स्टेप मदर फक स्टोरी में मेरी दूसरी शादी के बाद मेरे नए पति का बेटा विदेश से मुझे मिलने आया. वह मुझे गले मिला तो उसने मेरे चूतड़ दबा दिए. उसके बाद उसने मुझे कैसे चोदा?
फ्रेंड्स, मैं आपकी सिम्मी अपनी सेक्स कहानी का अगला भाग लेकर एक बार पुनः आपकी टांगों के बीच हलचल मचाने के लिए हाजिर हूँ.
यह सेक्स कहानी मेरी पाठिका की है जिसका नाम सुखजिन्दर कौर है.
उसने पिछली कहानी
मेरी दूसरी सुहागरात में जमकर चुदाई हुई
में अब तक आपको बताया था कि उसके दूसरे पति ने उसे शादी के दिन से ही उसे खूब चोदना चालू कर दिया था, जिस वजह से वह बहुत थक जाती थी … लेकिन खुश थी.
अब आगे की स्टेप मदर फक स्टोरी के लिए सुखजिन्दर आपके सामने रूबरू हैं.
दोस्तो, मेरे पति दीपू की सेक्स पावर बहुत अधिक थी और वे मुझे चुदाई में तोड़ कर रख देते थे.
उनकी चुदाई एक दो नहीं होती थी, वे कई कई बार मुझे पेलते रहते थे.
ऐसे ही चार दिन निकल गए.
पांचवें दिन उन्होंने मुझे बताया कि उनका बेटा आकाश इंडिया वापस आ रहा है.
वह उस वक्त अब्रॉड में था. उसकी उम्र 20 साल की थी.
मैंने सोचा कि शायद उसके आने के बाद मेरी दिन वाली चुदाई बंद हो जाएगी, फिर रात में मैं खुल कर चुदवाया करूंगी.
अगले दिन सुबह डोर बेल बजी, तो दीपू ने दरवाजा खोला.
तो सामने आकाश आया हुआ था.
दीपू के बेटे को सामने देख कर हम दोनों बहुत खुश हुए.
आकाश मुझे देख कर बोला- डैड आपसे तो मैं बाद में भी मिल लूँगा, पहले अपनी मॉम को तो मिल लूँ!
जब उसने मुझे देखा, तब वह बोला- वाह, फोटो से कहीं ज़्यादा सुंदर हैं आप तो!
यह कहते हुए उसने मुझे हग कर लिया.
मैंने भी उसको अपनी बांहों में भर लिया.
अचानक से उसका एक हाथ मेरी गांड पर आ गया था जिसको मैं महसूस कर पा रही थी.
फिर जब मैं उससे अलग होने लगी तो उसने मेरी गांड पर हल्के से एक चपत जड़ दी.
वह बोला- मॉम आप तो काफ़ी स्ट्रॉंग हैं!
मैं कुछ बोलती, उससे पहले ही मैं अन्दर आ गई और किचन में आकर सबके लिए खाना बनाने लगी.
उसी वक्त मेरे पति किचन में आए तो मैं उनसे बोली- बेटे ने मेरी गांड पर हाथ फेरा, जो मुझे ठीक नहीं लगा.
इस पर वे बोले- जान यह सब नॉर्मल है वह विदेश से आया है तो हो सकता है कि उसका स्वभाव ऐसा हो गया हो.
मैं कुछ नहीं बोली.
‘जस्ट चिल .. हम सब एक महीने तक खूब एंजाय करेंगे.’
मैं भी सब कुछ भूल गई.
फिर ऐसे ही रात तक हम तीनों ने एंजाय किया.
मेरे पति बोले कि मैं रात को तुम्हारी लूँगा.
मैं चुप रही.
फिर हम सब बाहर घूमने गए और जब वापिस घर आए तब तक 11 बजे का समय हो गया था.
मैं अपने कमरे में कपड़े चेंज कर रही थी कि तभी दीपू आए और बोले कि ऐसे ही रहो. मैं अभी आकर तुम्हें चोदता हूँ.
यह सुनकर मैं ऐसी नंगी ही बेड पर लेट गई.
वे कमरे की बिजली बंद करके बाहर चले गए.
दीपू 5 मिनट बाद कमरे में आए और मेरे मुँह में लंड देकर मेरे मुँह को चोदना शुरू कर दिया.
आज मुझे उनके लंड का साइज़ कुछ अजीब सा लगा और बॉडी भी.
फिर मैंने सोचा कि शायद इन्होंने ड्रिंक की है, उसकी वजह से है.
कुछ देर तक मेरे मुँह को चोदने के बाद उन्होंने मुझे बेड पर चित लिटाया और मेरी चुत में लंड पेल दिया.
आज मुझे उनके लंड से बेहद दर्द हुआ.
मैं बोली- जान धीरे धीरे करो.
तभी उन्होंने मेरे लिप्स पर हाथ रख दिया और एक जबरदस्त झटका दे दिया.
मेरी गीली चुत में उनका आधा से ज़्यादा लंड अन्दर घुसता चला गया.
मैं लंड की सख्ती और अलग सा साइज़ महसूस करके दर्द से चीख उठी- आआ अहह मर गई.
तभी उन्होंने दूसरा झटका भी दे दिया.
इस बार उनका पूरा लंड मेरी चुत की जड़ तक घुसता चला गया.
मैंने रुकने का इशारा किया, लेकिन उन्होंने झटके देने शुरू कर दिए.
मैं धीरे से बोली- जान धीरे धीरे करो, बेटा सुन लेगा!
लेकिन उनकी स्पीड तेज होती जा रही थी.
अब मुझे भी मजा आने लगा था तो मैं भी हर झटके के साथ आआहह आहह कर रही थी.
आज भी मैंने बेडशीट को फाड़ दिया था और मस्ती से चुदाई का मजा लेने लगी थी.
कुछ ही देर में मेरी चुत ने हार मान ली और अपने शरीर को अकड़ाने लगी थी.
कुछ ही पलों बाद मैं बहुत ज़ोर से चिल्लाई- आआआ आआहह, मैं गई जान!
मैंने अपना पानी निकाल दिया और निढाल हो गई.
वे मुझे लगातार चोदे जा रहे थे.
कुछ ही देर बाद वे मुझे बेड से खींच कर नीचे तक ले आए और बेड के सहारे खड़ी करके चोदने लगे.
वे उस वक्त पीछे से मेरी गर्दन पर किस कर रहे थे, तो मुझे तो बहुत ज़्यादा मजा आ रहा था.
मैंने कहा- आह जान, मजा आ रहा है. प्लीज मेरी गांड पर थप्पड़ मारो न!
वे भी मेरी गांड पर थप्पड़ मारने लगे और उन्होंने थप्पड़ों की एकदम बारिश सी कर दी.
मैं दर्द के साथ मजा लेकर चुदवा रही थी कि तभी उन्होंने अपना पानी छोड़ दिया.
काफी देर तक मुझे चोदने के बाद मुझे उनका पानी अपनी चुत की गहराई तक महसूस हुआ.
मैंने राहत की साँस ली कि शुक्र है.
तभी उन्होंने फिर से मेरे मुँह में लंड दे दिया, जिसको मैं फिर से चूसने लगी.
मैंने उनका स्पर्म भी चूस लिया.
जल्द ही मैंने अपने पति के लंड को चाट कर एकदम से साफ कर दिया.
जल्द ही उनका लंड एकदम से खड़ा हो गया था.
उन्होंने फिर से मुझे चोदना शुरू कर दिया.
इस बार वे पहले से भी ज़्यादा ज़ोर ज़ोर से चोद रहे थे और मैं भी भूल गई थी कि घर में कोई है.
मैं खुल कर चीखने चिल्लाने लगी.
तभी मुझे किसी के आने की आहट हुई तो मैंने झट से अपनी चुत से लंड बाहर निकाला और बोली- धीरे करो, कोई आ रहा है.
वे कुछ नहीं बोले और मेरे मुँह में लंड पेल कर मुझे लंड चूसने के लिए बोले.
मैं लंड चूसने लगी.
एक मिनट बाद जब आहट आना बंद हुई तो वे फिर से मेरी चुत में लंड पेल कर चोदने लगे.
इस बार उनकी स्पीड पहले से अधिक तेज थी.
वे मुझे ताबड़तोड़ चोद रहे थे.
मैं 2-3 बार बोली भी कि धीरे करो धीरे करो!
लेकिन वे मेरी एक नहीं सुन रहे थे.
फिर मैंने सोचना बंद कर दिया कि यह अभी नई नई शादी है, तो चुदाई तो होगी ही और वह लड़का भी तो जवान है, उसे भी तो मालूम होगा कि चुदाई में ऐसी आवाजें आती ही हैं.
इस तरह से मुझे सारी रात बजाया गया.
सुबह के 5 बजे तक मेरी चुदाई हुई जिसमें उन्होंने मुझे 4 बार हचक कर अच्छे से चोदा.
फिर मैं कब सो गई, पता ही नहीं चला.
मैं सुबह 8 बजे जब सो कर उठी तो मुझसे सही से चला भी नहीं जा रहा था.
जब मुझे दीपू ने देखा तो बोले- क्या हो गया, ऐसे क्यों चल रही हो?
मैं बोली- नीचे बहुत दर्द हो रहा है.
तब वे बोले- अच्छा कल रात तुम्हें चोद नहीं पाया, इसलिए ऐसा हुआ. चलो कोई बात नहीं .. आज रात को मैं पक्का चोदूंगा.
दीपू के मुँह से यह सुनकर मैं एकदम से हक्की बक्की रह गई कि यह क्या बात हुई!
मैं मौन थी.
मन में सोचने लगी कि इसका मतलब यह हुआ कि रात को मुझे आकाश ने … स्टेप मदर फक कर दिया?
मैं अभी यह सोच ही रही थी कि तभी आकाश भी पीछे से आया और मुझे देख कर बोला- गुड मॉर्निंग मॉम!
मैं उसे कोई जवाब नहीं दे सकी.
तब तक दीपू कमरे में चले गए थे.
आकाश- क्या हुआ? गुस्से में दिख रही हो?
मैंने आकाश के गाल पर झापड़ दे मारा और बोली- तुमने क्या कर दिया .. तुम्हें शर्म नहीं आई! मैं तेरी मॉम हूँ!
आकाश- मजा नहीं आया क्या .. चलो अभी फिर से करते हैं अच्छे से!
मैं- तू तो है ही कुत्ता एक नंबर का .. अगर तेरे पापा को इस बारे में पता चला, तो वे तुझे मार देंगे.
आकाश- बता दो पापा को, मैं भी बताऊंगा कि कैसे कैसे आप मेरे साथ रात को कर रही थीं!
मैं- रात को मुझे लगा था कि वे तेरे पापा हैं!
आकाश- बस करो, सब पता था आपको! अब चुपचाप मेरा लंड चूसो, नहीं तो मैं खुद ही उन्हें बता देता हूँ!
मैं- शटअप … मैं तेरी मॉम हूँ!
आकाश- असली नहीं, सौतेली मां हो. अब चुपचाप नीचे बैठो और चूसो!
उसने मुझे नीचे बिठा दिया और मेरे मुँह में अपना लंड डालने लगा.
मैं नाटक करने लगी.
वह बोला- जितनी जल्दी फ्री करोगी, उतनी जल्दी आप कोई काम कर सकती हो वरना मैं भी यहाँ से नहीं हिलूँगा!
मुझे आकाश का लंड चूसना पड़ा और मैंने जल्दी ही उसका पानी निकाल दिया.
आकाश ने सारा पानी किचन में ही निकाला.
मैंने जल्दी से उसको साइड किया और फर्श को साफ करने लगी.
तभी दीपू आ गए और मुझे अपने साथ रूम में लेकर गए.
वे मुझे चोदने लगे.
मैं उनको रोकती रही लेकिन जब लंड चुत में चला जाए, फिर कौन रुकता है.
मुझे भी मजा आने लगा.
कोई 20 मिनट तक चोदने के बाद वह नीचे गए.
उस समय मैं अभी नंगी ही थी कि आकाश आ गया और मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे ज़बरदस्ती चोदने लगा.
उसने भी मेरी अच्छी ख़ासी चुत बजाई.
वह भी 15-20 मिनट तक लगा रहा.
उसने भी अपना पानी मेरे ही अन्दर छोड़ा और हँसता हुआ मुझसे अलग हो गया.
फिर जैसे ही आकाश बाहर गया.
उसके 2 मिनट बाद दीपू आए और मुझे नंगी देख कर बोले- अभी तक ऐसे ही हो, तो चलो फिर से ले लेता हूँ.
अब उन्होंने मुझे फिर से चोदा.
और जैसे ही वे बाहर निकले, मैं समझ गई कि अब आकाश भी आएगा, सो मैं ऐसी ही नंगी पड़ी रही.
मेरा अनुमान सही निकला.
कुछ ही देर बाद आकाश आ गया और उसने मुझे वापस चोदना चालू कर दिया.
इस बार मैंने उसके लंड का सही से मजा लिया और बिना कुछ विरोध किये अपने बेटे से चुदती रही.
सुबह से लगातार चुदने के कारण अब मेरे अन्दर और हिम्मत नहीं रही थी.
मैंने जल्दी से कपड़े पहने और रूम से बाहर आ गई.
मैं इस बात से हैरान थी कि कोई इतना भी चोदता है क्या कि स्त्री को एक मिनट की भी फ़ुर्सत ना मिले!
और उनके लंड भी पता नहीं किस मिट्टी के बने थे, जो थकते ही नहीं थे.
अगले 2 दिन तक ऐसे ही चलता रहा.
फिर दीपू और आकाश बातें कर रहे थे, मैंने उन दोनों की बातें चुपके से सुन लीं.
दीपू- क्यों ना अब बता दिया जाए और एक साथ चुदाई करें?
आकाश बोला- हां सही है डैड, मॉम भी बहुत खुश होंगी और अब हमने सब कुछ कर लिया है. कोई शरम वाली बची ही नहीं. अब हम तीनों खुल कर सेक्स करेंगे.
मैं भी सोच में पड़ गई कि यह क्या हो गया मेरे साथ!
लेकिन मुझे अब कोई दिक्कत नहीं थी क्योंकि मुझे न तो लंड की कमी थी और ना ही पैसों का कोई टोटा था.
अब मैं सोच रही थी कि क्या करूं!
अभी यह सब मैं सोच ही रही थी कि तभी मेरी एक सहेली की कॉल आ गई.
उसकी स्टोरी भी मेरे जैसी ही थी.
वह अपने हज़्बेंड और ससुर से चुदवाती थी.
उसकी कॉल आने से मुझे कुछ हौसला सा मिला कि चलो अब आज मैं भी दोनों से एक साथ खुल कर चुदवा ही लूँगी!
फिर शाम हुई और जैसे ही मैं कमरे में आई, तो दीपू ने मुझे पकड़ लिया और चोदने लगे.
तभी मैं बोली- आकाश आ जाओ, मैंने देख लिया है तुमको … और मैंने तुम दोनों की सब बातें भी सुन ली हैं.
यह सुनते ही आकाश अन्दर आ गया और बोला- डैड, मॉम तो बहुत अच्छी हैं, देखो न हमारी खुशी के लिए हमसे एक साथ चुदवा रही हैं.
तब मैं बोली- आपके लिए मैं कुछ भी करूंगी.
आकाश ने मुझे लिपकिस की और थैंक्स मॉम बोला.
अब मैं भी उठ गई और हम तीनों नंगे होकर एक दूसरे को चूमने लगे.
सच में थ्रीसम सेक्स का बहुत मजा आ रहा था क्योंकि कभी आकाश मेरी चुत छेड़ता तो दीपू मेरे मुँह में लंड देकर मुझसे चुसवाने लगते.
फिर जब दीपू ने मेरी चुत चोदना शुरू की, तो आकाश मुझसे अपना लौड़ा चुसवाने लगा.
मुझे किसी का कोई डर नहीं था.
हम तीनों ने पूरी रात थ्रीसम सेक्स किया और अगली सुबह से हम सब नंगे ही रहने लगे.
जब जिस का दिल करता, वह मुझे चोद लेता.
मेरा भी जब दिल करता उनमें से किसी का भी लंड चूसने लगती.
अब मेरी फिगर में भी बहुत बदलाव हो गए.
फिगर का साइज़ बढ़ कर 38-32-40 का हो गया था.
बस अब रोजाना सिर्फ चुदाई का ही काम रह गया था.
मेरे आगे पीछे के दोनों छेद का आकार एकदम खुल गया था.
मुँह भी लौड़े को चूसते रहने के कारण खुला खुला सा हो गया था.
मैं बोलती थी तब ऐसा लगता था मानो किसी का लंड चूसने के लिए मुँह खोला हो.
दोस्तो, यह सेक्स कहानी एकदम सच है, आज भी मैं अपने बेटे और पति से चुदवा रही हूँ.
यह सब पढ़ कर आपको कैसा लग रहा है
प्लीज मेरी स्टेप मदर फक स्टोरी पर अपने मेल व कमेंट्स ज़रूर करना.
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