मां और भाभी को चोद दिया- 2

Xx भाभी चुदाई कहानी में मैंने अपनी भाभी को चोद कर पूरा मजा लिया. तब भी घर आये तो मैंने भाई भाभी की नंगी चुदाई देखी. लेकिन भाभी मुझसे चुदना चाहती थी.

दोस्तो, मैं आपका अभी एक बार पुनः आपकी सेवा में अपनी सेक्स कहानी के अगले भाग को लेकर हाजिर हूँ.
कहानी के पहले भाग
घर की अकेली चूतों का सहारा बना
में अब तक आपने जान लिया था कि मेरी मां और भाभी मेरे लौड़े से चुद चुकी थीं.

अब आगे Xx भाभी चुदाई कहानी:

सुबह जब मैं उठा तो मैंने देखा कि घड़ी में 5 बजे का समय हो रहा था.

मैंने कमरे की लाइट चालू की और अपने कपड़े पहनकर भाभी की तरफ देखा.
भाभी उस वक्त नंगी थीं तो मैं अपने फोन से भाभी की फोटो लेने लगा.

फिर बाहर आकर मैं अपने कमरे में आ गया.
मैं दोबारा सो गया और जब उठा तो घड़ी में 9 बज रहे थे.

मैं किचन में गया तो वहां पर भाभी खाना बना रही थीं.
भाभी ने मुझे देखा और हंस कर अपनी नजरें झुका लीं.

मैं भाभी के पीछे गया और उनकी गांड पर एक चमाट मारी, जिससे भाभी की आह निकली.
उन्होंने धीमे से कहा- ये क्या कर रहे हो आप … कोई देख लेगा!
मैंने कहा कि मां मंदिर गई हैं, ममता कॉलेज गई है.

वे हंस दीं.

फिर मैंने उन्हें अपनी बांहों में भरते हुए कहा- भाभी, मुझे आपकी गांड मारनी है!
तो भाभी ने कहा कि आपने मुझे रात को चोद चोद कर पूरा लाल कर दिया था. उसी वजह से मैं सुबह से अभी तक सही से चल भी नहीं पा रही हूँ.

मैंने कहा- तो मेरा लंड ही चूस लो!
इतने में बाहर से आवाजें आने लगीं, तो मैं नीचे बैठ गया और भाभी की साड़ी में घुस गया. मैं भाभी की पैंटी को नीचे करके अपनी जीभ भाभी की चूत में चलाने लगा.

तभी वहां पर मां आ गईं और भाभी से बात करने लगीं.
मैं भाभी के अन्दर अपनी जीभ बहुत तेजी से चलाने लगा था और कुछ ही देर में भाभी ने मेरा मुँह भर दिया.

मैं जब तक नहीं निकला, जब तक मां नहीं चली गईं.
मां के जाने के बाद मैं बाहर निकला और भाभी का पानी मैंने भाभी के मुँह में डाल दिया.
भाभी उसे पी गईं.

इसके बाद मैंने भाभी से कहा- मेरा लंड चूसो या मुझे चोदने दो!
यह बात सुन कर भाभी ने कहा- कुछ नहीं हो सकता.

मैंने कहा कि कुछ तो करना पड़ेगा!
भाभी ने कहा कि ओके मैं चूस दूंगी.

भाभी ने इतना कहा और वे किचन की पट्टी के नीचे सिलेंडर रखने की अल्मारी में घुस गईं और मेरा लंड निकाल कर चूसने लगीं.

दस मिनट तक लंड चूसने के बाद मेरी मां आ गईं.
मां ने मुझसे पूछा- सोनम कहां है?

मैंने कहा कि भाभी मुझे यहां छोड़ गई हैं.
मैं मम्मी से बात कर रहा था और नीचे भाभी मेरा लंड चूस रही थीं और वे घबरा भी रही थी कि कहीं मां उन्हें देख ना लें.

इसके बाद मां वहां से चली गईं और मैं ऐसा ही खड़ा रहा.

मैं मां को जाते हुए देख रहा था.

मां के जाने के बाद मैंने भाभी की गर्दन पकड़ ली और उनके मुँह में लंड को तेजी से अन्दर बाहर करने लगा.

कुछ मिनट बाद मैं भाभी के मुँह में झड़ गया और भाभी वहां से निकल आईं.
वे मेरे बगल में आकर खड़ी हो गईं.

इसके बाद मैं और भाभी दोनों रोजाना चुदाई करने लगे.
मुझे जब कभी भी मौका मिलता, मैं भाभी की चूत में अपना लंड डालकर उन्हें चोदने लगता.

इस तरह 4 महीने निकल गए.

एक दिन मैंने मां और भाभी को बात करते हुए सुना कि भैया अगले दिन आने वाले हैं.

मैं मां और भाभी की यह बात सुनकर थोड़ा दुखी हुआ क्योंकि अब मुझे पता था कि मैं भाभी को 10 दिनों तक नहीं चोद पाऊंगा.

शाम को हमने चुदाई नहीं की.

सुबह होने पर मैं उठा ही था कि मां ने कहा- तैयार हो जा, तेरा भाई आ रहा है. उसे लेने तुझे शहर जाना है.
मैं तैयार होने चला गया.

जब मैं तैयार हुआ तब तक 9 बज चुके थे.
मैं भैया को लेने चला गया.

मुझे और भैया को आते आते 4 बज गए थे.

मैंने देखा कि सभी लोग हमारा ही इंतजार कर रहे थे.

भैया ने मां को देखा तो उनके पैर लगे और बहन को गले लगाने लगे.

मां ने भैया से कहा- जाकर फ्रेश हो जा बहुत दूर से आ रहा है, थक गया होगा.
भैया उसी समय फ्रेश होने के लिए चले गए.

मैंने भाभी के कमरे में कैमरे लगा दिए थे तो मैं अपने कमरे में आ गया और मोबाइल पर भाभी के कमरे को देखने लगा.

मैं देख रहा था कि मेरा भाई अन्दर गया और भाभी को बेड पर पटक कर उनके दूध चूसने लगा.
भाभी भी भैया का पूरा साथ दे रही थीं.

भैया ने जल्दी से अपने कपड़े उतार दिए और वे चड्डी में आ गए.
वे भाभी के कपड़े उतरने लगे.

भाभी को पूरी नंगी करने के बाद भैया ने भाभी को गोद में उठा लिया और बाथरूम में लेकर जाने लगे.

बाथरूम में जाने के बाद रूम का गेट बंद कर दिया.
मैंने कैमरे को बदला और बाथरूम में देखने लगा.

वहां पर भैया ने फव्वारा चालू किया और भाभी को नीचे उतार दिया.
भैया ने कहा कि मेरा लंड चूस!
भाभी नीचे बैठ गईं और भैया का लंड चूसने लगीं.

कुछ मिनट तक चूसने के बाद भैया ने भाभी को खड़ा कर दिया और उनकी चूत में लंड डाल दिया.

भैया ने लंड डाला तो भैया का लंड भाभी की चूत में आधा ही गया था.

भैया ने बिना रुके एक जोरदार धक्का लगा दिया, जिससे लंड पूरा अन्दर चला गया और भाभी की एक जोर से आवाज निकल गई. भाभी की चूत से खू/न बहने लगा.

भैया ने ये देखा और कहा कि तेरी चूत क्या फिर से पैक हो गई?
भाभी ने कहा कि आप इसका ख्याल नहीं रखते, तो ऐसा ही होगा.

भैया भाभी को चोदने लगे.
वे काफी देर तक भाभी को चोदते रहे और फिर नहा कर बाहर आ गए.

मैंने भाभी को देखा और सोचा कि भाभी ने अपने आपको कितना दर्द दिया होगा इसके लिए कि भैया को शक न हो.

दरअसल उन्होंने अपनी चूत में से एक प्लास्टिक का एक टुकड़ा निकाला और बाहर फेंक दिया.
वे नहाकर तैयार होने लगीं.

मैंने देखा कि भाभी से चलते नहीं बन रहा था.

भाभी शाम को कमरे से बाहर निकलीं और किचन में चली गईं.
भाभी अभी भी लंगड़ा कर चल रही थीं.

किचन में जाने के बाद भाभी ने खाना बनाया, खाना बनने के बाद सभी ने साथ में खाना खाया.
भाभी और मां ने साथ में काम खत्म किया और उसके बाद भाभी अपने कमरे में चली गईं.

भाभी के पीछे पीछे मैं भी अपने कमरे में चला गया.
कमरे में जाने के बाद मैं कैमरे में देखने लगा.

भाभी अभी नहाने गई हुई थीं.

वे नहा कर वापस आईं. तो जो कपड़े मैंने भाभी को लाकर दिए थे, वे उन्हें ही पहनने लगीं.

सबसे पहले भाभी ने रेड पैंटी पहनी, फिर रेड ब्रा और एक एक करके रेड ब्लाउस रेड साया और रेड साड़ी भी पहनी.

इस समय मेरी भाभी किसी परी से भी ज्यादा सुंदर लग रही थीं.

इन सब में भाभी को 10 बज गए थे.
फिर भैया अन्दर आ गए.

तभी मेरे पास फोन आने लगा.
मैं फोन पर बात करने लगा और मुझे उसी वक्त कॉलेज के हॉस्टल में जाना पड़ा, इसलिए मैं आगे का कुछ भी नहीं देख पाया.

इसके बाद मैं भी तैयार होकर मां के कमरे में गया और मां से कहा कि मुझे कुछ काम है, तो मैं जा रहा हूँ. मैं 4 बजे तक आ जाउंगा.

मैंने अन्दर देखा तो मां नंगी थीं, वे अपनी चूत में उंगली कर रही थीं.

मां ने मुझे देख कर कुछ भी नहीं कहा.

मैं वहां से जाने लगा.
मां मुझे जाते हुए देख कर उदास हो गईं.

मैंने मां की उदासी को देखा, तो समझ गया कि मां ने शायद सोच होगा कि मैं उन्हें चोदूंगा.
पर मैं उनके कमरे से निकल कर सीधे हॉस्टल में आ गया था.

हॉस्टल से आते आते मुझे 4:00 बज गए.

मैंने 4:00 बजे आकर देखा कि मेरे भैया भाभी के कमरे से बहुत तेज थप थप की आवाज आ रही थी.
इसमें मेरी भाभी की आह आह भी शामिल थी.

मैंने अपने कमरे में कैमरा ऑन किया और उन्हें देखने लगा.
मैंने देखा कि मेरी भाभी पूरी नंगी थीं और मेरे भैया भी पूरे नंगे थे.

भैया भाभी को बहुत जोर जोर से चोद रहे थे.

मुझे अभी कुछ ही देर हुई थी कि वे दोनों ठंडे पड़ चुके थे और सोने लगे थे.
मैं सो गया और जब सुबह 11 बजे मेरी आँख खुली, तो मैं फ्रेश हुआ और बाहर आ गया.

मेरे बाहर आते ही भैया ने कहा- तैयार हो जा, कल तुझे और मां को गांव जाना है. वहां पर कुछ काम है तो तू मां के साथ चला जाना.
मैंने कहा- जी ठीक है भैया!

मैं बाहर आ गया. कुछ देर इधर उधर भटकने के बाद मैं वापस घर आ गया.
मैंने देखा कि मां और भाभी कहीं से आ रही थीं.

मां ने भैया से कहा- संतोष कल की टिकट करवा देना.
मुझसे कहा कि चलना है.

मैं मां की गांड को घूरने लगा.
मुझे यह करते हुए भाभी ने देख लिया.

भाभी ने मुझसे कहा कि मुझे कुछ काम है तो तुम अभी आ जाना.
वे अन्दर चली गईं.

मैं भी भाभी के पीछे पीछे जाने लगा.
भाभी के रूम में घुसते ही मैंने भाभी को बेड पर पटका और भाभी की पैंटी नीचे कर दी.

फिर जल्दी से अपना लंड भाभी की चूत में लगाया और अन्दर डाल दिया.
मैं उन्हें धकाधक चोदने लगा.

देर तक चोदने के बाद मैं भाभी के अन्दर ही झड़ गया और उनके ऊपर ही गिर गया.
Xx भाभी चुदाई करके हम दोनों ही हांफ रहे थे.

कुछ देर बाद हम दोनों सामान्य हुए.
हमने अपने कपड़े ठीक कर लिए.

भाभी ने कहा कि तुम दोनों भाई ही चोदू हो. जब भी मौका मिलता है, तभी चोद देते हो. वैसे भी तुम्हारे भाई ने मेरी चूत का भर्ता बना दिया है. तुम उसे भोसड़ा बनाने पर तुले हो. तुम पहले भाभी चोद बने और अब मादरचोद भी बनना चाहते हो?

मैंने उनकी बात समझ ली और कहा- मुझे पता चला है कि मां पहले चाचा से चुदवाती थीं. वैसे मैं तुम्हें बता दूं कि बड़ा भाई भी पिता के बराबर होता है, तो भाभी भी मां हुई न! जब मैं तुम्हें चोद सकता हूँ, जिसका पति अभी जिंदा है. फिर मां का पति तो मर गया है. उसमें तो तुझसे ज्यादा आग होगी कि नहीं!

भाभी हंसने लगीं.

अब मैंने भाभी की गांड पर एक चांटा मार दिया.

भाभी ने कहा कि अच्छा ही है कि तुम मां को भी चोद दो. तुम्हारे पास 15 दिन हैं. इन 15 दिनों में उनकी आग इतनी बढ़ा दो कि वे भी तुझसे चुदवाने लगें. अब जाओ तेरे भाई आते ही होंगे.

मैं बाहर आ गया और अपने काम करने लगा. तभी मोबाइल न जाने कैसे गिर कर टूट गया.
मैं परेशान हो गया और एक दोस्त को बुला कर उसे सुधरने के लिए दे दिया.

काम करने के बाद हम सबने खाना खाया और सोने चले गए.

मैं सुबह उठा और तैयार होकर अपना फोन लेने गया. वहां पर मुझे पता चला कि फोन तो ठीक हो गया पर फोन का सारा डाटा डिलीट हो गया. डाटा वापस नहीं आएगा.

मैं इस बात से उदास हो गया क्योंकि अब कैमरे मेरे फोन से कनेक्ट नहीं थे.
मैं भैया भाभी की चुदाई को नहीं देख सकता था.

फिर भी मैंने फोन लिया और चला आया.

भैया ने कहा कि शाम 7 बजे की बस से जाना है.
मैंने कहा- ठीक है.

मैं घर में एक मौके तलाश में था कि मुझे भाभी के कमरे में जाने को मिल जाए तो मैं कैमरे के क्यूआर कोड को स्कैन करके वापस मोबाइल में कैमरे कनेक्ट कर लूँ.
लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

शाम पांच बजे भैया ने कहा कि तैयार हो जाओ. जल्दी ही चले जाना, तो बस में सीट मिल जाएगी.
मां को तैयार होने में 6 बज गए.

हम दोनों 6 बजे निकले और हमें जाते हुए आधा घंटा लग गया.

भैया ने हमें बताया कि यह बस स्लीपर बस है.
हम दोनों बस में चढ़ गए.

भैया ने सब कुछ करवा दिया था. हम दोनों को बस पर छोड़ कर भैया घर चले गए.
हम दोनों अपनी जगह पर आ गए.

मैंने देखा कि भैया ने कहा था कि बस 7 बजे निकल जाएगी लेकिन बस 8 बजे तो बस अड्डे से ही निकली और बस में गिनती के कुल 5 लोग ही थे.

हम दोनों की बर्थ लास्ट में थी.
बाकी के चारों लोग आगे थे.

इसके बाद हमारे पास बस कण्डक्टर आया और उसने हमारी टिकट चेक की.
वह चला गया.
फिर सभी लाइट ऑफ कर दी गईं.

इस सबके बाद मैंने मां से पूछा कि उस बात को 5 महीने हो गए हैं, आपने कुछ सोचा!
मां ने कुछ नहीं कहा.
मैं चुप हो गया और सोने लगा.

फिर मेरे लंड पर एक हाथ आया और मेरे लंड को हिलाने लगा.
मां ने मुझसे कहा- मैं तुम्हारा साथ दूँगी, पर तुम्हें मुझे रोज चोदना होगा.

मैंने कहा कि इससे अच्छी कोई बात हो ही नहीं सकती.
मैं मां के कपड़े उतारने लगा तो मां ने कहा कि बिना कपड़े उतारे ही कर लो.

मैंने कहा कि ऐसे मुझे मजा नहीं आएगा.
मां ने कहा कि यहां पर अच्छे से कपड़े नहीं पहन पाउंगी.

मैंने ठीक है कहा और अपना लंड मां की चूत में डाल दिया.
मैं जोर जोर से झटके मारने लगा और मां की आ आ आ आ की आवाज आने लगी.

मैंने काफी देर तक मां की चुदाई की.

इस बीच मां दो बार झड़ चुकी थीं और अंत में मैं मां की चुत के अन्दर ही झड़ गया.
हम ऐसे ही सो गए थे.

सुबह जब मैं उठा, तब मैंने देखा कि मां मेरा लंड चूस रही थीं.
मैंने कहा कि सुबह सुबह ही शुरू हो गईं?

मां ने मुझसे कहा कि तुम्हारा लंड ही खड़ा हुआ था!
मैंने अपना लंड मां के मुँह में ही झड़ा दिया और मां ने अपने कपड़े ठीक किए.

मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए.
फिर बस कंडकटर आया और उसने हमारा गेट खटखटाया.

हम दोनों वहां से निकल गए.
अब हमारा गांव आ गया था.

हम दोनों चाचा के आने का इंतजार करने लगे.

कुछ देर बाद चाचा जी आ गए और हम दोनों उनके साथ घर आ गए.

वहां पर चाची हमारा इंतजार कर रही थीं.
मैं चाचा की शादी में नहीं आ पाया था क्योंकि चाचा की शादी के समय मेरे एग्जाम चल रहे थे. इसलिए मैंने कभी भी चाची को नहीं देखा था.

मेरी चाची बहुत ही सुंदर थीं.
उनका रंग दूध की तरह सफेद था.
अगर उनकी तुलना में मेरी मां को देखा जाए तो सुंदरता में वे मेरी मां से एक कदम आगे ही निकलेंगी.

कुछ देर की बातचीत के बाद हम दोनों अपने कमरे में आ गए.

मैंने मां से कहा कि आपने चाचा से कभी चुदवाया था कि नहीं?
मां ने कहा- नहीं, मैंने कभी भी तुम्हारे चाचा के साथ चुदाई नहीं की है.

मैंने कहा कि आप चाचा से चुदवाओ ना!
मां ने पूछा- क्यों?

मैंने कहा कि अरे यार मुझे चाची पसंद आ गई हैं. मैं उनको चोदना चाहता हूँ.
मां ने कहा कि तुम मुझे चुदवा कर सुधा को कैसे चोदोगे?

मैंने मां को बेड पर पटका और अपना लंड निकाल कर मां की साड़ी ऊपर कर दी व लंड को चूत में डाल दिया.

अब मैं मां को चोदने लगा. कुछ मिनट तक चुदाई चली ही थी कि इस बीच में चाची की आवाज आई.
‘भाभी आप क्या कर रही हो?

मैंने और मां ने चुदाई बंद कर दी.
मां ने आवाज देते हुए कहा कि क्या हुआ सुधा?

चाची ने कहा- वह पंडित जी के पास नहीं जाना है शाम को, तो आप तैयार रहना!
मां ने कहा कि ठीक है.

चाची वहां से चली गईं.

मैं फिर से मां को चोदने लगा.
काफी लंबी चुदाई के बाद मैं मां के ऊपर ही गिर गया और वैसे ही मां और मैं लिपट कर सो गए.

इसके बाद मैंने अपनी चाची को किस तरह से चोदा व वापस आकर मैंने अपनी कुंवारी बहन की सीलपैक चुत की सील तोड़ चुदाई की.
उन सब घटनाओं में मैंने एक ही पलंग पर चाची और मम्मी को पेला व अपने घर में बहन भाभी व मम्मी को एक साथ नंगी करके धकापेल किस तरह से चोदा, इस सबको मैं बारी बारी से अपनी आने वाली सेक्स कहानी में आपको लिखूँगा.
Xx भाभी चुदाई कहानी पर आप मुझे अपने विचारों से जरूर अवगत कराएं.
lilih34201@miqlab.com