गरम देसी गर्ल की चुदाई का मजा मैंने अपनी क्लासमेट की कुंवारी चूत चोद कर लिया. हम शहर में अगल बगल वाले कमरे में किराये पर रह कर कोचिंग ले रहे थे.
दोस्तो, इस सेक्स कहानी को पढ़ने से पहले
इसका पहला पार्ट
सेक्सी क्लासमेट की वासना जगाई
को जरूर पढ़िए.
तभी आपको कहानी के इस भाग को पढ़ने में ज्यादा मजा आएगा.
मेरा नाम मोहित है और मैं पटना का रहने वाला हूं. मेरी उम्र 25 साल है और हाइट 5 फिट 8 इंच है और रंग गोरा है. मेरे लंड का साइज 8 इंच है और मेरी गर्लफ्रेंड का नाम पुष्पांजलि है, जिसे मैं प्यार से पुष्पा कहता हूं.
ये सेक्स कहानी मेरी स्कूल फ्रेंड पुष्पा और मेरे बीच हुए सेक्स की है.
इस बार आप पढ़ेंगे कि कैसे मैंने उसकी चूत का उद्घाटन किया और वह मेरे लंड की दीवानी हो गई.
अपने साथ में उसने अपनी सहेलियों को भी मेरे लंड की दीवानी बना दिया.
अपनी इस सेक्स कहानी के पिछले भाग में मैं आपको बताया था कि कामोत्तेजक दवा को पीस कर बर्गर में डालकर पुष्पांजलि को खिलाने के बाद उस दवा का असर दिखना शुरू हो गया था और मेरी गर्लफ्रेंड की चूत गीली हो गई थी. उसको कामातुर देखने के बाद मेरा लंड भी खड़ा हो गया था.
तब पुष्पा मेरा खड़ा लंड देख कर बोली थी कि अंडरवियर पहन कर आओ या अपने कमरे में वापस चले जाओ. तो मैंने भी उसे उसकी चूत के रस से भीगी हुए हाफ पैंट में से उसकी चूत का उभार साफ साफ दिख रहा था, जिसे देख कर मैंने उससे बोला था कि तुम भी पैंटी पहना करो. क्योंकि वह भी हॉट पैंट के अन्दर पैंटी नहीं पहनी हुई थी.
अब आगे गरम देसी गर्ल की चुदाई:
फिर जब वह शर्माकर जाने लगी, तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और बेड पर लिटा दिया.
वह बोली- क्या कर रहे हो?
मैंने पूछा कि तुम्हारा पैंट क्यों गीला है. तुमने सेक्स का बात की है न इसलिए तुम्हारा सामान गीला हो गया है.
वह वासना से मेरे लौड़े को देखती हुई बोली- उसे सामान नहीं, चूत कहते हैं.
मैं उसके मुँह से चुत शब्द सुनकर उसकी आंखों में वासना से देखने लगा था.
पुष्पा- मोहित तुम इतना फ्लर्ट करते हो मुझे लेकिन मेरे सामने चूत को सामान क्यों बोलते हो?
मैं हैरान हो गया क्योंकि उसने मेरे साथ कभी भी ऐसे शब्दों में बात नहीं की थी.
उसके मुँह से चूत शब्द सुनकर मेरा हौसला और बढ़ गया.
मैं बोला- ये चूत कैसी होती है, मुझे दिखाओ ना प्लीज … और ये भी बताओ कि चूत में से पानी क्यों निकलता है!
पुष्पा- अब तुम बच्चों जैसी बात मत करो. जैसे तुम्हें पता ही नहीं है कि वह सब क्यों होता है!
मैं- मुझे तो इतना पता है कि जब लड़की मन में चुदाई करने की बात या लड़की को बहुत ज्यादा चुदाई करने का मन करता है तो चूत से पानी निकलता है.
पुष्पा- हां इसी कारण से चूत गीली हो जाती है.
मैं- चुदवाने का मन है तो मैं हूं ही, देरी क्यों कर रही हो?
पुष्पा- मैं तुम्हें पहले ही बता चुकी हूं कि मैं उसी के साथ चुदवाऊंगी, जो हमेशा चोदेगा और वही मुझसे शादी भी करेगा. वह इसका कोई ठोस प्रमाण देगा, तभी मैं उसके साथ सेक्स करूंगी.
मैं ये सुनते ही उसके ऊपर चढ़ गया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
वह समझ पाती कि मैं उसे अपनी बांहों में लेकर उसकी गर्दन, गाल, होंठ को चूमने लगा.
उसने जरा सा भी विरोध नहीं किया.
इससे मेरा मनोबल बढ़ गया और उसकी तड़प बढ़ गई क्योंकि वह दो गोलियां खा चुकी थी और उसकी चुत लंड के लिए भभक रही थी.
पुष्पांजलि की सांसें तेज और गर्म दोनों हो गई थीं. अब वह भी मुझे लेटी लेटी कसके सीने से लगा कर किस करने लगी. उसने अपना हाथ को नीचे करके मेरे लंड को पकड़ा और जल्दी से अचानक अपनी पैंट नीचे कर दी.
मैंने उसकी चुत का गर्म स्पर्श महसूस किया तो उठ कर आधा बैठ गया और अपने लंड को उसके सामने मुठियाने लगा.
जब उसने मेरे 8 इंच लंबे और 3 इंच मोटे लंड को देखा तो वह मुझे धक्का देकर मुझसे अलग हो गई.
वह लंड को घूरती हुई बोली- तुम्हारा लंड इतना मोटा और लंबा है! मैं इतना मोटा नहीं ले पाऊंगी. इसलिए अब चले जाओ क्योंकि तुमको देख कर मेरी चूत की आग भड़क रही है.
इतना सुनने के बाद तो मैं परम जोश में आ गया, जैसे मेरे अन्दर हैवान जाग गया हो.
फिर भी मैंने उसे कंट्रोल किया और बोला कि तुम्हारी कसम मैं तुम्हारी मर्जी के बिना चूत में लंड नहीं डालूंगा … और बिना लंड डाले तुम्हारी चूत की आग को ठंडा भी कर दूंगा.
पुष्पा- लेकिन अगर तुम जबरदस्ती अन्दर लंड डाला तो मैं हल्ला कर दूंगी.
मैं- मंजूर है.
क्योंकि अगर वह हल्ला भी करती तो मेरे फ्लोर पर दो ही कमरे थे. हम दोनों की आवाज को सुनने वाला कोई तीसरा था ही नहीं.
अब मैंने अपने पूरे कपड़े खोल दिए और उसके सामने आदमजात अवस्था में आ गया.
हालांकि वह अभी ऊपर के कपड़े पहनी हुई थी, सिर्फ नीचे से नंगी हुई थी.
पुष्पा- बोलो … क्या करोगे और कैसे करोगे? बिना चूत में लंड डाले जो करना है करो, मुझे चूत में कुछ लेने का मन कर रहा है … सिवाय तुम्हारे मोटे लंड के!
पुष्पा अभी अभी 19 साल की ही हुई थी इसलिए मेरे मोटे लंड से डर रही थी.
मेरा लंबा और मोटा लंड होने की वजह है होम्योपैथी की दवाई.
मैं पुष्पा को फिर से बेड पर लिटा कर किस करने लगा और उसका टॉप खोल दिया.
मैं उसकी गुलाबी ब्रा देखकर पगला गया और ब्रा के ऊपर से ही दांत से दूध काटने लगा.
फिर मैंने उसकी ब्रा को भी खोल दिया.
उसके दोनों दूध उछल कर बाहर आ गए.
उसके बड़े मम्मों पर कड़क गुलाबी निप्पल देख कर मैं उसके मम्मों पर टूट पड़ा.
मैंने उसके एक निप्पल को जैसे ही अपने मुँह में लेकर चूसना स्टार्ट किया, वह मादक आवाजें निकालने लगी.
उधर मैंने दूसरे निप्पल को हाथ की दो उंगलियों में लेकर मींजने लगा.
पुष्पांजलि बोली- आह मोहित, अब बर्दाश्त नहीं होता है … तुम चोद दो मुझे, फाड़ दो मेरी चूत को!
ये बोलते हुए उसने खुद अपने हाथ से अपनी खुली हुई हॉट पैंट को पूरी नीचे खिसका दिया और वह खुद अपने हाथ से अपनी चुत में उंगली करने लगी.
वह इतना उत्तेजित इसलिए हो गई थी क्योंकि पहली बार बिना कपड़ों के किसी लड़के की बांहों में थी और ऊपर से दो टैबलेट खा चुकी थी.
पुष्पा अपनी चूत में जोर जोर से उंगली करने लगी और मैं उसके दोनों बूब्स को दोनों हाथ में लेकर मसलने लगा.
मैंने उसे लिटा दिया और दोनों बूब्स के बीच में लंड डाल कर उसके मम्मों को चोदने लगा.
दोनों बूब्स के बीच से होते हुए मेरा लंड उसके होंठों से टकराने लगा और बिना बोले वह मेरा लंड मुँह में लेने लगी.
फिर पुष्पा मुझे अपने सीने से उतार दिया और लंड चूसने लगी.
वह खुद से अपनी चूत में उंगली कर रही थी.
अभी तक मैंने उसकी चूत को छुआ तक नहीं था.
फिर मैं बोला- पुष्पांजलि मेरे सीने पर बैठ कर लंड चूसो.
वह जैसे ही मेरे सीने पर बैठी, उसकी नाजुक कमर को पकड़ कर मैं उसे अपने मुँह के ऊपर ले आया.
अब हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए थे.
जैसे ही मैंने उसकी पूरी चूत को एक बार में ही मुँह में लिया, वह बहुत ही सेक्सी आवाज निकालने लगी.
एक बार को तो उसने लंड मुँह में से निकाल दिया और प्यासी कुतिया के जैसे सीत्कार करने लगी.
मैं धीरे धीरे जीभ अन्दर डाल कर जीभ से उसकी चूत को चोदने लगा.
पुष्पा के मुँह से निकल रहा था- आह आह मोहित … और अन्दर डालो … अब लंड डाल दो, नहीं तो मर जाऊंगी.
यह बोलती हुई ही वह झड़ गई.
मैं उसकी चुत का पूरा रस पी गया.
उसकी चुत को मैं जीभ से चाटने लगा और वह भी दवा के असर से अपनी चूत मेरे मुँह से चुसवाती रही, साथ ही मेरे लौड़े को भी चूसने में लगी रही.
थोड़ी देर बाद वह फिर से पूरे जोश में आ गई थी.
इस बार तो साली पहले से ज्यादा जोश में थी.
उनसे खुद अपनी चूत में अपनी दो उंगलियां डाल ली थीं.
वह बोली- मोहित, अब मेरी चूत का उद्घाटन कर दो प्लीज!
उसकी बात सुनकर मैंने जोश में उसके बाल पकड़े और अपना पूरा लंड उसके मुँह में कंठ तक अन्दर डाल दिया.
वह मुझे धक्का देती हुई बोली- साले चूत में डालने के लिए बोली हूं.
मैं बोला- वहीं डाल रहा हूं बस, लंड को गीला कर रहा था.
लंड गीला करवाने बाद मैं उसे नीचे लिटा कर मिसनरी पोजीशन में आ गया और पुष्पांजलि की कमर के नीचे तकिया लगा दिया ताकि आसानी से लंड अन्दर जा सके.
वह इतनी ज्यादा उत्तेजना में थी कि अभी भी उंगलियों को स्पीड से अन्दर बाहर कर रही थी.
मैं- अब उंगलियां निकालो, तभी तो लंड डालूंगा.
उसने उंगलियां बाहर निकाल लीं.
अपना लंड चुत में डालने से पहले मैंने एक बार चूत में फिर से जीभ डाल कर उसको गीला कर दिया और लंड को चूत के मुँह पर रख कर बिना कुछ कहे सीधा अन्दर पेल दिया.
अचानक से लौड़ा पेल देने से डेढ़ इंच लंड अन्दर चला गया.
चूंकि मेरे लंड का टोपा नुकीला है और टोपे के नीचे से मोटा है इसलिए टोपा आसानी से अन्दर चला गया था.
मैं सोच ही रहा था कि अब झटका मारूंगा, उससे पहले पुष्पांजलि ने खुद से मेरी कमर को पकड़ कर अपनी तरफ झटका दे दिया और चूत को भी ऊपर की तरफ उठा दी.
इधर ऊपर से मैंने भी झटका मार दिया था.
तीनों झटकों के एक साथ होने के कारण लंड सीधा 7 इंच अन्दर तक घुसता चला गया.
अब पुष्पांजलि के मुँह से इतनी जोर से चीख निकली कि निचले फ्लोर तक चली गई होगी.
झटका मारने से पहले मैं भूल गया था कि सील बंद लौंडिया को चोदते समय उसके होंठों पर होंठ रखना जरूरी होता है.
वह इतने ज्यादा जोश में थी कि इतना असहनीय दर्द भी उसने थोड़ी देर में ही सहन कर लिया.
चूंकि वह पहली बार ही लंड ले रही थी, तो दर्द होना तो लाजिमी था.
इससे पहले कभी कभी उंगली डाल लेती थी … और अभी भी मेरा लंड 7 इंच अन्दर चुत की गहराई में था, बस एक इंच बाहर रह गया था.
मैं अब 3 इंच तक लंड बाहर निकाल कर धीरे धीरे चोदने लगा. मैं धीरे धीरे चोद रहा था.
कुछ ही देर बाद पुष्पांजलि बोली- जोर से चोदो ना मेरी जान!
मैं अब भी स्लो ही चोद रहा था ताकि उसको और ज्यादा जोश चढ़े.
जब वह पूरा मजा लेने लगी, तब मुझे लगा कि यही सही मौका है.
मैंने पहले से भी ज्यादा जोरदार का झटका मारा, फिर भी पूरा लंड अन्दर नहीं गया.
फिर मैं 5 मिनट तक उसी पोजीशन में चोदता रहा.
पुष्पांजलि ‘आह आह … आह और अन्दर डालो और जोर से करो … चूत फाड़ दो मेरी’ कहती रही.
वह बहुत सेक्सी आवाजें कर रही थी- पूरा अन्दर क्यों नहीं डाल रहे हो … और जोर जोर से करो, इतनी देर से तड़फा ही रहे हो.
मैं- पोजीशन चेंज करोगी तभी लंड पूरा अन्दर जाएगा. तुम मेरे ऊपर आओ और मेरे लंड के ऊपर बैठो!
वह मेरे ऊपर आकर लंड का टोपा चूत के अन्दर ले कर बैठ गई थी और आधा लंड भी अन्दर ले लिया था.
मैंने उसकी कमर को पकड़ कर नीचे की तरफ दबाया और नीचे से जोर का ऐसा झटका मारा कि पूरा लंड अन्दर घुस गया.
वह मेरे लंड पर बैठी थी तो एकदम से मेरे सीने पर गिर गई और कराहने लगी.
‘ऊई मम्मी रे बाहर निकालो … बाहर निकालो मर गई मैं आह …’
पर मैं नहीं रुका.
वह मेरे ऊपर थी, तो मैंने उसे अपनी बांहों में जकड़ लिया था और पूरा लंड अन्दर बाहर करने लगा.
कुछ ही मिनट बाद वह फिर से झड़ गई.
अब मैं फिर से मिसनरी पोजीशन में आ गया और धक्कम पेल चोदने लगा.
वह ऐसी कामुक आवाजें निकाल रही थी कि मैं खुद ज्यादा देर नहीं रुक पाया.
गरम देसी गर्ल की चुदाई में दस मिनट बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए.
मैं उसकी चूत के अन्दर ही झड़ गया.
मैंने उसकी चूत को माल से पूरा भर दिया था.
पुष्पांजलि- ये क्या कर दिया तुमने! मैं प्रेगनेंट हो गई तो? पागल हो क्या मुझे तुम पर विश्वास ही नहीं करना चाहिए था.
वह गुस्सा होती हुई चूत के अन्दर उंगली डाल कर स्पर्म निकालने लगी.
मैंने उसको प्यार से समझाया कि मेरे रहते हुए इतनी चिंता मत किया करो. मैं पहले ही दवा ले आया हूं.
वह हैरान होकर देखने लगी कि पहले ही का क्या मतलब है क्या तुमको पहले से पता था कि मैं तुम्हारे साथ सेक्स करूंगी!
मैंने उसको रूम रेंट पर दिलवाने से लेकर और सेक्स टैबलेट खिलाने तक की पूरी कहानी सुना दी.
वह पहले तो बोली कि तुमने मुझे फँसाया है.
पर मेरे यह कहने पर कि क्या तुम खुद मुझे नहीं चाहती थीं?
तो वह हंस दी.
अब वह काफी खुश रहने लगी क्योंकि रोज रात को धक्क्म पेल चुदाई करवाने लगी थी.
ज्यादातर बार तो वह खुद ही मेरे रूम में लंड लेने के लिए आ जाती थी.
मैं पढ़ता रहता था और वह लंड चूसने लगती थी.
फिर मुझे लंड शांत करने के लिए उसे चोदना पड़ता था.
इसी तरह से हम दोनों काफी दिनों तक एक दूसरे को चूसते और चोदते रहे.
अब अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा कि कैसे पुष्पांजलि ने मेरे लंड की तारीफ अपनी सहेलियों के ग्रुप में की और सबकी सब मेरे लंड की दीवानी हो गईं.
आपको सेक्स कहानी कैसी लगी, कमेंट करके जरूर बताइए.
मैं रियल घटना को ही सेक्स कहानी के रूप में लिख कर बताता हूं.
आप विश्वास करें कि यह गरम देसी गर्ल की चुदाई कहानी एक सत्य घटना पर आधारित है.
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