मम्मी ने बनाया चूत चोदने का खिलाड़ी

पोर्न मदर सेक्स कहानी में 19 साल के एक लड़के का अपनी मम्मी से बहुत प्यार था. दोनों आपस में लिपटा लिपटी करते रहते थे. इसी चक्कर में दोनों की अन्तर्वासना भड़क गयी.

नमस्कार दोस्तो, ये मेरी फ्री सेक्स कहानी के पोर्टल पर पहली कहानी है.
आप सभी को पढ़ पर पता ही चल जाएगा कि यह पोर्न मदर सेक्स कहानी कितनी सच्ची है.

पहले मैं अपना परिचय दे देता हूं.
मैं उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव का रहने वाला हूं.

घर पर पापा, मम्मी, भाई बहन सब हैं.
मैं अपने घर में सबसे छोटा हूं जिसकी वजह से मम्मी का लाड़ला भी हूं.

अब मैं आपको मम्मी के बारे में बता देता हूं.
उनकी उम्र 45 वर्ष है और दूध सा गोरा बदन है.
उनके बड़े बड़े चूचे हैं और गांड भी मस्त है.

मैं मम्मी को कभी भी पीछे से आकर हग कर लेता था; उनके बूब्स भी दबा देता था.
वे कुछ भी नहीं कहती थीं.
तब भी मेरे मन में उनको चोदने का कोई प्लान नहीं था.

लेकिन एक दिन मैंने उनको नहाती हुई देख लिया था.
तब मैंने उनके सिर्फ चूचे ही देखे थे जो काफी बड़े थे.

जब मैं नहाता था तो वे पीठ पर साबुन लगाने आ जाती थीं.
उस वक्त मुझे उनके चूचे अपने जिस्म पर रगड़ते हुए बड़े मस्त लगते थे और मेरा लंड खड़ा हो जाता था.

पीठ पर साबुन लगाने के बाद मम्मी आगे भी साबुन लगा देती थीं.
तब मेरा लंड थोड़ा थोड़ा खड़ा हो जाता था.
वे साबुन लगाते समय मेरे लौड़े को भी सहला देती थीं.

हालांकि इससे ज्यादा कभी कुछ नहीं हुआ था.
मगर अब मैं उनको चोदने की स्कीम बनाने लगा था.

अपनी मां को चोदने के बारे में सोच कर मैं उत्तेजित हो जाता था और उसी समय अपने लंड की मुठ भी मारने लगता था.

यह बात तब की है जब मैं 19 वर्ष का हो गया था और मेरा कॉलेज चल रहा था.

मैं उन दिनों कॉलेज ज्यादा नहीं जा पा रहा था क्योंकि मेरे लंड के आस-पास खुजली होने की वजह से घाव हो गया था.

उस पर मैं साधारण सी कोल्ड क्रीम लगा कर ठीक होने का इंतजार कर रहा था.
लेकिन अंडरवियर पहने होने की वजह से वह घाव ठीक नहीं हो पा रहा था.

इस घाव के चलते पहले दिन जब मैं कॉलेज नहीं गया.

तो मां ने पूछा- कॉलेज क्यों नहीं गया?
मैंने कहा- ऐसे ही तबियत ठीक नहीं होने मन नहीं किया.

मां ने मेरे माथे पर हाथ रखते हुए पूछा- क्या हुआ तेरी तबियत को?
मैंने कहा- पता नहीं.

वे कहने लगीं- कहीं कोई दिक्कत है क्या?
मैं चुप रहा.

मुझे अपने लंड के पास हुए घाव के बारे में मां को बताने में शर्म आ रही थी.

फिर मां ने मुझसे कुरेद कर पूछना शुरू किया.
तो मैंने मां को बता दिया कि मेरी सुसू के पास एक घाव हो गया है … जिस वजह से मुझे चलने में दिक्कत हो रही है.

उस पर उन्होंने जिद करके मेरे घाव को देखा और उस पर लगाने के लिए एक क्रीम लाकर दी.

मैं क्रीम लगा कर अपने घाव को ठीक करने लगा.

अगले दिन दोपहर को सब अपने काम पर गए हुए थे तो मैं और मम्मी ही घर पर थे.

चूंकि मम्मी को मेरे घाव के बारे में पता ही था तो उन्होंने कहा- आज अंडरवियर निकाल कर क्रीम लगा ले. उससे यह घाव जल्दी ठीक हो जाएगा. क्रीम लगाने के बाद कुछ मत पहनना. ऐसे ही नंगा रहना.

मैंने उनकी बात मान ली और लंड के पास क्रीम लगा ली.
मुझे नंगा रहने में शर्म आ रही थी तो मैंने मम्मी के कहने के बावजूद भी एक चुन्नी कमर पर बांध ली.
मैं बेड पर लेट गया.

कुछ देर बाद मम्मी घर का सारा काम निपटा कर कमरे में आईं और उन्होंने देखा कि मैं सिर्फ चुन्नी में लेटा हुआ हूं.
मेरी आंखें बंद थीं.

उन्होंने मेरी चुन्नी हटाई और लंड को देखा कि घाव कितना बड़ा है और क्रीम सही से लगी है या नहीं.

मैंने मम्मी की आहट सुन ली थी और लेटा हुआ बस शर्मा रहा था.

फिर उन्होंने मेरे लौड़े को अपने हाथ से पकड़ा तो वह झनझना उठा; मेरे लौड़े में सख्ती आने लगी.

वे उसे पकड़े हुई मुस्कुराने लगीं.
उन्होंने मेरे लंड पर अपनी पकड़ कुछ मजबूत कर दी थी जिससे लंड कड़क हो गया था.

अब मम्मी मेरे लौड़े के आस-पास क्रीम लगाने लगीं तो मेरे पूरे बदन में आग सी फैल गई.

मेरा लौड़ा और भी ज्यादा सख्त होने लगा.

उन्होंने लंड की कठोरता को महसूस किया और शायद उन्हें भी मेरे लौड़े की सख्ती पसंद आ गई.

मम्मी ने मेरे लंड को थोड़ा सहलाया भी और वापिस चुन्नी से ढकने लगीं.
मगर अब लंड खड़ा हो गया था तो वह चुन्नी में तंबू के बांस के जैसे लगने लगा.

उस समय तक मेरी आंखें खुल गई थीं.
मम्मी ने मुझसे नजरें मिलाईं और मुस्कुरा दीं.

उनकी उस मुस्कान में मेरे लंड की साइज़ के लिए तारीफ छिपी थी और शायद उनकी वासना भी थी.

मम्मी ने लंड सहलाते हुए मुझसे कहा- इसको अभी ऐसा ही रहने दो और घाव पर हवा लगने दो.
उस वक्त वे मेरे ही बगल में लेट गईं और उन्होंने अपनी आंखें बंद कर लीं.

थोड़ी देर बाद मैंने करवट ले ली और उनके पेट पर हाथ रख कर सहलाने लगा.

जब मैं धीरे से अपने हाथ को ऊपर लेकर जाने लगा, तो वे मेरी तरफ पीठ करती हुई मुड़ गईं.

मैंने उनकी गांड की तरफ देखा और लंड खड़ा होने लगा था तो मैं उनकी गांड से लंड को सटा कर सोने की एक्टिंग करने लगा.
उनके बूब्स के ऊपर हाथ रख लिया मैंने!

इस बार उन्होंने कुछ नहीं कहा क्योंकि यह मैं पहले भी करता था.
मैं मां के दूध दबाने लगा.

फिर मैंने धीरे धीरे करके उनके कुर्ते के अन्दर हाथ डाला.
मुझे उनके बूब्स को टच करना था.

मगर उनका कुर्ता काफी टाइट था और उन्होंने ब्रा भी पहनी हुई थी.
उस वजह से मैं अन्दर हाथ नहीं ले जा पाया.

मैंने अब उनकी नाभि पर टच किया और धीरे धीरे उनकी सलवार के पास आ गया.

मैं पीछे से लौड़े को उनकी गांड के छेद में घुसा रहा था.
थोड़ी हिम्मत करके मैं मम्मी की सलवार के अन्दर हाथ डालने की कोशिश कर रहा था.

उन्होंने नाड़ा टाइट बांधा हुआ था.
मैंने सलवार के ऊपर से ही चूत पर हाथ फेरना शुरू किया.
उन्होंने कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया.

मैंने अब नाड़ा खोला और आगे से हाथ को अन्दर डाला.
कसम से क्या मजा आया … मम्मी की चूत एकदम मक्खन जैसी चिकनी थी. चूत पर झांट का एक बाल भी नहीं था.

उनकी चूत थोड़ी गीली भी हो गई थी.
जब मैं चूत के अन्दर हाथ डालने लगा तो उन्होंने अपनी एक टांग थोड़ी सी उठा दी ताकि मेरा हाथ अन्दर तक जा सके.

मेरे लिए इतना इशारा काफी था.
मैंने चूत के अन्दर पहले एक उंगली डाली और उनकी चूत के रस का अहसास करते ही मैंने दूसरी उंगली भी अन्दर डाल दी.

उनको भी मजा आ रहा था.
इधर मेरा लौड़ा भी तन चुका था और अन्दर जाने के लिए तैयार था.

मैंने सलवार के अन्दर से ही गांड पर हाथ फेरा और सलवार को थोड़ा सा नीचे खिसका दिया.
लेकिन सलवार ज्यादा नीचे नहीं जा सकी.

उसी समय मम्मी ने अपनी गांड उठा दी और सलवार उतर गई.
उन्होंने पैंटी नहीं पहनी थी.

आह … इतने गोरे और बड़े बड़े चूतड़ देख कर मैं पागल हो गया.

मैंने उनका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया.
मगर उन्होंने लंड को नहीं पकड़ा.

मैंने फिर से उनका हाथ पकड़ा और लंड पर रख कर दबा दिया.
अपने हाथ से ही उनके हाथ को अपने लौड़े पर आगे पीछे करते हुए लंड सहलवाने लगा.

कुछ देर बाद मैंने मम्मी का हाथ छोड़ दिया.
अब वे खुद से मेरे लौड़े को सहला रही थीं.
मम्मी के हाथ के स्पर्श ने मेरे लंड को पूरा टाइट कर दिया था और लंड उन्हें चोदने के लिए रेडी हो गया था.

मैं लंड को मम्मी की गांड पर फेरने लगा और गांड के छेद में टच करने लगा.

मैंने मम्मी की एक टांग ऊपर उठाई और उनकी चूत के मुँह पर अपने लंड का टोपा लगा दिया.

फिर जैसे ही मैंने धक्का मारा तो लंड चूत के छेद से फिसल गया.
इस बार उन्होंने अपने हाथ से लंड को पकड़ा और अपनी चूत के मुँह पर रख दिया.

उन्होंने खुद अपनी गांड से दबाव दिया तो उसी पल मैंने धक्का दे मारा.

मेरा आधा लंड एक ही झटके में मम्मी की चूत के अन्दर घुसता चला गया.

उस वक्त जो पोर्न मदर सेक्स का अहसास हुआ था दोस्तो, वह मैं लिख कर बयान ही नहीं कर सकता.

पहली बार लंड किसी चूत में घुसा था तो बड़ा ही आनन्द का अनुभव हो रहा था.

कुछ पल बाद फिर से दूसरा झटका दे दिया तो लंड थोड़ा और अन्दर घुस गया.

उनकी गांड बड़ी होने के कारण लंड पूरा अन्दर नहीं जा पा रहा था.

अब उन्होंने एक हाथ से अपने चूतड़ों को थोड़ा ऊपर उठाया ताकि लंड पूरा अन्दर जा सके.
मैंने धक्के लगाने शुरू कर दिए और मम्मी की चुदाई का कार्यक्रम शुरू हो गया.

मैंने पूरे जोश से चोदना शुरू किया और उनके बूब्स भी दबाने लगा.

वे भी अपने एक हाथ से खुद ही अपनी चूत के ऊपर से हाथ से कुछ करने लगीं.
शायद वे अपनी चूत की मणि को मसल रही थीं.

कुछ देर बाद मैंने लंड चूत से बाहर निकाला और बेड पर खड़ा हो गया.
अब मैंने उनको सीधा लेटाया और टांगें ऊपर उठा कर चूत देखने लगा.

जब मैंने चूत के दर्शन किए तो बड़ी ही मस्त चूत थी … अन्दर से एकदम गुलाबी और ऊपर से बिना बाल की चूत थी.

मैं सोचने लगा कि मम्मी को झांटें साफ करने का टाइम कैसे मिल जाता है.

मैंने फिर से लंड पेल कर चूत चोदना शुरू किया.
कुछ ही देर में हम दोनों सेक्स की चरम सीमा पर आ गए थे और मैं धक्के दिए जा रहा था.

पूरे कमरे में चप चप की आवाजें गूंज रही थीं.
जब लंड पूरा बाहर आ जाता था, तो अन्दर जाते हुए छप की आवाज निकल रही थी.

हम दोनों पसीने में लथपथ होने लगे थे लेकिन रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे.

अपनी मम्मी को मैं करीब पंद्रह मिनट तक चोद पाया.
मैं चरम सीमा पर आ गया था तो मैंने बिना कुछ सोचे ही अपने लंड से वीर्यपात करना शुरू कर दिया और मेरा माल मम्मी की चूत के अन्दर ही निकल गया.

माल निकलने के बाद भी मैंने धक्के लगाने चालू रखे.

उसी वक्त उन्होंने अपनी टांगों से मुझे जकड़ लिया और अपनी चूत को ऊपर उठा कर पूरा लंड अन्दर घुसवाने लगीं.
उस वक्त शायद उनका भी पानी निकल गया था.

मेरी पोर्न मदर सेक्स के बाद ढीली पड़ गईं और हम दोनों ऐसे ही बेड पर लेटे रहे.

मैं पांच मिनट बाद उठ कर बाथरूम गया और अपनी साफ सफाई करके वापस आ गया.

मेरे बाद मम्मी अन्दर चली गईं और वे भी अपनी चूत की सफाई करके बाहर आ गईं.

मैं थक गया था तो सो गया.

जब उठा, तो देखा कि मैंने अंडरवियर पहना हुआ था. घर के दूसरे मेंबर भी आ गए थे.

उसके बाद हम दोनों ने फिर से सेक्स किया था.
उसकी स्टोरी अगली बार में लिखूँगा.

तो यह थी मेरी पोर्न मदर सेक्स कहानी … आपको कैसी लगी, प्लीज कमेंट्स से बताएं.
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Koralamn@gmail.com
नमस्कार.