सेक्सी Xxx चुदाई का मजा लिया हमारे परिवार में सबने एक दूसरे से. मैंने अपनी सौतेली बहन और मम्मी को चोदा. पापा ने अपनी सौतेली बेटी की चूत मारी.
प्रिय पाठको, मैं जयंत आपको अपनी फ़ैमिली सेक्स कहानी में पुनः स्वागत करता हूँ.
कहानी के पहले भाग
पड़ोसन भाभी ने बहन की चूत दिलाई
में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरी पड़ोस की भाभी ने होली में मेरे लंड को रंग लगाते हुए मेरी बहन को दिखा दिया था.
मेरी बहन भी मुझसे चुदने को मचल गई थी.
वह मुझे चाय देने आई तो सेक्स की बातें करने लगी कि उसने मेरा लंड देखा था.
मैंने भी उसे कह दिया था कि मैं उसे चोदना चाहता हूँ.
अब आगे सेक्सी Xxx चुदाई का मजा:
दीदी बोली- आज भाभी रंग लगा रही थी, तबी भी तेरा लंड देखा था मैंने … फटा जा रहा था मुझे चोदने के लिए! वह तो उस समय वहां भाभी थीं, नहीं तो तू तो मुझे उधर ही चोद देता ना!
यह बोलती हुई दीदी ने मुझे किस कर लिया- मेरे राजा भैया, मैं तो कब से पागल हूँ तुमसे चुदने के लिए. जब से तुम्हारा लंड देखा है, मेरी चूत अब तक पानी छोड़ रही है!
मैंने तुरंत दीदी के कपड़े निकाल कर उन्हें पूरी नंगी कर दिया- आपकी चूत तो रंग से लाल हो रही है!
दीदी- तो तुम ही साफ कर दो भैया!
मैंने दीदी की चूत पर साबुन लगाया और फिर कस कर धुलाई की.
‘दीदी आपकी चूत पर तो बाल ही नहीं हैं!.
‘मेरे राजा, तुमसे चुदने के लिए झांटों को कल ही साफ किया था!’
फिर दीदी ने मेरे लंड पर साबुन लगाया और लंड को साफ किया.
वह बोली- भाभी सच कह रही थीं, बहुत मोटा है तुम्हारा लंड!
दीदी ने यह कहते हुए मेरे लंड को मुँह में भर लिया और चूसने लगी.
‘उम्ह्ह उम्ह्ह् दीदी … उम्ह्ह्ह आह.’
थोड़ी ही देर बाद मैंने सारा वीर्य दीदी के मुँह में छोड़ दिया.
नहाने के बाद दीदी ने कहा- भैया, मम्मी के कमरे में चलो ना, हम दोनों मस्ती करते हैं.
हम दोनों मम्मी के कमरे में पहुंचे और मैंने उनके बेड पर दीदी को गिरा लिया.
दीदी बोली- भैया, आज कोई नहीं है, मुझे जम कर चोद दो … फाड़ दो मेरी चूत. निकाल दो इसका पानी … ये परेशान है तुम्हारा लंड लेने के लिए!
‘हां मेरी बहना रानी, अभी लो!’
दीदी बोली- भैया, नीचे मम्मी की चूत का तेल रखा है, लगा दो मेरी चूत पर ताकि लंड आराम से अन्दर तक जा सके!
मैंने बेड से वही पॉलीथीन उठाई और तेल निकाल कर दीदी की चूत पर लगा दिया, फिर फट से एक कंडोम को लंड पर चढ़ा लिया.
दीदी बोली- हटा इस पन्नी को … खाल से खाल ना रगड़े तो मजा ही नहीं आता है!
‘पर आप प्रेगनेंट हो गईं तो?’
दीदी ने कहा- मैं दवाई खा लूँगी, पर तू अपने लंड का पानी मेरी चूत में जरूर छोड़ देना ताकि ये शांत हो जाए. अब तो मम्मी भी ये पन्नी पापा को नहीं पहनने देतीं, तो फिर मैं क्यों पहनने दूँ तुझे!
‘दीदी आपको कैसे पता?’
‘अरे पापा रोज चोदते हैं, मैंने देखा है … और अलमारी में बहुत सारी गर्भ निरोधक गोलियां भी रखी हैं, तू अब मुझे चोद बस!
फिर मैं दीदी पर टूट पड़ा.
मैंने दीदी के होंठों को अपने होंठों में कसके दबा लिया.
फिर अपने लंड को दीदी की चूत पर सैट करके एक करारा झटका दे मारा.
मेरा लंड बहन की चूत में अन्दर तक धंस गया.
दीदी चीख पड़ी- आह आ आ आई ई ई मर गई भैया … ऊऊ आह!
मैंने उसकी चीख पुकार को नजरअंदाज किया और अपनी स्पीड बढ़ा दी.
‘आह आह आ ई ई मर गई भैया, थोड़ा धीरे धीरे … मैं मर जाऊंगी!’
‘कुछ भी नहीं होगा दीदी, वह आपको चूत आज पहली बार फटी है न … इसलिए दर्द हो रहा होगा!’
ये बोलकर मैंने अपनी स्पीड और तेज कर दी.
‘आ आ आ आ आह आह आह ईई उइ अम्मा … आह चोदो … और तेज भाभी ने सही कहा था दीदी, एक बार लेकर देखो आज मिल गया है मोटा लंड … आह अपने लंड की सारी गर्मी इस चूत में निकाल दो … भर्ता बना दो अपनी बहन की चुत का … आह उई आह्ह्ह उम्ह मेरे राजा!’
करीब 20 मिनट के बाद मैंने एक जोर का झटका मारा और अपना सारा माल दीदी की चूत में छोड़ दिया.
सेक्सी Xxx चुदाई से दीदी की चूत वीर्य से भर गई और वह बोली- मजा आ गया भैया, सच में तुम कमाल का चोदते हो … तुम्हारी बीवी के तो मजे हो जाएंगे.
‘तुम हो ना दीदी, फिर वाइफ की किसे जरूरत है!’
दीदी- अच्छा, पर मैं घर पर रोज तो नहीं चुद सकती हूं न!
‘फिर मैं आपको बिना चोदे कैसे रह पाऊंगा दीदी?’
‘एक काम करो दीदी आप किसी तरह से मुझसे मम्मी को पटवा दो, फिर कोई प्राब्लम नहीं रहेगी!’
दीदी बोली- पर ये कैसे होगा?
‘आप सोचो ना!’
‘ठीक है, आने दो मम्मी को वापस … फिर कुछ प्लान करती हूं.’
अगले 4 दिन तक मैंने दीदी की ताबड़तोड़ चुदाई की और वह मम्मी की गर्भनिरोधक गोलियां खाती रही.
फिर मम्मी वापस आ गईं.
दीदी ने मुझसे कहा कि मैं कल तुम्हें चाय देने नहीं आऊंगी, मम्मी को तुम्हारे कमरे में भेजूंगी. तुम अपना लंड निकाल लेना, कुछ तो बात बनेगी मेरे राजा!’
अगले दिन मम्मी चाय देने के लिए जैसे ही किचन से निकलीं, दीदी ने मुझे कॉल किया- मम्मी आ रही हैं मेरे राजा … लंड पोजीशन में तो है न!
मैंने कहा- हां दीदी!
मैं सोने का नाटक करने लगा और अपना फनफनाता हुआ लंड बाहर निकाल लिया.
मम्मी आईं और लंड लहराता देख कर एकदम से दंग रह गईं.
वे बस मेरे लंड को ही घूरे जा रही थीं.
उन्होंने मुझे एक हल्की आवाज दी, पर मैंने कोई जवाब नहीं दिया.
फिर वे चली गईं.
मम्मी के नीचे पहुंचते ही दीदी ने मम्मी से पूछा- भैया ऊपर है क्या … मुझे काम है थोड़ा उससे?
तो मम्मी ने दीदी के जाने से पहले ही कहा- रुको, मैं बुला देती हूँ.
मम्मी फिर से ऊपर गईं और न चाहते हुए भी उन्होंने मेरे पास जाकर मुझे हिलाते हुए कहा- उठो जयंत, उठो!
मैं उठ गया और एकदम से मम्मी को देखकर मैंने अपना लंड अन्दर कर दिया.
मम्मी शर्म से पानी पानी हो गईं.
‘मम्मी सॉरी, वह पता नहीं चला ये कब बाहर आ गया!’
‘कोई बात नहीं, शिखा बुला रही है तुम्हें!’
फिर मैं नीचे आ गया.
दीदी ने एक हल्की सी स्माइल दी.
क्योंकि प्लान काम कर रहा था.
अगले दिन जब मम्मी बाथरूम में थीं तो उन्होंने दीदी से कपड़े मांगे.
दीदी ने मुझे भेज दिया.
मैं जैसे ही अन्दर गया तो मम्मी बोलीं- तू? शिखा किधर है?
मैं बोला- उसे सिरदर्द हो रहा है. मैंने फिर सुबह के लिए सॉरी बोलते हुए कहा- मम्मी आपने सब देख लिया!
मम्मी ने कहा- तो क्या हुआ बचपन में भी देखती थी! क्या वह बात अलग थी?
‘नहीं मम्मी, पर अब तो मैं बड़ा हो गया हूँ ना … तो शर्म आ रही है!’
‘हां बड़ा तो हो गया है, तभी तो तेरा औजार भी बहुत बड़ा हो गया है!’
मम्मी ने हंस कर कहा कि अब जा, शिखा को भेज दे. वह मेरी थोड़ी पीठ मल देगी!
‘पर मम्मी उसकी तबियत ठीक नहीं है. आप कहें तो मैं मल दूँ!’
‘ठीक है, मल दे!’
मैं मम्मी की पीठ मलने लगा.
मम्मी का पूरा बदन लाल था.
उन्हें रंग कसके रगड़ा गया था शायद!
मैंने मौका पाकर मम्मी से कहा- मम्मी आपसे कुछ मांगू, आप मना तो नहीं करेंगी?
‘हां मांग!’
‘मम्मी आपने मेरा लंड देख लिया, मुझे आपके बूब्स देखने हैं.’
मम्मी बोलीं- पागल है क्या? अकल नहीं है!
‘प्लीज मम्मी, प्लीज आपने भी तो देखा न!’
‘ठीक है दिखाती हूँ, पर छूना नहीं!’
फिर मम्मी मेरी तरफ घूम गईं.
मम्मी के लाल लाल बूब्स देखकर मेरा लंड उन्हें चोदने के लिए उठ खड़ा हुआ.
मैंने झट से मम्मी का एक बूब दबा दिया, मैंने कहा- मैं साफ कर दूँ?
मम्मी- मैं सब समझती हूँ, तेरा ध्यान किधर है!
‘आप सब समझती हो तो प्लीज करने दो ना!’
मम्मी- ठीक है, नहा लूँ फिर कर लेना! पहले देखकर आ, शिखा किधर है?
नहाने के बाद मम्मी साया पहन कर कमरे में आईं- ले दबा ले जल्दी से!
मैंने मम्मी के बूब्स को दबाना शुरू कर दिया.
थोड़ी ही देर में वे गर्म हो गईं.
मैंने उनके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया.
वे बिल्कुल नंगी हो गईं और मैंने उन्हें बेड पर गिरा लिया.
‘मेरी जान आज तो लेकर ही मानूँगा!’
मैंने उनके होंठों को कसके दबा लिया और उनसे कहा- खूब चुदवाती हो पापा से … आज मेरा लेकर देखो, मजा ना आए तो कहना!
‘हां मेरे लाल, बहुत मोटा है तेरा … देखा था कल … अब चूत में डाल कर इसकी आग को पानी दे दे!’
मैंने मम्मी की दोनों टांगों को हवा में उठाया और मम्मी की चूत पर लंड सैट करके एक झटका मारा.
मेरा लंड अन्दर तक घुस गया.
मां चीख पड़ीं- आह आह आह … मर गई उई … आ ऊऊऊ उम्ह् आ आ.
मैंने स्पीड बढ़ा दी और पूरा कमरा फच फच की आवाज से गूंज गया.
करीब 20 मिनट तक चोदने के बाद मैंने सारा माल मम्मी की चूत में छोड़ दिया.
मैं मम्मी से नंगा लिपटा ही था कि दीदी ने एकदम से गेट खोल दिया- मम्मी भैया, आप दोनों यह सब क्या कर रहे हैं … मम्मी आपको शर्म भी नहीं आती है! आने दो पापा को सब बताऊंगी!
मम्मी शिखा को देखकर एकदम से घबरा गईं और उससे माफी मांगने लगीं.
फिर दीदी ने कहा- ठीक है, माफ कर दूँगी, पर एक शर्त पर!
मम्मी बोलीं- क्या?
‘मुझे भी भैया का लंड लेना है अपनी चूत में … आप अकेली अकेली दो दो लंड खा रही हैं और मुझे तो एक भी नहीं मिल रहा है!’
मम्मी तुरंत मान गईं.
मैंने तुरंत उसी वक्त शिखा को बेड पर लिटा लिया और उसे चोदने लगा.
‘आह आह आह भैया … उम्हह ऊंह और तेज … और तेज चोद दो अपनी बहन को … फाड़ तो इस चूत को … आह ऊईईई आई अम्मा!’
मैंने सारा माल दीदी की चूत में ही छोड़ दिया.
शाम को मम्मी ने दीदी को गर्भनिरोधक गोली दी और खुद भी खाई.
गोली खाने के बाद दीदी ने मम्मी से कहा- मुझे पापा से भी चुदना है!
मम्मी बोलीं- वे तो कबके तुझे अपने लंड की सैर करने को पागल हैं!
दीदी बोली- संडे को आप और भैया मार्केट चले जाना, तो मैं और पापा चुदाई कर लेंगे!
मम्मी मुस्कुराईं और बोलीं- ठीक है.
फिर संडे को मम्मी और मैं मार्केट चले जाने की कह कर घर से निकल गए.
दीदी नहाने के लिए बाथरूम में घुस गई और उसने गेट को लॉक नहीं किया.
दीदी अन्दर बिल्कुल नंगी थी.
पापा नहाने के लिए जैसे ही अन्दर आए वे दीदी को नंगी देखकर दंग रह गए.
वे बोले- लॉक करना चाहिए न!
दीदी ने कहा- सॉरी पापा, ध्यान नहीं दिया!
पापा का लंड पैंट फाड़कर बाहर आना चाह रहा था.
दीदी ने तुरंत पापा से टावल देने के लिए कहा.
पापा ने उसे टावल दे दी और उसे लपेट कर दीदी रूम में आने लगी.
दीदी कमरे में जाने से पहले बोली- पापा, आप अब नहा लो.
पापा बाथरूम में घुस गए. दीदी ने अपनी पैंटी उधर ही छोड़ दी थी.
उसने लॉक वाले छेद से देखा तो पापा हाथ में पैंटी लेकर अपना लंड हिला रहे थे.
‘आह शिखा मेरी जान एक बार चूत दे दो अपनी!’
बस दीदी ने मौका पाकर तुरंत गेट खोल दिया- पापा, वह मेरी पैंटी रह गई.
पापा डर गए.
दीदी बोली- पापा आप ये मेरी पैंटी के साथ क्या कर रहे हैं?
‘कुछ भी नहीं शिखा … ये लो!’
‘पापा इस पर तो कुछ लगा है, पापा आप मुझे चोदना चाहते हैं क्या?
ये कह कर दीदी ने अपने बदन से टावल हटा दी और पापा को किस करने लगी.
पापा ने तुरंत उसे घोड़ी बना लिया और लंड लगा कर ठुकाई शुरू कर दी.
‘आह्ह्ह्ह आ ह्ह्ह पापा आराम से चोदो ना …!’
‘नहीं शिखा, तेरी बुर बड़ी मुश्किल से मिली है, प्लीज आज अपनी चूत चोदने दो!’
‘ठीक है पापा चोद लो, आज मम्मी भी घर पर नहीं हैं!’
फिर उन लोगों ने बहुत देर चुदाई की और पापा ने भी अपना माल मेरी बहन की चूत में कई बार छोड़ा.
शाम को जब मम्मी और मैं वापस आए, तो दीदी ने सब बताया कि चुद गई वह भी पापा से!
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