पड़ोस की लड़की की जवानी को जगाया

देसी वर्जिन टीन गर्ल की पहली चुदाई मैंने उसी के घर में की. उससे पहले मैंने उसके साथ चूमा चाटी वगैरा कर चुका था. एक दिन वह घर में अकेली थी तो उसने मुझे बुलाया.

दोस्तो, मेरा नाम विक्रम है और मैं रायपुर के पास के एक छोटे से गांव में रहता हूं.

जब मैं छोटा था तो अपने पड़ोस के लड़कियों के साथ खेला करता था क्योंकि मैं उस मोहल्ले में सबसे छोटा और सबसे छोटा और स्मार्ट दिखने वाले लड़कों में था.
तो आप पास की सभी लड़कियां मेरे साथ ही खेलना चाहती थी.

यह देसी वर्जिन टीन गर्ल की पहली चुदाई की कहानी मेरे और मेरे पड़ोस में रहने वाले एक भैया की बेटी की है जिसका नाम डौली है जिसके साथ मैंने सेक्स संबंध बनाये.

वह मुझसे 2 साल छोटी है. वह शुरू से ही हमारे यहां ही ज्यादा से ज्यादा समय बिताया करती थी और अधिकतर समय हम साथ में ही रहते थे.
क्योंकि गांव में लोगों बहुत मेहनत करते हैं और उनको काम बहुत ज्यादा होते थे तो उनकी बेटी हमारे घर में ही ज्यादा समय रहा करती थी.

जैसे जैसे मैं बड़ा होने लगा, धीरे धीरे अपने दोस्तों के साथ सेक्स के बारे में जानने लगा था.
और यह उम्र भी ऐसी थी कि अपने आपको हर कोई हीरो समझने लगता है.

तभी मुझे भी लगा कि अब मुझे भी लड़कियां पटानी चाहिए और सेक्स करना चाहिए.
लेकिन मैं लड़कियों से बात करने से थोड़ा डरता था.

तभी मैंने सोचा कि मैं क्यों न अपने पड़ोसी भैया की बेटी डौली, जो हमारे घर आया करती थी, उसे पटाने की कोशिश करूं.

फिर क्या था … मैंने दूसरे दिन ही उसे ‘आई लव यू’ बोल दिया.
लेकिन वह थोड़ी नादाँ थी तो उसको समझ नहीं आया.

लेकिन मैंने सोचा कि भले ही उसको ये सब नहीं पता लेकिन मैं तो उसे ये सब सिखा सकता हूं.

और फिर मैंने उसे समझाया कि क्यों न हम दोनों को वो सब करना चाहिए जो बड़े लोग करते हैं.
वह भी मान गई और फिर जब घर पर कोई नहीं होता था तो मैं उसके होंठ चूसता, उसकी छाती दबाता, निप्पल चूसता, बुर चाटता और चूत में लंड को घुसाने की कोशिश करता.
उस समय तक मुझे भी सही तरीके से सेक्स करना नहीं आता था और मेरा लन्ड भी छोटा था तो बुर में नहीं घुस पाता.

लेकिन धीरे-धीरे मैं सेक्स करना सीख गया.
अब तो मैं कभी कभी उसको अपने उंगलियों से चोदने लगता.
और दोस्तों ने भी मुझे बताया था कि मुठ मारने से लंड का साइज़ बड़ा होता है तो मैं हर रोज मुठ मारता था.

हम दोनों के बीच ऐसा ही एक साल तक चलता रहा और फिर इतने दिनों में उसके स्तन भी काफी बढ़ गये और मेरे लंड का साइज़ भी काफी बढ़ गया था.
इसी दौरान मैं कुछ दिनों के लिए अपने मामा के घर चला गया.

और जब मैं लौटकर आया तो डौली ने मुझसे कहा कि वह कल मुझसे मिलना चाहती है अपने घर में!
मुझे थोड़ा अजीब लगा क्योंकि अब तक वह ही मेरे घर आया करती थी क्योंकि उनके घर उसकी दादी हमेशा घर में होती थी.

फिर भी मैंने हां कर दी.

दूसरे दिन जब मेरे सारे घर वाले काम करने खेतों में चले गए, तब मैं डौली के घर जा पहुंचा.
और मैंने देखा कि वह आज छोटी सी फ्राक पहनी एकदम गुड़िया जैसी लग रही थी.

जैसे ही मैं वहां पहुंचा, उसने मुझे गले से लगा लिया.
मैं समझ नहीं पा रहा था कि हो क्या रहा है.

मैंने उसकी दादी के बारे में पूछा.
तो पता चला कि वे कुछ दिनों के लिए बाहर चली गई थी.

डौली मुझे उस कमरे में ले गई जहां वह और उसके मम्मी पापा सोते हैं.

फिर डौली ने बताया कि जब मैं मामा के घर चला गया था तो उसे रात में अच्छे से नींद नहीं आती थी.

तभी उसने अपने मम्मी पापा को वो सब करते हुए देखा.
उसने यह भी देखा कि उसके मम्मी पापा ये हर रोज करते थे और बहुत देर तक करते थे.

मुझे यह समझने में बिल्कुल भी देर ना लगी कि डौली वो सब देख कर बहुत गर्म हो चुकी थी और आज मुझसे चुदाने के लिए ही मुझे बुलाया था.

लेकिन मैंने उसे तड़पाने के लिए और थोड़ी मस्ती करते हुए बोला- तुम तो मुझे अच्छे से पसंद ही नहीं करती और मुझे कोई चीज पूरी तरह करने ही नहीं देती.
मेरी बात सुनकर डौली बोली कि वो मुझे बहुत पसंद करती है और आज के बाद मैं जो चाहूं, जैसा चाहूँ उसके साथ कर सकता हूं.

उसके इतना कहते ही मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसके सारे कपड़े उतार कर अलग कर दिया.
डौली देखने में बहुत गोरी लड़की थी और आज वह मेरे सामने पूरी तरह नंगी पड़ी थी.

मैंने अपने कपड़े उतार फेंके और मैं भी पूरा नंगा उसके सामने खड़ा था.

मेरा लौड़ा पूरी तरह खड़ा उसको सलामी देने लगा.

मैंने देर न करते हुए अपने लंड को उसके होंठों से लगा दिया.

आज से पहले हम लोगों ने कभी यह नहीं किया था लेकिन मुझे पता था कि आज यह लड़की एक रंडी की तरह मेरी हर बात मानेगी.
उसने थोड़ा सा इन्कार तो किया लेकिन फिर मुंह बनाती हुई लंड मुंह में लेकर चूसने लगी और थोड़ी देर बाद वो खुद ही मजे लेकर मेरा लंड चूसने लगी.

फिर मैंने उसके मुंह में ही सारा माल गिरा दिया और वह उसे पी गई.

मैं उसके दोनों चूचों को मसल रहा था और दांत से काट दिया करता था.

वह बहुत गर्म हो चुकी थी.
मैंने उसे बेड के किनारे खींचा और खुद नीचे आ गया और अपना लन्ड चूत में सेट करके एक ही झटके में पूरा अन्दर तक डाल दिया.

वह एकदम से चीख पड़ी- उई मम्मी … मर गईई मैं!
डौली मुझे अपने ऊपर से धक्का देने लगी मगर मैंने उसे अपनी बांहों में जकड़ लिया और लंड उसकी चूत से निकलने नहीं दिया.

जल्दी ही मैं उसे स्पीड से चोदने लगा.

आज पहली बार हम दोनों के बीच सही मायने में सेक्स हो रहा था.
पूरे कमरे में डौली की कराह और फच फच की आवाज सुनाई दे रही थी.

और फिर मैं डौली को कुतिया की तरह दोनों घुटनों पर बैठाकर उसकी चूत में अपना लौड़ा डाल कर चोदने लगा.

चूत चुदाई करते हुए मैं मस्ती करते हुए उसकी गांड पर हाथ फेरने लगा.
पास में ही नारियल का तेल रखा था.
उसकी गांड के सुराख पर तेल डाल कर मैं सहलाने लगा.

डौली अपने चुदाई से बहुत खुश थी तो सही मौका देख कर मैंने एक उंगली को उसकी गांड में घुसा दिया.

इससे डौली चिहुंक गई और उंगली निकालने को कहने लगी.
पर मैं कहाँ रुकने वाला था … थोड़ी देर बाद मैंने अपनी उंगली आगे पीछे करना शुरू कर दिया.

अब डौली उछल उछल कर मेरी उंगली से गांड और लंड से चूत दोनों चुदा रही थी.

मैं जानता था कि आज अच्छा मौका है इसकी गांड चोदने का!
तो मैंने लन्ड चूत से निकाल कर गांड में डाल दिया.

डौली मुझसे छुटने की कोशिश कर रही थी लेकिन मेरी पकड़ मजबूत थी और मैं लगातार आगे पीछे होता रहा.

थोड़ी देर में डौली को भी बहुत मजा आने लगा था और वह नीचे से धक्का लगा लगा कर मुझसे चुदाने लगी.

देसी वर्जिन टीन गर्ल की आधे घंटे की लम्बी चुदाई के बाद मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत में भर दिया.
तब तक हम दोनों बहुत थक चुके थे.
हम दोनों नंगे लेट कर आराम करने लगे.

फिर आधे घण्टे बाद मैंने उसे एक बार फिर जमकर चोदा और अपने घर आ गया.

दूसरे दिन सुबह को पता चला कि डौली बुखार से तप रही थी.
उसकी मां के कहने पर मैं ही उसे डाक्टर के पास ले गया.

फिर दो दिन बाद वह ठीक हो गई.
तब से हमें जब भी मौका मिलता है, हम सेक्स करते हैं.

उसके बाद मैंने उसकी मां को भी पटा लिया और खूब चोदा.
लेकिन इस बारे में मैं आपको बाद में बताऊंगा.

देसी वर्जिन टीन गर्ल की पहली चुदाई आपको कैसी लगी?
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