वर्जिन चूत का पानी चखने का मौक़ा मुझे तब मिला जब मैंने अपने डांस ग्रुप की एक लड़की को प्रोपोज़ किया और उसके साथ प्यार की, सेक्स की बातें की. तब मैंने उसकी चूत चाट कर उसका पानी निकाला.
दोस्तो, कैसे हो आप लोग!
चलिए आज मैं बता रहा हूँ एक मस्त चुदाई की कहानी, मेरी एक गर्लफ्रैंड की चुदाई की कहानी।
वर्जिन चूत का पानी पीने की बात उन दिनों की है जब मैं घर से बाहर अकेला रहा करता था जहाँ मैं काम करता था और फ्री टाइम में डांस क्लास में डांस सिखाता था।
और मेरा पूरा ग्रुप है डांस का!
एक दिन की बात है कि ग्रुप में बात उठी कि हमारे ग्रुप में और नई लड़कियां होनी चाहिए जिससे हमें ग्रुप डांस का काम मिलेगा, बैकग्राउंड डांसर्स का!
हमारी टीम में 6 लड़के और 4 लड़कियां थी पर और चाहिए थी परफेक्ट टीम बनाने के लिए!
एक दिन मैं अपने ग्रुप वालों के पास आया तो देखा एक सुन्दर सी लड़की जिसका नाम आंचल था (बदला हुआ नाम), वह ग्रुप में नयी जोइन हुयी है।
मैं तो बस उसे देखता रह गया।
क्या कमाल की लग रही थी वो यार … एकदम गोरी चिट्टी … बाल उसके कमर के नीचे तक और आंखें भूरी सी, गुलाबी होंठ, सुराहीदार गर्दन एकदम तना हुआ सीना।
गदराये हुइ उसके बूब्स, पतली कमर और उसके उभरी हुयी मस्त मोटी गांड देख कर किसी का भी मन डोल जाता.
ऐसा खरतनाक फिगर था उसका!
वह सबसे हंस हंस कर मिल रही थी और मैं उसे देख रहा था बस … और मैं सोच रहा था कि कौन है ये? कहाँ से आयी है? क्या नाम है इसका!
इतने में वह मेरे पास आई और बोली- हेल्लो सर!
मैं एक मिनट के लिए चौंका और कहा- अहाँ हाय!
मुझे पता नहीं था कि मेरे दोस्तों ने मेरे बारे में सब बता दिया था उसे!
यह भी कि मैं एक नंबर का लड़कीबाज़ हूँ।
एक लड़की मेरी पहले से ही सेटिंग थी; उसकी भी पोल खोल दी थी।
तो अब सोचने लगा कि चांस ख़त्म इसकी लेने का!
पर वो सब बातें हंसी मजाक में लेने लगी.
अब ग्रुप में मिलना, आना जाना, बातें शातें होने लगी और मुलाकातें होने लगी.
तब मैंने सोचा कि यह सही मौका है इसके करीब जाने का!
और मुझे एक दिन उसे घर छोड़ने जाने का मौका मिला।
मैं उसके घर गया, उसकी मम्मी और दीदी से मिला.
उसकी दीदी भी गजब की माल थी.
उसका भी बॉयफ्रेंड था. बाद में पता चला मुझे!
फिर हम बहुत अच्छे दोस्त बन गये और सब शेयर करने लगे.
आंचल ने मुझसे सब पूछा- तुम्हारी कितनी गर्लफ्रेंड्स थी. क्या क्या किया? सब के साथ सो चुके हो क्या?
और मैं उससे झूठ नहीं बोल पाया.
इतनी प्यारी जो थी यार वो!
सब सच बोलता चला गया.
फिर वह मुझसे दूर दूर रहने लगी।
तो मुझे लगा कि सब बता कर मुझसे कोई गलती हो गयी क्या?
पर ऐसा नहीं था … वह मुझे चाहने लगी थी, बस उसे पता नहीं था।
फिर वह मुझसे बहुत लड़ने लगी और हक़ जताने लगी.
इससे मुझे हिंट मिल गया और मैं उसे पाने में लग गया।
फिर एक दिन वो पल आया.
मेरा जन्म दिन था और मैंने सबको अपने फ्लैट में बुलाया था, पार्टी दी थी.
सब आये, वह भी आयी.
क्या कमाल लग रही थी ब्लैक ड्रेस में!
मैं उसे देखता ही रह गया.
फिर उसने मुझे चिमटी काटी और कहा- कहाँ खो गये? चलो केक कट करो!
केक काटने के बाद हमने खूब डांस किया, पार्टी की.
फिर सब जाने लगे.
पर उसका जाने का मन नहीं था.
फिर उसके घर से कॉल आया कि उसको लेने आने के लोए कोई नहीं है. उसके पापा ड्यूटी चले गये थे और और दीदी भी बाहर थी काम से!
तो मैंने कहा- मैं घर छोड़ दूँगा.
और मुझे मौका मिल गया उसके साथ टाइम बिताने का!
सबके जाने के बाद मैंने उससे पूछा- कॉफ़ी लोगी?
उसने कहा- हाँ!
फिर मैंने कॉफ़ी बनायी और पीते हुए बात करने लगे.
वह नज़रें चुरा के बात कर रही थी और मेरा पूरा ध्यान उसकी गांड में अटका हुआ था.
क्या मस्त फिट थी … उसकी ड्रेस के ऊपर से भी फील हो रहा था कि कितनी सॉफ्ट होंगे उसके चूतड़!
मेरा लंड खड़ा होने लगा था.
उसकी नज़र मुझपे पड़ी तो उसने मुझसे पूछा- क्या देख रहे हो?
मैंने कहा- तुम्हें यार!
उसने कहा- क्यों?
मैंने कहा- कमाल लग रही हो आज तुम!
उसने कहा- दिमाग़ खराब है तुम्हारा!
मैंने कहा- हो रहा है बस अब!
उसने कहा- तो क्या करना है?
मैंने कहा- कुछ करने दो तो सब कर लूं आज ही!
फिर आंचल शर्मा कर पलट कर दूर चली गयी.
मैंने सोचा कि यही मौका है.
और मैंने उसे पीछे से हग कर लिया.
उसने कुछ नहीं कहा.
मैंने उसको गाल पे किस किया.
वह और शर्मा गयी और कांपने लगी जैसे उसके शरीर में कोई करेंट लगा हो।
मैंने कहा- क्या हुआ?
उसने कहा- अच्छा लग रहा है!
मैं समझ गया और उसको कस के अपनी बाहों में भर लिया.
वह मचल उठी और डर भी रही थी.
उसने कहा- क्या यह सही है? हम कुछ गलत तो नहीं कर रहे?
मैंने कहा- नहीं … मैं कब से इस पल का इंतज़ार कर रहा था!
उसने कहा- क्या तुम सच में?
यह इशारा था।
मैंने कहा- हाँ यार!
उसने कहा- मुझे धोखा तो नहीं दोगे?
मैंने कहा- कभी नहीं!
और फिर मैंने उसे किस कर लिया.
वह मेरे सीने से चिपक गयी तो मेरे मन में लड्डू फूट पड़े.
मैंने आंचल को जोर शोर से किस करना चालू किया.
और वह सिहर उठी और दूर जाने लगी.
मैं ना रुका और उसके अपनी बाहों में भर कर चूमने लगा.
उसके होंठ गुलाब की पंखुड़ी के जैसे मुलायम थे.
मैं उसके लबों का रसपान करने लगा और उसके बूब्स को दबाने लगा.
वह तो सी पागल होने लगी.
और मुझे ये देख कर मज़ा आ रहा था कि अब ये मूड में है.
और मेरा लंड मेरी पैन्ट से बाहर आना चाह रहा था.
पर उसमें अभी वक़्त था.
तो मैंने जल्दी ना की और आराम से उसको चूमते हुए उसके कपड़े उतारने लगा.
वह मना कर रही थी पर उसकी ना में भी हां थी।
मैंने उसके कपड़े उतार दिये.
अब वह ब्रा और पैंटी में थी … वो भी काले रंग की.
गोरा बदन उसके ऊपर काला रंग … मैं तो जैसे ख़त्म था ये देख कर!
फिर मैं उसे गोद में उठा कर बैडरूम में ले गया.
वहाँ मैंने उसे बेड पर लेटाया और अपने कपड़े उतारे और उसके ऊपर टूट पड़ा.
वह ‘आह आह ओह’ की सांसें भरने लगी और मैं उसमें खो गया.
फिर मैंने उसके बूब्स को खूब मसला.
इतने बड़े और बूब्स और उसके चूचे दबा दबा कर पीने लगा.
वह छटपटाने लगी.
फिर मैंने आंचल को पूरी नंगी कर दिया और मैं भी पूरा नंगा हो गया.
उसने मेरा लंड देखा तो डर गयी क्योंकि उसको तो पता नहीं था कि ये क्या हो रहा है उसके साथ!
फिर मैंने उसकी चूत में उंगली करना शुरू किया.
वह मना करने लगी.
मैंने उसको कस के पकड़ लिया और चूमने लगा.
फिर मैंने उसके हाथ में मेरा लंड पकड़ा दिया.
वह पहले तो झिझक गयी, फिर धीरे धीरे हाथ में लंड लेकर हिलाने लगी.
मैं भी अपनी एक उंगली उसकी पुदी में डालने लगा.
वो बहुत टाइट थी।
उसे दर्द हो रहा था पर अच्छा भी लग रहा था.
फिर मैंने उसे लंड को चूसने को कहा.
उसने मना कर दिया.
तो मैंने अपना गर्म लंड उसके मुख में डाल दिया और उसके मुंह को चोदने लगा.
वह पहले तो मना करती रही, फिर थोड़ी देर बाद मज़े से चूसने लगी।
करीब 5 मिनट लंड चुसवाने के बाद मैंने उसे ऊपर किया और उसके पैरों को फैला दिया और उसकी चूत चाटने को गया.
जब मैंने देखा तो दंग रह गया.
उसकी सील एकदम नज़र आ रही थी और रस से भरी उसकी चूत में मैंने ज़ीभ अंदर तक डाल डाल कर चाटा और वर्जिन चूत का पानी पिया, जी भर कर रसपान किया.
वह चीखे, चिल्लाये जा रही थी.
पर कोई सुनने वाला ना था मेरे अलावा!
पूरे रूम में उसकी साँसों की आवाज़ गूंज रही थी।
और मैं आँचल की चूत में डूब गया था.
करीब 10 मिनट के बाद मैंने उसको उठाया.
वह थक चुकी थी.
फिर मैंने कहा उसको- अब समय है तुझे अपना बनाने का!
उसने कहा- हमेशा के लिए!
मैंने कहा- आज तू और तेरी यह चूत मेरे हुए!
वह कहने लगी- बस अब इंतज़ार मत कराओ जान!
मेरे कानों में वो आवाज़ जैसे मेरा आपा खोने के लिए ही थी।
मैंने उसे उसे पलटा और उसके पेट के नीचे एक तकिया लगाया और उसकी गांड उठा ली.
फिर मैंने उसके दोनों हाथों से उसी की गांड फैलाने को कहा.
उसने वैसा ही किया.
फिर मैंने उससे कहा- अगर दर्द हो तो बताना!.
उसने हाँ का इशारा किया.
फिर मैंने अपना 7 इंच का लंड उसकी चूत में डालना शुरू किया.
पर वो चूत के अंदर जा नहीं रहा था.
मैंने फिर एक तेज़ झटका दिया और मेरा लंड थोड़ा अंदर गया.
वह ज़ोर से चीखी- जान आह्ह ह्ह उह्ह!
मैं रुक गया.
उसने लंड बाहर निकलने को कहा.
पर मैं वहीं रुका रहा.
वह दर्द से रोने लगी.
उसकी चूत में हल्का खून आने लगा.
मैंने उसे किस किया और इंतजार किया.
जब उसका थोड़ा दर्द कम हुआ तो धीरे से फिर अंदर डाला.
वह फिर चीखी- आअह्ह जान … दर्द हो रहा बहुत!
मैंने कहा- बस हो गया जान!
और तब मैंने उसके मुंह में अपना हाथ रखा और एक बार में पूरा लंड चूत के अंदर उतार दिया.
वह दर्द से छटपटा उठी और चिल्लाने लगी- आह उह आह … आअ ह्ह आह ओह माँ मर गयईई मैं तो!
और वह रोने लगी.
मैं लेटा रहा उसके ऊपर वैसे ही जब तक वह शांत ना हुई.
फिर मैंने धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करना शुरू किया अपना लंड!
अब उसको थोड़ी राहत थी और मुझे सुकून का अहसास … ओह क्या मस्त चूत है … एकदम टाइट!
बहुत दिनों बाद ऐसा मज़ा मिल रहा था मेरे लंड को!
फिर मैंने स्पीड बढ़ाई और वह मज़े से अपनी गांड उठाने लगी और मोहक आवाजें निकलने लगी- ओह्ह जान … आह जान … धीरे जान … आराम से जान!
ऐसे करने लगी और मैं उसे चोदने लगा.
फिर मैंने उसे सीधी किया और आगे से चोदने लगा.
उसने मुझे कसके पकड़ लिया.
मैंने स्पीड ओर तेज़ कर दी.
पूरे रूम में ‘ह आह ओह … ओह आह जान!’ की आवाज़ें गूंज उठी.
और मेरे लंड की रफ़्तार से फच फच फच की आवाजें.
आह … कितना सुकून था!
फिर मैंने उसे अपने ऊपर किया और वह मेरे लंड के ऊपर कूदने लगी.
हम दोनों पूरी तरह पसीने से लथपथ थे और एक दूसरे को प्यार किये जा रहे थे.
इस बीच वह दो बार झड़ चुकी थी.
मैं उसे ताबड़तोड़ चोद रहा था.
फिर वह थकने लगी तो मैंने उसे कुतिया बनाया और पीछे से उसको चोदने लगा.
उसके लम्बे घने बालों को फकड़ के जोर जोर से झटके मारने लगा.
वह पागलों की तरह चीखे जा रही थी- ओह फक … आह बेबी … यस फक मी हार्डर!
ऐसे कुछ भी बोले जा रही थी.
और मैं चुदाई की गति बढ़ाये जा रहा था क्योंकि अब मेरा भी पानी निकलने वाला था।
और फिर एक तेज़ धार के साथ मेरा पानी मैंने उसकी मस्त मोटी गांड के ऊपर निकाल दिया।
अब तक हम दोनों ही थक के चूर हो गये थे.
फिर मैं उठा और उसे गोद में उठा कर शॉवर लेने को ले गया.
वह उठ नहीं पा रही थी, उसके पैर कांप रहे थे.
मैंने उसको गोद में लिया और शॉवर ऑन किया और हम दोनों नहाने लगे.
उसे अच्छा लगा, उसने मुझे किस किया और कहा- हैपी बर्थ डे जान!
मैंने कहा- थैंक यू!
इतनी खूबसूरत गिफ्ट के लिये अपने मेरा बर्थडे यादगार बना दिया.
वह हंसने लगी.
फिर हमने अपने कपड़े पहने और मैं उसे उसके घर छोड़ने को चला गया।
फिर जब भी हम मिलते … मैं उसकी जम कर चुदाई किया करता था।
बहुत बार मैंने उसकी गांड की भी चुदाई की.
वो कहानी फिर कभी सुनाऊंगा.
दोस्तो, आपको मेरी यह सच्ची वर्जिन चूत का पानी पीने की कहानी अच्छी लगी होगी.
तो मुझे कमैंट्स में ज़रूर बतायें.
मिलते हैं अगली कहानी में!
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