सौतेली मॉम के साथ होली में चुदाई का मजा- 2

पोर्न मा चुदाई कहानी में मैंने अपनी सौतेली मम्मी के साथ होली खेली लेकिन इस से उनकी चूत में घाव हो गया तो मैंने अपने लंड से माँ की चूत में अंदर तक दवाई लगाई.

दोस्तो, मैं आपको अपनी सेक्स कहानी में अपनी सौतेली मॉम की चुदाई के बारे में बता रहा था.
कहानी के पहले भाग
सौतेली मॉम के साथ डर्टी सेक्स का मजा
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि होली में धूल मिट्टी से मम्मी की चूत में कंकड़ आदि चले गए थे, जिसे मैंने पानी के प्रेशर से साफ कर दिया था.

मेरे लंड पर भी कंकड़ से चीरा सा लग गया था, यह मुझको पता ही नहीं चला था.
हम दोनों एक साथ नहाए, फिर नंगे ही खाना खाया ताकि मम्मी की चूत में हवा लगे और जल्दी ठीक हो.
मेरे लंड में भी जल्दी चोट भर सके.

अब आगे पोर्न मा चुदाई कहानी:

हम दोनों खाना खाकर बेडरूम में आए.
मम्मी अलमारी से सेक्स क्रीम की डिब्बी निकाल लाईं और बोलीं- बेटा इसको लगा ले, घाव में जलन नहीं होगी!

मैं बोला- आप ही मेरे लौड़े में लगा दो, मैं आपकी चूत में लगा देता हूं!
मम्मी हंस कर बोलीं- ठीक है बेटा!

वे मेरे लंड पर क्रीम लगाने लगीं तो कुछ ही पल में मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया.
मम्मी मुस्कुरा दीं और बोलीं- अब मेरे छेद में लगाओ!

मैंने कहा- मम्मी मेरी उंगली से थोड़ी ही अन्दर तक क्रीम लगेगी.
मम्मी बोलीं- तब कैसे होगा!

मैं- मेरे पास एक आइडिया है, पर दिक्कत होगी!
मम्मी- बोलो तो!

मैं- मम्मी मेरा लंड आपकी चूत में बहुत अन्दर तक घुस जाता है, क्यों न मैं अपने लंड पर क्रीम लगा कर आपकी चूत में डालूँ ताकि अन्दर तक क्रीम लग जाए. लेकिन आपको अभी दिक्कत होगी न!
मम्मी- आइडिया अच्छा है तुम्हारा. कोई बात नहीं, तुम वही करो … इससे जल्दी घाव जल्दी सूख जाएगा. नहीं तो कल का मजा खराब हो जाएगा.

मैंने लंड पर क्रीम लगाई.
मम्मी टांगें फैला कर बैठी थीं, मैं धीरे धीरे मम्मी की चूत में लंड डालने लगा.

पूरा लंड डाल कर बोला- मम्मी कुछ देर तक लंड अन्दर ही छोड़ दूँ?
मम्मी- ठीक है बेटा, अब आ जाओ मेरे ऊपर लेट जाओ.

मैं मम्मी के ऊपर लेट गया तो वे मेरे होंठों को चूमने लगीं.

कुछ ही देर में मूड बन गया और मेरा मम्मी को धकापेल चोदने का मन होने लगा.

मैंने मम्मी से कहा- चोद दूँ?
वे बोलीं- बेटा, आज भर रुक जाओ, कल से तुमको कभी नहीं मना करूंगी. आज तुम मुझको चोदोगे तो मेरा घाव बड़ा हो सकता है. हो सकता है कि कल कुछ नहीं कर पाएं! कल के बाद तुम्हें अपनी मम्मी की चुदाई करने के दो दो मौका भी मिलेंगे!
मैं- दो दो … पर वह कैसे मम्मी?

मम्मी- वो ऐसे बेटा कि कल तुम्हारा दूसरा सरप्राइज मैं तुम्हें अपनी गांड को चोदना सिखाऊंगी और कल के बाद तुमको कोई परेशानी नहीं होगी क्योंकि अगर मेरी चूत में कोई दिक्कत होगी तो तुम मेरी गांड चोद लिया करना. यदि गांड में कुछ दिक्कत हुई, तो चूत को चोद लेना … समझे मेरे बुद्धू बेटे!
मैं- हां मम्मी, समझ गया … फिर भी मम्मी आज कैसे होगा?

मम्मी- ठीक है, आज तुम मेरे बूब्स को चोद लो. चूत से निकालो लंड, मैं अपने दोनों मम्मों को साइड से दबा कर रखती हूं … तुम बीच में लंड लगा कर चोदो!
मैं- वाह मम्मी, क्या आइडिया है आपके पास … मस्त तरीका है!

मम्मी- तुम्हारे लिए मैं कुछ भी करने को तैयार हूं बेटा!
‘ओके मम्मी.’

फिर मैं मम्मी के मम्मों को चोदने लगा.

‘आह मम्मी आप बहुत अच्छी हो!’
मम्मी- ओके बेटा और जोर जोर से करो!

दस मिनट बाद मैंने अपने लंड से मम्मी के मुँह और बूब्स पर पानी छोड़ दिया.
हम दोनों सो गए.

फिर शाम में थोड़ा घूमे, रात में खाना खाया और सो गए.

अगले दिन सुबह उठे, नाश्ता किया.
मम्मी पकवान बनाने में लग गईं.

मैं थोड़ा बाहर निकल आया.

जब करीब दो बज गए, तो मैं तुरंत ही घर आ गया.
मम्मी प्रतीक्षा करते करते गुस्सा हो गई थीं.

मैं बोला- सॉरी मॉम. पता नहीं चला समय का!
मम्मी रूठी हुई थीं.

मैंने खाना खाया, मम्मी को गोद में लेकर खिलाने लगा.
फिर हम दोनों ने खाया.

मम्मी बोलीं- सारा मूड खराब कर दिया तुमने!
मैं- ओके बोलो मम्मी!
वे कुछ नहीं बोलीं.

मैंने पूछा- आपका घाव ठीक हुआ?
मम्मी बोलीं- हां हो गया.

मैं एक पुड़िया रंग लाया था उसे मैंने मम्मी के गाल पर लगा कर बोला- हैप्पी होली मम्मी!
मम्मी ने भी हमको गाल पर रंग लगाया और ‘सेम टू यू’ बोलीं.

मम्मी बोलीं- काम निपटा लेने दो, तब सही से होली खेलते हैं.

उनको काम करते करते 4 बज गए.
उसके बाद मम्मी रंग लेकर आईं. उन्होंने मुझे बाथरूम में बुलाया.
मैं गया.

मम्मी बोलीं- आज तुमको अपनी पिचकारी (लंड) से मेरे अन्दर तक रंग लगाना होगा!
मैं बोला- ठीक है मम्मी!

मैंने मम्मी के बूब्स पर रंग लगा कर देर तक मसला, फिर मम्मी की गांड में रंग लगाया और पूछा- मम्मी चूत में डाल दें, तो कोई दिक्कत तो नहीं होगी!

मम्मी बोलीं- डरो मत बेटा, जहां तक लगा सकते हो लगा लो.

अब मम्मी ने मेरे लंड पर रंग लगाया और 10 मिनट तक दोनों एक दूसरे के सहलाते रहे.
फिर मम्मी लेट कर बोलीं- आ जाओ मेरे शेर … आज अपनी पिचकारी से मुझको होली खिलाओ!

यह सुनकर मैंने मम्मी को नीचे लिटाया और अपना रंग से भीगा हुआ लंड मम्मी की चूत में पेल दिया और ताबड़तोड़ चोदने लगा.

मम्मी- आह चोद दे मुझे अपने लंड से … आह आज होली है बेटा … आज के दिन तो हर औरत चूत चुदाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है. तुम भी अपनी मम्मी की चूत को आज फाड़ दो … जोर जोर से चोदो मुझे … आह ले लो मज़ा मम्मी से … आह आह माई गॉड ऊह!

पंद्रह मिनट तक धकापेल चोदने के बाद हम दोनों झड़ गए और नंगे ही लिपट गए.
थोड़ी देर बाद मम्मी बोलीं- नहा कर जल्दी रेडी हो जा, आज मैं तुम्हारा दूसरा गिफ्ट दूंगी.

हम दोनों नहा कर कमरे में आए.
मम्मी पुआ लाईं, हम दोनों ने खाए.

फिर मम्मी सरसों का तेल लाईं और मुझसे लेटने को बोलीं.
मैं लेट गया.

मम्मी ने हाथ में तेल लगाया और मेरे लंड की मालिश करने लगीं.
मैंने पूछा- ऐसा क्यों कर रही हैं मम्मी?

मम्मी- बेटा ऐसा इसलिए कर रही हूं ताकि लंड ज्यादा कड़ा व सख़्त हो … क्योंकि गांड का छेद बहुत संकरा होता है. जल्दी से अन्दर घुसता ही नहीं है, इसलिए तेल से मालिश कर रही हूं ताकि आराम से अन्दर चला जाए और गांड चोदने में ताकत भी ज्यादा लगा सके. तुम अपनी मम्मी की गांड को आराम से चोद सको.

मैं ओके कह कर लंड की मालिश करवाने लगा.

मॉम ने कुछ मालिश करने के बाद मेरा लंड हिला कर देखा तो वह पूरा कड़ा हो गया था.

मम्मी बोलीं- बेटा, पहले मैं घोड़ी बनती हूं. जैसे जैसे मैं बोलूँ, तुम वैसे वैसे ही करना … ओके बेटा!

मैं- ठीक है मम्मी!
मम्मी- बेटा, मेरी गांड के छेद में पहले तेल डालो और अपनी दो उंगलियां धीरे धीरे उसमें अन्दर बाहर करो.

मैंने उंगली गांड में डाली और कहा- मम्मी, छेद तो बड़ा टाइट लग रहा है.
मम्मी- वह तो होगा ही न बेटा, तुम बस 5 मिनट तक करते रहो.

‘उसके बाद क्या करें मम्मी?’
‘बेटा, मेरे छेद में सेक्स क्रीम थोड़ा ज्यादा सी गिराओ और तुम अपने लंड के मुँह पर भी क्रीम को लगा लो!’

मैं- ठीक है, हो गया मम्मी!
‘अब लंड को मेरी गांड के छेद पर सटा कर रखो और दोनों हाथ से मेरे दोनों चूतड़ों को दोनों साइड खींचो. फिर लंड अन्दर की ओर जोर से ठेलो.

मैं- आह मॉम थोड़ा सा गया है.
मम्मी- आह … हां गया है … ऐसे ही चार पांच बार करो और लंड को जोर जोर से धकेलो गांड में … आह!

‘मम्मी दर्द हो रहा है क्या?’
मम्मी- नहीं बेटा, बस तुम डालते रहो … येस येस!

‘मम्मी येस आह काफी मजा आ रहा है न?’
मम्मी- हां बेटा अभी और मजा आएगा … जब तुम अपनी मम्मी की गांड को दो तीन बार चोदोगे.

‘मम्मी पूरा घुस गया अन्दर तक … क्या करूं?’
‘बेटा, थोड़ा सा और तेल गिराओ छेद पर … और जल्दी जल्दी अन्दर बाहर करो!’
‘ओके मॉम.’

‘आह चोदो मम्मी की गांड को … फाड़ कर रख दो साले अपनी मम्मी की गांड को आह बेटा और तेज रफ्तार से करो ना!’
‘वाह मम्मी आज अपने मेरे को अपने पूरे शरीर का मालिक बना दिया!’

मम्मी- हां बेटा आज से तुमको कभी नाराज नहीं करूंगी, मैं तुम्हारे लंड की दीवानी हो गई हूँ. तुम मुझे जिस प्रकार चोदना चाहते हो, चोद सकते हो … अपनी मम्मी की बुर, गांड, बूब्स, मुँह … जहां मन करे, वहीं अपना लंड डाल सकते हो … चोदो मुझे, ले लो मज़ा ले लो बेटा … यस ऊह ओह ओह माई गॉड … आह बेटा चोदो मुझे … आह बहुत मजा आ रहा है … फाड़ दो गांड को आह.
‘मम्मी आह आह मेरी प्यारी मम्मी … मजा आ गया … आह मेरी बबीता रंडी … जल्दी बता … मैं झड़ने वाला हूं … माल किधर लेगी!’

मम्मी- आह बेटा अपना माल अन्दर ही गिराओ ताकि फिर से चोदने में टाइट नहीं लगे!

मैं- ओके मॉम … आह निकल गया. ‘शाबास बेटा … आह मेरे ऊपर ही लेट जाओ और मेरी चूचियों को पियो, दबाओ … तुमको कमजोरी नहीं लगेगी.’
‘ठीक है मॉम!’

फिर मैं उठा और हम दोनों ने खाना खाया व फिर से सो गए.

अगले दिन सुबह उठे तो देखा कि मम्मी किचन में काम कर रही थीं.

मैं गया और पीछे से पकड़ कर ‘गुड मॉर्निंग मॉम.’ बोला.
मम्मी भी बोलीं- गुड मॉर्निंग डियर!

मैंने उन्हें पीछे से पकड़ रखा था तो मेरा लंड खड़ा ही था क्योंकि सो कर जागा ही था और लड़के तो जानते ही हैं कि सुबह सुबह लंड खड़ा रहता है!

मम्मी- क्या बात है आज बड़ी सवेरे किचन में आया है!
‘नहीं मम्मी, बस ऐसे ही!’

मम्मी बोलीं- तो मेरे गांड में कुछ चुभा क्यों रहे हो, कुछ करने का मूड है तो कर लो … सोचते क्या हो?
मैं- मम्मी आपकी कल गांड मारी थी न तो मेरा लंड दर्द दे रहा है.

मम्मी- बेटा दो तीन दिन लगातार तुमको मेरी गांड चोदना होगा, तभी छेद बड़ा होगा और तुमको करने में आराम मिलेगा. अभी खाना बना कर खा लेने दो, तब मैं तुम्हारी लंड की मालिश भी कर दूंगी. आज रात को फिर से गांड मारना है … पहले सोच लो!

मैं- जहां आप जैसी बीबी, मम्मी, गर्लफ्रेंड साथ हो … तो हमको कुछ सोचने की कोई जरूरत नहीं है मम्मी!
मम्मी- वाह मेरा राजा बेटा तो पूरा होशियार हो गया है. ये लो चाय पी लो और कुछ करना है तो कर लो … नहीं तो जा कर फ्रेश होकर आओ!

मैं- मम्मी मूड कर रहा है कि आपको किचन में चोद दूँ!
मम्मी- तो मना किसने किया है, मैंने अन्दर पैंटी भी नहीं पहनी है. ताकि मेरे शेर बेटे को दिक्कत न हो, बस नाइटी उठा कर करले जो करना है, सब कुछ सिखा दिया है.

मैं- डालूं?
मम्मी- बेटा रोका किसने है तुमको.

मैंने पैंट उतार दिया और अपना लंबा लंड मम्मी की चूत में डाल कर उन्हें चोदने लगा.

मम्मी खड़ी खड़ी लंड का मजा लेने लगीं.
‘आह आह ओह.’

मैंने दस मिनट तक पोर्न मा चुदाई की, फिर उनकी चूत के अन्दर ही रस गिरा दिया.

मम्मी ने लंड चूत से निकालते हुए कहा- जा अब फ्रेश हो जा, मैं साफ कर लूंगी.

मैं- मम्मी, क्या आप अभी मेरा मूत पियोगी … मेरा बहुत मन कर रहा है कि आपके मुँह में लंड डाल कर पेशाब करूँ!
मम्मी- ओहो बेटा, मैं बैठ जाती हूं. तुम मूतो मेरे मुँह में.

मैंने मम्मी के मुँह में मूत दिया. मम्मी सारा पानी पी गईं.

फिर उन्होंने मेरे लंड को भी चाट कर साफ़ भी कर दिया.

अब मैं फ्रेश होने चला गया.

आगे की सेक्स कहानी बाद में लिखूँगा.
यह पोर्न मा चुदाई कहानी आपको कैसी लगी मुझे अवगत कराएँ मेल और कमेंट्स में!
धन्यवाद.
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