मल्टीपल सेक्स विद मॅाम सिस कहानी में मेरी मम्मी ने मेरे दोस्त को अपनी चुदाई के लिए बुलाया. पर मैंने और मेरे दोस्त ने मम्मी और दीदी को बार बार पेला.
दोस्तो, मैं समीर आपको अपनी मॉम सिस फक सेक्स स्टोरी
दीदी ऑफिस में बॉस से चुदी
में बता रहा था कि किस तरह से मेरी सिस अपने बॉस के कहने पर कंपनी के क्लाइन्ट्स से चुदने उनके होटल में बने एक एग्जीक्यूटिव विला में आ गई थी.
अब आगे मल्टीपल सेक्स विद मॅाम सिस कहानी:
वहां तीन कमरे किचन, हॉल, बालकनी सब था. बॉस ने मेरे चूतड़ों को पीछे से दबाते हुए उन काले हब्शियों से कहा कि आपका फ्रेश गिफ्ट यह रहा, एंजॉय करो.
ये कहकर उसने दरवाज़ा बंद कर दिया और चला गया.
मैंने सबको हैलो कहा.
कंपनी का क्लाइंट मेरी ओर बढ़ा और अपने साथी से इंग्लिश में बोला कि ये तो फ्रेश माल लग रही है, देखते हैं इसकी चूत में कितना जूस है.
आगे की बातें इंग्लिश में हुईं, मैं हिंदी में बता रही हूँ.
दीदी की बात सुनकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए.
मैंने कुछ कहने के लिए मुँह खोला ही था कि दीदी ने मुझे इशारे से रोकते हुए आगे बताया.
‘एक ने कहा कि लग रहा है कि यह शर्मा रही है!
यह कहते हुए उसने मेरी शर्ट उतार कर मेरे चूचे नंगे कर दिए.
उसने मेरे निप्पलों को देखते हुए कहा- ये तो ताज़ा फल जैसी रसीली माल है. अगर इसके मम्मों में दूध न आया, तो मैं अपने बड़े काले लंड से रस भर दूँगा.
दूसरे ने मेरी स्कर्ट उतार दी, मेरी टांगें फैलाकर चूतड़ों पर तमाचे मारते हुए कहा- ये तो बहुत मोटे चूतड़ हैं, मुझे बहुत पसंद आए.
जैसे ही उन्होंने अपने कपड़े उतारे, मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं.
उनके लंड विशाल थे. डामर जैसे काले, नीचे लटकते हुए … उनके साथ आई गोरी लड़की ने मुझसे कहा कि उम्मीद है तुम्हें पांचों लंड का पूरा मज़ा मिले, बस एक साथ न मिले.
वह कुतिया हंसती हुई दूसरे कमरे में चली गई.
पांचों मेरे सामने खड़े हो गए और मुझे ज़मीन पर बिठाकर अपने लंड चुसवाने लगे.
मैं दो लंड हाथों में पकड़कर आगे-पीछे करने लगी, बाकी बारी-बारी मेरे मुँह में डालकर मेरा मुँह चोदने लगे.
थोड़ी देर में उनके लंड और बड़े और सख्त हो गए.
फिर एक ने मुझे उठाया और हंसते हुए कहा- पहले अपने चूतड़ फड़वाएगी या चूत?
मैं 24 साल की लड़की, पांच अमेरिकी काले लंडों के बीच अकेली थी. मुझे पता था कि अब मेरे चूतड़ों का गुंबद और चूत का भोसड़ा बनना तय है.
दूसरा बोला- शर्मा रही है.
वह मेरे चूतड़ चाटने लगा.
दो बार चाटकर बोला- तुम सब भी चखो, इसके चूतड़ का माल तो बहुत टेस्टी है.
एक ने पीछे से मेरी गांड में और दूसरे ने मेरी चूत में अपनी मोटी उंगलियां घुसा दीं.
तीसरा मेरी चूचियों को ज़ोर से मसलते हुए मेरे होंठों को चूमने लगा, जबकि बाकी दो बेड पर बैठे अपने विशाल लंड हिलाते हुए मेरी ओर भूखी नज़रों से देख रहे थे.
उन दोनों की मोटी उंगलियां किसी किशोरवय के लड़के के लंड से भी मोटी थीं. मेरी चूत और गांड में अन्दर-बाहर हो रही थीं.
वे उन्हें बार बार मेरी गांड और चुत से निकाल कर चाट रहे थे और मुझे भी चटवा रहे थे.
साथ ही कह रहे थे कि इसे कहते हैं ताज़ा माल.
फिर बेड पर बैठे एक ने कहा- इसे यहां लाओ, काले लंड का स्वाद तो चखे.
उसने मुझे अपनी गोद में बिठाया और अपना ढाई किलो का काला लंड मेरी गांड के छोटे से छेद में घुसाने की कोशिश की.
नाकाम रहने पर बोला- ये ताज़ा माल कुछ ज़्यादा ही टाइट है.
फिर उसने मेरी चूत के मुँह पर लंड रखा और एक धक्के में टोपे से थोड़ा ज़्यादा अन्दर पेल दिया.
मेरी चीख निकल गई.
वह हंसते हुए बोला- इसे पसंद आया हा हा हा … मेरा काला मोटा लंड इसे भरने दो.
उसने धीरे-धीरे धक्के शुरू किए.
बाकी लोग मेरे हाथों में अपने लंड और गोलियां थमाकर चुसवाने में जुट गए.
एक बोला- देखो तो जरा कि ये गांड कितनी अच्छी चाटती है?
बाकी ने कहा- ये तो देखना पड़ेगा.
उसमें से एक ने अपनी गांड मेरे मुँह पर रखी और रगड़ने लगा.
मैं उसकी गांड चाटने लगी.
थोड़ी देर बाद वह बोला- हां बेबी, जीभ अन्दर डालकर चाटो.
उसने अपनी गांड को ज़ोर से फैलाया, तो उसकी गांड से बंदर की गांड जैसा मांस का लाल टुकड़ा बाहर निकल आया.
मैं जीभ अन्दर डाल-डालकर चाटने लगी, उसके मांस को चूसने लगी.
वह मादक स्वर में बोला- ये हुई ना बात, बेबी … आह चटवा कर मज़ा आ गया.
जो मेरी चूत मार रहा था, उसने इसी बीच मेरी गांड में लंड पेल दिया और बोला- इतनी टाइट गांड मैंने आज तक नहीं मारी.
दूसरा, जिसकी गांड मैं चाट रही थी, वह बोला- तू नीचे से गांड मार, मैं ऊपर से चूत ठोकता हूँ.
उन्होंने मेरी पोज़ीशन बदली. एक लंड मेरी चूत में, दूसरा गांड में और दोनों मुझे चोदने लगे.
बाकी बारी-बारी मेरा मुँह चोदते रहे. दोपहर से शाम तक पांचों ने कम से कम तीन-तीन बार मेरी चूत और गांड में अपना गाढ़ा माल भरा, जिससे मेरी चूत चिपचिपी होकर लबालब भर गई.
शाम को उन्होंने मुझे दारू पिलाई.
मैं दारू नहीं पीती थी, तो दो पैग के बाद मेरे होश गायब हो गए, दर्द भी खत्म हो गया.
मैं सो गई.
सुबह आंख खुली तो दो मुझे चोद रहे थे.
मुझे जगा देख एक बोला- रात कैसी रही, डार्लिंग?
मैंने कहा- कुछ याद नहीं!
दूसरा हंसते हुए बोला- ब/च्चों की शक्ल देखकर बताना, हममें से कौन लकी है. सारे बीज तेरी चूत में डाले हैं हमने.
सुबह नाश्ता आ गया.
गोरी लड़की बोली- लग रहा है खूब एंजॉय कर रही हो! मैं पहली बार में पांच नहीं झेल पाई थी, पर तेरे अन्दर कुछ तो है जो रात भर तूने इन दानवों से चुदवा लिया.
मैं हंस दी.
नाश्ते के बाद अगला दिन भी ऐसे ही बीता. एक-एक करके, या दो-दो मिलकर मुझे चोदते रहे. दो रात, दो दिन की काले, मोटे लंडों की चुदाई के बाद मुझे बस नींद आ रही थी.
ये कहकर दीदी मेरे ऊपर गिर पड़ीं और सो गईं.
मैंने उनके कपड़े उतारे, चादर ओढ़ाई और बाहर चला गया.
दीदी की चूचियां और चूतड़ लाल थे, उनकी गांड का छेद अभी भी खुला सा लग रहा था और उसमें से माल रिस रहा था.
दीदी के ऑफिस जाने के बाद मैं और रमन नंगे होकर बाहर आए.
मम्मी टीवी के पास सफाई कर रही थीं, उनकी मैक्सी उनके मोटे चूतड़ों को मुश्किल से ढक रही थी.
रमन ने पीछे से उनके चूतड़ पर तमाचा मारा और बोला- आंटी जी, आज चूत की रानी बनेंगी या गांड की मलिका?
मैंने सामने से उनकी मैक्सी की बेल्ट खोलकर उतार दी, उन्हें नंगी कर दिया.
मम्मी बोलीं- वह तुम्हारा दोस्त साहिल कहां है? उसे भी बुला लो आज!
रमन बोला- आज आंटी फुल रंडी मूड में हैं. चार महीने बाद साहिल की याद आ गई!
मम्मी ने शरारती अंदाज़ में कहा- इसके पापा चार महीने बाद गए हैं, तो मेरी क्या गलती?
रमन ने साहिल को कॉल कर दिया.
साहिल पापा के न होने पर वह अपनी मम्मी को रात भर चोदता है.
मेरी मम्मी उसे तभी बुलाती हैं जब पापा रात में न हों, या उन्हें नींद की गोली दे देती हैं.
कॉल करने के बाद रमन बोला- बोलो रंडी आंटी, आज रात को पूरी रंगीन कर दें?
मम्मी बोलीं- कैसे?
रमन बोला- दो-तीन और बुला दूं!
मम्मी बोलीं- नहीं, साहिल को कोमल के होते हुए बुलाना ही मुश्किल है, दो-तीन कैसे आएंगे?
रमन बोला- वह हम मैनेज कर लेंगे. आप बस बताओ, आज रंडी बनने का कितना मूड है?
मम्मी शर्माती हुई बोलीं- नहीं और कोई नहीं. तुम लोग ही काफी हो आंटी और मम्मी को रंडी बनाने के लिए.
बात करते हुए रमन का हाथ मम्मी की गांड में था, उनकी नर्म गहराइयों को सहला रहा था.
रमन ने शरारती लहजे में कहा- क्या बात है मेरी रंडी, आज गांड में क्या डाला है? बड़ी चिकनी लग रही है!
मम्मी ने मादक मुस्कान के साथ जवाब दिया- क्रीम डाली है, खाएगा?
शायद इतनी देर में मम्मी ने अपनी गांड को क्रीम से भर लिया था.
रमन बोला- इतने सेक्सी चूतड़ों से निकली क्रीम मैं कैसे मिस कर दूँ?
उसने मम्मी के रसीले चूतड़ फैलाए और उनकी गांड के छेद से क्रीम चाटने लगा, अपनी जीभ को गहराई तक ले जाकर मज़े लेने लगा.
मैं मम्मी के भरे हुए मम्मों को चूस रहा था, उनके निप्पल मेरे मुँह में सख्त हो रहे थे और मम्मी मेरा लंड हिलाती हुई सिसकारियां भर रही थीं.
रमन फिर बोला- भाई, तेरी मम्मी जैसी रंडी मम्मी सबको मिले.
इतना तगड़ा फिगर और ऊपर से फुल चुदासी रंडी मूड में रहती हैं.
मैंने और रमन ने मम्मी को दो-दो बार चोदा, फिर लेटकर आराम करने लगे.
तभी साहिल आ गया. रमन गेट खोलने चला गया.
साहिल अन्दर आया और मम्मी को देखते ही बोला- क्या मेरी रंडी रानी, चार महीने बाद?
उसकी आंखों में भूख चमक रही थी- इतने दिन मेरे लंड की याद नहीं आई?
मम्मी ने शरारती अंदाज़ में कहा- आई तो थी, पर इसके पापा कहीं बाहर ही नहीं जा रहे थे, तो तुम्हें इतनी दूर से क्या बुलाती?
साहिल बोला- आज रात तीनों से एक साथ चुदवाओगी, या सिर्फ मुझसे?
मम्मी ने मादक लहजे में जवाब दिया- ये रात में पता चलेगा. पहले मेरे चूतड़ चाट लो.
साहिल ने कपड़े उतारे और मम्मी के चूतड़ों के बीच अपना मुँह घुसा दिया.
वह सड़क छाप कुत्ते की तरह उनकी गांड को चाटने-खाने लगा.
मम्मी सिसकारती हुई बोलीं- हाआआ, मेरे राजा, यही तो चाहिए था.
साहिल मम्मी को चोदने लगा और मैं व रमन भी शामिल हो गए.
मैं और रमन झड़ने के बाद लेट गए, पर साहिल ने मम्मी को दो बार और ठोका.
शाम होने को थी, तो मैंने साहिल को बाहर भेज दिया.
थोड़ी देर बाद दीदी घर आ गईं.
मम्मी दीदी के लिए चाय बनाने किचन चली गईं.
मैंने दीदी और रमन से कहा- मैं किचन में जा रहा हूँ.
मैं किचन में पहुंच गया.
रोज़ की तरह मैं मम्मी के पीछे खड़ा हो गया, उनकी मैक्सी ऊपर की और उनके मोटे चूतड़ फैलाकर उनकी गांड चाटने लगा.
चूतड़ चाटते-चाटते मैं उनकी बुर में उंगली कर रहा था, तभी साहिल का कॉल आया.
उसने कहा- बाहर आ जरा!
मैंने बोला- दस मिनट में आता हूँ.
मम्मी बोलीं- अभी थोड़ा आराम कर ले, मेरी गांड को रात में साहिल वैसे भी घोड़ी बनाकर चोदेगा.
मैंने कहा- मम्मी, एक जल्दी वाला राउंड, फिर जा रहा हूँ.
उनकी रसीली गांड में मैंने लंड पेल दिया और चोदने लगा.
मम्मी के तरबूज जैसे मम्मे उछल-उछलकर टकरा रहे थे जिससे चट्ट-चट्ट की आवाज़ें गूँज रही थीं.
मम्मी ने अपने मोटे चूचों को पकड़कर दबाना शुरू कर दिया.
पंद्रह मिनट बाद मैं झड़ने वाला था, तो मैंने मम्मी को घुटनों पर बिठाया, लंड उनके मुँह में पेल दिया और उनका मुँह चोदकर उसमें झड़ गया.
मम्मी ने मेरा सारा माल पी लिया, लंड को चूस-चूसकर निचोड़ दिया और बाकी चाटकर साफ कर दिया.
मैं बाहर गया और रमन व दीदी को बोला- मम्मी आने वाली हैं, कपड़े ठीक कर लो. मैं बाहर जा रहा हूँ, अभी आता हूँ.
बाहर साहिल थोड़ी दूर सिगरेट पी रहा था.
मैंने कहा- हां, बताओ क्या बात है?
साहिल बोला- यार, आज तेरी दीदी की बुर चटवा दे, कब से कह रहा हूँ?
मैंने कहा- नहीं, अगर मम्मी को पता चल गया तो सब गड़बड़ हो जाएगी.
साहिल बोला- यार, कुछ जुगाड़ कर दे प्लीज़.
मैंने कहा- चल, ठीक है. मैं कुछ जुगाड़ बनाता हूँ, फिर प्लान बताऊंगा कि कैसे क्या करना है.
वह बोला- ठीक है.
मैं घर लौट गया.
साहिल दो साल से दीदी की बुर मारने की फिराक में था.
उसने मुझसे कई बार कहा, पर मैं हर बार मना कर देता था.
आज मेरे दिमाग में एक प्लान आया.
इससे न दीदी को पता चलेगा कि साहिल मम्मी को चोदकर आया है, न मम्मी को पता चलेगा कि साहिल दीदी को चोद रहा है.
रात का खाना खाने के बाद दीदी, मैं और रमन अपने कमरे में चले गए, मम्मी अपने में.
दो मिनट बाद मैं बाहर आया और साहिल से कहा- चुपचाप मम्मी के कमरे में जा, उन्हें चोद ले. जब तेरा हो जाए, मुझे मैसेज कर देना. फिर मैं तुझे दीदी के कमरे में भेज दूँगा. लेकिन याद रखना कि मम्मी के कमरे में जाते वक्त दीदी को पता न चले और दीदी के कमरे में जाते वक्त मम्मी को न पता चले.
वह बोला- ठीक है.
मैंने कहा- अब धीरे से, बिना आहट के मम्मी के कमरे में चल!
मैं साहिल को लेकर मम्मी के कमरे में पहुंचा. मम्मी एक सी-थ्रू लाउंजरी में आधी लेटी थीं.
उनके बड़े-बड़े दूध और मम्मे साफ झलक रहे थे, लाउंजरी से बाहर उभरते हुए.
साहिल ने फुसफुसाते हुए कहा- आज तो आंटी कमाल लग रही हैं, ये बड़े-बड़े दूध लटकते हुए दिखाकर!
फिर मेरे कान में बोला- भाई, आज तेरी रंडी माँ को भी चोदूँगा, तेरी रंडी बहन को भी. दोनों की चूत का भोसड़ा और गांड का गोहाटी बना दूँगा.
मैं हंसते हुए बोला- चल जा बे, एंजॉय कर. किसी की गीली चूत तेरे लंड के इंतज़ार में तरस रही है.
साहिल ने शरारती मुस्कान के साथ कहा- थैंक्स भाई.
मैंने मम्मी के कमरे का गेट बंद किया और चला गया.
अभी रात के सिर्फ 9 बजे थे.
अपने कमरे में पहुंचा और गेट बंद कर लिया.
वहां रमन का लंड दीदी के बड़े-बड़े चूतड़ों के बीच घमासान मचा रहा था.
मैंने भी पैंट उतारी, दीदी की चिकनी चूत में लंड पेल दिया और उनके मम्मों को चूसने लगा.
दीदी ‘आआह्ह … आआह्ह …’ की मादक सिसकारियों के साथ चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थीं.
बीस मिनट तक उनकी रसीली चूत को ठोकने के बाद मैं लेट गया और साहिल की बात बताई.
दीदी बोलीं- अगर मम्मी ने उसे अन्दर आते देख लिया तो?
मैंने कहा- टेंशन मत लो, मैं संभाल लूँगा.
मैं बेड पर लेटकर साहिल के मैसेज का इंतज़ार करने लगा, ये सोचते हुए कि वह जल्दी दीदी को चोदे ताकि मैं मम्मी के मोटे चूतड़ों का रात भर मज़ा ले सकूँ.
मुझे पता था कि साहिल दीदी के लिए उतावला है और आज उन्हें पूरी रात चोदने के मूड में है, तो जल्दी मैसेज करेगा.
डेढ़ घंटे बाद, करीब 11 बजे, साहिल का मैसेज आया.
रमन और दीदी नंगे एक-दूसरे से चिपके लेटे थे.
मैंने कहा- मैं साहिल को बाहर से बुलाकर लाता हूँ. तुम लोग बाहर मत आना.
मैं कमरे से निकला, बाहर से बंद किया और मम्मी के कमरे में गया.
मम्मी और साहिल बेड पर नंगे लेटे थे.
मम्मी की चूत से साहिल का गाढ़ा माल टपक रहा था, उनकी जांघों को चमकदार बना रहा था.
मम्मी बोलीं- साहिल जाने को कह रहा है?
मैंने कहा- हां, इसने मैसेज किया, तभी तो मैं आया.
मम्मी ने साहिल से कहा- आज रात यहीं रुक जाओ न बेबी!
साहिल बोला- मेरी रंडी, तुम्हें कल सुबह घोड़ी बनाऊंगा. आज एक कच्चे माल से मिलने का वादा किया है.
मम्मी ने मादक अंदाज़ में कहा- अच्छा, तो दोपहर में आना. सुबह इसके पापा आएंगे.
साहिल ने मम्मी की रसीली चूत में दो उंगलियां डालीं, फिर निकालकर उनके मुँह में डालते हुए बोला- ठीक है मेरी रंडी रानी, अभी अपने लौंडे के लंड से खेलो. बाद में मैं आकर तुम्हारी बुर को फाड़ूँगा.
मम्मी मुझसे बोलीं- जा, अपने छोटे पापा को बाहर छोड़ आ और आज रात मेरे साथ सो जा!
यही तो मैं चाहता था.
मैंने कहा- ठीक है मेरी रंडी रानी, अभी आता हूँ. अपने चूतड़ मेरे लंड के लिए तैयार रखना.
मम्मी हंसते हुए बोलीं- ठीक है, जा बे मादरचोद!
मैं मम्मी के मुँह से खुद के लिए मादरचोद गाली सुनकर खुश हो गया.
दोस्तो, सत्य भी यही था कि मैं मादरचोद और बहनचोद था.
मेरी मल्टीपल सेक्स विद मॅाम सिस कहानी के लिए आपको क्या कहना है, आप जरूर लिखें.
अगले भाग में मैं आपको और भी रसभरी बातें लिखूँगा.
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मल्टीपल सेक्स विद मॅाम सिस कहानी का अगला भाग: मेरी चुदक्कड़ मम्मी और चालू दीदी- 5