बू ने मुझे जोर से चांटा मारा और कहा- तुमने मेरे बेटे को बिगाड़ा है.
वे मुझे गाली देने लगे.
थोड़ी देर बाद वे नावेद को कपड़े पहन कर बाहर जाने के लिए बोले.
वह चला गया.
अब घर में सिर्फ नावेद के पापा और मैं रह गए थे.
मैं उनको सॉरी बोल कर जाने को बोला.
तो वे मुझसे बोले- हां चले जाना, पहले मैं पुलिस को बुला लेता हूँ साले भोसड़ी वाले गांडू अभी पुलिश तेरी गांड में डंडा करेगी तो सब गांड मरवाना भूल जाएगा!
मैं और ज्यादा डर गया.
मैंने उनसे माफ़ी मांगी और कहा- अंकल आप जो बोलोगे, मैं वह करूंगा … आप प्लीज़ पुलिस को मत बुलाओ.
यह सुनकर वे बोले- अच्छा कुछ भी करोगे?
मैंने हां में सर हिलाया.
उन्होंने कमरे का दरवाजा बंद कर दिया.
मैं कुछ बोलूं, उसे पहले वे मेरे पास आए और मुझे किस करने लगे.
मैंने उन्हें दूर करने की कोशिश की.
तो वे बोले- जो मेरा बेटा तुझे देगा, वही सुख मैं भी तुझे दूंगा. तुझे गांड मरवाना है न … तो चल लेट जा और अब ज्यादा नाटक मत कर.
मैं आज मजबूर था और कुछ भी करने को राजी था.
नावेद के पापा रहीम अंकल भी बहुत मजबूत शरीर के थे.
मुझे तो अपनी गांड की खुजली मिटानी थी, तो मैं राजी हो गया.
रहीम अंकल क्या जबरदस्त मर्द थे, उनके चुंबन करने के अंदाज ने ही मुझे उनका दीवाना बना दिया.
मैं तो नंगा था ही, तो रहीम अंकल बोले- चल, अब देख क्या रहा है, मुझे भी गर्म कर.
मैं समझ गया. मैंने तुरंत उनका कुर्ता उतारा और उन्हें चूमने लगा.
रहीम अंकल भी मेरा पूरा साथ दे रहे थे.
कुछ देर मेरी बॉडी चूमने के बाद उन्होंने मुझे अपनी बगलें चाटने को कहा.
आह उनकी बगलों से क्या मस्त खुशबू आ रही थी!
मैंने उनकी पसीने वाली बगलें अपनी जीभ से चाट चाट कर साफ कर दीं.
उनकी पीठ पर अपनी जीभ से हल्की हल्की मालिश दी.
अंकल जी भी बीच-बीच में बोल रहे थे- आह रे गांडू, तू तो हमारी औरत से भी ज्यादा मजा दे रहा है. काश तू मेरी बीवी होती … आहा बहुत अच्छी रंडी है रे तू आह साली गांडू छिनाल.
मुझे उनके मुँह से ये सारी बातें अच्छी लग रही थीं.
मैं भी उनको बोल रहा था- हां तो बना लो ना मुझे अपनी बीवी आह अपनी रंडी!
फिर मैंने उनके पजामा का नाड़ा खोला तो नजारा देख कर मेरी गांड फट गई.
उनका मूसल जैसा लंड तो गधे का लंड जैसा था.
नावेद का लंड तो उनके लौड़े के सामने कुछ भी नहीं था.
अंकल का लंड एकदम फौलादी था.
यह पूरा 8 इंच लंबा और एक मोटे पाइप के जैसा था.
क्या गजब का लंड था.
ओह्ह इतना बड़ा लंड देख कर मेरे मुँह में पानी आ गया.
रहीम अंकल ने मुझसे कहा- देख क्या रही है रंडी … चूस ना कुतिया!
तब जाकर मुझे होश आया और मैंने उनके कटे हुए लंड के ऊपर जो सफेद क्रीम जम गई थी, उसे अपनी जीभ से चाट कर खाना शुरू कर दिया.
मुझे उस क्रीम को खाकर बहुत अच्छा लगा.
हम जैसे गांडू तो होते ही हैं ऐसे लंड के प्यासे.
मुझे भी उनका मजबूत लंड मिल गया था.
मैं एक रंडी की तरह अपनी जीभ से उनके लंड को चाट रही थी.
मेरे लिए अंकल का लंड काफी बड़ा था, मेरी लाख कोशिशों के बाद भी पूरा अन्दर नहीं जा पा रहा था.
फ़िर भी जितना गया, उतने से ही रहीम अंकल मेरा मुँह चोदने लगे.
कुछ मिनट की मुँह चुदाई के बाद उन्होंने अपना नमकीन अमृत मेरे मुँह में छोड़ दिया.
आह क्या मस्त स्वाद था.
लंड झाड़ने के बाद मैंने उनके लौड़े को मुँह से बाहर निकाल दिया तो रहीम अंकल ने मुझे फिर से अपना हथियार चूसने के लिए कहा और एक बार पुनः उन्होंने अपना लंड मेरे मुँह में ठांस दिया.
उन्होंने कहा- चल इसे चूस के वापस खड़ा कर ईशा मेरी जान!
उन्होंने मेरा नाम ईशा रख दिया था, मुझे यह नाम बहुत अच्छा लगा.
मैं फिर से पालतू कुतिया की तरह अपने मालिक का लंड चूस रही थी.
साथ ही अंकल के दोनों टट्टे अपने मुँह में लेकर चूसने लगा था.
तभी अंकल फिर से बोले- वाह मेरी छिनाल रंडी ईशा, तू तो मेरी बीवी बनने के लायक है आह मादरचोद रंडी.
मुझे अंकल के मुँह से खुद के लिए बीवी शब्द सुन कर बहुत अच्छा लगा.
मैंने कहा- तो फिर बना लो ना अपनी बीवी, रोज आपसे ही चुदवाऊंगी मेरी जान!
अब अंकल का लंड मुझे चोदने के लिए तैयार था.
उन्होंने मुझे घोड़ी बना दिया और अपनी एक उंगली मेरी गांड के छेद में डाल दी.
मुझे अच्छा लग रहा था.
फिर धीरे-धीरे करके उन्होंने अपनी 3 उंगलियां मेरी गांड में डाल दीं और आगे पीछे करने लगे.
मुझे खूब मजा आ रहा था.
अब मेरी गांड उनके लंड के लिए तड़पने लगी थी.
मैंने रहीम अंकल से कहा- प्लीज जानू, अब मुझे चोद दो और अपनी रंडी बना लो प्लीज … अब मुझे जोर जोर से चोदो.
रहीम अंकल ने कहा- हां मेरी कुतिया, आ जा अब तेरी मां बहन एक करता हूं.
यह कहते हुए उन्होंने अपना मोटा लंड एक ही झटके में आधा मेरी गांड में डाल दिया.
मुझे रोना आ गया, बहुत दर्द हो रहा था.
तभी रहीम अंकल बोले- क्या हुआ साले गांडू … अभी ती आधा ही लंड अन्दर गया है, बहन की लवड़ी चिल्ला मत!
यह कह कर उन्होंने मेरे मुँह को बंद कर दिया.
फिर धीरे-धीरे उन्होंने अपना पूरा लंड मेरी गांड में डाल दिया.
मुझे बहुत दर्द हो रहा था.
मेरी आंखों से आंसू आ रहे थे.
रहीम अंकल को मेरे दर्द की तो मानो कोई परवाह ही नहीं थी.
वे तो धकापेल मचाए हुए थे और मेरी गांड का भोसड़ा बना रहे थे.
थोड़ी देर में मेरा दर्द कम हुआ.
अब मुझे मजा आने लगा.
रहीम अंकल का लंड मुझे अब अपनी गांड में बेहद अच्छा लगने लगा था.
मैं उछल उछल कर अपनी गांड मरवाने लगी थी.
रहीम अंकल ने 30 मिनट तक मेरी गांड की चुदाई की.
गांड मारते मारते वे बोल रहे थे- काश तुम मेरी पत्नी होतीं!
तो मैंने उनसे कहा- बना लो न मुझे अपनी पत्नी!
वे हंसने लगे और बोले- हां ये भी हो सकता है!
मैं गांड हिलाती हुई उनकी कुतिया बन कर लंड गांड में लेती रही.
थोड़ी देर बाद हम दोनों काम काम खलास हो गया.
फिर बाहर निकल कर बाथरूम में जाकर फ्री हो गए.
मैं अपने कपड़े पहन कर जाने लगा.
तभी अंकल बोले- रुको, चाय पीकर जाना.
मैं बैठ गया.
हम दोनों ने साथ में चाय पी और बातों ही बातों में उन्होंने मुझसे कहा- क्या तुम सच में मेरी बीवी बनोगी?
मैं कुछ बोलता उससे पहले नावेद अन्दर आ गया.
मैं जाने लगा.
नावेद मुझे छोड़ने जाने को रेडी था.
तभी रहीम अंकल ने पीछे से नावेद से कहा- नावेद, अपनी अम्मी को ध्यान से छोड़ कर आना.
मैं और नावेद एक दूसरे को देखने लगे.
मैंने शर्मा कर नजरें नीची कर लीं और नावेद ने झुक कर अम्मी सलाम कह कर मुझे आदाब किया.
मैं सोच सोच कर हंस रहा था कि नावेद पहले मेरा शौहर था, अब मेरी औलाद में तब्दील हो गया है.
साला गे सेक्स भी किस तरह से रिश्ते बदल देता है.
दोस्तो, ये थी मेरी वह गे सेक्स कहानी जिसमें मेरे हमदम नावेद के अब्बू रहीम अंकल ने मेरी गांड चुदाई की.
उसके बाद मैं कैसे रहीम अंकल की बीवी बनी और मुझे 2 बच्चों की माँ भी बनना पड़ा.
यह सब आप अगली सेक्स कहानी में मुझसे जरूर सुनोगे!
मेरी बॉय गांड Xxx कहानी आपको कैसी लगी, जरूर बताएं.
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