Xxx सिस हॉट कहानी में एक रात मैं मुझे बुआ के घर रुका। संयोगवश मैं बुआ की बेटी के साथ सोया जो कुंवारी थी। उसकी जवानी ने मुझे उसकी कुंवारी चूत की सील तोड़ने पर मजबूर कर दिया।
दोस्तो, मेरा नाम प्रिंस है। मैं सिवान से हूँ।
आज मैं आपको अपनी गर्म सेक्स स्टोरी बताने जा रहा हूं।
इस कहानी में मैं आपको बताऊंगा कि कैसे मैंने अपनी बुआ की लड़की चुदाई कर उसकी सील तोड़ी।
सील तोड़कर मैंने उसकी चूत का पानी निकाला और अपना पानी भी उसकी चूत के अंदर छोड़ा।
उम्मीद है आपको ये Xxx सिस हॉट कहानी जरूर पसंद आएगी।
अब मैं आपको अपने बारे में बताता हूं।
मेरी उम्र सिर्फ 19 साल है। रंग गोरा है और देखने में अच्छा हूं।
मेरा लंड 7 इंच का है जो खीरे जैसा मोटा है।
आगे मैं अपनी बुआ की लड़की यानि कजिन सिस्टर की चुदाई कहानी आप सभी से साझा कर रहा हूँ।
यह सेक्स कहानी कुछ ही समय पहले की है जब मैंने अपनी फुफेरी बहन की चूत की सील तोड़ी थी।
मेरी बुआ के पास 2 घर हैं, एक पुराना वाला और नया वाला।
बुआ की 2 लड़की और 2 लड़के हैं जिसमें से एक लड़की की शादी हो गई है।
बुआ और फूफाजी पुराने वाले घर पर सोते हैं और उनके 2 लड़के और और एक लड़की नए वाले घर पर सोते हैं।
तो चलिए अब हम Xxx सिस हॉट कहानी बताते हैं आप लोगों को कि कैसे मैंने अपनी बुआ की लड़की की सील तोड़ी थी।
दोस्तो, जिस कजिन सिस्टर की चुदाई मैंने की उसका नाम खुशी है जोकि 24 साल की है।
मेरे चाचा को मुझे ट्रेन पकड़वाना था लखनऊ जाने के लिए, और ट्रेन सिवान से थी।
तो मैं और चाचा अपने घर से खाना खाकर 9:30 बजे तक निकल गए।
चूंकि सिवान में बुआ रह रही थी तो हमारे लिए वहां से ट्रेन पकड़ना आसान था क्योंकि ट्रेन आने तक हम बुआ के घर पर आराम से इंतजार कर सकते थे, और वहां पर खाने-पीने की भी कोई दिक्कत नहीं होनी थी।
तो हम लोग 10 बजे तक उनके घर जा पहुंचे।
ट्रेन रात में 2.30 बजे की थी।
फिर बुआ के घर जाकर हमने चाय-पानी लिया।
बाकी सब लोग सो गए।
मैं, चाचा और बुआ आपस में ट्रेन का समय होने तक बातें करते रहे।
फिर न जाने कब 4 घंटे बीते और रात के 2 बज गए।
हम लोग 2 बजे स्टेशन के लिए निकल गए।
2.30 बजे ट्रेन आ पहुंची।
मैंने चाचा को ट्रेन में बैठाया और फिर वापस बुआ के घर आ गया क्योंकि रात में 2 बजे मैं और कहीं नहीं जा सकता था।
और वैसे भी अगर मैं जाना चाहता तो बुआ मुझे नहीं जाने देतीं।
बुआ ने मुझे उनके नए घर में रुकने के लिए कह दिया क्योंकि सभी बच्चे वहीं पर थे।
जब मैं वहां पहुंचा तो दोनों लड़के एक रूम में सो रहे थे।
उनकी बेटी खुशी उस वक्त जाग रही थी कि क्योंकि बुआ ने उसको पहले ही कह दिया था कि प्रिंस रुकने आने वाला है।
तो मैं गया तो वो जाग रही थी।
वो बोली- यहां तो भाई लोग सो रहे हैं, हम दोनों लोग मेरे रूम में सोएंगे!
मैं खुशी के साथ उसके रूम में सोने चला गया।
मैं बिस्तर पर लेट गया और नींद आने का इंतजार करने लगा।
कुछ देर के बाद खुशी भी रूम में आ गई।
उसने टी-शर्ट और फ्रॉक पहना हुआ था।
वो भी लेटकर सोने लगी।
मेरी भी कुछ देर के बाद आंख लग गई।
रात को करीब घंटे भर के बाद मेरी नींद टूट गई।
मैंने समय देखा तो रात के 3 बजे थे।
मैंने पाया कि खुशी दीदी की एक टांग मेरे लंड पर आकर रुक गई थी।
वो नींद में थी लेकिन मेरा लंड खड़ा होना शुरू हो गया।
देखते ही देखते मेरा लंड तन गया और मेरा बहुत जोर से मन करने लगा कि मैं किसी को चोद दूं।
अब मेरे मन में खुशी दीदी की चूत चोदने के ख्याल चल रहे थे।
मुझे नहीं पता था कि मैं सही सोच रहा था या गलत लेकिन उस वक्त मेरे मन में सिर्फ कजिन सिस्टर की चुदाई का ही ख्याल चल रहा था।
मौका देख मैंने भी अपना एक हाथ दीदी के पेट पर रख दिया।
उसने कोई हरकत नहीं की।
फिर मेरी थोड़ी हिम्मत और बढ़ी तो मैंने धीरे से अपना हाथ सरका कर ऊपर ले जाना शुरू किया।
करते-करते मैं खुशी दीदी की चूचियों तक अपने हाथ को ले गया।
जैसे ही चूचियों पर उंगलियां जाकर लगीं मेरे तो बदन में करंट दौड़ गया।
एकदम से नर्म-मुलायम चूचियों का स्पर्श हुआ जिससे मेरा लंड दीदी की टांग के नीचे उछल-उछलकर फुंफकारे मारने लगा।
खुशी की चूचियां काफी बड़ी थीं।
मैं पहली बार ऐसे किसी की चूचियों को छेड़ रहा था इसलिए मुझे अंदर ही अंदर थोड़ा डर भी लग रहा था।
मैंने धीरे-धीरे चूचियों को छेड़ना शुरू किया।
मैंने हल्के से सिर्फ उंगलियों से उसकी चूचियों को थोड़ा दबाकर देखा।
खुशी अब तक भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रही थी।
इसलिए मेरी हिम्मत और बढ़ रही थी।
फिर मैंने नीचे की ओर देखा तो खुशी का फ्रॉक थोड़ा ऊपर उठा हुआ था।
उसकी पैंटी का नजारा भी मुझे मिल रहा था।
चूत के पास हाथ ले जाने की मेरी हिम्मत तो नहीं हुई लेकिन मैं आहिस्ता से अपना पैर उसकी चूत के पास ले जाने लगा।
धीरे से मैंने अपने घुटने को उसकी चूत से टच करवाना शुरू किया।
मुझे उसकी चूत के छूने का अहसास अपने घुटने पर मिलने लगा।
मैंने थोड़ा और दबाव चूत पर बनाया।
फिर लगा कि जैसे खुशी भी अपनी चूत का दबाव मेरे घुटने की तरफ बढ़ा रही है।
शायद वो भी गर्म हो रही थी।
अब मैंने चूचियों पर से हाथ को हटाया और नीचे चूत की ओर चलाने लगा।
धीरे से मैं चूत के पास हाथ ले गया।
मेरा हाथ उसकी पैंटी के अंदर घुसने ही वाला था कि एकदम से वो जाग गई।
मैं डर गया और जल्दी से हाथ खींचने लगा।
मगर दीदी ने मेरा हाथ पकड़ लिया।
अगले पल जो हुआ मुझे उसकी उम्मीद नहीं थी।
बुआ की लड़की ने मेरा हाथ पकड़ कर खुद ही अपनी चूत पर रखवा लिया।
मेरे तो वारे के न्यारे हो गए।
क्या गर्म-गीली चूत थी उसकी! एकदम जैसे रुई का फोवा हो।
मैं समझ गया कि दीदी को भी चुदाई की प्यास जाग चुकी है और इसको भी मेरे से चुदवाना है।
लेकिन शर्म के मारे उसकी आंखें अभी भी बंद थीं और वो कुछ बोल नहीं रही थी।
मैंने चूत को रगड़ना शुरू कर दिया तो उसने अपनी टांगें खोल दीं।
मेरा हाथ पकड़ कर उसने खुद ही फ्रॉक के हुक पर रखवा दिया और खोलने का इशारा किया।
मैंने जल्दी से कांपते हाथों से उसके फ्रॉक का हुक खोला और साथ में पैंटी को भी खींचकर नीचे कर दिया।
तेजी से मैं हथेली से उसकी चूत को रगड़ने लगा।
वो भी आहें निकालने लगीं।
लेकिन वो अभी आंखें नहीं खोल रही थी।
मैं और तेजी से उसकी चूत को रगडऩे लगा।
उसकी टांगें और ज्यादा खुलती जा रही थीं।
अब जैसे मेरे अंदर का जानवर जाग चुका था।
मैं दूसरे हाथ से उसकी मोटी-मोटी चूचियों को जोर-जोर से भींचने लगा।
अब खुशी अपनी चूत को ऊपर उठाने लगी।
वो बार-बार अपनी चूत को मेरी हथेली की तरफ दबाते हुए रगड़ने की कोशिश कर रही थी।
मुझसे भी रहा न गया और मैंने बीच वाली उंगली उसकी बालों वाली गीली चूत के अंदर सरका दी।
जैसे ही चूत में उंगली गई तो उसकी आह्ह … निकल गई।
मैं तेजी से बुआ की लड़की की चूत की चुदाई अपनी उंगली से करने लगा।
वो भी लगातार कसमसा रही थी।
अगले ही पल उसका हाथ मेरी जांघों पर आकर लगने लगा।
हाथ से टटोलते हुए उसने मेरा लंड पकड़ना चाहा।
एकदम से मेरा लंड उसके हाथ में आ गया जिसको उसने तेजी से सहलाना और भींचना शुरू कर दिया।
खुशी दीदी चुदाई की काफी प्यासी लग रही थी।
फिर मैंने भी अपनी पैंट और अंडरवियर जल्दी से उतार दिया।
मैं उठा और उसकी टांगें खोलकर उसकी चूत पर मुंह लगा दिया।
मैं उसकी चूत को तेजी से चाटने लगा।
वो मना कर रही थी चूत चटवाने के लिए … लेकिन मैं नहीं माना।
उसकी चूत खाने का मेरा बहुत मन था।
कुछ ही देर में उसे भी चूत चटवाने में मजा आने लगा और वो मेरे सिर को चूत में दबाते हुए मजा लेकर सिसकारने में लगी हुई थी।
फिर मैंने चूत में जीभ अंदर घुसेड़ दी जिससे वो और ज्यादा तिलमिला गई।
मैं तेजी से चूत में जीभ को अंदर-बाहर करने लगा।
खुशी लगातार आह्ह … आह्ह … अइईईई … आह्ह … अम्म … अह्ह … करती हुई मजे में डूबती जा रही थी।
उसकी चूत से थोड़ा सा नमकीन-खट्टा सा रस लगातार बहने लग गया था।
जिसे मैं साथ के साथ चाट जाता था।
उसकी चूत चाटने में बहुत ही ज्यादा स्वाद मिल रहा था।
काफी देर तक मैं उसकी चूत चाटने के मजे लेता रहा।
फिर मैंने कजिन सिस्टर को लंड चुसाई के लिए कहा।
उसने लंड चूसने से मना कर दिया।
फिर मैंने भी उस पर लंड चूसने के लिए कोई दबाव नहीं दिया।
मैंने अब खूब सारा थूक अपनी हथेली पर थूका और उसे लंड के टोपे पर चुपड़ दिया।
मैंने अच्छे से थूक लंड पर लगाकर उसकी चूत के मुंह पर लगा दिया।
पहली बार था जब मैंने किसी लड़की की चूत पर लंड रखा था।
मैंने लंड को सेट करके थोड़ा सा जोर लगाया तो थोड़ा सा सुपाड़ा चूत में घुसा।
उसकी आह्ह … निकल गई।
लेकिन यह आह्ह दर्द वाली थी।
वो बोली- प्लीज निकालो प्रिंस … बहुत दर्द हो रहा है।
मैं निकालना नहीं चाह रहा था क्योंकि मैंने अन्तर्वासना की सेक्स स्टोरी में पढ़ा था कि लड़की जब लौड़ा निकालने को बोले तो नहीं निकालना चाहिए, बाद में और ज्यादा मुश्किल होती है।
तो मैंने लंड वापस नहीं निकाला और रुका रहा।
फिर मैंने कुछ पल रुक कर एक और धक्का मारा तो लंड थोड़ा और घुसा।
खुशी तिलमिला उठी।
वो मुझे धकेलने की कोशिश कर रही थी।
मगर मैं जानता था कि शुरू में तो दर्द होता ही है।
इसलिए मैंने उसको प्यार से सहलाना शुरू किया।
मैं उसके ऊपर लेटकर उसकी चूचियों को पीने लगा।
मैंने उसके होंठों को भी चूसा।
फिर कुछ विराम देकर मैंने लंड का एक और धक्का दिया।
अब आधा लंड बुआ की लड़की की चूत में जा घुसा था।
खुशी की आंखों में आंसूं आने लगे।
मैंने उसकी चूत की तरफ देखा तो वो खून से सन गई थी।
शायद उसकी चूत की सील टूट गई थी जो बाद में मुझे खुशी ने बताया।
थोड़ी देर रुकने के बाद मैंने धीरे-धीरे कजिन सिस्टर की चुदाई शुरू कर दी।
पहले तो वो दर्द से कराहती रही लेकिन बाद में उसको मजा आने लगा।
अब मेरा पूरा लंड बुआ की लड़की की चूत में फंसा हुआ था।
मैं तो जैसे जन्नत में पहुंच गया था।
टाइट और गर्म चूत के अंदर लंड देकर बहुत मजा आ रहा था।
उसकी चूत बहुत ही ज्यादा गर्म थी और लग रहा था जैसे कि लंड को भीतर की तरफ खींच रही हो।
फिर मैंने दीदी की चुदाई की स्पीड थोड़ी तेज कर दी। देखते ही देखते मैं काफी तेजी से उसको चोदने लगा।
खुशी दीदी भी चुदाई का अब पूरा मजा ले रही थी।
वो बार-बार मुझे अपनी तरफ खींचकर मेरे होंठों को चूस रही थी।
हम दोनों एक दूसरे से लिपट रहे थे।
बीच-बीच में मैं उसकी चूचियों को भी पी रहा था।
चूत काफी टाइट थी और जल्द ही मुझे लगने लगा कि मैं छूट जाऊंगा।
लगभग 10-15 मिनट की चुदाई के बाद मेरा माल निकलने को हो गया।
मैं धक्के लगाते हुए वीर्य दीदी की चूत में गिराने लगा।
उधर खुशी की चूत ने भी खूब सारा पानी छोड़ा जिससे मेरा लंड पूरा का पूरा सराबोर हो गया।
पानी के साथ दीदी की चूत का खून भी लगा था।
फिर हम दोनों शांत हुए।
लेकिन कुछ देर के बाद फिर से एक-दूसरे के लंड-चूत से खेलने लगे।
हम फिर से गर्म हुए और चुदाई शुरू कर दी।
इस तरह से मैंने कजिन सिस्टर की चुदाई उस रात 3 बार की।
तीनों ही बार मैंने अपने लंड का पानी दीदी की चूत में निकाला।
अगले दिन फिर मैंने मेडिकल से लाकर उसको दवाई दी ताकि उसको बच्चा न हो।
उसके बाद फिर मैं अपने घर आ गया।
दोस्तो, पहली बार खुशी दीदी मेरे से ही चुदी थी।
उसने चुदाई के तीसरे राउंड में बताया था कि उसकी सील आज ही टूटी है।
इस तरह से मैंने कजिन सिस्टर की चूत का उद्घाटन किया था।
दोस्तो, यह थी मेरी बुआ की लड़की की चुदाई की पहली कहानी।
यह मेरे लिए भी पहला Xxx सिस हॉट सेक्स था।
दोस्तो, इससे आगे की कहानी में मैं आपको बताऊंगा कि कैसे मैंने इसी बुआ की बड़ी बेटी यानी खुशी की बड़ी बहन की चुदाई भी की।
मेरी एक अन्य बुआ भी है।
उसकी एक 19 साल की लड़की है।
मैंने उसको भी चोदा हुआ है।
वह शादी में आई थी तो मैंने उस वक्त उसकी चूचियां दबाकर उसको गर्म किया था।
फिर एक महीने बाद वो मेरे घर पर आई तो मैंने उसकी सील भी तोड़ी थी।
ये सब बातें मैं आपको अपनी अगली सेक्स स्टोरी में बताऊंगा।
दोस्तो, ये सभी रियल सेक्स स्टोरी हैं जो कि ब्रदर सिस्टर सेक्स की सच्ची कहानी है।
आपको मेरी कजिन सिस्टर की चुदाई की सच्ची Xxx सिस हॉट कहानी कैसी लगी मुझे कहानी के नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर बताना।
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