गर्लफ्रेंड के साथ बिना शादी के सुहागरात

इंडियन टीनएज वर्जिन सेक्स का मजा मुझे मेरी गर्लफ्रेंड ने दिया. हमारी सेटिंग के बाद से मैं उसे चोदना चाहता था लेकिन वह शादी के वादे पर अड़ी थी। फिर कैसे मैंने उसकी चूत मारी?

नमस्कार दोस्तो!
मेरा नाम वेद मिश्रा है, मेरी उम्र 26 साल है।

यह मेरी पहली कहानी है इसलिए अगर कोई ‌‌त्रुटि हो तो मुझे माफ कीजिएगा।

यह इंडियन टीनएज वर्जिन सेक्स की घटना आज से दो साल पहले की है जब मैंने ग्वालियर में एक कॉलेज में एडमिशन लिया था।

नये-नये शहर में मेरा बिल्कुल मन नहीं लगता था।
लेकिन कुछ दिनों के अंदर मेरी दोस्ती एक लड़के से हो गई जिसका नाम था समीर।

वह बहुत ही अश्लील बातें करता था।
वो लड़कियों को देखते ही बोलता था- उस माल को देख उसका फिगर 35 से कम नहीं है। हाय क्या मस्त चूत जा रही है! साली चोदने को मिल जाए तो मजा आ जाए।

उसकी ऐसी बातों से मेरे अंदर की वासना भी और ज्यादा भड़क उठती थी।
समीर बहुत खुले विचारों का था।

ऐसे ही वो मुझे अपनी गर्लफ्रेंड की बात बताता था जो कि झांसी में रहती थी।

समीर हर 8-10 दिन में अपनी गर्लफ्रेंड की चुदाई करने झांसी जाता था।
वह अपनी गर्लफ्रेंड की चुदाई की कहानी भी मुझे बताता था कि कैसे उसने उसकी चूत में लंड डाला, कैसे पटक कर चोदा, कैसे उसकी गांड चुदाई की।

उसके साथ रहते हुए धीरे-धीरे मेरा भी मन कॉलेज में लगने लगा और साथ ही साथ माल पटाने में भी।
मैं भी अब लड़कियों को पटाने के चक्कर में रहता था।

समीर की एक दोस्त थी निष्ठा!
मेरी भी धीरे-धीरे उसके साथ दोस्ती हो गई।

लेकिन वह समीर की दोस्त थी तो मैं उसके बारे में कुछ गलत नहीं सोच रहा था।

शुरू-शुरू में मैं भी उसे बस दोस्त ही मानता था।
हम सब साथ में लंच करते थे, पढ़ाई की बातें करते थे, मस्ती-मजाक करते थे।

एक दिन उसका जन्मदिन था।
उस दिन वो बिल्कुल टाइट जींस टॉप में आई थी।
उसका फिगर इतना मस्त लग रहा था कि कोई भी लड़का उसे देखकर गर्म हो जाए और उसे चोदने के लिए मचल उठे।

सेक्सी फिगर देख उस दिन पहली बार मुझे भी निष्ठा की तरफ सेक्स वाला आकर्षण महसूस हुआ।
पूरे दिन हमने पार्टी की।
दिन भर मेरी नज़र केवल निष्ठा पर रही।

घर जाते ही मैंने निष्ठी के सेक्सी फिगर को दिमाग में सोचते हुए मुठ मारी।
मैंने कल्पना की कि कैसे मैंने उसका टॉप उतारा, उसकी ब्रा उतारी, उसके बूब्ज़ पर केक लगाकर चाटा, उसकी चूचियां पीं, उसकी चूत में केक लगी उंगली से सहलाया और फिर उस उंगली को चाटा।

ये सब सोचते हुए मैंने अपना लन्ड हिलाकर शांत किया।

अगले दिन मैंने ये बात समीर को बताई।
यह बात जानने के बाद कि मैं निष्ठा को पसंद करता हूं, वह मुझे और निष्ठा को मिलाने की कोशिश करने लगा।
कई बार वह हम दोनों को अकेले छोड़कर चला जाता था।
हम भी उसके बिना ही अपनी बातों में मशगूल होने लगे।

धीरे-धीरे निष्ठा भी मुझसे प्यार करने लगी और मैं भी!
लेकिन मैं उसे साफ-साफ बता चुका था कि मैं उससे शादी नहीं कर पाऊंगा क्योंकि मेरे घर वाले लव मैरिज के लिए कभी नहीं मान सकते थे, और ये बात मैं अच्छी तरह से जानता था।

इसलिए मैं कभी निष्ठा को सेक्स के लिए भी नहीं मना पाया।
धीरे-धीरे प्यार में एक साल बीत गया और कॉलेज खत्म होने में बस 10 दिन बचे थे।

जब जाने के दिन आने लगे तो हम कॉलेज के पीछे वाली कैंटीन में एक दिन मिले।

वहां पर वो मुझसे लिपट कर रो रही थी।
उस वक्त वहां पर कोई नहीं था।

काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे से लिपटे रहे।

उसके बदन से सटे होने के कारण उसकी चूचियां मुझे अपनी छाती पर महसूस हो रही थीं।
मैंने उसे बांहों में और ज्यादा कस कर जकड़ लिया।

लंड उसकी जींस के अंदर चूत वाली जगह पर सटा था।
मन कर रहा था कि उसकी चूत में यहीं पर लंड दे दूं।

फिर मैंने उसके चेहरे को देखा।
मैंने उसके आंसू पौंछे, फिर धीरे से मैंने उसके गुलाबी होंठों पर हाथ फेरा।
फिर उसकी आंखों में देखते हुए अपने होंठों को उसके होंठों से चिपका दिया।

मैंने उसके होंठों को अच्छे से चूसना शुरू किया।
पहली बार किसी लड़की को किस करने से मेरा लन्ड पूरा तन चुका था।
धीरे-धीरे हम एक दूसरे में खोते चले गए।

उसके होंठों का मीठा रस मुझे कामुक कर रहा था।

अचानक से उसने मुझे हटा दिया और बोली- वेद रुको, ये सब ठीक नहीं है!
मैं उसे समझाने लगा- आजकल तो ये सब आम बात है। सब लोग किस करते हैं। इसमें क्या गलत है?

वह बोली- अगर हम दोनों शादी कर पाते तो कितना अच्छा होता, मैं भी तुम्हें खुद को सौंप देती।
मैं बोला- सब तुम्हारे हाथ में है। प्यार तो मैं तुमसे बहुत करता हूं, ये तुम भी जानती हो, तो फिर सुहागरात मनाने में क्या दिक्कत है?

वह बोली- नहीं, ऐसे बिना शादी नहीं मना सकते सुहागरात!
मैं बोला- देख लो निष्ठा, कुछ दिन की बात और है, जब तक साथ हैं एक दूसरे के साथ जी भर कर जी लेते हैं, फिर तो ना तुम मिलोगी और ना मैं। ये समय फिर नहीं आने वाला है।

वह काफी देर तक सोच में पड़ गई।
फिर उसने कहा- ठीक है, लेकिन कुछ हो गया तो?
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा, तुम चिंता मत करो, हम सबकुछ सावधानी से करेंगे।

उसके हां करने के बाद मेरी खुशी का ठिकाना न रहा।
हमने तय किया कि कॉलेज के आखिरी दिन हम अपनी सुहागरात मनाएंगे।

मुझसे बिल्कुल नहीं रहा जा रहा था और शायद उसका भी यही हाल था।

इसलिए मैंने उसे एक रात पहले तैयार रहने को बोल दिया।
मैंने भी खुद को तैयार किया।
लंड के बाल काटे, बगल के बाल काटे।

एक रात पहले अल्ट्रा थिन कंडोम लेकर रख लिया।

फिर तय दिन मैं उसके रूम पर पहुंचा।

उसे उस रूप में देखकर मेरे अंदर करंट दौड़ गया।

वह लाल साड़ी में थी, पूरी सजी हुई … जैसे सचमुच की दुल्हन हो!

होंठों पर लाल रसीली लिपस्टिक, खुले काले बाल, नंगी पतली कमर, ब्लाउज में कसी टाइट चूचियां।
बिल्कुल पटाखा माल लग रही थी।

मेरा लौड़ा मानो जींस फाड़ कर बाहर आना चाहता था।

मैंने तुरंत कमरा बंद करके उसे ‘आई लव यू मेरी जान’ बोला और उसके होंठ चूसने लगा।

क्या रसीले होंठ थे … वह भी लिपट कर मेरा साथ देने लगी।

उसके जिस्म की गर्मी और गोरा रंग मुझे पागल कर रहा था।
फिर मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और उसकी साड़ी उसकी चूचियों पर से हटा दी।
मैं ब्लाउज के ऊपर से चूचियों को चूसने लगा।

वह भी गर्म हो गई थी और ‘आआ … आहा हआ आह हहह’ की आवाजें कर रही थी।
फिर मैंने उसकी पूरी साड़ी और ब्लाऊज़ खोल दिया और चूचियों को दबाने लगा।

मैं उसके पूरे बदन को चूमने लगा।
नीचे उसने काले रंग की ब्रा और नीले रंग की पैंटी पहनी थी।

मैं उसकी ब्रा को चूमने लगा, चूचियों को भींचने लगा।
वह मदहोश होने लगी।

मैंने पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को सहलाया।

अब उसने मुझे नीचे कर दिया और मेरी शर्ट उतार कर चूमने लगी।

मैंने उसे पैंट उतारने को कहा।
फिर उसका हाथ पकड़ कर अंडरवियर के ऊपर से ही लंड पर रखवा दिया।

वह लंड को सहलाने लगी तो मैं पागल सा हो उठा।

मैंने उसका हाथ पकड़ कर लंड पर दबा दिया और रगड़वाने लगा।

उसके कोमल हाथ मेरे लंड में अलग ही जोश भर रहे थे।

जोश में आकर मैंने उसकी ब्रा खोली और चूचियों को नंगी कर दूध पीने लगा।

उसके निप्पल एकदम से सख्त हो गए।

मैं निप्पलों को चबाते हुए चूचियों को चूस रहा था।
उसकी नंगी कमर को सहलाते हुए दूध पीने का आनंद ही कुछ और था।

फिर अगले ही पल उसकी चूचियां मेरे दोनों हाथों में थीं।
उसके होंठ मेरे होंठों का रस चूस रहे थे।

मेरा लौड़ा पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को रगड़ रहा था।
फिर मैं अपना अंडरवियर खोल कर लन्ड मुंह में देने की कोशिश करने लगा।
लेकिन वो लंड मुंह में लेने में आनाकानी कर रही थी।

मैं जिद करने लगा तो उसे हार मानकर लंड मुंह में लेना ही पड़ा।

लंड मुंह में जाते ही मैं तो स्वर्ग की सैर करने लगा।
मेरा 7.5 इंच का लौड़ा उसके मुंह की ठुकाई करने लगा।

2 मिनट तक चुसवाने के बाद मेरा लन्ड चूत मांग रहा‌ था।
मैंने उसकी पैंटी उतारी।
आह … क्या टाइट और गुलाबी चूत थी।

गर्लफ्रेंड की चूत में मैंने तुरंत अपनी एक उंगली घुसा दी और धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा।
वह उचक रही थी।
चूत काफी टाइट थी और बिल्कुल कुंवारी लग रही थी।

मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया।
आह … क्या रसीला माल था उसकी चूत में!

अब मुझसे बिल्कुल रहा नहीं गया और मैंने कंडोम लगाकर लन्ड चूत पर रख दिया।
फिर मैंने जोर का झटका मारा तो वह चिल्ला उठी- आईई आआह आआ मर गई! नहीं जानू … निकालो बाहर प्लीज … निकालो इसे!

अनमैरिड लड़की को चुदाई में दर्द हो रहा था लेकिन मैं अब निकाल नहीं सकता था।
मेरे लिए यह मुमकिन नहीं था।

मैंने एक और झटका मारा तो वह और जोर से चीखी।
लेकिन मैं रुका नहीं और झटकों पर झटके देने लगा।

उसकी चूत से खून आने लगा।
बिना परवाह किए मैंने लंड घुसाना जारी रखा।
पूरा घुसाकर मैं उसके ऊपर लेट गया और उसके होंठों को चूमने लगा।

कुछ देर में वह शांत सी होने लगी।
वह मेरा साथ देने लगी और होंठों को चूसने लगी।

फिर मैंने उसकी चूत में लंड चलाना शुरू किया।
जल्द ही उसकी चूत में मेरा लंड पूरा अंदर बाहर हाने लगा।

गर्लफ्रेंड की चुदाई अब अच्छी तरह शुरू हो चुकी थी।
वह भी मजे लेने लगी थी।

कुछ देर चोदने के बाद मैंने उसे उठा लिया और घोड़ी बना दिया।

उसकी टाइट चूत को मैं ऊपर चढ़कर चोदने लगा।
लेकिन उसकी चूत की गर्मी और जकड़ के आगे ज्यादा देर टिक नहीं पाया।
मेरे लंड ने वीर्य छोड़ दिया और कंडोम को भर दिया।

मैं शांत होकर एक तरफ लेट गया।
वह भी मुझसे आ चिपकी।

हम दोनों एक दूसरे के बदन को सहलाते रहे।

दस-पंद्रह मिनट के बाद ही मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया।

मैंने दोबारा से नया कंडोम पहना और उसकी चूत में लंड घुसा दिया।

अबकी बार पहली ही दफा में लंड चूत में समा गया।
लग रहा था कि चूत जैसे थोड़ी खुल गई है।

मैं जोर जोर से धक्के देने लगा और उसे दर्द होने लगा।
फिर वह मस्त होकर चुदने लगी।

आधे घंटे तक यह दूसरा राउंड चला।
इस बीच वो कई बार झड़ी।

फिर मेरा भी निकल गया।
मैंने लंड निकाल कर उसकी चूत का सारा रस पीया।

उसकी चूचियों को मैं कई मिनट तक दबाता और पीता रहा।
हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसते रहे।

फिर हम बातें करने लगे।

वह मुझसे बोली- मैं बस तुम्हारी रहना चाहती हूं, तुम चाहो तो गांव में शादी कर लो। और मुझे यहां रखैल बना कर रख लेना!
मैं भी उससे प्यार करता था और उसे खुश देखना चाहता था लेकिन उससे शादी नहीं कर सकता था।

उसके बाद अगली 3 रातों तक उसके साथ सुहागरात मनाई।
हम दोनों ने इंडियन टीनएज वर्जिन सेक्स का मजा लिया.
फिर मैं झांसी चला आया।

कुछ दिनों तक हमारी बातचीत हुई।

उसके एक साल बाद उसकी शादी हो गई।
आज तीन साल बीत चुके हैं। अब वो मेरे बच्चे की मां बनने वाली है।

आप सोच रहे होंगे कि वो मेरे बच्चे की मां कैसे बनने वाली है?
तो मैं आपको यह किस्सा अगली कहानी में आगे बताऊंगा।

आपको मेरी गर्लफ्रेंड की पहली चुदाई की यह कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर बताना।
मुझे आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा।

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