सगी मामी का दूध पीकर चोदा

मामी सेक्स ओर्गास्म स्टोरी में मैं मामा के घर रहता था. मुझे मामी बहुत सेक्सी लगती थी, मैं उन्हें चोदना चाहता था. मेरी यह इच्छा कैसे पूरी हुई?

आप सभी को नमस्कार!
आज मैं अपनी और अपनी मामी के बीच हुई चुदाई के बारे में बताने जा रहा हूँ.

यह मामी सेक्स ओर्गास्म स्टोरी आज से तीन साल पहले की है, जब मैं बी एस सी के प्रथम वर्ष का छात्र था.

मैं अपने मामा के घर में रह कर कॉलेज की पढ़ाई कर रहा था.

मेरे मामा के घर में मामा-मामी, उनकी छोटी सी बच्ची, मौसी, नानी और मैं रहा करते थे.
मैं काफी हृष्ट-पुष्ट हूँ और किसी भी लड़की को काफी देर तक बिस्तर में चोद सकता हूँ.

मेरा लंड भी काफी मोटा है. यह सात इंच लंबा है और जब लंड खड़ा होता है तो इसकी नसें फूल कर उभर आती हैं … जिस वजह से लंड चूत के अन्दर गजब की रगड़ मारता है.
लड़कियों को उनकी चूत में रगड़ देने वाला लंड ही ज्यादा मजा देता है.

अब मैं आपको अपनी मामी के बारे में बता देता हूँ.
मेरी मामी की उम्र 38 साल थी.
वे बहुत सेक्सी औरत हैं.
देखने में वे उतनी सुंदर तो नहीं हैं, पर उनके 38 डी साइज़ के बूब्स और 40 इंच की गांड बहुत सेक्सी लगती है.
वे सांवले रंग की हैं.

उनके गांड दूध देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए.

एक दिन मैं खाना खा रहा था और मामी मुझे खाना परोस रही थीं.
जैसे ही वह खाना परोसने के लिए झुकतीं, तो मुझे उनके आधे से ज्यादा दूध दिखने लगते.

मामी हमेशा गहरे गले वाला ब्लाउज पहनती थीं तो उनके बबले मेरे लंड में तनाव भरने लगे.
उनके दूध देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और मेरी हवस जाग गई.
मैं सोचने लगा था कि इनको यहीं पटक कर चोद दूँ.
पर मैंने किसी तरह अपने आप पर काबू किया और उनके दूध व गांड देखते हुए खाना खाने लगा.

कुछ देर बाद मैं खाना खाकर वहां से बाथरूम में गया और मुठ मारने लगा.
मेरे दिमाग में मामी के नंगे दूध ही झूल रहे थे.
उनके नंगे दूध चूसने की कल्पना करते हुए लंड कड़क हो गया और मैंने लंड की मुठ मार कर माल झाड़ दिया.

अब मैं काफी हल्का महसूस कर रहा था.
मैं बाहर आया और सोचने लगा कि मामी को कैसे चोदा जाए.

यही सोचते सोचते मैं अपने बिस्तर पर आ गया और सो गया.

एक दिन घर के सभी लोगों को किसी शादी में जाना था.
मुझसे भी कहा गया कि चलो.

पर उस वक्त मेरे बीएससी के एग्जाम चल रहे थे, तो मैं नहीं जा पा रहा था.

तभी मामी ने भी जाने से मना कर दिया कि वे अपनी छोटी बच्ची को लेकर नहीं जा सकतीं.

सब मान गए और सब चले गए.

अब घर में सिर्फ़ मैं, मामी और उनकी दूध पीती बच्ची ही रह गए थे.
मामी घर का काम ख़त्म करके अपने कमरे में आ गईं.

उधर मैं बैठ कर टीवी देख रहा था.

मैं सोफे पर बैठा हुआ था.
मामी बिस्तर पर बैठ गईं और टीवी देखती हुई वे अपनी बच्ची को दूध पिलाने लगीं.

मैंने देखा कि मामी ने एक तरफ से अपना ब्लाउज ऊपर किया हुआ था.

मैं उनके ब्लाउज से बाहर निकले दूध को देख रहा था.

मामी ने मुझे बूब्स को घूरते हुए देख लिया और कहने लगीं- क्या देख रहा है?
मैंने अनजान बनते हुए कहा- क्या … मैं तो कुछ भी नहीं देख रहा?

मामी- झूठ मत बोल, मैंने तुझे देख लिया है.
मैं- सॉरी मामी ग़लती हो गई, दुबारा ऐसा नहीं होगा!

मामी- कोई बात नहीं. पर क्या मैं तुमसे एक बात पूछ सकती हूँ?
मैं- हां पूछिए ना आपको जो भी पूछना है बिंदास पूछ लीजिए.

मामी- तेरी कोई जीएफ है या नहीं?
मामी का सवाल सुनकर मैं हैरान हो गया कि यह कैसा सवाल!

पहले मैं चुप रहा. पर उनके दुबारा से पूछने पर मैंने कहा- नहीं मामी, मेरी ऐसी कोई दोस्त नहीं है!

मामी- अच्छा इसी लिए तुम यहां देख रहे थे!
मैं- नहीं मामी, ऐसा कुछ नहीं है … व…वह तो …
मैं कुछ कह ही न पाया और शांत हो गया.

मामी- वह तो क्या … हूम्म …?
मैं- मुझे आपसे एक बात कहनी थी … पर आप मामा से बता दोगी इसलिए मैं …

मामी- क्या मैं … बोल ना … जब तू कहेगा, तभी तो मुझे मालूम होगा कि वह बात तेरे मामा से बताना है या नहीं!
मैं- तो फिर रहने दीजिए.
मामी- चल ठीक है, नहीं बताऊंगी, बोल क्या बोलना है?

मैं- आप मेरे को बहुत ज्यादा सेक्सी लगती हो … मन करता है कि …
मामी- क्या करने का मन करता है??
मैं- मुझे आपको किस करना है.

मामी- ठीक है, बस किस करना … इसके अलावा कुछ नहीं!
मैं- ठीक है.

तब मैं आगे आया और मैंने मामी का मुँह पकड़ कर उनके होंठों पर अपने होंठों को रख दिया.

मैं जोर जोर से चूसने लगा.
मामी भी अब जोश में आ चुकी थीं और वे मेरा अच्छे से साथ दे रही थीं.

उन्हें किस करते करते मैंने अपना एक हाथ आगे बढ़ाया और उनके बूब्स को दबाते हुए मसलने लगा.

मामी ने कुछ नहीं कहा, तो मेरी हिम्मत बढ़ गई.
मैंने धीरे से उनकी साड़ी का पल्लू सरका दिया.

मामी भी अब फुल जोश में आ गई थीं.
उन्होंने भी मेरे लंड को हाथ से टटोला. लंड ने औकात दिखानी शुरू कर दी थी.

मेरी आंखों ने मामी की आंखों में झांका, तो उनकी आंखों में चुदास दिखने लगी थी.
मैंने उनके होंठों से होंठ हटाए और उनकी गोद से बच्ची को उठा कर बिस्तर पर लेटा दिया.

वह सो चुकी थी.
उनका एक दूध अब भी बाहर निकला हुआ था.

मैंने दूध की तरफ देखा तो मामी ने मुझे अपनी तरफ खींचा और अपने मम्मे से मेरा मुँह लगा दिया.

आह मस्त था वह सब …
उनके मम्मे को जैसे ही मैंने चूसा, उसमें से मीठे दूध की धार निकल कर मेरे मुँह में आ गई.

मैं दबा दबा कर दूध पीने लगा.

मामी मेरी टांगों के बीच में हाथ चला रही थीं और वे पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड को सहला रही थीं.

कुछ देर बाद हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतारना चालू कर दिए.
जल्दी ही मैं अंडरवियर में और मामी ब्रा-पैंटी में आ गई थीं.

मैं मामी की लटकी हुई ब्रा को और ऊपर करके उनके मम्मों को चाटने लगा और चूसने लगा.
मेरा लंड इतना ज्यादा कड़क हो गया था कि वह चड्डी में नहीं समा रहा था.

मामी ने मेरी चड्डी में हाथ डालकर लंड को बाहर निकाला और उसे सहलाने लगीं.
मैंने भी मामी की ब्रा और चड्डी को उतार दिया और उन्हें बिस्तर पर धकेल कर लिटा दिया.

मैं उनके ऊपर चढ़ गया और पागलों की तरह उनके ऊपर टूट पड़ा.

मैंने कुछ देर बाद नीचे को खिसक कर अपनी जीभ से उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.
वे आह आह करने लगीं और मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगीं.

मैं समझ गया कि मामी की चूत चटवाने के सुख से अब तक वंचित थी.
जीभ को नुकीली करके मैं उनकी चूत को चोदने लगा.

कुछ ही देर में वे अति उत्तेजित हो गईं और आह आह करती हुई झड़ने लगीं.
झड़ने के बाद मामी शिथिल हो गईं और लंबी लंबी सांसें लेने लगीं.

मैं और जोश में आ गया था और मुझसे रहा नहीं जा रहा था.
अपना लौड़ा मैं मामी के मुँह में डालने लगा, तो वे लंड चूसने से मना करने लगीं.

मामी- मैंने मुँह में आज तक नहीं लिया!
मैं- तो आज लेकर देखो मामी … कुल्फी चूसने का मजा आ जाएगा.
मामी- नहीं यार.

अब मैं उनका सर पकड़ कर अपना लंड उनके मुँह में डालकर मुँह चोदने लगा.
उनके मुँह से ‘गों … गों …’ की आवाज़ आ रही थी.

थोड़ी देर में वे भी मस्त हो गईं और जीभ घुमाती हुई लंड चूसने लगीं.
उनकी आंखों में रंडी की सी चमक थी.

कुछ ही देर बाद मैं उनके मुँह में ही झड़ने लगा.
वे भी बिना किसी हिचकिचाहट के मेरे लौड़े का पूरा माल पी गईं.

मामी- आह तेरा रस तो अमृत है.
मैं- ये तो शुरुआत है मामी जी!

मैं अब उनके एक दूध को मुँह में लेकर दूध चूसने लगा और दूसरे हाथ से उनकी चूत में उंगली करने लगा.

मामी- अब और नहीं सह सकती, जल्दी से पेल दे अपना लंड और फाड़ दे मेरी चूत … चोद दे मुझे बहन के लौड़े!

उनके मुँह से गाली सुनकर मैं और ज्यादा जोश में आ गया.
मैं झट से उन्हें धक्का देकर चित लिटाया और अपना लौड़ा उनकी चूत में सैट कर दिया.

वे अभी कुछ सोच या समझ पातीं कि मैंने एक जोरदार झटका दे दिया.
मामी की चूत पहले से पूरी गीली थी तो उसी वजह से मेरा लंड मामी की चूत में जड़ तक घुसता चला गया.

एकदम से मोटा लंड उनकी चूत को फाड़ता हुआ घुसा तो वे दर्द के कारण चीख पड़ीं और उनकी चीखने की आवाज़ से उनकी बच्ची जाग गई और रोने लगी.

मामी की आंखों दर्द के कारण आंसू आ गए और वे कराहने लगीं- आह रुक जाओ … मेरी बच्ची उठ गई है … और मुझे भी बहुत तेज दर्द हो रहा है.
मैं- उसके मुँह मे निप्पल देकर उसको शांत करवाओ … मैं तो अब नहीं रुकने वाला.

मैं मामी को जोर जोर से चोदता रहा और उनकी बच्ची दूध पीती रही.
थोड़ी देर बाद उनकी बच्ची वापस सो गई और उन्होंने उसे अपने से दूर सुला दिया.

अब मामी भी कमर हिला हिला कर चूत में लंड लेने लगीं और मादक सिसकारियां लेने लगीं- एयेए … आवव … अम्म … फाड़ दे मेरी चूत … बन जा मेरे बच्चे का बाप!

ये सब सुनकर मैं और ज्यादा जोश में आ गया और पूरी ताक़त से मामी की चूत चोदने लगा.

इतनी देर में मामी सेक्स ओर्गास्म प्राप्त चुकी थीं और अब मैं भी झड़ने वाला हो गया था.

मामी के कहने पर मैंने उनकी चूत में ही अपने लंड का पानी छोड़ना शुरू कर दिया था.
‘आह मामी क्या मस्त चूत है आपकी आह … मजा आ गया.’

मैं झड़ कर मामी के ऊपर ही ढेर हो गया.

फिर मैं उठा और बाथरूम में जाकर लंड साफ करने लगा.
मामी बच्ची को पुनः दूध पिलाने लगीं.

वे नंगी ही बिस्तर में लेटकर उसे दूध पिला रही थीं.
फिर मैं उनके पास आया और मैंने भी उनका एक दूध अपने मुँह में ले लिया और पीने लगा.

मामी- बच्ची को तो पी लेने दो. उसके पापा का हक मार कर भी तेरी प्यास नहीं बुझी क्या? अब उसका भी हक मार रहे हो!
मैं- ऐसी मस्त मामी हो, तो किसका मन भर सकता है.

उसके बाद जब तक घर वाले वापस नहीं आ गए, तब तक मैं और मामी दिन रात चुदाई का मजा लेते रहे.

दो दिन बाद सब लोग शादी से वापस आ गए.
अब जब भी हम दोनों को मौका मिलता है, हम चुदाई कर लेते हैं.

मैं मामी को कभी खाना बनाते वक़्त, तो कभी कपड़े धोते समय पेलने लगता हूँ.

इसके आगे क्या हुआ, वह मैँ अगली बार अपनी सेक्स कहानी में लिखूँगा.
मामी सेक्स ओर्गास्म स्टोरी आपको कैसी लगी?
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