वर्जिन वाइफ सेक्स कहानी में मैं विवाह के लिए लड़की देखें गया तो रिश्ता पका हो गया और हमें वहीं रुकना पड़ा. रात को हम एक ही कमरे में सो रहे थे. मैंने अपनी मंगेतर को अपने पास बुलाया.
दोस्तो, मेरा नाम हेमंत है. मैं गुना मध्यप्रदेश का रहने वाला हूँ.
यह वर्जिन वाइफ सेक्स कहानी सन 2017 की उस वक्त की है जब मैं और मेरी मम्मी शादी के लिए लड़की देखने गए थे.
हम लोग शिवपुरी मध्यप्रदेश में लड़की देखने गए थे.
वहां मुझे और मम्मी दोनों को लड़की पसंद आ गई और लड़की वालों ने भी मुझे पसंद कर लिया था.
मैं 2017 में 22 साल का था और वह लड़की, जिसे मैं देखने गया था 19 साल की थी.
हमारी सारी बातचीत पक्की हो गई थी.
लड़की देख कर हम लोग घर वापिस आ रहे थे, तो लड़की की माँ ने हमें रात में उधर ही रुकने को बोला.
मेरी मम्मी ने हां बोल दिया लेकिन मैंने मना किया.
पर जब वे लोग ज्यादा जिद करने लगे, तो हमें मजबूरी में रुकना पड़ा.
उन लोगों ने अच्छा स्वागत किया था; बढ़िया से खाना पीना हुआ था.
फिर रात हो गई और अंधेरा हो गया.
अब हम सब सोने लगे.
उनके घर में लड़की की माँ और लड़की के दो भाई थे.
दोनों भाई अलग रूम में सो गए.
लड़की के पापा बाहर जॉब करते थे तो वे घर पर नहीं थे.
लड़की की माँ, लड़की और मैं व मेरी माँ हम चारों उनके घर के बड़े वाले हॉल में सो गए.
मेरे लिए अलग से सिंगल बेड था तो मैं उसी पर सो गया और वे तीनों नीचे सो गईं.
इधर मेरे लंड की एक आदत थी कि 11 बजे रात को ऑटोमेटिक खड़ा हो जाता था.
रात को जैसे ही 11 बजे का समय हुआ, लंड खड़ा हो गया.
अब मुझसे रहा नहीं गया, तो मैंने चुपके से लड़की का पैर हिलाया और उसे बेड पर आने को बोला.
पर उसने मना कर दिया कि कहीं दोनों की मम्मी की नींद न खुल जाए.
करीब 30 मिनट बाद मैंने उसे फिर से बुलाया कि ऊपर आओ, मुझे तुमसे बात करनी है.
मुझसे बात करने के बहाने वह चुपके से ऊपर आ गई.
हॉल की लाइट बुझी हुई थी तो घुप्प अंधेरा था.
उसने कहा- क्या बात करनी है?
मैंने सबसे पहले उसका नाम पूछा, तो वह हंस दी.
मैंने कहा- हंसो मत यार, मुझे सच में तुम्हारा नाम नहीं पता है!
उसने अपना नाम खुशी बताया.
खुशी नाम सुन कर मैं खुश हो गया.
वह अभी लेटी नहीं थी तो मैंने उससे कहा- यहीं लेट जाओ. कुछ देर बात करते हैं!
वह मेरे पास लेट गई.
कसम से उसके बूब्स बहुत बड़े थे.
मैंने उसे माथे पर चूमा तो वह खुश हो गई और मेरे गाल पर हाथ फेरने लगी.
तब मैंने उसके बूब्स पर हाथ रख दिया और हमारी हरकतों के साथ साथ बातें चलने लगी थीं.
हम दोनों बहुत धीरे धीरे बातें कर रहे थे ताकि मम्मी की नींद न खुल जाए.
हमारी शादी के लिए लड़की और मेरी हां हो गई थी इसलिए वह मुझे अपने बूब्स पर हाथ रखने को मना नहीं कर पाई.
मैंने हल्के हाथ से उसके मम्मों को दबाया, तो वह आह आह करने लगी.
उसकी हल्के स्वर में आवाज निकली और वह बोली- यह क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- तुम्हारे बहुत टाइट बूब्स हैं!
वह बोली- हां हैं तो इतनी जोर से दबाने के लिए थोड़ी हैं!
मैंने कहा- कोई बॉयफ्रेंड है तुम्हारा?
वह बोली- नहीं है.
मैंने कहा- तुम्हें मुझसे कुछ नहीं पूछना?
वह चुप रही.
शायद वह अभी मुझसे शर्म कर रही थी इसलिए उसने मुझसे कुछ नहीं पूछा.
मैंने उससे कहा- कुर्ती सलवार निकाल दो यार, मुझसे क्या शर्माना … मुझे तुम्हारे बूब्स दबाना है!
वह बोली- कपड़ों के ऊपर से ही दबा लो!
मैंने कहा- नहीं यार, मुझे चूसना भी है!
वह बोली- मैं कपड़े नहीं निकालूंगी.
मेरा लंड बहुत टाइट हो रहा था.
मैंने सामने से अब तक कभी चूत ही नहीं देखी थी कि कैसी होती है.
मैंने उसे किस करने को कहा, पर उसे सही से किस करना भी नहीं आता था.
हालांकि मुझे भी नहीं आता था कि लड़की के साथ चुम्मी किस तरह से करनी चाहिए.
जैसे तैसे मैं उसके होंठों को चूमने लगा और वह भी समझ गई कि इसमें मजा आता है तो अब हम दोनों किस करने लगे.
मैं उसे किस करने के साथ साथ उसके मम्मों को भी मसल रहा था.
करीबन 15 मिनट के बाद वह बोलने लगी- अब रहने दो, मुझसे रहा नहीं जा रहा!
ऑटोमेटिक उस पर सेक्स करने का भूत सवार हो रहा था, पर वह समझ नहीं पा रही थी.
मेरा लंड भी उसे चोदने के लिए तड़प रहा था.
मैंने सोचा कि संबंध तो पक्का हो ही गया है, तो अब तो यह मेरा माल हो गई है.
मैंने उससे कहा- यार खुशी, प्लीज अपने कपड़े निकाल दो न … मुझे तुम्हारी बुर देखनी है!
वह बोली- शादी से पहले कुछ नहीं, ऐसे ही जो कुछ करना हो सो कर लो!
मैं चुप हो गया.
ऐसे ही हम दोनों को बात करते हुए रात का एक बज गया.
मैंने देखा कि मम्मी की नींद जोर से लगी थी तो मैंने जबरदस्ती उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया.
वह भी चुप रही.
उसका मन तो था पर नखरे कर रही थी.
मैंने दोनों हाथों से उसकी सलवार उतार दी तो देखा कि उसकी दूधिया जांघें एकदम गर्मागर्म थीं.
जैसे ही सलवार टांगों से बाहर निकली, तो वह बोली- मम्मी उठ जाएंगी यार … क्या कर रहे हो!
मैंने कहा- हमारी बातें बहुत हो गईं, अब तुम बस चुप रहो!
मैंने उससे कुर्ती निकलने को बोला तो वह फिर से कुर्ती निकालने को मना करने लगी.
तब मैंने उसे अपने गोद में बैठाकर उसकी कुर्ती अपने हाथों से निकाली और साइड में रख दी.
अब मैंने उसे लिटाया और उसके ऊपर चढ़ गया.
बहुत हॉट माल थी … कसम से पहली बार किसी लड़की के साथ मैंने ऐसा महसूस किया था.
वह भी अपनी होने वाली पत्नी के साथ.
बातों ही बातों में मैंने उसकी पैंटी और ब्रा को भी निकाल दिया था.
अब क्या था, मैंने उसके सारे कपड़े निकाल कर उसे नंगी कर दिया था.
लंड मेरा 11 बजे से खड़ा था, वह उसकी बुर में जाने के लिए फड़फड़ा रहा था.
मैंने खुशी को फिर से किस किया और बूब्स दबाए.
एक हाथ से बूब्स को दबाया और एक हाथ से लंड उसकी बुर के छेद पर रख कर ठेला.
पर लंड फिसल गया.
उसकी बुर एकदम टाइट और सील पैक थी.
वैसे आजकल सील पैक लड़की बहुत कम मिलने लगी हैं, ये तो आप सब जानते ही हैं!
अब मैंने अपने लौड़े पर थोड़ा थूक लगाया और वापस उसे बुर के छेद पर टिका दिया.
बुर भी लंड की गर्मी से रिसने लगी थी और शायद उसे भी लंड को अन्दर लेने का मन बन गया था.
मैंने जोर का झटका मारा, तो वह चिल्ला दी- आआ उइ उइ … मर गई!
मेरा लंड अभी अन्दर नहीं घुसा था, लेकिन उसकी आवाज से उसकी मम्मी की नींद खुल गई.
खुशी मेरे साथ बिस्तर पर पूरी नंगी थी और मेरा भी जीन्स हटा हुआ था.
मैं घबरा गया कि कहीं मम्मी लाइट न जला दें … नहीं तो सब गड़बड़ हो जाएगा.
मैंने खुशी से चुप रहने को बोला और हम दोनों दस मिनट तक ऐसे ही लेटे रहे.
उसकी मम्मी वापस सो गईं.
उन्हें लगा होगा कि खुशी और मैं कुछ चुहलबाजी कर रहे होंगे तो उन्होंने खुशी को आवाज भी नहीं दी.
यह जानकर मैं बड़ा खुश हुआ कि चलो सासू मां भी अपनी बेटी की चीख से खुश हैं.
थोड़ी देर बाद मैंने फिर से चूत में लंड घुसाया और फिर से जोर का झटका दे दिया.
इस बार लंड थोड़ा सा अन्दर घुसा तो वह फिर चिल्लाई और नीचे गिर गई क्योंकि सिंगल बेड था.
मैंने उसे चुपके से ऊपर बेड पर फिर से लेटाया और चुप रहने को बोला.
वह बोली- दर्द हो रहा … क्या कर रहे हो!
उसे सेक्स के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं थी.
मैंने कहा- चिल्लाओ मत, इस बार धीरे से डालूंगा!
वह बोली- रहने दो, इतना मोटा मेरे इतने छोटे से छेद में कैसे घुसेगा?
मैंने कहा- रुको, इस बार चला जाएगा.
इस बार मैंने उसके मुँह पर जोर से हाथ रख लिया ताकि वह चिल्ला न सके.
फिर से लंड चूत के छेद पर रखा और करारा झटका दे मारा.
इस बार फिर से लंड फ़िसल गया और उसकी आंखों में आंसू आ गए.
मैंने उसे बहला फुसला कर फिर से सैट किया और लंड को चूत पर रगड़ते हुए जोर का झटका मारा.
इस बार लंड पूरा का पूरा अन्दर चला गया और वह बहुत जोर से छटपटाने लगी.
अपने पैर हिला रही थी और रोने लगी थी.
मेरे लंड में भी दर्द होने लगा था, बहुत टाइट बुर थी.
मेरा लंड बहुत मुश्किल से घुस पाया था.
इधर मम्मी के जागने का भी डर लग रहा था और उधर उसके चिल्लाने का!
जैसे ही लंड बाहर निकाला तो बुर से खून निकलने लगा था.
मेरा पूरा लंड खून से सना हुआ था.
उसकी बुर के नीचे उसकी सलवार पड़ी हुई थी, जिससे खून नीचे बेडशीट पर नहीं फैल पाया था.
उसकी सलवार से मैंने उसकी बुर को और अपने लंड को साफ किया.
उसके आंसू पौंछने लगा और उसे मनाने लगा- यार खुशी, हमारी शादी होने वाली है … क्यों रो रही हो, ये तो शादी के बाद भी होना था तो पहले हो गया … क्या होता है!
वह बोलने लगी- बात वह नहीं है, मुझे दर्द हो रहा है इसलिए मना कर रही थी.
थोड़ी देर में चुप होकर बोली- हटो मुझे बाथरूम जाना है!
मैंने कहा- चलो हम साथ में चलते हैं.
हम दोनों ने साथ में पेशाब किया और ऐसे ही नंगे ही बाथरूम से वापस आ गए.
हम दोनों फिर से आकर बेड पर लेट गए.
मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
वह थी ही इतनी सेक्सी कि लंड मान ही नहीं रहा था और वह अभी भी पूरी नंगी थी.
मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसे प्यार करने लगा.
ऐसी गोरी भूरी लड़की को ऊपर से देख कर तो किसी बूढ़े का भी लंड खड़ा हो जाए.
फिर वह तो मेरे सामने नंगी थी.
मैंने उसे फिर से किस करते हुए और बूब्स दबाते हुए लंड अन्दर डाला.
इस बार लंड तो अन्दर तो चला गया लेकिन दो तीन बार अन्दर बाहर झटके मारे तो उसे दर्द होने लगा था.
उसकी सील पूरी तरह से टूट चुकी थी लेकिन चुदाई सही से नहीं हुई थी इसलिए उसे दर्द तो होना ही था.
फिर मैं लंड को अन्दर घुसा कर ऊपर पड़ा रहा और उसके बूब्स को जोर से दबा कर सहलाने लगा.
उसके दूध बहुत कड़क थे.
वह फिर से रोने लगी.
मैंने कहा- बुर में भी दर्द और बूब्स दबाए तो भी दर्द, कुछ मजा तो लेने दो यार खुशी मेरी जान!
ऐसे बातों ही बातों में मेरी जान होने वाली पत्नी को मैंने रात 4 बजे तक चोदा और बिना रहम किए उसके होंठों को अपने होंठों से दबा दबा कर खूब वर्जिन वाइफ सेक्स किया क्योंकि मुझे तो मेरे लंड का पानी निकालना था.
करीब 5 से 7 मिनट तक खूब जोर से चुदाई की और बुर में ही पानी छोड़ दिया.
जैसे ही मैंने उसके बूब्स दबाना बंद किया और होंठों पर से अपने होंठ हटाए तो वह रोने लगी.
वह बोलने लगी- आज तो मार ही डालोगे मुझे … बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने उसे चुप करवाया और नीचे मम्मी के पास सोने भेज दिया.
अगले दिन से ही हमारी कॉल पर बात होने लगी.
पहली कॉल में ही वह बोलने लगी- आज की रात ज़िन्दगी भर नहीं भूलूंगी!
मैंने पूछा- क्यों?
‘पूरी रात टॉर्चर किया तुमने.’
मैंने कहा- पहली बार में दर्द होता ही है. तो वह बोली- ऐसा कैसा दर्द, मुझसे अभी भी बाथरूम करते नहीं बन रहा है और न ही चलते बन रहा है, चलते टाइम दर्द हो रहा है!
तब मैंने कहा- दो चार दिन में ठीक हो जाओगी. चिंता मत करो.
बस धीरे धीरे हम दोनों में प्यार बढ़ गया.
वर्जिन वाइफ सेक्स कहानी से आगे की घटना सुहागरात की हुई थी, वह सब अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा.
तो दोस्तो, ये मेरे साथ घटी सत्य घटना है. इसमें किसी भी प्रकार की कोई बनावट नहीं है. यह मेरे जीवन की सच्ची सेक्स कहानी है.
आपको कैसी लगी, मेरी होने वाली पत्नी की सील पैक बुर की चुदाई की कहानी … प्लीज बताएं.
[email protected]