मेरे बर्थडे पर हुई सामूहिक चुदाई पार्टी

Xxx मस्तराम की कहानी मेरे जन्मदिन की नंगी पार्टी से शुरू हुई. मेरी 3 सहेलियां इस पार्टी में आई. उनमें से 2 अपने पापा के साथ आई. वे भी पार्टी में शामिल हुए.

यह कहानी सुनें.

मेरा नाम रोली है।
मैंने अपने जन्मदिन पर एक प्राइवेट पार्टी रखी थी जिसमें मेरी कुछ खास सहेलियां आयीं थीं प्रेमा, रीना, और सना।

हम चारों बड़ी पक्की सहेलियां हैं।
मैं इनके साथ पढ़ती भी हूँ, घूमती भी हूँ, हंसी मजाक भी करतीं हूँ और खुल कर गन्दी गन्दी बातें भी करती हूँ।
मुझे इनके साथ बहुत अच्छा लगता है।
मैंने अपनी बर्थ डे की पार्टी इन्ही के कहने पर रखी थी।

Xxx मस्तराम की कहानी शुरू करने से पहले मैं आपको एक बात बता दूँ दोस्तो … कि मेरी मम्मी ने मुझे सेक्स का ज्ञान पूरा दे दिया है।
मुझे सेक्स एजुकेशन मेरी मम्मी ने ही दी; सब कुछ मुझे खुल कर बता दिया और वे मुझसे एकदम खुल्लम खुल्ला बात करतीं हैं।
हम दोनों खुल कर लण्ड, बुर, चूत, भोसड़ा सब बोलती हैं और एन्जॉय करती है।

मम्मी के साथ मैं रात में नंगी सोती हूँ।
वे भी मेरे साथ नंगी सोती हैं।

मै उसकी चूत सहलाती हूँ, चूत में उंगली भी करती हूँ।
मम्मी भी मेरी चूत सहलाती हैं, उसे थपथपाती हैं और प्यार करती हैं।

वे मेरी चूत में उंगली नहीं करती, कहती हैं- अभी कुछ दिन रुक जाओ। फिर मैं खुद करुँगी तेरी चूत में उंगली!

हम दोनों एक दूसरी की चूत भी बड़ी मस्ती से चाटती हैं और गांड भी।
हम लोग सच में खूब एन्जॉय करती हैं।

केवल मैं ही ऐसा नहीं करती हूँ, मेरी सभी सहेलियां अपनी अपनी मम्मी के साथ नंगी ही सोती हैं।

हम सब एक दूसरी की मम्मी से खूब हंसी मजाक भी करतीं हैं और मौका मिलने पर चूत भी चाट लेती हैं.

हमारी मम्मियां भी आपस में सखियां हैं और वे हमारे बारे में सब कुछ जानती हैं।

एक बात और … जब हम चारों एक साथ होती हैं तो अपने अपने कपड़े उतार कर नंगी हो जाती हैं; फिर नंगी नंगी ही सारे खेल खेलती हैं।
हम एक दूसरी की चूत सहलाती हैं, चूसती है और बूब्स से भी खेलती हैं; एक दूसरी की गांड भी मजे से चाटती हैं।

इस बर्थ डे पार्टी में मेरे घर का कोई भी नहीं था, न पापा न मम्मी।
मैं ही अकेली थी घर में!

सबसे पहले प्रेमा आई, उसके पापा आये और प्रेमा को छोड़ कर चले गए।

उसके बाद रीना आयी।
वह कुछ देर तक बात करने लगी.
इतने में बड़ी तेज बरसात होने लगी।
अब रीना के पापा फंस गए।

इसी बीच सना भी आ धमकी।
भाग्यवश न सना भीगी और न उसके अब्बू!

लेकिन सना के अब्बू आरिफ और रीना के पापा नकुल दोनों लोग वापस नहीं जा पा रहे थे क्योंकि पानी रुकने के बजाये और तेज होता जा रहा था।

तब मैंने कहा- अरे अंकल, अब आप लोग भी हमारे साथ पार्टी का मज़ा लीजिये।

तब वे दोनों भी हमारे साथ बैठ गए।
पार्टी शुरू हो गयी।

सबसे पहले मैंने केक काटा, सबने तालियां बजाईं, हैप्पी बर्थ का गाना गाया और फिर सबको केक खिलाया गया।

सबको बड़ा अच्छा लगा।

उसके बाद शुरू हुई हमारी असली पार्टी।

मैंने कहा- अब सब लोग कपड़े उतार कर नंगे हो जाओ।

सबसे पहले मैं ही नंगी हुई।
फिर प्रेमा हुई और बाद में रीना और सना भी नंगी हो गयी।

हम चारों लड़कियों को नंग धड़ंग देख कर अंकल लोगों के होश उड़ गए।

उन लोगों ने अपनी ज़िन्दगी में ऐसा सीन कभी देखा ही नहीं था।
दोनों अंकल आँखें फाड़ फाड़ कर हम चारों को नंगी नंगी देख कर मज़ा लेने लगा।

तब तक प्रेमा नंगी नंगी नकुल अंकल की गोद में बैठ गयी और मैं नंगी आरिफ अंकल की गोद में!

उधर रीना और सना दोनों आपस में चिपक गयी, एक दूसरी के नंगे बदन पर हाथ फिराने लगीं।
माहौल एकदम रंगीन हो गया।

रीना सना की चूत चूमने लगी और सना रीना की चूत!

इधर आरिफ अंकल मेरे गाल चूमने लगे, मेरी चूचियाँ दबाने लगे और मेरी चूत सहलाने लगे।
मेरे सामने ही नकुल अंकल प्रेमा की बुर सहला सहला कर मज़ा लेने लगे उसके बूब्स मसलने लगे और पूरे नंगे बदन पर हाथ फेरने लगे।

कुछ देर तक ऐसा ही कुछ होता रहा।

सना और रीना दोनों एक दूसरी की बुर चाटने लगी और गांड भी!
इससे सबकी उत्तेजना बढ़ गयी।

फिर प्रेमा अचानक बोली- अरे यार, ये तो बेइंसाफी है। हम चारों लड़कियां एकदम नंगी नंगी बैठी हैं और ये दोनों अंकल भोसड़ी वाले कपड़े पहने हुए हैं। इनको भी हमारे सामने नंगा होना चाहिए।
मैंने कहा- हां यार, सच बात तो है. अंकल तुम लोग नंगे हो जाओ नहीं तो हम सब लड़कियां तुम्हारे कपड़े फाड़ डालेंगी।

तब दोनों अंकल उठे और सच में सबके सामने अपने अपने कपड़े उतार कर नंगे हो गए।

उनके नंगे होते ही उनके लण्ड साले टन्न से खड़े हो गए।
हम चारों लड़कियों ने दांतों तले उंगली दबा ली।

प्रेमा बोली- ओ माय गॉड … इतने बड़े बड़े लण्ड?
मेरे मुंह से निकला- क्या मस्त लौड़े हैं तुम दोनों के अंकल!
रीना बोली- हाय दईया, मुझे नहीं मालूम था कि मेरे पापा का इतना बड़ा लण्ड होगा.

सना ने कहा- हाय रब्बा … दोनों ही लण्ड एक से बढ़कर एक हैं। ये तो साले मेरी माँ का भोसड़ा फाड़ डालेंगे।

प्रेमा आगे बढ़ी और आरिफ अंकल का लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी।
उधर मैं नकुल अंकल का लण्ड पकड़ कर खूब मस्ती से हिलाने लगी।

सना और रीना अपने अपने पापा के लण्ड देख कर ख़ुशी से फूली नहीं समा रही थीं।

मैं यह सब देख देख हैरान भी हो रही थी और खुश भी हो रही थी।
सना और रीना जिस कदर अपने अपने पापा का लण्ड देख कर इतरा रही थीं, वह वाकई देखने वाला था।

अपने अपने पापा के आगे नंगी होना और अपने अपने पापा को नंगा देखना, फिर अपने अपने पापा का नंगा लण्ड देखना बड़ा मजेदार था।

सना बोली- हम तो रोज़ ही रात को अम्मी के साथ नंगी नंगी ही सोती हैं। हमको सब लोग नंगी देखते हैं और मैं सब लोगों को नंगी और नंगा देखती हूँ. लेकिन आज मैं अपने अब्बू का टनटनाता हुआ लण्ड पहली बार देख रही हूँ।
रीना बोली- हां यार, मैं भी नंगी सोती हूँ पर पापा का खड़ा लण्ड आज पहली बार देख रही हूँ। मुझे नहीं मालूम था कि मेरे पापा का लण्ड इतना हैंडसम होगा और इतना मोटा होगा!
सना बोली- हां यार, मैंने अब्बू का हमेशा सिकुड़ा हुआ लण्ड देखा है। मुझे नहीं मालूम था कि मेरे अब्बू जान का लण्ड इतना खबसूरत इतना प्यारा और इतना सख्त होगा. मज़ा तो मुझे भी आ गया लण्ड देख कर!

मैं इन दोनों की बातें सुन सुनकर मज़ा ले रही थी।

फिर हम चारों लड़कियों ने इन दोनों के लण्ड पकड़ पकड़ कर हिला हिला कर खूब मज़ा लिया।

इसके बाद सब चाटने लगीं लण्ड, सना अपने अब्बू का लण्ड मेरे साथ चाटने लगी और रीना अपने पापा का लण्ड प्रेमा के साथ चाटने लगी।

एक बेटी अपनी कामवासना के वशीभूत होकर कैसे अपने बाप का लण्ड चाटती है यह हम सब देख रही थीं।

दोनों बाप भी काम वासना में डूबे हुए बड़ी मस्ती से अपनी जवान बेटियों से अपना अपना लण्ड चटवा रहे थे।

चूत की आग और लण्ड की आग कुछ भी करवा सकती है।
हम चारों लड़कियां लण्ड चाटने में व्यस्त हो गयीं।

अचानक किसी ने डोरबेल बजा दी।

मैंने शाल ओढ़ कर दरवाजा खोला तो सामने डिलीवरी बॉय था।
वह खाना लाया था।

मैंने खाना ले लिया।

वह काफी भीगा हुआ था क्योंकि पानी बरस रहा था।

मैंने कहा- अब तुम कहाँ जाओगे? तुम्हारा नाम क्या है?
वह बोला- मेरा नाम विकी है। मेरा आज का काम खत्म हो गया है, मैं अब घर जाऊंगा।

मैंने कहा- जाने में भीग जाओगे। आज यहीं रुक जाओ कल सवेरे चले जाना।
वह बोला- ठीक है, रुक जाता हूँ।

मैंने उसे अंदर करके दरवाजा अंदर से बंद कर लिया।

फिर मैंने कहा- विकी अब तुम हमारे आगे बिलकुल नंगे हो जाओ।
उसने कहा- ऐसे कैसे नंगा हो जाऊँ मैडम?

मैंने अपनी शाल उतार कर कहा- देखो, जैसे मैं नंगी हूँ, वैसे तुम भी हो जाओ।
वह मुझे नंगी देख कर सकपका गया।

फिर उसका लण्ड भी खड़ा होने लगा।

जब वह नंगा हुआ तो मैं उसका लण्ड पकड़ कर सबके सामने पहुँच गयी।

वहां का सीन देख कर विकी का लण्ड आसमान से बातें करने लगा।
उसका लण्ड साला किसी भी अंकल के लण्ड से कम न था, मोटा भी था और कड़क भी!

प्रेमा ने हाथ बढ़ाकर उसका लण्ड पकड़ लिया और हिला हिला मस्ती करने लगी।

अब हम चारों के बीच तीन लण्ड हो गए।
फिर बारी बारी से सबने विकी का लण्ड चाटा।
यानि हम सबने सबके लण्ड चाट चाट कर मज़ा लिया और दोनों अंकल ने भी हम सबकी बुर चाटी और गांड भी चाटी।

दोनों अंकल ने अपनी अपनी बेटी की बुर चाटी और गांड भी चाटी।
बड़ा मज़ा किया सबने मिलकर!

मेरे सामने आरिफ अंकल का लण्ड था तो मैंने उसे अपनी चूत में पेलवा लिया।
अंकल ने भी बिना कुछ बोले सीधे पेल दिया लण्ड मेरी चूत में और अपनी बेटी के सामने मुझे धकाधक चोदने लगे।

उधर रीना ने अपने पापा का लण्ड प्रेमा की बुर में घुसा दिया और कहा- आज तुम इसकी चूत का हलवा बना दो पापा! मैं चाहती हूँ कि इसकी चूत के चीथड़े उड़ जाएँ पापा!

सना उधर विकी के लण्ड पर जुट गयी।
उसने विकी को अपने ऊपर चढ़ा लिया और उससे कहा- यार, अब तुम मुझे खूब घपाघप चोदो। मैं बहुत चुदासी हूँ।

विकी तो चाहता यही था … उसने पेल दिया पूरा लौड़ा सना की चूत में!
रीना घूम कर सबकी चूत में लण्ड पेलवाने लगी।
मस्ती का माहौल बन गया … चुदाई में सबको मज़ा आने लगा.

कुछ देर में मैंने खुद आरिफ अंकल का लण्ड रीना की बुर में घुसा दिया।

मैं उसकी बुर बड़ी मस्ती से चुदवाने लगी।

उधर नकुल सना की बुर चोदने लगा।

यानि दोनों अंकल एक दूसरे की बेटी चोदने लगे, पूरा लौड़ा घुसा घुसा के मज़ा लेने लगे।

आरिफ बोला- यार नकुल, मुझे तेरी बेटी चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा है. क्या मस्त चुदवाती है तेरी बेटी!
नकुल ने कहा- हां यार, मुझे भी तेरी बेटी चोदने में बड़ा आनंद आ रहा है। मुझे इतना मज़ा कभी अपनी बीवी भी चोदने में नहीं आया। तेरी बेटी की चूत भी बड़ी टाइट है और भकाभक चुदवाने में भी बड़ी तेज है। खुद अपनी गांड से जोर लगा लगा कर चुदवा रही है।

उधर विकी मुझे और प्रेमा को एक साथ चोदने लगा।

बड़ी देर तक ऐसा ही होता रहा।

कामोत्तेजना जब सर पर सवार होती है तो कुछ भी हो सकता है।

अचानक सना को लगा कि उसके अब्बू का लण्ड इतना बढ़िया है और मज़ा ले रही है रीना!
तो उसने अपने अब्बू का लण्ड पकड़ लिया और उसे अपनी चूत में पेल लिया, बोली- हाय अब्बू जान, अब तुम मुझे खूब घपाघप चोदो। पूरा लौड़ा पेल पेल के चोदो।

आरिफ जोश में था तो वह अपनी ही बेटी को चोदने लगा।

उसे देख कर नकुल भी उत्तेजित हो उठा, उसने भी लण्ड अपनी बेटी रीना की बुर में घुसेड़ दिया.

रीना भी मस्त हो गयी, बोली- हाय पापा, खूब भकाभक चोदो मुझे, फाड़ डालो मेरी बुर चोदी बुर! बड़ा अच्छा लग रहा है … बड़ा मस्त लौड़ा है तेरा!

इस तरह हम चारों की खूब झमाझम चुदाई हुई।

रात में डिनर बाद भी चुदाई हुई और सब लड़कियों ने सबके लण्ड से चुदवाया।
हम सब लड़कियां चार चार बार चुदीं।

मैंने कहा- भगवान करे कि सबकी बर्थ डे पर ऐसी ही सामूहिक चुदाई हो!

दूसरे दिन जब मेरी मम्मी मिसेज रूपाली आयीं तो मैंने उसे सारी कहानी बता दी कि हम चारों ने किस तरह चुदवाया.
Xxx मस्तराम की कहानी पूरी सुना दी।

मम्मी हंस कर बोली- रोली, तूने बहुत बढ़िया किया. इसी तरह जवानी का मज़ा लेती रहो, मैं यही चाहती हूँ।
मैंने कहा- लेकिन मम्मी, मुझे तुम्हारी बहुत याद आ रही थी।
उसने पूछा- क्यों, मेरी याद क्यों आ रही थी?

मैंने कहा- मेरा मन था कि आज अगर मम्मी होती तो मैं लण्ड उसकी चूत में पेल कर मज़ा लेती.

मम्मी बोली- अच्छा तो तुम अपने हाथ से अपनी माँ चोदना चाहती हो।
मैंने कहा- हां मम्मी, अब बेटी अगर माँ की चूत में लण्ड नहीं पेलेगी तो किसकी चूत में पेलेगी?

इस पर मम्मी ने पलट कर जवाब दिया- तूने सही कहा रोली. अब अगर माँ अपनी बेटी की चूत में लण्ड नहीं पेलेगी तो किसकी चूत में पेलेगी?
फिर हम दोनों हंस पड़ी।

मैंने कहा- मम्मी, मैं नकुल और आरिफ अंकल को बुला लेती हूँ। इन दोनों से मैं अपनी माँ चुदवाऊंगी।
मम्मी ने कहा- मैं भी अपने बॉयफ्रेंड समर को बुला लेती हूँ, मैं समर से अपनी बेटी चुदवाऊंगी।

फिर क्या … शाम को नकुल, आरिफ और समर अंकल आ गए.

हमने सबको बड़े आदर से बैठाया और वेलकम किया।

उसके बाद मम्मी ने ड्रिंक्स का सेट लगा दिया और फिर सब लोग ड्रिंक्स का मज़ा लेने लगे।

मैं समर अंकल के बगल में बैठी और मम्मी नकुल और आरिफ के बगल में!

थोड़ा जब नशा चढ़ा तो मम्मी ने कहा- अच्छा नकुल और आरिफ, तुम लोग अपनी अपनी बेटी चोदते हो और एक दूसरे की भी बेटी चोदते हो। तुम लोगों ने मेरी बेटी भी चोदा है।
नकुल बोला- हां भाभी जी, चोदा तो है।

मम्मी ने कहा- अच्छा तो फिर मेरी बेटी की माँ भी चोदो।
यह सुनकर सब लोग हंसने लगे।

मम्मी फिर बोली- चोदने के पहले तुम लोग नंगे हो जाओ और अपना अपना लण्ड खोल कर टेबल पर रखो। बेटी तुम नंगी होकर अपनी चूचियाँ खोल कर टेबल पर रखो। मैं भी नंगी होकर रखती हूँ।

मैंने जब टेबल पर रखे हुए तीन खड़े लण्ड देखा तो मेरी गांड फट गयी।
समर अंकल का लण्ड सबसे बड़ा और मोटा था।

मम्मी ने उसका लण्ड मुझे पकड़ा दिया और बोली- ले बुरचोदी रोली … पकड़ कर देख समर अंकल का लण्ड!

मैं भी जोश में थी तो पकड़ लिया उसका लण्ड!

नंगी मम्मी ने फिर एक हाथ से नकुल का लण्ड पकड़ा और दूसरे हाथ से आरिफ का लण्ड!
मम्मी दोनों लण्ड चूसने लगीं और मैं समर का लण्ड चूसने लगी।

कुछ देर में समर ने लण्ड मेरी चूत में पेला और चोदने लगा।

मेरे आगे आरिफ ने लण्ड मम्मी की चूत में पेला और नकुल ने लण्ड उसके मुंह में घुसेड़ दिया।
मम्मी दोनों लण्ड से चुदवाने लगी।

तब मम्मी ने कहा- समर फाड़ डालो मेरी बिटिया की चूत … ये माँ की लौड़ी अब लण्ड लेने लगी है।
मैंने कहा- नकुल और आरिफ अंकल, तुम लोग मेरे सामने चोदो मेरी माँ का भोसड़ा! ये साली कुतिया बहुत बड़ी रंडी है। पराये मर्दों के लण्ड से खूब खेलती है।

मम्मी बोली- यार समर, ये बुरचोदी रोली रंडी की औलाद है। इसकी माँ की चूत … इस मादरचोद की चूत मेरे सामने फाड़ो। इसे वैसे ही चोदो जैसे तुम मुझे चोदते हो।

फिर क्या हम दोनों की चूत इन तीनों भोसड़ी वालों ने फाड़ कर ही दम लिया।

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लेखिका की पिछली कहानी थी: ट्रेन में लिया दो अनजाने लण्ड का मज़ा