Xxx कजिन बेहन चोद कहानी में मैं अपनी बुआ की बेटी को चोदने की ख्वाहिश रखता था. उससे मेरी अच्छी दोस्ती थी. हम खुली बात करते थे पर मैं उसे चुदाई के लिए नहीं कह सका था.
हैलो दोस्तो, आप सब कैसे हो!
मैं उम्मीद करता हूं आप सभी अच्छे से होंगे.
अपनी नई Xxx कजिन बेहन चोद कहानी शुरू करने से पहले मैं आपको अपना थोड़ा सा परिचय दे देता हूँ.
मेरा नाम हर्ष है, मैं दिल्ली का रहने वाला हूं.
यह सेक्स कहानी मेरी और मेरी बुआ की बेटी के बीच हुए सेक्स की है.
यह बात आज से लगभग 5 साल पुरानी है.
आगे बढ़ूँ उससे पहले आप मेरी बुआ की बेटी के बारे में भी जान लें.
उसका नाम मानसी है. वह मुझसे उम्र में 5 साल बड़ी है और वह हमारे घर के पास में ही रहती है.
वैसे तो मानसी मुझे शुरू से ही आकर्षक लगती थी पर मेरी कभी हिम्मत नहीं हुई कि उससे कुछ बोल दूं या उसके साथ कुछ कर सकूं.
वैसे तो रिश्ते में भाई बहन लगने के कारण हम दोनों आपस में काफी हंसी मजाक करते रहते थे.
व्हाट्सैप पर चुटकुले भेजना, एक दूसरे के साथ मस्ती मजाक करना यह सब सामान्य सी बात थी.
चूंकि हमारे घर पास पास में ही थे तो आना जाना भी लगा रहता था.
हम लोग एक दूसरे को व्हाट्सएप पर जोक्स के अलावा भी काफी कुछ भेजते रहते थे.
एक दिन मैं अपने एक दोस्त, जिसका नाम मनीष है, उसे एक एडल्ट जोक भेज रहा था.
मैंने जल्दी जल्दी में मनीष की जगह मानसी को वह जोक भेज दिया और अपने काम में लग गया.
थोड़ी देर में मेरे फोन पर नोटिफिकेशन की टोन आई तो मैंने अपना व्हाट्सएप ओपन किया.
उसमें मानसी का मैसेज आया था.
उसने मेरे भेजे गए जोक पर रिएक्ट किया था और हंसने वाला इमोजी बनाया था.
मैं एक मिनट के लिए तो हैरान हो गया कि मैंने इसे कैसे गलती से भेज दिया!
पर उसका रिप्लाई देख कर मुझे थोड़ा रिलेक्स मिला और उसे रिप्लाई किया- सॉरी यार … किसी और को भेज रहा था, गलती से तुझे सेंड हो गया.
उसका तुरंत रिप्लाई आया- ठीक है यार चलता है, मुझे कोई समस्या नहीं है.
मैंने उससे कहा- ठीक है.
अब मैं उसको कभी-कभी द्विअर्थी चुटकुले भेज दिया करता था और वह भी अपनी प्रतिक्रिया देती रहती थी.
यह चलन कुछ यूं हो गया कि हम दोनों के बीच ऐसे चुटकुले बहुत ही ज्यादा आने लगे थे.
कुछ तो बहुत ही ज्यादा न्यूड होते थे पर वह हमेशा की तरह ही हंस कर अपनी प्रतिक्रिया देती थी.
मुझे भी ऐसे चुटकुले भेजने में मजा आने लगा था.
उसका मस्त रिएक्शन देखने के बाद ये सिलसिला और ज्यादा चलने लगा था.
फिर एक दिन मेरे घर वालों को शिरडी जाना था.
वे सब 4 दिन के लिए जा रहे थे.
चूंकि मैं नौकरी करता था तो मेरा जाना नामुमकिन था.
मेरी मम्मी ने कहा- तू अकेला घर में कैसे रहेगा? तेरे खाने का क्या इंतजाम होगा? इसके अलावा तुझे अकेले रहने में भी दिक्कत होती है तो तू कैसे मैनेज करेगा!
मैंने कहा- कुछ दिक्कत नहीं होगी मम्मी, मैं रात को सोने के लिए मानसी को बुला लूंगा और खाना बुआ के घर खा लिया करूंगा.
इस बात से मम्मी भी सहमत हो गईं.
अब वे सब लोग शिरडी चले गए.
मेरे अपने ऑफिस के दिन में ही मेरे मन में ख्याल आया कि क्यों ना इस मौके का इस्तेमाल करके देखा जाए.
हो सकता है मानसी पट जाए और मुझे उसकी चुत चोदने का मौका मिल जाए.
ये सब सोचते सोचते मैंने सारा दिन निकाल दिया और शाम को घर आया.
मैं कपड़े चेंज करने लगा, इतने में मानसी का कॉल आया.
उसने मुझसे पूछा- क्या तुम घर आ गए हो?
मैंने कहा- हां बस अभी आया हूं.
उसने कोई जबाव नहीं दिया.
मैं फ्रेश होकर अपने कमरे में बैठ कर टीवी देखने लगा.
इतने में दरवाजे की घंटी बजी.
मैंने गेट खोला.
तो देखा सामने मानसी और उसकी बड़ी बहन खड़ी थी.
मैंने उन्हें अन्दर आने के लिए कहा.
अन्दर आ कर मानसी ने मुझे बताया कि वे दोनों रात में मेरे पास रुक जाएंगी.
मेरा तो जैसा मूड ही खराब हो गया क्योंकि मेरा प्लान तो मानसी को अपने लंड के नीचे लेने का था, जो अब उसकी बड़ी बहन के चलते संभव नहीं था.
मैंने ऊपर से कहा- हां बढ़िया है.
फिर हम लोग टीवी देखने लगे.
इतने में दीदी के पास बुआ का फोन आया.
बुआ ने दीदी को बताया कि बाथरूम में फिसलने से उनका पर मोच खा गया है और वे उसी वजह से गिर गईं. उनके पैर में चोट आ गई है.
हम तीनों जल्दी से उनके घर गए.
मैंने देखा तो वे उठ भी नहीं पा रही थीं.
फिर जैसे तैसे करके मैंने उन्हें उठाया और बिस्तर पर बिठाया.
मैंने उनके पैर पर गर्म पट्टी बांधी.
दीदी ने कहा- मैं मम्मी को अकेली नहीं छोड़ सकती हूँ, अब मैं यहीं सो जाऊंगी.
इस पर मानसी ने झट से कहा- कोई बात नहीं दीदी. मैं इसके पास सो जाऊंगी. इससे यह भी अकेला नहीं रहेगा.
यह सुनकर मेरी तो जैसे लॉटरी खुल गई क्योंकि अब वही हो रहा था जो मैं चाहता था.
फिर मैं 5 मिनट बाद वापस घर के लिए निकल आया, मेरे साथ मानसी भी थी.
कुछ दूर निकलते ही मानसी ने मुझसे पूछा- भाई तू ड्रिंक करता है?
मैंने भी झट से हां कर दी क्योंकि जब मैं ड्रिंक करता था, तो उसे बताने में क्या दिक्कत थी.
वह कुछ नहीं बोली.
मैंने उससे पूछा- मूड है क्या?
वह हंस दी.
मैंने समझ लिया कि आज काम चौकस होने वाला है.
अब मैं सीधे घर ना जा कर रास्ते से जरा हट कर एक वाइन शॉप पर आ गया.
वहां से मैंने अपने लिए व्हिस्की और मानसी के लिए वोदका ले ली.
अब हम दोनों वापस घर पर आ गए और पीने बैठ गए.
हम दोनों ने 4-4 पैग लिए थे.
उसके बाद हमारा मन हुआ कि हम दोनों टेरिस पर जाएं.
मैं घर लॉक करके टेरिस पर आ गया.
उस वक्त दिसंबर का महीना था तो ठंड भी बहुत ज्यादा पड़ रही थी लेकिन दारू की मस्ती में ठंड का मजा लेने का मन हो रहा था.
हम दोनों छत पर घूमने लगे.
मैं अपने फोन पर गाने लगा कर थिरकने लगा.
मैंने अपनी जेब से डिब्बी निकाली और उसमें से एक सिगरेट निकाल कर सुलगा ली.
उधर मानसी ने डांस करना शुरू कर दिया था.
फिर उसने मेरे मुँह से सिगरेट खींच कर खुद के होंठों में लगा ली और धुआं उड़ाने लगी.
इसी बीच उसने मुझे भी अपने करीब खींच लिया और मैं भी उससे चिपक कर डांस करने लगा.
कुछ ही देर में हम दोनों एक दूसरे के हाथ पकड़ कर डांस करने लगे थे.
अब मैंने अपना एक हाथ उसकी कमर में डाल दिया और हम रोमांटिक वाला डांस करने लगे.
हम दोनों अब एक दूसरे के बहुत करीब आ गए थे.
मैंने भी बिना देर किए सीधे उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे किस करने लगा.
पहले तो वह थोड़ी शर्माई, फिर वह भी साथ देने लगी और हम दोनों बिना किसी की परवाह किए बस एक दूसरे को चूम रहे थे.
अब मेरा हाथ उसके स्तन पर चला गया और मैं उसके दूध दबाने लगा.
वह मस्त होने लगी.
मैंने उसके कान में कहा- कमरे में चलें क्या?
उसने कहा- क्यों?
मैंने बिना लाग लपेट के कह दिया कि तुझे लंड का मजा नहीं चाहिए क्या?
उसने भी मेरे लौड़े को दबा कर कह दिया कि हां चाहिए है न!
बस हम दोनों वापस नीचे आ गए.
मैंने मेनगेट को लॉक किया और सीधा उसे अपनी गोद से उठा कर बेडरूम में ले गया.
जब वह मेरी गोदी में थी तो मैं उसे किस करते हुए गर्म करने लगा था.
बेडरूम में ले जाकर मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और खुद उसे ऊपर चढ़ गया.
मैं अब अपनी बहन को पागलों की तरह किस करने लगा जिसमें वह मेरा पूरा साथ दे रही थी.
जल्द ही हमारी किस बहुत ही जंगली हो चुकी थी.
हम दोनों अपनी अपनी जीभ एक दूसरे के मुँह में देते हुए लार का आदान प्रदान करने लगे थे.
फिर मैंने मानसी की टी-शर्ट को उतार दिया और उसने मेरी.
अब वह मेरे सामने काले रंग की ब्रा में थी.
उसके स्तन … ओह माय गॉड … इतने मस्त लग रहे थे कि मैं खुद को रोक ही नहीं पाया.
मैं अपनी बहन के मम्मों पर टूट पड़ा.
मैंने उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके स्तन दबाना और चूसना शुरू कर दिया.
वह सिर्फ मादक आहें भर रही थी और मेरे मुँह को अपने स्तनों में दबा रही थी.
मैंने अपने दोनों उसकी पीठ पर ले जाकर उसकी ब्रा के हुक खोल दिए और उसके स्तनों को आजाद कर दिया.
आह उसके मस्त रसीले दूध देख कर मैं उन दोनों मम्मों पर एकदम से टूट पड़ा.
मैं अपनी बहन के एक दूध को चूसता और दूसरे को हथेली में भर कर दबाता.
मेरे हर एक्शन के साथ मानसी सिर्फ कामुक आहें भर रही थी. वह मेरे साथ हो रही हर चीज को एन्जॉय कर रही थी.
मैं कभी उसके निप्पल काटता तो कभी उसके गोरे गोरे स्तन पर अपने प्यार की निशानी छोड़ देता.
कुछ देर बाद मैं नीचे आ गया और उसके पेट को चूमता हुआ उसका पजामा उतार दिया.
नीचे उसने लाल रंग की पैंटी पहन रखी थी, जो कि गीली हो चुकी थी.
उसकी पैंटी में से बहुत ही पागल कर देने वाली मादक खुशबू आ रही थी.
मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से ही अपना मुँह चुत में घुसा दिया.
मेरे ऐसा करते ही वह बिल्कुल पागल सी हो गई और मेरा मुँह अपनी चूत में दबाने लगी.
मैं उसकी पैंटी के ऊपर से ही कभी अपनी जीभ से रगड़ता, तो कभी उंगली से उसकी चूत रगड़ने लगता था.
वह एकदम जल बिन मछली जैसी छटपटा रही थी और उसके हाव-भाव यही बता रहे थे कि बस अब चोद दो.
यह महसूस करते ही मैंने उसकी पैंटी को भी उसके बदन से अलग कर दिया और सीधा उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी.
वह एकदम से उछल गई. वह तो जैसे सातवें आसामान पर थी.
मैंने उसकी चूत चाटना जारी रखा.
लगभग दस मिनट की चुसाई के बाद उसका शरीर अचानक से अकड़ने लगा.
मुझे समझ आ गया था कि वह अब अपनी चुत से पानी छोड़ने वाली है.
मैंने अपना मुँह वहीं लगाए रखा और उसकी चूत से निकला सारा का सारा नमकीन पानी चाट गया.
अब वह निढाल सी पड़ गई थी.
मैं उसके ऊपर आ गया और उसे किस करने लगा. उसके स्तन दबाने लगा.
वह फिर से तैयार हो गई.
अब बारी थी ब्लोजॉब की … तो मुझे चित लिटा कर वह मेरे लंड के पास अपना मुँह लेकर आ गई.
उसने अपने हाथ में मेरा लंड पकड़ा और उसे हिलाने लगी.
फिर उसने मेरे लंड को मुँह में ले लिया और मस्ती से चूसने लगी.
आह साली रांड … क्या मस्त चूस रही थी … कुतिया लंड को ऐसे चचोर रही थी जैसे कोई बच्चा लॉलीपॉप चूसता है.
थोड़ी ही देर में मेरा काम तमाम होने वाला था तो मैंने उसे बताया कि मेरा निकलने वाला है.
उसने इशारे से कहा कि मैं उसके मुँह में ही निकल जाऊं!
वह मेरे रस को पीना चाहती थी.
मैंने उसके मुँह में अपना माल टपका दिया और निढाल सा हो गया.
मैं सीधा लेट गया और वह भी मेरे पास आ गई.
वह मेरे कंधे पर सर टिका कर लेट गई और मुझे किस करने लगी.
हम दोनों बहुत कामुक भाव से एक दूसरे को चूम रहे थे.
कुछ देर बाद लंड ने पुनः अंगड़ाई ली तो मैं समझ गया और मैंने उसे अपने नीचे लेटा लिया.
उसकी टांगें चौड़ी करके अपना लंड उसकी चूत पर लगा दिया.
वह लौड़े की गर्मी से आह आह करने लगी थी.
मैंने कुछ पल चुत की फांकों में लंड को घिसा तो वह नीचे से अपनी कमर उठाने लगी.
बस मैंने जोर लगाते हुए उसकी चुत में धकापेल झटके लगाने शुरू कर दिए.
वह चीखने लगी- आआआह … मर गई!
मैंने उसकी आवाजों पर ध्यान न देते हुए तीन चार ही झटकों में अपना पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया.
वह मदहोश हो गई थी.
दारू के कारण दर्द तो समझो हुआ ही नहीं था.
अब मैं बहुत तेज-तेज चोद रहा था और वह भी मेरे लौड़े से चुदने के बहुत मजे ले रही थी.
वह खुद अपनी गांड उठा उठा कर मुझसे चुदवा रही थी.
मैं उसके दूध दबाता हुआ बोला- आआह मानसी आह … सच में तेरी लेने में बहुत मजा आ रहा है!
मानसी- आआह हांआ भाई … मुझे भी बहुत मजा आ रहा है!
मैं- आह मैं तुम्हें बहुत दिनों से चोदना चाहता था!
मानसी- आआह आआह हां … मुझे पता था और मैं भी तुझसे चुदवाना चाहती थी इसलिए तो आआह आआह … तेरे जोक्स पर हँसती थी … आआह!
ऐसे ही बहुत देर तक चोदने के बाद मैंने अपना माल उसकी चूत में ही निकाल दिया और हम दोनों लेट गए.
मैंने मानसी को उस रात में कई बार चोदा और हर बार अलग अलग पोजीशन में उसे पेला.
सुबह उसने मुझे उठाया क्योंकि उसे घर जाना था.
वह मुझे उठा रही थी.
मैंने उठते ही उसे पकड़ लिया और उसके होंठों पर किस करने लगा.
वह भी मुझे किस करने लगी.
Xxx कजिन बेहन चोद का लंड फिर से खड़ा हो गया.
मैंने उससे कहा- एक राउंड और हो जाए!
उसने भी झट से हां कर दी.
मैंने उसे डॉगी बनाया और चोदने लगा.
करीब 15 मिनट बाद चोदने के बाद मैं झड़ गया और उसके बाजू में लेट गया.
मैंने उसे इशारा किया तो उसने पलंग के बाजू में रखी सिगरेट की डिब्बी उठा कर दे दी.
मैंने कहा- एक सुलगा न!
वह अपने होंठों में एक सिगरेट दबा कर सुलगाने लगी और एक लंबा कश खींच कर मुझे दे दी.
मैं सिगरेट पीने लगा और वह मेरे बाजू से उठ कर खड़ी होकर अपने कपड़े सही करने लगी.
कुछ देर बाद वह रात को जल्दी आने की कह कर अपने घर चली गई.
उसके बाद जब वह रात को आई तो मैंने उसकी गांड मारी और उसके बाद तो वह मेरी पर्सनल रंडी हो गई थी.
हमें जब भी चुदाई का मौका मिला, तब हम दोनों ने चुदाई की.
आपको मेरी फुफेरी बहन की Xxx कजिन बेहन चोद कहानी कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
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