मैं तेरे लण्ड की दीवानी हो गयी बेटा

Xxx सन मॅाम सेक्स कहानी में मुझे अपनी कामवासना की तसल्ली के लिए गैर मर्दों से चुदवाना पड़ता था. एक दिन अचानक मैंने बेटे का लंड देख लिया. तो मुझे लगा कि बढ़िया लंड घर में ही है.

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मेरा नाम है मिसेज गौहर.
मैं एक 42 साल की मस्त जवान औरत हूँ. गोरी हूँ, खूबसूरत हूँ और हॉट हूँ।

मैं जब जिस्म से पूरी तरह जवान हो चुकी थी, स्कूल कॉलेज में मैं अपनी सहेलियों से खुल कर लण्ड, बुर, चूत, भोसड़ा की बातें करने लगी थी।

लण्ड की बातें, लण्ड के साइज की बातें, माँ चुदाने की बातें सब मेरी सहेलियों को अच्छी लगतीं थीं।

यह सच है कि मैं शादी के पहले कई लड़कों के चुद चुकी थी.
शादी के बाद भी मैं पराये मर्दों से चुदवाने लगी थी।
मैं किसी न किसी बहाने बाहर निकल जाती थी और फिर चुद कर ही घर वापस आती थी।

घर में भी में अपने दोनों देवरों से चुदवाने लगी थी।
दिन इसी तरह ग़ैर मर्दों से चुदवाते चुदवाते बीतने लगे।

उम्र बढ़ने लगी और देखते ही देखते मैं 42 साल की हो गयी।
इसी बीच मेरा बेटा आदिल भी 21 साल का मस्त जवान हो गया।

वह कॉलेज में पढ़ने लगा और लड़कियों से दोस्ती भी करने लगा।
उसके दोस्त भी मेरे घर आने जाने लगे.

इस तरह घर में और ज्यादा खुशहाली हो गयी।
लेकिन मेरी अय्याशी में कोई कमी नहीं आयी।

मैं आज भी उतनी शिद्दत के लण्ड पकड़ती हूँ जितनी शिद्दत से पहले पकड़ा करती थी।
मैं आज भी पराये मर्दों से जम कर चुदवाती हूँ और पहले से ज्यादा बोल्ड हो गई हूँ।

यह Xxx सन मॅाम सेक्स कहानी मेरे घर की ही है.

एक दिन आदिल बाथरूम से नहा कर निकला तो नंगे बदन तौलिया लपेटे हुए आ गया।
बाहर आकर उसने अपनी लुंगी उठायी और लपेटने लगा।

इतने में तौलिया निकाल कर बाहर रख दिया।
फिर लुंगी के दोनों सिरे पकड़े और अपने दोनों हाथों को पंखों की तरह फैला दिया।

इत्तिफाक से मैं सामने बैठी थी तो मेरी नज़र उसके लण्ड पर पड़ी।
मैं उसका लण्ड देख कर दंग रह गई।

उसकी झांटें एकदम साफ़ थीं।
लण्ड खड़ा तो नहीं था, लटक रहा था फिर भी बड़ा लम्बा लग रहा था।

लण्ड का टोपा आधे से अधिक खुला हुआ था।
मैंने सोंचा की जब लण्ड इस समय इतना बड़ा दिख रहा है तो खड़ा होने पर तो और बड़ा हो जायेगा।

बस मेरी चूत में आग लग गई।
मेरे मुंह में पानी आ गया।

एक ही नज़र में मुझे बेटे के लण्ड से प्यार हो गया।
मैं अपने ही बेटे के लण्ड को दिल दे बैठी।

मेरी धड़कने बढ़ने लगीं।
मेरा मन हुआ कि मैं जल्दी से इसे अपने मुंह में ले लूं और फिर चूत में!

सच में यार लण्ड इतना प्यारा था कि मेरी लार टपकने लगी।
बेटा तो चला गया पर उसका लण्ड मेरे दिमाग में घूमने लगा।

फिर ख्याल आया कि मैं बेकार ही लण्ड के चक्कर में इधर उधर घूमा करती हूँ, सबसे बढ़िया लण्ड तो घर में ही है।

अब मैं बेटे का लण्ड पकड़ने और उससे चुदवाने के बारे में प्लान बनाने लगी।
मुझे कोई उपाय नहीं सूझ रहा था।

अचानक एक दिन एक खूबसूरत लड़की आ गई।
वह मेरे बेटे आदिल के बारे में पूछने लगी, कहने लगी- मैं आदिल की गर्ल फ्रेंड हाना हूँ। हम दोनों एक ही क्लास में पढ़ते हैं। मुझे उससे कुछ काम है। मैं उससे मिलना चाहती हूँ।

मैंने कहा- तुम बैठो, अभी वह बाथ रूम में है। जब आएगा तो मैं तेरे पास भेज दूँगी।

फिर मैंने पूछा- अच्छा तुम कबसे उसकी दोस्त हो?
वह बोली- मैं एक साल से उसकी दोस्त हूँ।
मैंने सीधा पूछा- क्या तुम उससे मुहब्बत करती हो?

वह बोली- प्यार तो नहीं करती पर वह मुझे बड़ा अच्छा लगता है. उससे बातें करना मुझे अच्छा लगता है.

मैंने फिर पूछा- उसका और क्या क्या अच्छा लगता है तुम्हें हाना?
वह बोली कुछ नहीं पर थोड़ा शर्मा गई।

मुझे लगा कि हाना मुझसे कुछ छुपा रही है।
तब तक आदिल आ गया तो वो दोनों बात करने लगे।
मैं वहां से चली गयी।

उस दिन के बाद हाना मेरे घर बड़ी बेबाकी से आने जाने लगी थी।

वो मेरे काफी नजदीक आ गयी थी।

मेरे मन में आया की बेटे से चुदवाने के लिए क्यों न हाना का इस्तेमाल किया जाये?

फिर मैंने एक दिन हाना को फोन करके बुला लिया।
मैं एक गाउन डाल कर बैठ गयी।

वो आई तो मैंने उसे प्यार से अंदर बैठाया और बातें करने लगी।
मैं बोली- यार, उस दिन बात पूरी नहीं हुई थी। तुम सच सच बताओ तुम्हें मेरे बेटे का क्या क्या अच्छा लगता है।
वह बोली- आंटी …

मैंने उसे बीच में ही रोक कर कहा- आंटी की माँ का भोसड़ा, आंटी की बहन की चूत … मैं आंटी नहीं, बुरचोदी गौहर हूँ। मुझे बुरचोदी गौहर कहो। तू मेरी बेटी नहीं मेरी दोस्त है।
तब वह मुस्कराकर बोली- मुझे उसका लण्ड बहुत पसंद है बुरचोदी गौहर!

मैं खुश हो गई और पूछा- तुमने कितनी बार लिया उसका लण्ड?
उसने बताया- मैंने 2 बार लण्ड सिनेमा हाल में पकड़ा लेकिन चुदवा नहीं पाई। उसका लण्ड 8″ से बड़ा है और मोटा बहुत है। मैं कई लड़कों के लण्ड पकड़ चुकी हूँ सबसे मोटा लण्ड आदिल का ही है।

यह सुनकर मेरी चूत में आग लग गयी बहनचोद।
मैंने खुल कर कहा- हाना, मैं अपने मन की बात तुम्हें बता रही हूँ। मैं अपने बेटे से चुदवाना चाहती हूँ क्या तुम मेरी मदद कर सकती हो।
वह बोली- हां यार, जो तुम कहोगी मैं वो करुँगी। मैं भी आदिल को अपनी माँ चोदते हुए देखना चाहती हूँ।

हाना के मुंह से यह सुनकर मैं निश्चिन्त हो गयी की अब मेरी तमन्ना पूरी हो जाएगी।
मैंने कहा- देखो हाना, कल इतवार है। तुम मेरे घर आना 10 बजे सवेरे और बेटे से बातें करना। मैं कहूँगी कि मैं अपनी सहेली के घर जा रही हूँ, शाम को आऊँगी। मैं बाहर चली जाऊंगी। फिर तुम दोनों नंगे हो जाना। तुम उसका लण्ड पकड़ कर चूसना। मैं एक घंटे में वापस आ जाऊंगी और तुम दोनों को रंगे हाथों पकड़ लूँगी। वो थोड़ा सकपका जायेगा तो तुम भी थोड़ा शर्माने का नाटक करना। बाकी मैं सब संभाल लूँगी।

अगले दिन प्लान के मुताबिक हाना आ गयी और आदिल से बातें करने लगी।

मैं उधर तैयार हो गयी।
जाते वख़्त मैंने कहा- बेटा आदिल, मैं अपनी सहेली के घर जा रही हूँ. शाम तक वापस आ जाऊंगी।
मैं बाहर निकल गयी।

जब वो दोनों नंगे हुए और हाना खड़ा लण्ड चूसने लगी तो उसने मुझे मैसेज कर दिया।

मैं कुछ देर के बाद घर वापस आ गयी और बेधड़क कमरे में घुस गयी।

मैंने देखा कि मेरा बेटा नंगा अपनी दोनों टाँगें फैलाये हुए लेटा है और हाना टांगों के बीच बैठी हुई उसका लण्ड चूस रही है।

बेटा आँखें बंद किये हुए बड़ी मस्ती से लण्ड चुसवा रहा था।
मुझे यह सीन बड़ा अच्छा लगा।

वो दोनों नंगे थे तो मैंने भी अपने कपड़े उतार दिये और नंगी नंगी दबे पाँव लण्ड तक पहुंच गयी।
मैंने हाना को आँखों से इशारा किया तो वो हट गयी और मैंने दोनों हाथों से लण्ड दबोच लिया और मुंह में भर लिया।

मैं खुद बेटे का लण्ड चूसने लगी.
उसे तनिक भी भनक नहीं लगी बल्कि वह और ज्यादा मस्ती से लण्ड चुसवाने लगा और आहें भरने लगा।
उधर हाना उसके पेल्हड़ चाटने लगी।

अचानक बेटे की आँखें खुली तो बोला- अरे अम्मी तुम, तुम तो बाहर चली गयी थीं।
मैंने कहा- हां बेटा, मैं तो आधी दूर तक चली गयी थी. फिर मुझे सहेली का फोन आया कि वो दिल्ली चली गयी है तो मैं वापस आ गयी। यहाँ मैंने देखा कि हाना नंगी नंगी तेरा लण्ड चूस रही है। तुम दोनों को नंगा देखा तो मैंने भी कपड़े उतार फेंके। इतना मोटा तगड़ा शानदार लौड़ा देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया और मैं अपने आपको रोक नहीं सकी। इतना मस्त और शानदार लौड़ा मैं अपनी ज़िन्दगी में पहली बार देख रही हूँ इसलिए पहली ही नज़र में मैं तेरे लण्ड की दीवानी हो गयी बेटा।

फिर मैं लण्ड पकड़ कर आगे पीछे करने लगी।
लौड़ा थोड़ा सिकुड़ गया था वो टन टना कर खड़ा हो गया मेरे आगे!
अपने लण्ड की तारीफ सुनकर बेटा भी साला मस्त हो गया।

मैं मन ही मन बड़ी खुश हुई और लण्ड हिलाने लगी।
फिर हाना भी मेरा साथ लण्ड चाटने लगी मगर उसका एक हाथ मेरी चूत पर चल रहा था।

वह बीच बीच में उंगली करने लगी मेरी चूत में!
मुझे दोहरा मज़ा आने लगा।
फिर मैं लण्ड मुंह में भरकर चूसने लगी।

कुछ ही देर में मैं उठ कर सीधे लण्ड पर बैठ गई और लण्ड पूरा का पूरा मेरी चूत में घुस गया।
मैं थोड़ा आगे झुकी और अपने बड़े बड़े चूतड़ उठा उठा के लण्ड पर पटकने लगी।

मेरा ऐसा बार बार करने से बेटे को मज़ा आने लगा।

मैं मस्ती में बोली- देख आदिल, मैं किस तरह तेरा लौड़ा चोद रही हूँ।
वह भी बोला- हां तुम इसी तरह चोदती रहो गौहर. अभी मैं तेरे ऊपर चढ कर तेरा भोसड़ा चोदूंगा।

बेटे के मुंह से ये बात सुनकर मैं गनगना उठी और कहा- मैं तेरे मुंह से यही सुनना चाहती थी भोसड़ी के आदिल! तेरी माँ की चूत … तू मुझे अच्छी तरह चोद के दिखा।

हम दोनों जब एक दूसरे का नाम लेकर और गाली देकर बात करने लगे तो हमारी उत्तेजना की कोई सीमा न रही।
हम लोग भूल गए की हम माँ बेटे हैं।

तब तक मैंने लण्ड चोदने की स्पीड बढ़ा दी और फिर उसके मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं, बोला- मेरा लौड़ा आज तक किसी ने इस तरह नहीं चोदा बहनचोद जैसे तुम चोद रही हो। तेरी चूत में बड़ी जान है बहन की लौड़ी।

फिर क्या … उसके जोश ने हुंकार मारी और फ़ौरन बेड से निकल कर नीचे खड़ा हो गया।

उसने मेरी जांघें पकड़ कर अपनी तरफ घसीट लिया और मेरी गांड के नीचे एक पिलो लगा दिया।
मेरी चूत थोड़ा ऊपर हुई नहीं की उसने दन्न से लण्ड पेल दिया पूरा का पूरा।

वह मेरी दोनों टाँगें अपने कंधे पर रखे हुए मुझे घपाघप चोदने लगा।
हाना नंगी नंगी मेरी चूचियाँ सहलाती हुई एक बेटे को अपनी माँ चोदते हुए देख रही थी।

मैंने फिर एक हाथ उसकी चूत पर रखा और उँगली करने लगी।
आदिल तो तूफ़ान मेल की तरह धक्के मार मार के बड़ी बेरहमी से चोदने लगा।

मैं भी एन्जॉय करने लगी।

वैसे एक बात तो पक्की है कि औरत को जितनी बेरहमी से चोदो, उसको उतना ही ज्यादा मज़ा आता है।
कभी किसी की बुर चोदने में कोई रहम नहीं करना चाहिए।

मेरे बेटे को शायद यह बात मालूम थी, तभी वह मेरा भोसड़ा फाड़े दे रहा था।
वह बोलने लगा- आज मैं तेरे भोसड़ा की चटनी दूंगा गौहर। सच बताऊँ मुझे आज तेरी बुर चोदने में सबसे ज्यादा मज़ा आ रहा है। इतना मज़ा मुझे पहले कभी नहीं आया जबकि मैं 3 लड़कियां चोद चुका हूँ और एक लड़की की माँ भी। उस लड़की ने अपने सामने ही मुझसे अपनी माँ चुदवाई थी।

यह सुनकर मेरी इतनी उत्तेजना बढ़ी कि मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया।
ढीला हो गया मेरा मादरचोद भोसड़ा।

मैंने बेड से उतर कर लौड़ा हाथ में लिया और आगे पीछे करने लगी।
फिर क्या … लण्ड ने 2-3 पिचकारी मेरे मुंह में मारी बाकी हाना के मुंह में.

हम दोनों ने बड़े प्यार से झड़ता हुआ लण्ड चाटा और मस्ती की।

उसके बाद हम तीनों नंगे नंगे एक दूसरे से लिपट कर कुछ देर तब बिस्तर पर लेटे रहे।

फिर मैंने देखा की आदिल का लण्ड साला फिर से टन्न हो गया.
मैंने उसे पकड़ कर हिलाया और दूसरे हाथ से हाना की चूत में उंगली घुसेड़ दी।

चूत उसकी साली धधक रही थी।

फिर मैंने बेटे का लण्ड उसकी चूत पर सेट किया और कहा- पूरा लौड़ा एक ही बार में पूरा घुसा दे।
लौड़ा घुसा तो वह चिल्ला पड़ी.
मैंने कहा- चिल्ला मत भोसड़ी वाली। लण्ड को अंदर जाने दे।

जब लण्ड 10-12 बार अंदर बाहर हुआ तो वह खुद बोली- ओ माय गॉड … बड़ा मज़ा दे रहा है तेरा लौड़ा भोसड़ी के आदिल! मुझे अपनी माँ की तरह चोदो। अब तो तू साला मादरचोद हो गया है।

मैं भी उसकी चूत के पास बैठ कर लण्ड का आना जाना देखने लगी।
मुझे उन दोनों की चुदाई बड़ा उत्तेजित कर रही थी।

हाना बुरचोदी अपनी गांड उठा उठा के खूब मस्ती से चुदवा रही थी।

उसका भी एक हाथ मेरी चूत पर पहुँच गया।

थोड़ी देर में अचानक वो निकली और अपने हाथ से बेटे का लण्ड पकड़ कर मेरी चूत में पेल दिया।
हाना का मेरी चूत में लण्ड पेलना मुझे बड़ा अच्छा लगा तो मैंने हाना को दबोच लिया और बोली- तुम भोसड़ी वाली इसी तरह अपनी माँ भी चोदना।

तब उसने राज़ खोला, बोली- हां मेरी बुर चोदी गौहर, मैं हर रोज़ अपने जीजू का लण्ड पेल कर अपनी माँ चोदती हूँ. फिर माँ भी वही लण्ड मेरी चूत में घुसा देती है। इसीलिए मैं आदिल को अपनी माँ चोदते हुए देखना चाहती थी। उसने जब तुम्हें चोदा तो मेरी इच्छा पूरी हो गई।

फिर हाना अपने घर चली गई।

शाम को आदिल फिर मेरे ऊपर चढ़ बैठा।

मेरे सारे कपड़े उतार फेंके और मुझे पूरी तरह नंगी कर दिया।
फिर वह भी फटाफट नंगा हो गया।

लण्ड उसका खड़ा था और वह बड़ा खूंखार लग रहा था।

उसने मुझे घोड़ी बना दिया और पीछे से ही गच्च से घुसेड़ दिया पूरा का पूरा लण्ड।
मुझे तो घोड़ी बनकर चुदवाने की आदत थी तो मैं उसका लौड़ा झेल गई।

लेकिन मुझे डर लग रहा था कि कहीं वो मेरी गांड में न पेल दे लण्ड। मैंने गांड मरवाई है पर ज्यादा नहीं। अगर इसका लौड़ा मेरी गांड में घुसा तो मेरी माँ चुद जाएगी बहनचोद।

मैं ये सब सोच भी रही थी और झमाझम चुदवा भी रही थी।

कुछ ही पल में हुआ वही जिसका मुझे डर था।
उसने पहले एक उँगली मेरी गांड में डाली फिर लण्ड टिका दिया गांड में!
मना मैं कर नहीं सकती थी।

मैंने मन में कहा- ठोक दे लण्ड मेरी गांड में … और कर ले अपनी इच्छा पूरी। मैं तेरा लौड़ा भी गांड में बर्दास्त कर लूंगी।

लौड़ा जब पूरा गांड के अंदर घुसा तो मेरी चीख निकल पड़ी।
वह बोला- चीख मत गौहर, मुझे गांड मारने दे। तेरी टाइट गांड मारने में मुझे ज्यादा मज़ा आएगा।

उसने लण्ड पूरा पेला फिर पूरा बाहर निकाला, फिर पेला और फिर निकाला।
वह बार बार यही करता रहा।

मैं सोचने लगी कि इस भोसड़ी वाले ने गांड मारने की कला कहाँ से सीखी?
बिना सीखे कोई इतनी अच्छी तरह से गांड नहीं मार सकता।
मुझे सच में गांड मरवाने में मज़ा आने लगा।

मैं पछताने लगी कि मैं मादरचोद बेकार ही गांड मरवाने से डर रही थी। गांड की चुदाई बड़ा मज़ा दे रही है।

फिर उसने मेरे दोनों छेद में लण्ड बारी बारी से पेलना शुरू किया।
कभी चूत में तो कभी गांड में।

मुझे मालूम ही नहीं होता था कि लण्ड कब गांड में घुसेगा और कब चूत में।

मगर ऐसा करने से मुझे एक नए तरह का मज़ा आने लगा।

इस बार उसने इतनी जोरदारी से चोदा कि मैं वह ज़िन्दगी भर नहीं भूल सकती।

उस दिन रात में उसने मुझे 3 बार चोदा।
वह मेरे गदराये जिस्म का पूरा मज़ा लेने लगा।
मेरी चूचियों में भी लौड़ा पेलने लगा।

चूचियाँ चुदवाने का भी एक अलग मज़ा था।
हर बार मैं उसका झड़ता हुआ लण्ड जरूर चाटती और खूब एन्जॉय करती क्योंकि इससे मुझे अपार आनंद मिलता है.

उसके बाद वह कभी सवेरे, कभी दोपहर में, कभी शाम को, कभी बेड रूम में कभी किचन में भी चोदने लगा।

अब मैं उसे कभी मना नहीं करती हूँ बल्कि वह जहाँ चोदता है वहां चुदवा लेती हूँ।
जैसे भी चोदता है वैसे चुदवा लेती हूँ.

अब तो हाना भी खूब आने लगी है और वह मुझे हाना के सामने खूब चोदता है और हाना को मेरे सामने खूब चोदता है।

मैं कुछ कह नहीं सकती थी क्योंकि खेल तो मेरा ही शुरू किया था।

एक दिन हाना बोली- आदिल यार, किसी दिन मेरी भी माँ मेरे सामने चोदो। मैं तुमसे अपनी माँ चुदवाना चाहती हूँ।
मैंने कहा- तू बुरचोदी हाना, अपनी माँ को यहीं ले आ। मेरा बेटा तुम दोनों माँ बेटी को मेरे सामने चोदेगा।

इस तरह आजकल मैं अपने बेटे के लण्ड का मज़ा खूब लूट रही हूँ।

Xxx सन मॅाम सेक्स कहानी पर आप अपनी राय मुझे बताएं.
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लेखिका की पिछली कहानी थी: भाभी ने मुझे कई लंड दिलवाए