जवान भानजे और विधवा मामी का सेक्स

हॉट मामी चुदाई स्टोरी में मेरी विधवा मामी अकेली गाँव में रहती थी. मैं मामी की चुदाई करना चाहता था. सपने में मैं कई बार मामी को चोद चुका था. वास्तव में मैंने मामी को कैसे चोदा?

फ्रेंड्स, मेरा नाम अल्बर्ट है. मेरी उम्र 20 साल है.
मेरी मामी का नाम शैरी है. उनकी उम्र करीब 38 साल है.
मैं सर्दी की छुट्टियों में अपने मामा के घर गया था.

उन दिनों मेरी विधवा मामी भी अपने घर में अकेली थीं.
मेरे मामा की डेथ हुए 5 साल हो गए थे.

मेरे मामी को एक बेटी है, वह हॉस्टल में रह कर पढ़ती है. मामी के पास खूब जायदाद है, वे अपने खेतों को खुद ही मजदूरों से जुतवाती हैं और अपने जीवन को खुशहाल बनाने का प्रयास करती हैं.

मुझे अपनी मामी को चोदने का मन मेरे स्कूल टाइम से ही था.
यह हॉट मामी चुदाई स्टोरी इसी मामी की है.

हालांकि मेरी मामी इतनी गोरी नहीं हैं और हॉट भी नहीं दिखती हैं.
वे बहुत सिंपल तरीके से रहती हैं.

अपने स्कूल टाइम में मुझे सेक्स के बारे में कुछ ज्यादा नहीं पता था, पर उस समय मैं मामी को याद करके अपना लंड हिला लेता था.

अब मैं एक गबरू नौजवान हो गया हूँ और मुझे देख कर लड़कियां मुझ पर फिदा हो जाती हैं.
यह मैं अपनी बढ़ाई नहीं कर रहा हूँ, ऐसा वास्तविक रूप से है.

जब मैं मामा के घर में था, तो रात को मैं मामी के साथ खाना आदि खा कर सोने की तैयारी कर रहा था.

मैं अपने कमरे में लेटा था और मामी की जवानी को छकने को लेकर सोच रहा था.
यही सब सोचते हुए कब मेरी आंख लग गई, कुछ अहसास ही न हुआ.

गहरी नींद में मैंने सपना देखा कि मैं बाथरूम के दरवाजे को धक्का देकर अन्दर घुस गया था.
सामने मेरी मामी बाथरूम में नंगी नहा रही थीं.

मैंने उत्तेजना में आकर मामी को पकड़ लिया और उनको घोड़ी बना कर चोदने लगा.
मामी भी मजे से लंड लेने लगी थीं.

उसी वक्त मेरा नाइट फाल हो गया और मेरी आंख खुल गई.

मेरे लंड से पानी निकल गया था तो मैंने अपने अन्दर हल्कापन महसूस किया और कुछ देर बाद मैं शांति से सो गया.

दोस्तो, इतने से आप समझ ही गए होंगे कि मेरी मामी से मुझे बहुत लगाव है.

दूसरे दिन रात को हम सोने जा रहे थे.
तभी मैंने जैसे तैसे मामी से कहा कि मुझे आपके साथ सेक्स करना है!

वे यह सुनकर घबरा गईं.
शायद उनको यकीन था कि मैं वैसा लड़का नहीं हूँ.

मामी कुछ समय बाद सयंत हुईं और मुस्कुराती हुई राज़ी हो गईं.
अब चौंकने की बारी मेरी थी कि जिस मामी को मैं साधारण तरीके से सुसंयत महिला समझता था, उनके अन्दर भी वासना का ज्वर उफनता है.

खैर … किसी का लिखा हुआ वह वाक्य मुझे याद आ गया कि तन की भूख सभी को रहती है, बस जागने या जगाने भर की देर होती है.

मेरी मामी को शायद किसी ने इस तरह से प्रपोज किया ही नहीं होगा, या हो सकता है कि वे अपनी सेक्स की जरूरत के लिए किसी मर्द का सहारा लेती हों.

मैंने कहने को मामी से सेक्स के लिए कह दिया था और उन्होंने हामी भी भर दी थी.
पर मैं अनुभवहीन युवा था.

हां दोस्तो, मैं एकदम सही कह रहा हूँ कि ये मेरा फर्स्ट टाइम था, जब मैं किसी महिला के साथ सेक्स करने जा रहा था.

मामी ने मुझसे शारीरिक संबंध बनाने से पहले एक शर्त रखी कि ऐसे सेक्स करना पाप है. मैं तो विधवा हूँ, तुम मेरी माँग भर कर पहले मेरे पति बन जाओ … फिर जो भी करना चाहते हो, कर सकते हो.
उनका कहना सही था क्योंकि इसके बाद में उनका पति बन जाता और वे मेरी पत्नी.

मैं भी राज़ी हो गया और मैंने मामी की माँग भर दी.
अब हम दोनों ने सुहागरात की तैयारी की.

हम दोनों ने जमीन पर बिस्तर बिछाया.

जैसा कि मैं आपको बता चुका हूँ कि वह सर्दी का मौसम था. इसलिए ठंड के कारण मेरा मन नीचे लेटने का नहीं था.
पर मामी को पाने की कामना ने सब कुछ सहन करने की क्षमता दे दी थी.

मामी एक नाइटी में थीं और बिस्तर पर सारा कुछ सज जाने बाद उन्होंने मेरे सामने अपनी नाइटी को ऊपर उठाया और अपनी पैंटी को उतारना शुरू कर दिया.
उस वक्त मेरी धड़कन बहुत जोर से धड़क रही थीं क्योंकि पहली बार मैं किसी औरत को अपने सामने अपनी पैंटी उतारता हुआ देख रहा था.

मामी ने आंख से इशारा किया और अपने दूध दबा कर मुझे उत्तेजित किया.
अब मैंने भी अपनी पैंट को उतार दिया.

मामी ने अपनी नाइटी नहीं खोली थी; उन्होंने बस अपनी नाइटी के नीचे हाथ डालकर अपनी पैंटी उतार कर मेरी तरफ उछाल दी थी.

अपनी चूत नंगी करने के बाद मामी कुतिया बन गईं.
मैं उनकी जांघों में घुस गया और उनकी चूत को चाटने लगा.

मामी की गांड का इलाका काफ़ी बड़ा था और मस्त फिगर था.
मैं तो सूखा और भूखा था, मगर सामने छेद दिख रहा था तो मैंने जल्दी से अपने लंड को हाथ से सहलाया और लंड खड़ा करके उसको मामी की चूत में घुसेड़ दिया.

लंड ने अन्दर मुंडी डाली तो मानो वह झुलस गया था.
मामी की चूत के अन्दर बहुत गर्म था.

मेरा लंड अन्दर घुसा तो मामी को बहुत अच्छा लगा क्योंकि उनको आज काफी दिनों बाद एक जवान लंड मिल गया था.

मैंने धीरे उनकी कमर को पकड़ कर चूत में झटका देना शुरू कर दिया.
सच में मामी की चूत को चोदने में मुझे बहुत मजा आ रहा था.

मैंने अपने हाथ आगे बढ़ाए और मामी के बड़े बड़े दूध पकड़ कर मसलना चालू कर दिया.
इससे उन्हें बड़ा अच्छा लग रहा था और वे दबी हुई आवाज में सीत्कार कर रही थीं.

लगभग बीस मिनट की धकापेल चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए.
मैंने अपने सारा माल उनकी चूत में डाल दिया.

इसके बाद मैंने अपना लंड निकाला और बिस्तर पर चित लेट गया.
मामी मेरे ऊपर आ गईं और अपना पत्नी धर्म निभाती हुई अपने मुँह में मेरे लंड को लेकर चूसने लगीं.

मुझे अपना लंड चुसवाने में बेहद आनन्द आ रहा था तो मैं एक हाथ से उनके बालों को सहलाने लगा और दूसरे हाथ से उनके एक दूध को मसलने लगा.
कुछ समय बाद हम दोनों पुनः गर्म हो गए और सेक्स करने लगे.

इस बार मामी मेरे लौड़े के ऊपर बैठ गईं और अपनी चूत को मेरे लंड में सैट करके चुदने लगीं.
वे लंड अन्दर लेते ही जोर जोर से ‘आह आह …’ करने लगीं.

यही आवाज सुनने के लिए मैं बेचैन था.

मैं अपनी मामी की गांड को सहलाता रहा और उनके चूतड़ पर तमचा भी मारता रहा.

मामी कुछ ज्यादा गर्म हो गई थीं तो उन्होंने अपनी नाइटी उतार दी और पूरी तरह से नंगी हो गईं.
मैं भी उनके चूचों को पूरे जोश से पीने लगा.

उस रात मैं अलग अलग पोजीशनों में मामी को चोदता रहा.
मामी भी मुझे पूरा सहयोग कर रही थीं.

करीब दो घंटा तक हम दोनों ने लगातार तीन बार चुदाई की.
अब हम दोनों काफी बार झड़ कर थक गए थे और मेरी तो समझो जान ही निकल गई थी.
मेरा लंड भी गन्ना के जैसे चूस लिया गया था.

आखिर में मामी ने मेरा लंड चूसा और मैंने उनको होंठों पर किस किया.
उसके बाद हम दोनों नंगे ही सो गए.

दूसरे दिन मामी मुझसे पहले उठ कर फ्रेश हो चुकी थीं.
अब हम पति पत्नी जैसे एक दूसरे से व्यवहार कर रहे थे.

उस दिन के बाद से हम दोनों दिन में भी चुदाई करने लगे थे.

चुदाई की खुशी मिल जाने के बाद हम दोनों को न ज़ाने क्या हुआ था कि जब हम खेत की तरफ जाते, तब भी बड़ी बड़ी झाड़ियों की आड़ में खड़े खड़े ही सेक्स करने लगते.
मैं मामी को घोड़ी बना कर चोद देता था.
शाम को एकांत पाकर तालाब में नहाते समय पानी के अन्दर ही चुदाई करने लगते.

मैंने मामी के लिए गर्भ न ठहरने वाली दवाई लाकर दे दी थीं.
एक हफ्ता चुदाई के बाद मेरी मामी को किसी काम से अपने सहेलियों के साथ जाना था.

उस दिन मेरी मामी पूरी तैयार होकर निकली थीं, तब वे बड़ी हॉट लग रही थीं.
मैंने उसी क्षण मामी को पकड़ लिया और उन्हें कमरे में ले आया.

वे हंसने लगीं और मुझसे छूटने की कोशिश करने लगीं.
मैंने उन्हें आईने के सामने लिया और उनको किस करने लगा.
उनको मैंने अपने आगे किया और पीछे से उनकी साड़ी उठा कर चड्डी को नीचे खिसका दिया.

अब मामी को भी वासना ने उत्तेजित करना शुरू कर दिया था.
उन्होंने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत में सैट कर लिया और मैं उनको खड़ी अवस्था में ही चोदने लगा.

कुछ ही देर में वे ‘बस बस’ करने लगी थीं.
लेकिन मैंने उनके ब्लाउज को खोल दिया और उनकी चूचियों के निप्पलों को अपने दोनों हाथों से उमेठने लगा.

नीचे मेरा कड़क लंड मामी की चूत रगड़ रहा था और ऊपर उनकी चूचियां मेरे हाथों से मसली जा रही थीं.

कुछ ही देर में मेरी मामी अपना पत्नी धर्म निभाने लगीं और मेरा पूरा साथ देती हुई मुझसे चुदवाने लगीं.

इतने में उनकी सहेली यानि मेरी पड़ोसन मामी आईं और उन्होंने हम दोनों को सेक्स करते हुए देख लिया.

लेकिन कुछ रिएक्ट ना करती हुई वे मुझसे बोलीं- अपनी बीवी को काम करके वापस तो आ जाने दो, फिर चोद लेना.
मैं अचानक से उनकी आवाज सुनकर चौंक गया, पर मैंने मामी को चोदना नहीं छोड़ा.

मैंने मामी की चूचियों को पड़ोसन मामी के सामने मींजते हुए कहा कि बस हो गया, एक मिनट में ही मैं झड़ने वाला हूँ.
इसके बाद मेरी मामी ने मुझसे कहा कि वह भी अपने देवर से चुदवाती है, इसलिए कुछ नहीं बोली.

इसके बाद मेरी मामी अपने कपड़े सही करके चली गईं.

उसी दिन मेरी मामा की बेटी घर आ गई.
लेकिन उसके आने के बाद भी मैंने हॉट मामी चुदाई बंद नहीं की.

हम दोनों छिप कर किचन में या अन्य किसी जगह में चुदाई करने लगे.

एक दिन उनके बेटी बाहर खेलने गई थी.
हम दोनों मौका चाहिए था तो उसके जाते ही हम दोनों चुदाई में लग गए.

इस तरह से जब भी हम दोनों को समय मिलता, हम दोनों चुदाई करते.

एक दिन मैं और मेरी मामी सेक्स कर रहे थे.
मैं सोफा पर पूरा नंगा बैठा हुआ था जबकि मेरी मामी पेटीकोट और ब्लाउज में थीं.

मेरी मामी ने अपनी चड्डी को जरा सा सरकाया और वे मेरे लंड के ऊपर बैठ गईं.

यह वाली चुदाई सबसे यादगार चुदाई थी. इस सेक्स पोजीशन में मेरी मामी बैठ कर चुदवा रही थीं.

तभी उनकी पड़ोस वाली सहेली आ गईं और हमारी चुदाई देख कर हंसने लगीं.

लेकिन उनको तो सब पता था इसलिए वे कुछ नहीं बोलीं.
उन्हें कुछ सामान चाहिए था तो वे खुद किचन में जाकर सामान लेकर बाहर आ गईं.

जाते वक्त उन्होंने मेरी मामी से कहा- तुम्हारे पति से मुझे भी चुदना है!

मामी ने मेरी तरफ देखा और मैंने हां बोल दिया.
तभी मामी मेरे लंड से उठ कर दूसरे कमरे में चली गईं.

मैंने अपनी मामी की सहेली को भी मामी की तरह लंड पर बिठा कर चोदना चालू कर दिया.

पड़ोसन मामी ने कहा- तुम अपनी मामी की रोजाना चुदाई करते करते ऊब गए होगे, इसलिए अपने लंड को दूसरी चूत का स्वाद देने के लिए मुझे भी चोद दिया करो!

मैंने कहा- मैं एक पति के होने के नाते अपनी बीवी को धोखा नहीं दे सकता. जब तक मेरी बीवी न चाहे, मैं अपने लौड़े को किसी दूसरी चूत में नहीं जाने दे सकता.

इतने में मेरे लंड का सारा माल पड़ोसन मामी की चूत में गिर गया.
वे मेरे लंड के माल से बेहद खुश हुईं.

फिर उन्होंने मेरी मामी को आवाज दी और कहा- लो बहन, अपने पति का औजार चूस कर साफ कर दो.

हम तीनों ही उनकी बात पर हंसने लगे.
ऐसे ही एक दिन हम दोनों व मामी की बेटी घूमने गए थे.

उस वक्त हम सब एक होटल के कमरे में थे.
उनकी बेटी सो गई थी और हम दोनों चुदाई करने के लिए कार में आ गए.

वहां मामी ने अपनी साड़ी उठाई और ब्लाउज के बटन खोल कर मुझे दूध पिलाने लगीं और मेरे लंड के ऊपर बैठ गईं.
वहां मुझे उनकी लेने में थोड़ा दर्द हुआ था.
वे बहुत जोर जोर से उछल रही थीं, तो मुझे ऐसा लगने लगा था मानो मेरा लंड टूट गया हो.

मैंने उनको लौड़े से हटाया और मेरी पत्नी यानि मेरी मामी ने मेरे लंड को खूब चूसा.
ऐसे में जब मैं झड़ गया तो उन्होंने मेरा सारा माल पी लिया.

हम दोनों रात भर वहीं कार में रोमांस करते रहे.
इस तरह से मैंने अपनी मामी को पत्नी बना कर खूब चोदा और अभी भी चोद रहा हूँ.

दोस्तो, आपको मेरी इस सच्ची हॉट मामी चुदाई स्टोरी पर क्या कहना है, प्लीज जरूर लिखें.
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