Xxx चाची देसी चुदाई कहानी में मैं छुट्टियों में गांव में चाचा के घर रहने गया. चाची ने झुक कर चाय दी तो मेरी नजर चाची की चूचियों पर जम गयी. चाची ने देख लिया.
नमस्कार मित्रो,
मेरा नाम रोहित है, मैं दिल्ली में रहता हूँ।
मैं 21 साल का हूँ.
यह मेरी पहली कामुक कहानी है; कृपया आप सभी मुझे मेल करके बताएं की आपको क्या पसंद और क्या नापसंद आया।
आप सभी बताएँगे तो मुझे मोटिवेशन मिलेगा दूसरी कहानी लिखने के लिए और गलतियां सुधारने में भी मदद मिलेगी।
यह Xxx चाची देसी चुदाई कहानी तब की है जब मैंने 12th की परीक्षा दी थी।
परीक्षा के बाद छुट्टियों में बोर हो रहा था तो पापा ने कहा- गांव घूम आ चाचा के पास!
हम दिल्ली में रहते हैं, चाचा चाची गांव में रहते थे खेती का सारा काम वही देखते थे।
मैं पापा का कहना मान गांव चला गया.
चाचाजी मुझे बस स्टॉप पर लेने आये और हम घर पहुंचे।
चाची ने दरवाज़ा खोला.
कहने को चाची 39 साल की थी पर उनका बदन किसी 25 साल की लड़की के जैसा कसा हुआ था।
चाची का परिचय देता हूँ।
उनका नाम सुरेखा
उम्र लगभग 39 साल
उनका लड़का शहर में पढ़ता था और लड़की की शादी हो चुकी थी।
हाइट 5.6″, सांवला रंग, लम्बे बाल, बूब्स 38, कमर 32, गांड 36, एकदम मादक फिगर था।
चाची ने कहा- मुँह हाथ धो लो और खाना खा लो. भूख लगी होगी तुम्हें!
चाचाजी ने कहा- हाँ तुम खाना खाओ, मैं खेत पर जा रहा हूँ. शाम को मिलते हैं।
इतना कह चाचाजी खेत पर चले गए और मैं खाना खाने बैठ गया।
चाची खाना ले कर आयी और झुक कर परोसने लगी.
तो चाची का पल्लू गिर गया.
क्या नज़ारा था … चाची के गोल गोल बूब्स ब्लाउज में से झाँक रहे थे जैसे मुझे बुला रहे हों।
चाची मुझे देख हंस कर बोली- खाने पे ध्यान दो बाबू!
खाने के बाद चाची ने कहा- तुम आराम कर लो, थक गए होंगे.
और मैं कमरे में जाकर लेट गया.
पर चाची के बूब्स मेरे दिमाग में घूम रहे थे।
मेरा लंड कड़क होने लगा मैं लोअर में हाथ डाल लंड को सहलाने लगा.
कुछ देर बाद चाची की आवाज़ सुन में हड़बड़ा के उठा तो देखा चाची मेरे पास खड़ी मुझे देख रही थी।
चाची हंस कर बोली- मैं पूछने आयी थी कि कुछ चाहिये तो नहीं तुम्हें?
मैंने ना में सिर हिलाया और चाची चली गयी.
फिर मैं सो गया।
पता नहीं कब नींद आ गयी.
शाम को चाचा जी आये तो चाची मुझे उठाने आयी।
मेरी आँख खुली तो चाची मेरे पास लेट कर मेरे सिर पर हाथ फेर कर मुझे उठा रही थी, बोली- उठो तुम्हारे चाचा आ गये हैं और तुम्हें बुला रहे हैं।
चाची मुस्कुराते हुए मेरे लोअर की तरफ इशारा करते हुए बोली- अपना टेंट हटा कर बाहर आना, तुम्हारे चाचाजी इतना बड़ा टेंट देख कर कहीं डर न जाएं।
मैंने लोअर की तरफ देखा तो लंड लोअर को चीरने को तैयार था।
मैं लंड को सुला कर बाहर आया, चाचाजी से बातें की.
फिर हमने रात का खाना खाया.
तब चाचाजी ने बताया कि उन्हें कल एक शादी में जाना है और वे एक दिन बाद ही आएंगे।
चाचा जी ने मुझे भी साथ चलने को कहा तो चाची ने ये कह कर मना कर दिया- रोहित वहां किसी को जानता भी नहीं है, बोर हो जाएगा. इसलिए इसे यहीं रहने दो, आप जाओ।
यह सुन मैंने भी हामी भर दी।
अगली सुबह चाचाजी शादी के लिये निकल गए।
खाना खाकर मैं भी अपने कमरे में लेट गया.
पर चाची के बूब्स दिमाग में घूम रहे तो मैंने सोचा कि एक बार मुठ मार ली जाए।
मैं फ़ोन में सेक्स मूवी देखने लगा.
चाची कब कमरे में आयी पता ही नहीं चला और मेरा फ़ोन छीन कर बोली- ये क्या देख रहे हो?
मैं चाची से फ़ोन छीनने लगा.
ऐसा करते हुए हम दोनों का बदन एक दूसरे से रगड़ रहा था।
चाची ने हाथ ऊपर उठाये हुए थे, ऐसा करते हुए चाची का पल्लू गिर गया।
चाची के ब्लाउज से उनके गोल गोल बूब्स बाहर झांक रहे थे.
यह देख कर मैं रुक गया.
मुझे देख चाची भी रुक गयी।
मुझसे रुका नहीं गया और मैंने चाची की कमर पर सहलाना शुरू कर दिया तो चाची भी सिहर उठी।
जब चाची ने कुछ नहीं कहा तो मैं समझ गया चाची भी यही चाहती हैं।
मैं अपने हाथ धीरे धीरे कमर से उनके बूब्स की तरफ ले गया.
जैसे ही मैंने चाची की चूची को छुआ तो चाची ने मुझे रोक दिया और मेरा फ़ोन देकर चली गयी।
मुझे लगा चाची को बुरा लग गया.
और यही सोच कर मैं सारा दिन अपने रूम से बाहर नहीं निकला।
शाम को चाची ने खाने के लिये आवाज़ लगायी तो बाहर मैं आया.
पर मैं चाची से नज़रें नहीं मिला पा रहा था।
यह देख चाची बोली- क्या हुआ रोहित?
मैंने कुछ नहीं कहा और खाना खाने लगा.
चाची ने फिर से कहा- रोहित इधर देखो!
जब मैंने देखा तो चाची मुस्कुरा रही थी और बोली- बड़े हो गए हो अब तुम!
चाची- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने कहा- नहीं।
फिर खाना खाकर मैं अपने कमरे में चला गया.
दिमाग में अब भी चाची का बदन घूम रहा था और लंड फड़क रहा था।
लाइट बंद करके मैं सो गया.
अचानक रात में मुझे महसूस हुआ कि मेरे लंड को कोई सहला रहा है.
मैंने आँख खोल कर देखा तो चाची मेरे लंड को सहला रही थी और लोअर के ऊपर से किस कर रही थी।
एकदम से मैंने उठकर लाइट ऑन की तो चाची सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थी.
मैंने कहा- चाची, ये क्या कर रही हो?
चाची बोली- बहुत शरीफ बन रहा है? कल तो मेरी चूचियों को खा जाने को तैयार था।
चाची मेरे पास आयी और मुझे पकड़ लिया फिर मुझे पागलों की तरह किस करने लगी।
सच में मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा था.
अच्छे से चाची के होंठ चूसने के बाद मैंने उनकी गर्दन पर चुम्बन किया तो चाची सिसकारने लगी।
मैं चाची के बूब्स दबाने लगा, वे सिसकियाँ भरने लगी।
मैंने चाची की कमर को चूमना शुरू किया तो चाची की आह्ह निकल पड़ी।
चाची गर्म हो रही थी.
मैंने चाची का पेटीकोट ऊपर कर गांड को चाटना को काटना शुरू किया तो देखा चाची ने पैंटी नहीं पहनी थी।
मैंने ब्लाउज के बटन खोले तो बूब्स एकदम से बाहर निकल पड़े.
चाची ने ब्रा पैंटी नहीं पहनी थी … यह देख मेरा लंड बहार आने को ज़ोर मरने लगा।
ओह्ह … क्या मस्त गोल गोल रसीले चूचे थे, भरे हुए!
उनके निप्पल एकदम खड़े हो चुके थे।
मैं एक भूखे शेर की तरह चाची के चूचों को दबा रहा था, चूस रहा था, निप्पल को अपने होंठों में दबा कर चूस रहा था।
चाची सिसकारियाँ भर रही थी- उम्म्म्म … अह्ह! चूसो मेरे बाबू … कल से तुम्हारी राह देख रही थी … चूसो मेरे अह्ह्ह!
मैंने उनके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया.
चाची का पेटीकोट नीचे गिर गया.
मैं झट से नीचे बैठ गया.
क्या मस्त फूली हुई चिकनी चूत थी।
मैंने अपनी जीभ उनकी चूत पर फेरना शुरू कर दी थी.
‘इस्स आह मर गई … उम्म्म … क्या कर दिया.’
चाची आहें भर रही थी और मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ रही थी।
उन्हें पलंग पर लेटा कर चाची की नंगी टांगें खोल कर मैं चाची की मस्त गीली चूत पर जीभ फिराने लगा।
नंगी चाची की आवाज़ तेज़ होने लगी ओह्ह्ह … अह्ह्ह … उम्म्म् … मर गयी!
मुझे चूत चाटने में बहुत मज़ा आ रहा था.
और चाची बोल रही थी- बस करो रोहित … अह्ह्ह … आ जाओ बाबू … अब डाल दो!
चाची ने मुझे लेटाया और मेरे लंड को चूत पे सेट कर एक अह्ह … के साथ आधा लंड अपनी चूत में समा लिया.
गीली चूत में लंड गप से घुस गया.
क्या गरमागरम चूत थी।
चाची पूरा लंड लेने को तैयार हुई तो चूत टाइट थी.
मैंने एक झटका दिया तो पूरा लंड चूत में घुस गया और चाची अह्ह हाह … करके रह गयी।
तब मैंने चाची से कहा- आपकी चूत तो काफी टाइट है.
तो चाची बोली- तुम्हारे चाचा महीने में एक दो बार ही करते हैं न इसलिए!
मैं उन्हें किस करने लगा, चाची के चूचों को हाथ से मसल रहा था, उनके निप्पल चूस रहा था।
मेरे सीने पर हाथ रखकर चाची लंड पर उछल रही थी- अह्ह्ह … रोहित मज़ा आ रहा है आज … ओह्ह्ह!
चाची लंड से उतर कर टांगें फैला कर लेट गयी.
मैंने लंड चूत पर सेट कर धीरे धीरे चूत के अंदर डाला और चोदने लगा।
चाची की आहें तेज़ हो रही थी- आह हह … रोहित … ओह्ह्ह … ऐसे ही बस ऐसे ही! रुकना नहीं अह्ह … रोहित उम्म्म्! मैं छूट रही हूँ … रुकना नहीं … और तेज़ अह्ह्ह्ह … आ!
मैं भी बोला- चाची, मैं भी झड़ने वाला हूँ … अह्ह्ह!
वे बोली- हाँ आ जाओ जान आ जाओ … बाबू आ जाओ … अह्ह … आ … आआ!
“ओह्ह चाची … आह … आंह!”
और Xxx चाची देसी चुदाई करके हम दोनों झड़ गए.
चाची मेरे होंठो को चूस रही थी ऐसे जैसे धन्यवाद बोल रही हो।
हम एक दूसरे को बाहों में भर कर लेटे रहे.
उस रात चाची ने दो बार और चुदाई करवाई … तब जाकर चाची शांत हुई.
और जब तक मैं गांव में रहा, चाची ने मुझे रोजाना चुदाई का सुख दिया।
जब भी मैं गांव जाता तो चाची वही सुख मुझे देती और बहुत ही प्यार से मेरा ध्यान भी रखती।
आशा करता हूँ कि मेरी देसी चाची की चुदाई की कहानी आपको पसंद आई होगी।
कृपया आप सभी मुझे इमेल करके बताएं कि आपको इस Xxx चाची देसी चुदाई कहानी में क्या पसंद और क्या नापसंद आया।
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