ऑफिस में बनी फ्रेंड के साथ सेक्स- 2

ऑफिस सेक्स कुलीग कहानी में मेरी सहकर्मी मेरे साथ मेरे बेड पर थी. मैं उसकी गोद में सर रख कर लेटा था. हमारे होंठ आपस में टकरा गए. उसके बाद क्या हुआ?

फ्रेंड्स, मैं आपको अपने ऑफिस में काम करने वाली लड़की की चूत चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
कुलीग लड़की से पक्की दोस्ती
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं प्रिया की तरफ जैसे ही घूमा मेरे होंठ उसके होंठों से टच हो गए.

अब आगे ऑफिस सेक्स कुलीग कहानी:

होंठों से होंठ टच होते ही प्रिया एकदम से पीछे को हटी और उसने मुझसे सॉरी कहा.
मैंने कहा- इसमें सॉरी की कोई बात नहीं है.

वह मेरी आंखों में देखने लगी.
मैं भी उसे देखने लगा.

कुछ पल बाद जब मुझसे न रहा गया, तो मैं उठा और उसकी आंखों में अपनी आंखें डाल कर उसे देखने लगा.

वह कहने लगी- ऐसे क्या देख रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं!

वह भी चुप हो गई.

फिर मैंने उससे कहा- एक बात बोलूँ, तुम बुरा तो नहीं मानोगी?
उसने कहा- मैं क्यों बुरा मानूँगी?

मैंने कहा कि मुझको तुम्हें किस करना है.
वह सर हिलाते हुई मान गई.

मैं उसकी ओर झुका और वह मेरी ओर आ गई.
मेरी आंखें बंद हो गईं और उसकी भी.
हम दोनों के होंठ जुड़ गए.

करीब 3-4 मिनट तक मैंने उसके होंठों को चूमा. उसके होंठों का रस चूसा.
वह भी एकदम मदहोशी से अपने होंठों को मेरे होंठों से लगाए रही और अपने होंठों का ऐसे मान मर्दन करवाती रही मानो उसे अपने होंठ कुचलवाने में मजा आ रहा हो.

अब मैं उससे और ज्यादा खुल गया था.
मैंने उससे कहा- मुझको तुम्हारे सीने पर सिर रखना है.
उसने कहा- क्यों?
मैंने कहा- ऐसे ही.
वह मान गई और लेट गई.

मैं उसके मम्मों पर अपना मुँह रख कर लेटा हुआ था और हल्के हल्के से उसके दूध दबा रहा था.

अब मैंने उससे कहा- मुझे तुम्हारे दूध देखने हैं.
पहले तो उसने मना किया लेकिन मेरे बार बार कहने पर वह मान गई.

मैंने उसका टॉप ऊपर किया तो देखा कि उसके गोल गोल गोरे गोरे दूध मेरे सामने थे.
उसके निप्पल चैरी की तरह लग रहे थे.

मैंने कहा- तुमने अन्दर से कुछ क्यों नहीं पहना है?
उसने कहा- मुझको ब्रा पहन कर नींद नहीं आती.
उसके दोनों दूध नंगे देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया था.
मेरी इच्छा उसके मम्मों को पकड़ने की हुई.

यह तो मैं उससे नहीं बोल सकता था.
तो मैंने अपने मन में सोचा कि मैं ही शुरुआत कर देता हूँ, साली दूध दिखा रही है, तो चूत भी देने के लिए राजी ही है.

बस मैंने एकदम से उसका एक दूध अपने हाथ में भर कर पकड़ लिया.
वह कुछ नहीं बोली.

फिर मैंने उसका दूसरे दूध को अपने मुँह में ले लिया, तब भी उसने कुछ नहीं बोला.
मैं उसके निप्पल को अपने होंठों से दबा कर खींचता हुआ चूसने लगा.
वह भी आह आह करती हुई एंजाय करने लगी.

ऐसे ही मैंने करीब 5 मिनट तक उसके दोनों मम्मों के साथ खेला और खूब पिया.

इतने में ही मेरा लंड एकदम टाइट हो गया था और वह लोवर में से बाहर आने को फट सा रहा था. ऑफिस सेक्स कुलीग के लिए तैयार था.

फिर उसे किस करते करते मैंने अपना एक हाथ उसके लोवर में डाला तो उसकी चूत गीली हो गई थी और उसकी चूत के गीलेपन को मैं महसूस कर रहा था.

फिर मैं उसे लिप किस करने लगा और जीभ से जीभ को लड़ाने लगा.
इससे वह भी चुदाई के मूड में आ गई थी और लिप किस करते करते ही मैंने उसके लोवर को अपने पैरों से नीचे खिसका दिया.
फिर मैं अपने एक हाथ से उसकी चूत से खेलने लगा.

उसने भी अपनी टांगें फैला दीं तो मैं समझ गया कि अब इसे लौड़े की जरूरत है.
फिर मैं खड़ा हुआ और उसकी पैंटी को भी निकालने लगा.

वह मुझे रोकने लगी लेकिन मैंने उसकी एक नहीं सुनी.
मैंने जल्दी से उसकी पैंटी टांगों से निकाल कर उतार ही दी.

वह शर्मा गई और अपने हाथ से अपनी चूत छुपाने लगी.

मैंने उसका हाथ हटाया और चूत को नजदीक से देखने लगा.
क्या बताऊं यार … पहली बार मैंने किसी लड़की की चूत देखी थी.
उसकी चूत पर बहुत सारे बाल थे.

मैंने उससे कहा- शेव नहीं करती तुम … बालों की वजह से मुझे उसकी चूत सही से नहीं दिख रही थी.
फिर भी मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर लगाया और उसकी चूत चाटने लगा.

क्या बताऊं दोस्तो, यह मेरा पहला मौका था जब मैं किसी लड़की की चूत चाट रहा था.
वह भी हल्की हल्की सिसकारियां लेने लगी थी. वह ‘सस्स … आह स्स … उऊहह …’ करने लगी.

मैंने अपनी चूसने की स्पीड और बढ़ा दी और जोर जोर से उसकी चूत चाटने लगा.

कुछ देर बाद मैं उठा और उसको 69 पोजीशन में लेटने के लिए बोला.
पहले तो उसने मना किया और कहा- नहीं, मैं तुम्हारा लंड मुँह में नहीं लूँगी.
मैंने कहा- कोई बात नहीं, मैं तो तुम्हारी चूत को ढंग से चाट सकूँगा!

वह मान गई और मेरी टांगों की तरफ अपना मुँह करके लेट गई.

मैंने उसको झुकाया और मस्ती में उसकी चूत चाटने लगा.

फिर मैंने अपने हाथ से उसका मुँह पकड़ा और उसको अपने लंड के पास ले गया.
अपना लंड मैंने उसके होंठो पर लगाया तो मेरे बदन में एक झटका सा लगा और सारे जिस्म में करेंट सा दौड़ने लगा.

फिर मैंने उससे कहा- प्लीज़ सक इट!
बस उसने अपना मुँह खोल दिया और मैंने अपने लंड को उसके मुँह में घुसेड़ दिया.

वह मस्ती से लंड को चूसती रही.
इधर मैं भी उसकी चूत चाट रहा था.

कुछ देर बाद वह मेरे मुँह में ही झड़ गई; मैंने उसकी चूत का सारी पानी पी लिया.
उसका रस एकदम नमकीन सा मस्त गाढ़ा पानी सा था; मैंने सारा रस चाट लिया, एक भी बूँद खराब नहीं जाने दी.

जिस वक्त मैं उसकी चूत का रस चाट रहा था, उस वक्त उसने अपनी दोनों टांगें फैला ली थीं ताकि मैं उसकी चूत को अच्छे से चाट सकूँ.

इधर मेरा भी होने वाला था तो मैंने झटके देना शुरू कर दिए.
वह समझ गई कि मेरा भी होने वाला है.
उसने मेरे लंड को अपने मुँह से बाहर निकाला और मेरे लंड की मुठ मारने लगी.

जैसे ही मैं झड़ा, मेरे लंड का सारा माल छिटक कर उसके चेहरे पर गिर गया.

वह हंसने लगी और अपने हाथ से अपनी आंख के पास लगे मेरे वीर्य को हटाने लगी.
फिर वह उठी और ऐसी नंगी ही बाथरूम में अपना मुँह धोने जाने लगी.

मैं भी उसके पीछे पीछे चला गया.
वहां उसने अपना मुँह धोया और चूत की झांटों को को पानी से साफ करने लगी.

मैंने उधर से अपना रेज़र उठा लिया और उसकी तरफ सर घुमाया, तो उसने कहा ये क्यों?
मैंने कहा- शेविंग करनी है.

वह अपनी टांगें फैला कर बोली- इसकी?
मैंने हां कहा तो वह शर्मा गई.

फिर मैंने उसे सही से बैठा कर उसकी चूत की झांटों के बाल बनाए और पानी से चूत साफ कर दी.

अब उसकी गुलाबी चूत एकदम साफ साफ दिखाई दे रही थी.
वहीं मैंने उसे क़िस किया और उसके दूध दबाए.
फिर मैं उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा.

इतनी देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था.
मैंने उसको अपनी गोदी में उठाया और बाहर बेड तक किस करते करते ले आया, उसे बेड पर बड़े प्यार से टिका दिया.
अब चूत चुदाई का असली मजा आने वाला था.

पहले मैंने उसके होंठों पर किस किया और किस करते करते मैं नीचे को आने लगा.
मतलब फिर से उसकी गर्दन से आते हुए उसके मम्मों पर, फिर उसकी नाभि पर, उसकी जांघों पर, उसके पैरों पर चूमता हुआ नीचे तक चला गया.

फिर वापस ऊपर आने लगा और उसकी जांघों पर किस करने लगा.

मैंने उसकी जांघों के पास किस किया तो उसने कहा- चूत भी चाटो न!
उसको भी बहुत मजा आ रहा था.

फिर मैंने उसको उल्टा किया और उसकी गांड पर, उसके पैरों पर, उसके नंगी पीठ और सब जगह किस करने लगा.

बाद में मैंने उसकी टाँगो को चौड़ा किया और उसकी चूत पर फिर से मुँह रख दिया.
मैं जीभ से चूत चाटने लगा.

मुझे उसकी चूत चाटने में बहुत मजा आ रहा था.
उसको भी मजा आ रहा था.
वह मेरे सिर को अपने चूत में दबा रही थी और ऊपर नीचे हो रही थी.

थोड़ी देर बाद उसका शरीर अकड़ सा गया और उसने अपना पानी फिर से छोड़ दिया.
मैंने उसका पानी अपने मुँह में जमा किया और ऊपर आकर उसे किस करने गया.

होंठों से किस करते हुए ही मैंने उसकी चूत का पानी उसके मुँह में दे दिया.

वह भी चूत के पानी को अपने थूक से मिला कर वापस मेरे मुँह में दे रही थी और मैं भी ऐसा ही कर रहा था.
हम दोनों ही थोड़ा थोड़ा रस पीते जा रहे थे.

अब मैंने उसकी कमर के नीचे एक तकिया रखा और उससे पूछा- अन्दर डालूँ?
वह हंस कर बोली- मना करूंगी तो क्या रुक जाएगा? जब रुकेगा ही नहीं … तो पूछ क्यों रहा है, पेल दे!

मैंने अपना लंड उसकी चूत पर सैट किया और एक करारा धक्का दे मारा.
पहले ही झटके में मेरा आधा लंड उसकी चूत में समाता चला गया था.

उसके साथ ही उसकी आअहह की आवाज़ निकल गई.
उसकी चूत बहुत चिकनी थी.

फिर मैं वैसे ही उसे लिप किस कर रहा था.
कुछ पल बाद मैंने दूसरा झटका मारा, तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया.
वह और जोर से कराहने लगी- ईईई स्सस्स … साले धीरे चोद!

अब मैं धीरे धीरे अपने लंड को अन्दर बाहर करने लगा.
उसे भी चुदने में मजा आ रहा था और मुझे भी.

फिर मैंने धीरे धीरे अपनी स्पीड तेज की और करीब दस मिनट तक चोदने के बाद मेरा पानी निकलने को हो गया.

मैंने पूछा- कहां निकालूं?
उसने कहा- अन्दर नहीं.

मैंने कहा- ठीक है, अपना मुँह खोल.
उसके पास और कोई ऑप्शन नहीं था.

जैसे ही उसने मुँह खोला तो मैंने लंड उसके मुँह में डाल दिया और 5-7 झटके देने के बाद मैं उसके मुँह में ही झड़ गया.
उसने भी मेरा सारा पानी पी लिया.

फिर मैं उसके लिए पानी लाया.
उसने कुल्ला किया और हम दोनों एक दूसरे को किस करते करते लेट गए.
मैं भी उसके दूध पर हाथ रख कर सो गया.

जब हमारी आंख खुली तो रात के साढ़े आठ बज गए थे.
मैंने उससे कहा- आज यहीं रुक जा.

मेरा हफ़्ते में दो दिन ऑफ रहता था और उसका एक दिन क्योंकि हम फुल टाइम जॉब करते थे.
उसने कहा- नहीं, कल ऑफिस जाना है.

मेरे थोड़ा सा और फोर्स करने पर वह मान गई और उसने अपनी सीनियर को कॉल लगा कर कहा- मेम मुझे गर्ल’स प्राब्लम (पीरियड्स) आ गई है और पेट में बहुत दर्द भी हो रहा है, तो मैं कल में ऑफिस नहीं आऊंगी.
उधर से हामी मिल गई.

अब मैं बहुत खुश हो गया कि आज रात भर इसकी चूत चोदने को मिलेगी.

मैंने उससे पूछा- डिनर का क्या करना है?
उसने कहा- बाहर से ही मंगवा लो, अब कौन बनाए!

हम दोनों ही थके हुए भी थे तो मैंने बाहर से खाना मंगवा लिया और हम दोनों ने एनर्जी ड्रिंक के दो दो डोज लेकर खाना खा लिया.

फिर हम ऐसे ही बिना कपड़ों के सोने लगे.
जब डेलिवरी वाला आया था, तो उस टाइम मैंने कपड़े पहन लिए थे.

मैंने फिर से उसके दूध पीने लगा.
वह मेरे सर पर हाथ फेरती हुई हंस रही थी कि कैसे छोटे बच्चे के जैसे दूध पी रहा है मेरा बाबू!

फिर उसका दूध पीते पीते में नीचे खिसका और उसकी नाभि पर किस करने लगा.
नाभि से भी नीचे खिसका और फिर से उसकी चूत चाटने लगा.
उसे भी चूत चटवाने में बहुत मजा आ रहा था.

उस रात हम दोनों ने तीन बार सेक्स किया और मैंने उसको उस रात घोड़ी बना कर भी चोदा.

अगले दिन भी सारे दिन हम दोनों कमरे में ही रहे और पूरा दिन नंगे ही रहे.

अब हम दोनों कभी भी मन होने पर सेक्स का मजा ले लेते हैं.

तो दोस्तो, आपको मेरी ऑफिस सेक्स कुलीग कहानी कैसी लगी. प्लीज जरूर बताएं.
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