लंड की भूखी चुदैल मौसी

Xxx मोसी पोर्न कहानी में मेरी मोसी बहुत सुंदर हैं, मैं अक्सर उनके घर जाता रहता हूँ. एक बार मैं उनके घर गया तो वे नहा कर निकली थी, सिर्फ एक तौलिया लपेटे हुए थी.

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अजय सिंह शेखावत है.

मैं प्रथम सच्ची कहानी लिख रहा हूँ।
लड़कियों या सेक्स के असली भूखे मेरी कहानी की सच्चाई को समझ सकते हैं।
Xxx मोसी पोर्न कहानी में कोई भी घटना काल्पनिक नहीं है. असली घटना पर आधारित कहानी आपको पूरा मजा देगी.

मैं अभी पढ़ाई के साथ खेती का कार्य करता हूं जिसके लिए मुझे हमारे जिला टोंक में कृषि विभाग की ओर से बहुत सी सुविधाएं मिलती हैं.

आज तक खेती करते हुए मैंने बहुत सी जवान लड़कियों और हसीन भाभियों को अपने खेत पर चोदा है.
और ऐसा तब होता था जब वे मजदूरी करने खेत पर आती थीं.

एक दिन कृषि विभाग की ओर से जानकारी मिली कि पाइप खरीदने के लिए मेरा ऋण पास हो गया है.

ये पाइप बाहर में बहुत महंगे मिलते थे जबकि कृषि विभाग टोंक मुझे अच्छी सब्सिडी पर वे पाइप दे रहा था.
खेती के लिए नया साधन बनाने के लिए यह एक अच्छा मौका था.

मैंने देर न करते हुए अपने पिताजी को बताया.
तो उन्होंने कहा- तू ज्यादा समझता है, जैसा अच्छा लगे, वैसा कर!

मैंने अपनी आल्टो कार निकाली.
यह कार मैंने नए साल पर ली थी.

मैं अपनी उसी नई कार से टोंक के लिए निकल गया.

टोंक आने से पहले मेरा पुश्तैनी गांव बाड़ा आता है जहां मेरे बहुत से रिश्तेदार रहते हैं.
वह हसीन मौसी भी वहीं रहती थी.

मैं हमारे रिश्तेदारों से ज्यादा संपर्क नहीं रखता हूँ, सिर्फ मौसी के घर ही जाता हूं.
जैसे ही मेरी कार टोंक टोल टैक्स पर पहुंची, वहां मेरे एक रिश्तेदार मुकेश जी मिल गए.

वे मुझे देखते ही बोले- इस बार बहुत वक्त बाद आना हुआ अजय!
मैं- मुकेश जी, खेती से समय थोड़ा कम मिलता है. आज कृषि विभाग की ओर से लोन पर अच्छे पाइप मिल रहे थे, तो बस उसे ही लेने जा रहा हूँ.
मुकेश जी- अरे वाह क्या बात है. फिर तो आप हमारा भी लोन करवाओ यार! हमें भी पाइप दिलवाओ.

मैं- जरूर भाई साहब, आज मैं लेकर आता हूँ. फिर आपकी फाइल लगा दूंगा. आपको भी पाइप मिल जाएंगे.

थोड़ी बहुत चर्चा के बाद मैंने मुकेश जी से विदा लेकर जल्द वापस आने को कहा और उसके बाद मैं गांव की ओर मौसी से मिलने निकल गया.
जैसे ही मैं मौसी के घर बाहर जाकर रुका, उनके घर का गेट बंद था.

इधर मैं आपको अपनी मौसी की जवानी के बारे में थोड़ा सा बता दूँ.
वे किसी हीरोइन से कम नहीं है, क्या ही कहूं उनके बारे में!

खूबसूरत आंखें, मक्खन से गाल, मुलायम हाथ और बाकी जिस्म भी फुर्सत से तराशा हुआ एकदम मस्त.
मौसी के बोबे, भोसड़ी और गांड को देख कर तो शायद कोई लाचार बूढ़ा भी लंड हिलाने को तैयार हो जाए.

मैंने कार को रोक कर आवाज लगाई.
मगर कोई बाहर नहीं आया.

फिर मैंने सोचा कि शायद कोई घर नहीं है. इसलिए मैंने थोड़ा निराश होकर वापिस जाने का मन बनाया.

फिर जैसे ही मैं जाने लगा, मुझे याद आया कि मम्मी ने कहा था कि मौसी से जरूर मिलकर आना!
अब मैं कार से उतर कर जैसे ही मैं गेट के पास गया और हल्का सा धक्का देते ही गेट खुल गया.

मुझे ऐसा लगा कि मौसी अन्दर हैं.
मैंने अन्दर आकर आवाज लगाई तो उनकी आवाज आई.

मौसी बाथरूम से बोलीं- मैं नहा रही हूँ, रुको, मैं अभी आती हूँ.

मैं उनके कमरे में चला गया, जिधर उनका बाथरूम अटैच था.
कमरे में गया तो बेड पर रखी मौसी की ब्रा और पैंटी को देखने लगा.

इतने में ही मौसी बाथरूम से बाहर आ गईं और मुझे अपने कपड़ों को देखती हुई देख कर बोलीं- क्या देख रहा है?
मैं- कुछ नहीं मौसी, आप खुले में ऐसे कपड़े मत रखा करो.
मौसी- क्यों?

वे थोड़ा निराश होकर बोली थीं- यहां कौन है, जो इन्हें देख कर कुछ करेगा?
मैं- मौसी ऐसा क्यों बोल रही हो … मौसा हैं … वह तो कुछ कर सकते हैं न!

मौसी ने मेरी बात को नजरअंदाज करते हुए कहा- वह सब छोड़ो … तुम बताओ कैसे आना हुआ?
मैं- टोंक में कृषि विभाग में थोड़ा काम था, उसी सिलसिले में आया था.

मौसी- अच्छा काम से आया है, मुझसे मिलने नहीं?
मैं- नहीं मौसी, मम्मी ने कहा था कि तुमसे मिलकर जरूर आना … और मुझे भी तुम्हारी बड़ी याद आ रही थी.
मौसी- चल झूठा!

मौसी उस वक्त सिर्फ बदन पर तौलिया लपेटे हुई थीं क्योंकि ब्रा पैंटी तो बेड पर थी.

मैं- अब तो कपड़े पहन लीजिए!
मौसी- हां ठीक है, तुम दूसरे कमरे में जाओ … मैं चेंज कर लेती हूँ.

उनके कहने से मैं दूसरे कमरे में चला गया.
मगर जिस्म को आधा नंगा देख कर किसका दिल नहीं करेगा कि कुछ और देखूँ.

मैंने भी वैसा ही किया.
जैसे ही मैं दूसरे कमरे के लिए बोल कर निकला, मौसी ने अपने तौलिए की गांठ खोल दी और तौलिया जमीन पर गिर गया.
तौलिया के हटते ही सामने एक अप्सरा के बदन का दीदार हुआ.

उनके बोबे तो जैसे कयामत ढा रहे थे. कातिलाना कमर और चूतड़ों का तो बयान ही नहीं कर सकता.
मेरे लंड की सख्ती को बढ़ाने वाले शायद उनके मदमस्त चूचे ही रहे थे.

मेरे दिमाग की मां चुद गई थी और दिल में अजीब सी वासना ने जन्म लिया था.

जैसे ही मौसी ने तौलिया हटाया, वे पूरी नंगी हो गई थीं और बेड पर पड़े ब्रा पैंटी को उठाने लगीं.

उसी वक्त मैंने पीछे से आकर मौसी के दोनों बोबे अपने दोनों हाथों से पकड़ लिए.
मेरे अचानक से ऐसा करने से वे थोड़ा डर गईं.

मौसी- आह अजय, तू ये क्या कर रहा है?
मैं- मौसी, आज मुझे मत रोको … तुम्हारा हुस्न बहुत कातिल है. मेरे लंड के 12 बज गए हैं.

मौसी- ये सब गलत है अजय!
मैं- कुछ गलत नहीं, मुझे तुम्हारी गांड और बोबे देख कर लगता है सिर्फ मौसा ही नहीं, तुम्हें और कोई भी चोदता है.

मौसी- तू आज होश में नहीं है, मैं ऐसी नहीं हूँ. तू मुझे छोड़ दे वरना मैं चिल्लाऊंगी!
मैं- इतनी देर हो गई, तुम मेरे सामने नंगी हो … अब क्या शर्म करती हो … सिर्फ कुछ देर में ही हमारा रिश्ता मोहब्बत में बदल जाएगा.

यह कह कर मैंने उनके गाल चूमना चालू कर दिए.

शायद मौसी को भी मेरे साथ सेक्स करने का मन करने लगा था तो वे थोड़ा सोच कर बोलीं- इसके बारे में किसी को कहेगा तो नहीं?
मैं- मुझे अप्सरा का हुस्न भोगने मिलेगा, तो मैं सारे गांव को न्योता थोड़ी दूंगा कि आ जाओ तुम भी आकर चोद लो. तुम सिर्फ मेरी रहोगी.

मौसी- ठीक है, तो अब देर मत कर … तेरा मौसा मादरचोद अब बुड्डा हो गया है … वह सिर्फ चूत चाट कर लंड हिलाता है और मेरी भोसड़ी की आग को और बढ़ा कर सो जाता है. मैंने अभी तक सिर्फ दो मर्दों से ही चुदवाया है. अब तुम तीसरे होगे. अगर तुम्हारा लंड तगड़ा हुआ तो किसी और को कभी अपनी भोसड़ी नहीं दूंगी … और यदि तूने मौसा जैसा किया, तो गांड पर लात खाएगा.

मैं- आज तक मैंने जिसे भी चोदा है … वह दुबारा से मेरा लंड मांगती है. अगर तुम भूखी निकली, तो तुम्हारी आग मैं ही बुझाऊंगा डार्लिंग!

मौसी- अभी से डार्लिंग? पहले भोसड़ी को खुश कर फिर तुझे हमेशा अपना जानेमन बना कर रखूंगी!
मैं- तो आ जा डार्लिंग, अब देख मेरा प्यारा खेल … और खुश हो जा!

मौसी को बांहों में जकड़ कर जैसे ही मैंने उनके बोबे दबाए तो वह चिल्ला उठीं- यार धीरे दबा, अब थोड़ी कहीं भाग रही हूँ! आज तेरे लंड के नीचे ही मेरी दुनिया है!
मैं- ठीक है डार्लिंग.

फिर मैं धीरे धीरे बोबे दबा कर उनको खुश करता गया.
बोबे, पेट और बगलों को मैंने खूब चाटा और उनकी बगल को भोसड़ी समझ कर कुछ देर लंड उसमें डालने लगा.

मौसी को अपनी जवानी के दिन याद आ गए और वह भी खुल कर मजा लेने लगीं.
वे बार बार अपनी भोसड़ी को मेरे मुँह के पास लाने लगीं और इशारों में कहने लगीं कि चाटो इसे!

जैसे ही मेरा हाथ उनकी भोसड़ी पर गया, वे पागल हो गईं.
वे अपनी भोसड़ी को दबा दबा कर चाटने का न्योता देती रहीं मगर मैंने थोड़ी देर तड़पा कर उन्हें हमेशा अपनी भूखी रांड बनाने की सोची.

फिर प्यार से उनकी भोसड़ी की फांकों को खोल कर दाने को सहलाने लगा.
जैसे जैसे मेरा हाथ चल रहा था, वह मछली की तरह तड़प रही थीं.

बहुत देर सहलाने के बाद जब आग ज्यादा बढ़ी तो मैंने प्यार से उनकी भोसड़ी की फाँकों को चाटना शुरू कर दिया.

अब तो उनकी गालियों के सैलाब ने मेरा लंड को और कड़क बना दिया था.

मौसी- मादरचोद चाट मेरी भोसड़ी को … आह भूखी है ये बहुत समय से! वह बहन का लौड़ा तो बूढ़ा हो गया. अब तो तू ही मेरी भोसड़ी का मालिक है.
मैं- आज चुदाने के बाद किसी से मत चुदाना, वरना तेरी मां चोद दूंगा मौसी!

मौसी- और आज मेरी भोसड़ी को खुश कर दे, ये सिर्फ फिर तेरे लंड की दीवानी होगी.

धीरे धीरे मौसी का हाथ भी लंड पर चलने लगा और वह भी मजे से हिलाने लगीं.

मैं- मौसी थोड़ा अब तू भी लंड को चूस कर गीला कर दे, ताकि तेरी भोसड़ी मुझे चोदते वक्त गालियां न दे!
पोर्न मौसी- आ जा मेरे लौड़े … तेरा लंड तो देखूँ, कितना बड़ा है!

मेरे लंड को हाथ में लेते ही Xxx मौसी कहने लगीं- ओ तेरी के … ये तो मेरी भोसड़ी का आज कल्याण ही कर देगा!

वे झट से मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं.
लेकिन अभी भी उनकी गालियां बंद नहीं हुई थीं; वे मौसा को बार बार गांडू कह रही थीं.

बहुत देर हो गई थी और अब लंड भी मुँह में गर्म हो चुका था.
अगर ज्यादा देर तक चूत चाटी, तो मुझे मुँह में झड़ना पड़ता और गांड पर लात खानी पड़ती.

समय की नजाकत को समझ कर मैंने मौसी की जांघों से उन्हें पकड़ कर बेड पर लिटा दिया.
फिर उनकी भोसड़ी के मुँह को एक बार कुत्ते की तरह चाट कर ताजा बना दिया.

मौसी- अब रुक मत, चोद मुझे से जान … मैं अब नहीं रह सकती तेरे प्यार ने मेरी भोसड़ी में आग लगा दी है. अब इसे अपने लंड से शांत कर, वरना मर जाऊंगी जान!

मैं- मौसी, थोड़ा सा इंतजार और कर ले … अब तेरी भोसड़ी का कल्याण मेरे कड़क लंड से ही होगा!
मैंने भोसड़ी की फांकों को हल्का सा खोल कर लंड को सैट किया और एक धक्का देकर अन्दर पेल दिया.

मौसी थोड़ी सी चिल्लाने को हुईं. शायद सच में वे काफी समय के बाद चुद रही थीं.
मगर दर्द में भी मजा आता है, उनके चेहरे पर वही दिख रहा था.

कुछ ही देर में वे चिल्ला चिल्ला कर भी काफी खुश थीं और अपनी भोसड़ी को खुल कर चुदवा रही थीं.

Xxx मौसी को चोदते हुए अभी मुझे कुछ ही मिनट हुए थे कि मुझको एक झटका लगा.
मौसी की बड़ी बेटी ने हमें सेक्स करते हुए देख लिया क्योंकि प्यार और भोसड़ी की दीवानगी में मैं गेट बन्द करना भूल गया था.

पोर्न मौसी की जवान लड़की शालू ने चुदाई को देखा तो एक नए तमाशे ने जन्म ले लिया.
वह तो गनीमत यह रही कि मैंने शालू को देखा था, वह बड़ी हैरानी से अपनी मां चुदते हुए देख रही थी.

उस वक्त मौसी की नजरें विपरीत दिशा में थीं.
मैं पहले पहल तो सकपका गया, पर मैंने सोचा कि देखने दो … लौंडिया जवान हो गई है, आज नहीं तो कल इसे भी लंड की जरूरत पड़ेगी.

मैं उसे देखते हुए उसकी मां को चोदने लगा.
वह मेरे लंड को अपनी मम्मी की चूत में घुसता निकलता देख रही थी.

नीचे उसकी मम्मी मां बहन की गाली देती हुई अपनी चूत चुदवा रही थी और इधर मैं उसकी लड़की को देख देख कर उसकी मम्मी को चोद रहा था.
कुछ ही देर में मौसी झड़ गईं और मैं भी उनकी चूत में ही झड़ गया.

शालू मुझे प्यार से देखती हुई उधर से चली गई.

मैंने मौसी को चूमा और अपने कपड़े पहनने लगा.
मैं जैसे ही जाने को हुआ, तो मौसी ने कहा- वापसी में आज रात को यहीं रुक जाना, पार्टी करेंगे.

मैंने कहा- शालू भी तो यहीं है न मौसी!
वे हंस कर बोलीं- उससे कोई दिक्कत नहीं है.

मैं समझ गया कि शालू भी चालू हो गई है.
बस मैंने दबी सी आवाज में पूछा- क्या शालू आपके सारे राज जानती है!

वे हंस दीं और बोलीं- ब्लैक लेवल लाना, फिर सब बताऊंगी.
मैं भी समझ गया कि आज रात जश्न की रात है. मां बेटी दोनों की चुदाई का मौका मिल सकता है.

मैं टोंक के लिए निकल गया.

दोस्तो, आपको क्या लगता है कि शालू रात में अपनी मां के साथ अपनी टांगें फैलाएगी?
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