मेरी चुदक्कड़ मम्मी और चालू दीदी- 2

वाइल्ड हॉट सिस्टर सेक्स कहानी में मेरी मम्मी ने मेरे दोस्त को अपनी चुदाई के लिए बुलाया. पर मेरी दीदी और मेरा दोस्त भी एक दूसरे के साथ सेक्स का मजा लेना चाहते थे.

मैं समीर, आपको अपनी देसी मॉम फक स्टोरी में पुनः स्वागत करता हूँ.
कहानी के पहले भाग
मेरी चुदक्कड़ मम्मी मेरे दोस्त से चुदी
अब तक आपने पढ़ा था कि मैं अपने दोस्त रमन के साथ अपनी मम्मी की चुदाई का मजा ले रहा था. चुदाई के बाद हम तीनों थक कर चूर हो गए और बिस्तर पर नंगे ही लुढ़क कर सो गए.

अब आगे वाइल्ड हॉट सिस्टर सेक्स कहानी:

दोपहर में जब आंखें खुलीं, तो बेड पर मम्मी का नामोनिशान नहीं था.
मैं नंगे पांव, अपने तने हुए लंड को हल्के से सहलाते हुए किचन की ओर बढ़ा.
वहां मम्मी खाना बना रही थीं.

उनका नंगा, गोरा जिस्म चूल्हे की गर्मी में चमक रहा था, उनके भरे हुए चूतड़ हर कदम पर मादक अंदाज़ में हिल रहे थे.

मैं पीछे से चुपके से गया, उनके रसीले चूतड़ों को दोनों हाथों से पकड़कर चौड़ा किया और अपना गर्म मुँह उनकी गांड के छेद पर रखकर चाटने लगा.
उनकी नर्म, मखमली त्वचा की खुशबू मेरे होश उड़ा रही थी.

मम्मी ने अपनी मादक हंसी के साथ कहा- उठ गया मेरा लाल? और उठते ही मम्मी के चूतड़ों की याद आ गई? पहले अपनी मम्मी को एक प्यार भरी किस तो दे.

मैं उठा, उनके भरे हुए, नर्म मम्मों को ज़ोर से मसलते हुए उनके होंठों पर एक गहरा और जोश भरा किस किया.
अपनी जीभ से उनके मुँह को भरते हुए मैंने अपना थूक उनके होंठों में डाला, जिसे वह बड़े प्यार से चखते हुए पी गईं.

मम्मी की चूचियों और चूतड़ों पर अभी भी मेरी उंगलियों के लाल निशान चमक रहे थे. एक न/शीला सबूत हमारी सुबह की रंगरलियों का.

मैं फिर नीचे बैठ गया और उनके गोल, रसीले चूतड़ों को फैलाया और उनकी गांड को जीभ से चाटने लगा.
हर चाट में उनकी गर्मी को और भड़काते हुए मजा ले रहा था.

मम्मी खाना बनाती हुई अपने चूतड़ों को लय में हिलाने लगीं.
मेरी जीभ को अपनी गांड पर रगड़वाती हुई मजा लेने लगीं.

फिर मैं उठा और किचन में ही उन्हें चोदना शुरू कर दिया.
कुछ पंद्रह मिनट तक उनकी गीली, तपती चूत को ठोकते हुए मैंने आखिरकार उन्हें नीचे बिठाया और अपना गर्म माल उनके मुँह में डाल दिया.

मम्मी ने मेरे लंड को अपनी जीभ से चाट-चाटकर साफ कर दिया.
उन्होंने मेरे लौड़े की हर बूँद को प्यार से चूस लिया और फिर वापस खाना बनाने में जुट गईं.

मैं अपने कमरे में लौट गया.

उनकी मादक छवि अभी भी मेरे दिमाग में नाच रही थी.

थोड़ी देर बाद मम्मी कमरे में आईं.
उनकी आवाज़ में एक शरारती लहजा था ‘रमन को भी उठा लो, बेटा और आओ खाना खाने.’

मैं और रमन खाने की मेज़ पर पहुंच गए.

मम्मी खाना खाती हुई बोलीं- आज रमन को रात यहां रोक लो. सुबह उसे जल्दी नहीं आना पड़ेगा, क्योंकि तुम्हारे पापा कल सुबह जल्दी निकल जाएंगे. वे दो दिन के लिए बाहर जा रहे हैं.

रमन की आंखों में चमक आ गई, उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था.
उसे पता था कि रात यहां रुकने का मतलब है डबल मज़ा. मम्मी और दीदी, दोनों की जवानी का रस चखने का मौका.

रमन ने दीदी को कई बार मेरे साथ रात रुककर चोदा था.
मुझे मालूम था कि उसके चेहरे पर ये शरारती मुस्कान दीदी की चूत के ख्याल से थी.

मैंने कहा- ठीक है.

शाम हुई तो हम तीनों ने कपड़े पहन लिए.

मम्मी ने अपनी रोज़ की तरह एक छोटी मैक्सी पहनी, जो उनके घुटनों से ऊपर खत्म होती थी.
उनके गोरे, चिकने पैरों को नंगा छोड़ते हुए उनकी हर मैक्सी ऐसी ही घुटनों से ऊपर तक आती थी.

वे इसे आगे से कपड़े की बेल्ट से बांधती थीं. मजा यह कि मम्मी अन्दर से हमेशा नंगी रहती थीं.
मैंने उन्हें कभी ब्रा-पैंटी पहने नहीं देखा, यहां तक कि बाहर जाते वक्त भी वह अपनी आज़ादी को बरकरार रखती थीं.

मैंने भी रोज़ की तरह अपनी हाफ पैंट पहन ली, बिना चड्डी के और रमन को भी अपनी एक हाफ पैंट थमा दी.

थोड़ी देर बाद दीदी आ गईं.
रमन को देखते ही उनके होंठों पर एक शरारती मुस्कान खेल गई और वह अपने कमरे में चली गईं.

कुछ देर बाद वे कपड़े बदलकर बाहर आईं. मम्मी दीदी के लिए चाय बनाने किचन चली गईं.

दीदी मेरे पास आकर बैठ गईं और उन्होंने मेरे कान में फुसफुसाते हुए पूछा- आज रमन रात में रुकेगा?
मैंने कहा- हां, तो क्या तैयारी है आपकी आज रात?

दीदी ने अपनी आंखों में चमक लाते हुए कहा- तू अपनी तैयारी देख, मुझे तो बस रोज़ की तरह कपड़े उतारने हैं.

रमन पीछे से आया और दीदी की चूचियों को ज़ोर से दबा दिया- कैसी हो जानेमन?
दीदी ने पहले किचन की ओर देखा कि कहीं मम्मी तो नहीं देख रही, फिर रमन का हाथ अपनी चूची से हटाकर अपनी टी-शर्ट के अन्दर डाल लिया.
अपनी नंगी, मुलायम चूची को उसके हाथ में थमाती हुई वे मुस्कुराईं ‘रात में बताऊंगी!’

मैं उठा और बोला- चलो, तुम दोनों बात करो, मैं मम्मी को किचन में थोड़ी देर रोकता हूँ.
दीदी ने मेरी ओर देखकर आंख मारी ‘थैंक्यू.’

वे रमन का लंड सहलाती हुई उसे चूमने लगीं.
रमन ने उनकी सलवार में हाथ डालकर उनकी गर्म, चिकनी चूत को रगड़ना शुरू कर दिया.

मैं किचन में पहुंचा और मम्मी की मैक्सी की बेल्ट खोलकर उन्हें सामने से नंगी कर दिया.

उनका गोरा, नर्म जिस्म मेरे सामने था. मम्मी ने जल्दी से बेल्ट बंद करते हुए कहा- कोमल देख लेगी!
मैंने उनकी नंगी चूचियों को मसलते हुए कहा- वे रमन से बात कर रही हैं. एक जल्दी वाला राउंड कर लेने दो न!

मम्मी बोलीं- सुबह से चार बार कर चुके हो, अब रहने दो. कल पूरे दिन करना.
मैंने शरारत से कहा- अच्छा, तो बस थोड़ी देर बुर पी लेने दो.

मम्मी ने हंसते हुए कहा- अच्छा बाबा, ठीक है … पर बस थोड़ी देर, जब तक मैं चिप्स पापड़ भून लेती हूँ.

मैं नीचे बैठ गया. मम्मी ने अपनी टांगें चौड़ी कर दीं.

मैंने उनके चूतड़ों को फैलाकर उनकी गांड और चूत को जीभ से चाटना शुरू किया, उनकी मादक खुशबू मेरे होश उड़ा रही थी.

मुझे पता था कि बाहर दीदी अब तक रमन का लंड चूस रही होंगी और अपनी चिकनी चूत को उसके मुँह पर रगड़वा रही होंगी.
मैं यहां मम्मी को गर्म करने में जुटा था.

मुझे यकीन था कि मम्मी थोड़ी देर में खुद कहेंगी कि एक जल्दी वाला राउंड मार लो … और वही हुआ.

मम्मी ने अपना हाथ पीछे लाकर मेरा सिर अपनी गांड में ज़ोर से दबाया, अपने चूतड़ों को मेरे मुँह पर रगड़ती हुई मादक स्वर में बोलीं- अच्छा बेबी, एक जल्दी वाला राउंड मार लो, पर बुर में मारना.
मैंने फौरन अपनी पैंट उतारी और अपना तना हुआ लंड उनकी गीली चूत में डालते हुए कहा- जो आज्ञा, रानी माँ.

मैंने उनकी चूत को चाट-चाटकर भट्टी की तरह गर्म कर दिया था. वे एक बार झड़ चुकी थीं और सुबह की चुदाई से उनकी चूत इतनी तैयार थी कि मेरा लंड एक ही झटके में पूरा अन्दर तक समा गया.

पांच मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई ही हो पाई थी कि दरवाजे की घंटी बजी.

पापा आ गए थे.
मैंने किचन से आवाज़ लगाई- दीदी, ज़रा दरवाज़ा खोल दो.

दीदी ने जवाब दिया- ठीक है.
मैंने जल्दी से पैंट ऊपर खींची, मम्मी के रसीले चूतड़ों को फैलाकर उनकी गांड और बुर को एक आखिरी बार चाटा, फिर उनके होंठों पर एक गहरा किस देकर बाहर चला गया.

रमन ने पापा को नमस्ते किया.
पापा बोले- कैसे हो? आज बड़े दिनों बाद आए हो. रात का खाना यहीं खाओ और मन हो तो रुक भी जाना.

रमन ने शरारती मुस्कान के साथ कहा- हां अंकल, समीर भी कह रहा था रुकने को.
पापा ने हंसते हुए कहा- तो फिर आज रुक ही जाओ. ये लोग एक-दूसरे का मुँह देख-देखकर बोर हो गए होंगे, आज कोई नया चेहरा साथ रहेगा तो अच्छा लगेगा.

रमन बोला- जी अंकल, आज यहीं रुक जाऊंगा.

पापा ने पूछा- और घर में सब ठीक? मम्मी-पापा, दादी-दादा?
रमन ने कहा- हां अंकल, सब ठीक हैं.

पापा अन्दर कपड़े बदलने चले गए और मम्मी चाय लेकर आ गईं. सब चाय पीने लगे, पापा भी आकर शामिल हो गए.

मम्मी फिर किचन में खाने की तैयारी करने लगीं और पापा टीवी पर खबरें देखने में मशगूल हो गए.
मैंने कहा- पापा, हम दोनों कमरे में जा रहे हैं.

पापा बोले- ठीक है.
मैं और रमन कमरे में चले गए.

मैंने रमन से पूछा- इतनी देर में क्या किया?
रमन ने शरारत से कहा- तेरे जाते ही मैंने दीदी की सलवार उतारकर लंड उनकी चूत में पेल दिया था. माहौल गर्म हो ही रहा था कि तेरे पापा आ गए.

मैंने हंसते हुए कहा- चल, रात में पूरा मज़ा लेंगे.
रमन बोला- यार, एक राउंड तो अभी मार लेने दे, पक्का जल्दी कर लूँगा.

मैंने कहा- चल, ठीक है.
मैंने दीदी को आवाज़ दी- दीदी, ज़रा इधर आना, मेरा गेमपैड नहीं मिल रहा.
दीदी बोलीं- आई!

दीदी के कमरे में आते ही रमन ने उनकी सलवार खींच दी और उन्हें गेट के पास ही झुकाकर अपना तना हुआ औज़ार उनकी गीली चूत में डाल दिया.
मैं गेट पर खड़ा बाहर नज़र रख रहा था और साथ ही मैंने आगे से अपना लंड निकालकर दीदी के मुँह में दे दिया.

रमन उनकी कमर पकड़कर फुल स्पीड में उनकी चूत चोद रहा था और दीदी उसी रफ्तार से मेरा लंड चूस रही थीं.
मेरा लंड उनके गले तक जा रहा था, जिससे वह बार-बार चोक हो रही थीं.

उनके मुँह से ‘उग्घ-उग्घ’ की मादक आवाज़ें निकल रही थीं.
मैंने कहा- ऐसा करो, तुम दोनों बेड पर जाओ, आराम से एक-दूसरे के मज़े लो. मैं बाहर संभाल लूँगा किसी को नहीं आने दूँगा.

दीदी सीधी हुईं, मुझे अपनी ओर खींचकर जोश से चूमने लगीं और बोलीं- तेरा लंड भी तो चाहिए.
मैंने कहा- दीदी, पूरी रात तुम्हें चोदना ही तो है, आज का प्लान यही है.

ये कहकर मैं बाहर चला गया और दरवाज़ा बंद कर दिया.

पापा टीवी पर न्यूज़ देख रहे थे और मम्मी किचन में खाना बना रही थीं.

मुझे पता था कि पापा डिनर से पहले सोफे से नहीं हिलेंगे.

तो मैं किचन में चला गया.
मम्मी बोलीं- वे दोनों कहां हैं?
मैंने कहा- कमरे में बातें कर रहे हैं.

ये कहते हुए मैंने पैंट से लंड निकाला, मम्मी की बुर में उंगली डालकर बोला- इसे करनी है बातें इससे.

मम्मी हंसती हुई बोलीं- तू नहीं सुधरेगा. रोज़ खाना बनाते वक्त तुझे बुर चाहिए, कभी गांड. किसी दिन पापा या कोमल ने देख लिया तो?

मैंने मम्मी को थोड़ा झुकाया, उनकी चूत में लंड डालकर चोदते हुए कहा- कोई नहीं देखेगा, आप बस अपने बेटे के लंड के मज़े लो और सब भूल जाओ.
थोड़ी देर पीछे से चोदने के बाद मैंने मम्मी को अपनी ओर घुमाया, उनकी एक टांग उठाकर लंड उनकी चूत में डाला और उन्हें चूमते हुए चोदने लगा.

मम्मी कमसिन जवान लड़की की तरह मेरे मुँह में मुँह डालकर मेरा सिर पकड़कर रगड़ने लगीं.

कुछ देर बाद मैंने कहा- मम्मी, थोड़ी देर गांड भी?
मम्मी ने मादक हंसी के साथ कहा- ठीक है मेरे राजा, मेरे चूतड़ मार-मारकर और बड़े कर दो.

मैंने उन्हें झुकाया, उनके चूतड़ फैलाए और उनकी गांड में लंड पेल दिया.
फिर लंड निकालकर उनकी खुली हुई गांड के छेद में घी भर दिया और दोबारा चोदना शुरू कर दिया.

गांड में घी डालने के पांच मिनट बाद ही मैं उनकी गांड में झड़ गया.
मम्मी सीधी हुईं तो उनकी गांड से मेरा रस और घी टपककर उनकी टांगों पर बहने लगा.

मैंने कपड़ा लिया और उनकी टांगें, गांड और चूत को पौंछ दिया. फिर उन्हें चूमकर बाहर चला गया.
कमरे में पहुंचा तो दीदी और रमन नंगे चुदाई में मशगूल थे.

मैंने कहा- अब जल्दी कर लो, बाकी रात में करना.
पांच मिनट बाद रमन ने दीदी को उठाया और उनके मुँह में अपना सारा माल भर दिया, जिसे दीदी बड़े प्यार से पी गईं.

फिर उन दोनों ने कपड़े पहने और बातें करने लगे.
दीदी बीच-बीच में मेरे और रमन के लंड से खेलने लगतीं.

तभी मम्मी ने आवाज़ दी- खाना लग गया है, जल्दी आ जाओ सब!

हम सब टेबल पर खाने बैठ गए.
मम्मी मेरे सामने, पापा दीदी के सामने और रमन साइड में.

खाने की टेबल पर मुझे रात में कभी चैन नहीं मिलता.
मम्मी की छोटी मैक्सी और ऊपर खिसक जाती है तो मैं आराम से अपने पैर का अंगूठा उनकी चूत में डाल देता हूँ.

वैसे, मम्मी इसमें मेरी मदद खुद कर देती हैं. जैसे ही मेरा पैर उनकी चूत के पास पहुंचता है, वे मेरे अंगूठे को अपनी चूत में डाल लेती हैं. अगर आगे-पीछे करते वक्त निकल जाए, तो वे दोबारा डाल लेती हैं.

खाना खाने के बाद मैं, रमन और दीदी कमरे में चले गए और मम्मी-पापा अपने कमरे में.

अन्दर जाते ही दीदी ने अपने सारे कपड़े उतार दिए, फिर मेरी और रमन की पैंट भी खींच दी.

हम तीनों नंगे थे. मैं और रमन दीदी के दूधिया जिस्म को चाटने में जुट गए.

दीदी का बदन दूध सा गोरा है, उनके गुलाबी मम्मे मम्मी जितने बड़े नहीं हैं. उनके 32 के हैं. कमर 26 की, पर चूतड़ मम्मी जैसे बड़े-बड़े हैं.
पतली कमर पर दीदी के चूतड़ ऐसे लगते हैं मानो किसी को पैंट में ही बेहोश कर दें.

मैंने दीदी के चूतड़ फैलाकर उनकी गांड चाटना शुरू किया और रमन उनके दूध को निचोड़-निचोड़कर चूसने लगा.

हम दोनों बेड पर लेट गए.
दीदी मेरा लंड चूसने लगीं और रमन का लंड हिलाने लगीं.

फिर रमन का लंड चूसने लगीं और मेरा हिलाने लगीं.

रमन बोला- अब टांगें फैलाओ जानेमन, मेरा लंड तुम्हारी गांड मारने को प्यासा है.
दीदी उठीं, मेरा लंड अपनी चूत में डालकर मेरे ऊपर लेट गईं.

रमन ने पीछे से उनके चूतड़ों पर धीरे-धीरे तमाचे मारते हुए अपना लंड उनकी गांड में पेल दिया और चोदने लगा.

दीदी रगड़-रगड़कर, अपने चूतड़ हिलाकर हमारे बीच सैंडविच बनकर चुदवाने लगीं.
आधा घंटा की अलग-अलग कोणों से चुदाई के बाद मैंने दीदी की चूत में अपना माल भर दिया.

मेरे झड़ने के एक मिनट बाद रमन ने भी अपना लंड उनकी गांड से निकाल कर उनकी रसभरी चूत में पेला और पिचकारी मारने लगा.
हम दोनों ने दीदी की चूत को बहता दरिया बना दिया.

फिर रमन उठकर दूसरे बेड पर सोने के लिए लेट गया.
रात के 10 बज रहे थे.

देर रात 2 बजे मूतने के लिए आंख खुली तो देखा दीदी रमन से नंगी चिपकी सो रही थीं.
उनके रसीले चूतड़ मेरी ओर थे.

मैं उठा, उनके पास गया और उनके चूतड़ फैलाकर उनकी गांड चाटने लगा.

मुझे मम्मी और दीदी दोनों के चूतड़ और गांड का छेद कुछ ज़्यादा ही पसंद है.
जब मैं उनके चूतड़ों के बीच अपना मुँह डालकर उनकी गांड चाटता हूँ और उनका मखमली जिस्म मेरे चेहरे से रगड़ खाता है, तो मज़ा दोगुना हो जाता है.

खैर … दो मिनट उनकी गांड चाटने के बाद मैं मूतने बाहर चला गया.

दीदी गहरी नींद में थीं.
वे हमेशा ऐसी ही सोती हैं. मूतने के बाद मैं रोज़ की तरह मम्मी के कमरे में गया.

उनका कमरा रात में खुला रहता है. मम्मी की छोटी मैक्सी ऊपर खिसकी थी, उनके मोटे, गोरे चूतड़ चाँदनी में चमक रहे थे.

पापा उनके पास सोए थे, पर उनकी और दीदी की नींद एक जैसी, इतनी गहरी कि उनका बेटा उनकी बीवी को रोज़ रात चोद देता है और उन्हें भनक भी नहीं पड़ती.

मैंने मूड बना लिया कि पापा के बाजू में ही मम्मी को चोदूंगा.

दोस्तो, प्लीज मुझे बेशर्मी से लिख कर बताएं क्योंकि जब मुझे अपनी मां बहन चुदवाने में शर्म नहीं आ रही है तो आपको किस बात की झिझक.
जल्दी से कमेन्ट कीजिए कि मेरी वाइल्ड हॉट सिस्टर सेक्स कहानी में आपको कितना मजा आ रहा है.
tobeymagure13@gmail.com

वाइल्ड हॉट सिस्टर सेक्स कहानी का अगला भाग: मेरी चुदक्कड़ मम्मी और चालू दीदी- 3